Saturday 17 November 2012

महिलाओं की सुंदरता में चार चांद लगा देती है ढलती उम्र

फिल्मी कहानियों में आपने 20-22 साल के ऐसे युवक को जरूर देखा होगा जो एक परिपक्व महिला के प्रति आकर्षण महसूस करने लगता है. जहां उसकी हम उम्र लड़कियां मेक-अप और स्टाइल की मदद से युवकों को रिझाने का प्रयत्न करती हैं वहीं वह युवक 30-35 वर्षीय महिला की सादगी पर फिदा हो जाता है.


आमतौर पर ऐसी प्रेम कहानियों को रीयल लाइफ में महज इसलिए नजरअंदाज कर दिया जाता है क्योंकि हम यह मानते हैं कि युवावस्था में महिलाएं सबसे अधिक आकर्षक लगती हैं, कोई युवक उन्हें नकार कर एक परिपक्व महिला के प्रति रुझान रख ही नहीं सकता. अगर आप भी ऐसी ही मानसिकता रखते हैं और तीस से ऊपर आयु वाली महिलाओं की सुंदरता की कद्र नहीं करते तो हाल ही में हुआ एक अध्ययन आपकी इस धारणा को पूरी तरह बदल सकता है.
 फैशन रिटेलर सीसी द्वारा प्रायोजित एक अध्ययन में ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने पाया कि तीस वर्ष पार करते ही महिलाओं की सुंदरता और अधिक बढ़ जाती है. इस सर्वेक्षण में यह स्थापित किया गया है कि 35 वर्ष की उम्र में महिलाएं फैशन की उंचाइयां छूने लगती हैं. उनमें फैशन की समझ किसी भी युवती से कहीं ज्यादा हो जाती है.
डेट पर जाने के फंडे
 वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि अपनी सुंदरता के प्रति युवावस्था में जो रुझान पैदा होता है उसका सबसे अधिक परिणाम तीस वर्ष के बाद ही पता चलता है. युवतियां स्टाइल और फैशन की मदद से आकर्षक लगती हैं लेकिन एक परिपक्व महिला अपनी उम्र को ध्यान में रखकर बेहद खूबसूरती से तैयार हो सकती है. उन्हें अपना रूप बेहद संतुष्टि देता है और साथ ही उनके आत्मविश्वास में भी बढ़ोत्तरी होती है.

शोध में शामिल हर तीन में से एक महिला अपने रूप और काया को लेकर संतुष्ट नजर आई. जिनका कहना था कि समय बीतने के साथ उनमें फैशन की समझ भी बढ़ती गई.

उपरोक्त अध्ययन को अगर हम भारतीय परिदृश्य के अनुसार देखें तो वैश्विक स्तर पर भारत की महिलाओं को खूबसूरती में ऊंचा दर्जा प्राप्त है. शालीनता और सादगी को अपना गहना समझने वाली भारतीय महिलाओं को अगर हम ब्यूटी विद ब्रेन कहें तो गलत नहीं होगा. मातृत्व ग्रहण करने के बाद महिलाओं के व्यवहार में जो परिपक्वता आती हैं वह उनके पहनावे और स्टाइल में साफ झलकती है. हां, यह बात और है कि एक आम भारतीय महिला भले ही युवावस्था में अपनी काया और बाहरी व्यक्तित्व को लेकर जागरुक रहती हो लेकिन विवाह के बाद वह पूरी तरह अपने परिवार के प्रति समर्पित हो जाती है जिनकी देखभाल करते हुए उसका ध्यान खुद पर से हट जाता है और वह अपनी सुंदरता को नजरअंदाज कर देती है. 

लेकिन इन सब के बावजूद वह ना तो अपनी शालीनता से दूर होती है और ना ही अपनी सादगी को नजरअंदाज करती है.

 

No comments:

Post a Comment