Sunday 9 December 2012

SUNDAY SPECIAL-आंटी के जलवे

आंटी के जलवे 
बात उस समय की है जब हम एक महानगर के पास के एक छोटे से शहर में रहने गए. वो एक नई कालोनी थी और बाज़ार दूर था इस. उसी समय हमारे पड़ोस के मकान में एक परिवार रहने आया. पति पत्नी और उनका ६ महीने का बच्चा. उस औरत को जब भी देखता था तो मेरे लंड उससे सलामी देने लगता था. क्या ज़बरदस्त माल थी. उमर २१ साल. बच्चा होने के बाद भी अच्छा संवार कर रखा था उसने अपने आप को. 
पतली कमर गोरा रंग और भरा हुआ शरीर. मुझे शुरू से ही भरे बदन की ज़बरदस्त आंटियां पसंद हैं. आंटी को हिन्दी फिल्मों का बहुत शौक था. और मुझसे हर हफ्ते १ -२ फिल्मों की कैसेट मंगवा कर घर पर देखती थी. उसके पति का ट्रांसपोर्ट का बिज़नस था और उन दिनों उनके अहमदाबाद के कई चक्कर लगते थे. वो महीने में मुश्किल से एक हफ्ता ही घर पे रह पाते थे. पर जब वो घर पर होते थे तो भी मुझसे ही फिल्में मंगवाया करते थे. विडियो लाइब्रेरी वाला उनका दोस्त था, वोह उससे फ़ोन कर देते थे और मैं कैसेट ले आता था. पर जब वो कैसेट मंगवाते थे तो मुझे फ़िल्म की स्पेल्लिंग असली स्पेल्लिंग से अलग लगती थी.
 
एक दिन अंकल घर आए, मुझसे एक फ़िल्म मंगवाई. अगले दिन मैं कॉलेज से वापस आया तो देखा कि घर पे ताला लगा है तो मैं आंटी के घर चला गया. आंटी ने बताया कि मम्मी को मार्केट जाना था तो वो अभी गई हैं, तुम यहीं इंतज़ार कर लो. मैंने अंकल के बारे में पूछा तो पता चला कि उनका ट्रक ख़राब हो गया है तो वो सुबह ही चले गए हैं और १० दिन के बाद आएंगे. आंटी का मूड बहुत ख़राब था. मुझे लगा कि वो अभी रो रही थी. मैंने पूछा तो वो बोली कि तबियत ठीक नहीं है. मुझसे कहा कि मैं नहा कर आती हूँ फिर चाय बना दूंगी.
मैं बैठ गया, अचानक मेरी नज़र उस कैसेट पर पड़ी और मैं सोच ही रहा था कि इस फ़िल्म कि स्पेल्लिंग भी कुछ अलग क्यों है. थोड़ी देर में आंटी नहा कर आ गई और चाय बना लायी. मैंने उनसे पूछा कि आंटी कुछ कैसेट की स्पेल्लिंग ग़लत क्यों लिखी होती है, तो वोह मुस्कुरा दी और बात को घुमा दिया. फिर अंकल और उनके काम के बारे में बात होने लगी तो वो कहने लगी कि अंकल के पास मेरे लिए समय नहीं है और अचानक फिर से रोने लगी और अपना सर मेरे कन्धों पर रख दिया. मैंने उनके कन्धों पे हाथ रखा और चुप कराने की कोशिश करने लगा.

उन्होनें स्लीवेलेस सूट पहना था और उनकी चिकनी बाहों का स्पर्श मुझे मजा देने लगा. मेरा लंड खड़ा हो गया और पैंट से बाहर आने के लिए मचलने लगा. मैं आंटी को तसल्ली देने लगा और बोला कि आप जैसी सुंदर बीवी को छोड़ कर वो कैसे चले जाते हैं. अगर मैं आपका पति होता तो ..... फिर चुप हो गया तो वो बोली कि अगर होते तो ... आगे बोलो ... मैंने कहा कि तो मैं आपको दिन रात प्यार करता. वो बोली कि फिर तुम्हारे अंकल क्यों नहीं करते ... क्या मैं अच्छी नहीं हूँ ....?

मैंने कहा कि आप बहुत सुंदर हो ...फिर धीरे से मैं ने उसके होठों को चूम लिया और हम दोनों धीरे धीरे एक दूसरे को किस करने लगे. धीरे धीरे हमने एक दूसरे को बाहों में भर लिया और ज़ोरदार किस चालू हो गई, होंठ होंठों को चूसने लगे। कभी मेरी जीभ उसके मुहँ में जाती और कभी उसकी जीभ मेरे मुहँ में। अचानक वो बोली कि तुम पूछ रहे थे ना कि इस मूवी की स्पेल्लिंग ग़लत क्यों है ? तो उस मूवी को ओन करो पता चल जाएगा। मैंने वीसीआर में मूवी लगा दी, वो बेड पे बैठ गई और आवाज़ कम कर दी. मैं भी उसके पास जाकर बैठ गया। वो एक नग्न मूवी थी।

ब्लू फ़िल्म देखते देखते हम उत्तेजित हो गए और मैंने किस करते करते उसका कुरता उतार दिया ...मेरे हाथ उसकी पीठ पर फिरने लगे... ...क्या चिकना बदन था उसका ....फिर उसने मेरा शर्ट और बनियान निकाल दी .... मैं एक बात बतानी भूल गया कि मैं जिम्नास्टिक का प्लेयर हूँ और इसी वजह से मेरी फिजिक ज़बरदस्त है .... फिर धीरे से मैंने उसकी ब्रा खोल दी। उसके मस्त कबूतर फडफडा कर बाहर आ गए और मैं उन्हे धीरे धीरे दबाने लगा
उसने मुझे कस कर बाहों में भर लिया ... उसका गरम चिकना नाजुक शरीर .. मुझे ऐसा लगा जैसे इससे अच्छी फीलिंग कोई हो ही नहीं सकती ... फिर मैंने धीरे धीरे उसके बूब्स बारी बारी से चूसना शुरू कर दिया ..

उसने मस्ती में अपने सर पीछे फ़ेंक दिया और मज़े में सिस्कारियां लेने लगी ... मैंने धीरे धीरे उसकी सलवार का नाडा खोल दिया।
अब मेरे हाथ उसके पूरे नंगे शरीर को सहलाने लगे पैरों से लेकर कंधे तक। और मैं चूसते और चूमते हुए नीचे जाने लगा। फिर मैंने उसकी नाभि पे जीभ फिरानी शुरू कर दी .... फिर मैं उसके पैरों की तरफ़ चला गया और उसके पैर के अंगूठे और उँगलियों को एक एक करके चूसने लगा ... इससे वो और उत्तेजित होने लगी और मुझे प्यार से देखकर मीठी मीठी सिस्कारियां लेने लगी ..... फिर मैंने अपनी पैंट उतार दी और उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से हलके हलके सहलाने लगा ...

उसने फिर मेरे अंडरवियर में हाथ डालकर मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया.... .... उसके हाथों के स्पर्श से मेरा लंड लकड़ी की तरह सख्त हो गया और मैंने उसकी पैंटी को अलग करके उसकी मस्त चूत को चाटना शुरू कर दिया और बीच बीच में जीभ को चूत के अंदर डालकर क्लिट्स को चाट लेता था। थोड़ी देर सिस्कारियां लेने के बाद वो मेरा सर पकड़ कर जोर से चूत पे दबाने लगी और चूत को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी .... मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है।

थोडी देर में उसकी चूत से पानी निकलने लगा पर मुझे अच्छा नहीं लगता सो मैंने मुँह हटा लिया। वो धीरे धीरे साँसे लेने लगी ... पर मेरी बेचैनी बढती जा रही थी। ... मैंने फिर से उसके बूब्स से खेलना शुरू कर दिया और वो फिर से मस्त होने लगी। मैं उसके बूब्स मसलते हुए किस करने लगा और सारे बदन को सहलाता रहा थोडी देर मैं वो फिर से उत्तेजित होने लगी।

फिर उसने पलंग से नीचे बैठकर मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया ...... सच कहूँ तो ऐसी चुसाई का मजा मुझे और किसी ने नहीं दिया ...और मेरी झाटों से खेलने लगी .... थोडी देर में मेरे लंड का पानी निकल गया और उसने एक एक बूँद चाटकर साफ़ कर दी .... फिर हम दोनों ने एक दूसरे को बाहों में भर लिया और मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा .... वो बोली कि यह बड़ा शैतान है ... देखो फिर से उठ गया .... मैंने कहा कि मैंने तुम्हें कहा ही था कि मैं तुम्हे सारी रात प्यार कर सकता हूँ ...

वो बहुत भावुक हो गई और मुझे ज़ोर से गले लगा लिया और मेरे होंठ चूसने लगी ... अब हम दोनों पूरे जोश में आ चुके थे। मैंने उसको लिटा दिया और पैरों के बीच मैं आ गया .... फिर मैंने उसके चूतड़ों के नीचे २ तकिये रख दिए और उसके दोनों पैर अपने कन्धों पे रख लिए। फिर मैं लंड को उसकी चूत पे रगड़ने लगा ... वो पागल हो रही थी और लंड अंदर पेलने की मिन्नत करने लगी... .... थोड़ा तरसाने के बाद मैंने एक ज़ोरदार झटका लगाया और मेरा लंड आधा उसकी चूत में चला गया ..... उसकी चूत बहुत टाइट थी ... 

उसने अपना निचला होंठ दातों में दबा लिया और मुझे रोकने का इशारा किया... ... फिर बोली कि दर्द हो रहा हैं आराम से करो ... मैं थोडी देर और रुका और फिर दूसरा धक्का लगाया तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ पूरा अंदर समां गया। और वो दर्द से करह उठी। मैंने फिर थोड़ा इंतज़ार किया ... उसका दर्द कम हो गया था और उसने धीरे धीरे अपनी गांड हिलानी शुरू कर दी ..... .. फिर मैंने भी अपने धक्के तेज़ कर दिए और लंड पिस्टन की तरह अंदर बाहर होने लगा ... 

उसे भी पूरा मज़ा आ रहा था और वो मेरा साथ देने लगी .... थोडी देर बाद मैंने अपने पंजे बेड पर टिका दिए और घुटने सीधे करके ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे होने लगा .... यह एक ज़बरदस्त पोसिशन होती है बिल्कुल ऐसे जैसे दंड बैठक करते हैं .... इसमें बहुत मज़ा आता है .... और वो झड़ के निहाल हो गई ..... 

मैंने फिर से उसे किस करना शुरू किया ... फिर वो बोली कि मैं ऊपर आ जाती हूँ .... मैंने कहा ठीक है .... तो वो मेरे ऊपर बैठ गई और पैर मोड़कर उछलने लगी ..... मेरा लंड पूरा अन्दर बाहर हो रहा था और उसे भी मज़ा आ रहा था .... थोडी देर बाद वो फिर से झड़ गई। फिर मैंने उसे नीचे लिटाया और एक पैर ऊपर कर कर ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा ...... थोडी देर इसी तरह चुदाई करने के बाद मैंने उसे डोग्गी स्टाइल मैं आने को कहा तो वो डर गई ... बोली पीछे से नहीं .... बहुत दर्द होगा .... तो मैं समझ गया कि अभी गांड नहीं मरवाएगी। ... मैंने कहा कि नहीं मैं पीछे से चूत में ही डालूँगा ... 

वो धीरे धीरे डोग्गी स्टाइल में आ गई और मैंने पीछे से लंड उसकी चूत में डालकर धक्के लगाने लगा .... वो मजे से सिस्कारियां निकालती रही और गांड को आगे पीछे करती रही ... मैं उसकी गांड के छेद को धीरे धीरे मसलता रहा ..... और थोडी देर में हम दोनों एक साथ फिर से झड़ गए .... फिर मैं लेट गया और वो मेरे साथ लगकर लेट गई ....

हम दोनों को ही बहुत मज़ा आया था .... इसके बाद हम कई दिनों तक रोज़ चुदाई करते रहे .... मैंने उसको गांड मारने के लिए तैयार किया और गांड मारी ... पर वो कहानी फिर कभी ...
मैं अगली कहानी कब लिखूंगा और लिखूंगा या नहीं ये सब आपकी मेल पर निर्भर करता है .... तो मुझे ज़रूर बताइयेगा कि यह कहानी आपको कैसी लगी ...

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