Sunday 7 October 2012

बुड्ढे भी कम रंगीन नहीं होते-

बुड्ढे भी कम रंगीन नहीं होते-
 एक नए शोध के अनुसार यूरोपीय देशों में सत्तर से अधिक उम्र वाले दंपत्ति सेक्स संबंधों में सक्रिय है और इससे संतुष्ट भी हैं.
ब्रिटिश मेडिकल पत्रिका के एक सर्वे के अनुसार स्वीडन के शोधकर्ताओं ने पिछले 30 साल की अवधि में 1500 वृद्ध दंपत्तियों से उनके सेक्स जीवन के बारे में पूछा है और ये निष्कर्ष निकाले हैं.
शोध के अनुसार ऐसे लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है जो यह मानते हैं कि उनका सेक्स जीवन लंबा हुआ है और इसमें महिलाओं की भी अच्छी ख़ासी संख्या है.
ब्रिटेन के एक विशेषज्ञ का कहना है कि आज के वृद्ध लोग ज्यादा खुले वातावरण में पले बढ़े हैं. शोध के अनुसार 70 साल से अधिक की उम्र के शादीशुदा और अविवाहित दोनों ही लोग सेक्स के मामले में सक्रिय हैं.
हाल में किए गए सर्वेक्षण में विवाहितों में 68 प्रतिशत पुरुषों का कहना है कि वो सक्रिय सेक्स जीवन व्यतीत कर रहे हैं जबकि महिलाओं में यह संख्या 38 प्रतिशत से बढ़कर 56 प्रतिशत हुई है. 

सेक्स जीवन से संतुष्ट होने वाली महिलाओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है.
ओटावा यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर पेगी क्लिनप्लाट्ज़ का कहना है कि अब डॉक्टरों को अपने सभी मरीज़ों से सेक्स के बारे में ज़रुर पूछना चाहिए क्योंकि ये एक ज़रुरी हिस्सा है स्वस्थ जीवन का.
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में सेक्स साइकोलॉजी की विशेषज्ञ पेट्रा बायनटन कहती हैं कि अभी भी लोगों को लगता है कि वृद्ध लोग सेक्स के मामले में सक्रिय नहीं हो सकते हैं जबकि ऐसी बात नहीं है.
 वो कहती हैं, ''इस नए शोध को कई तरह से देखा जा सकता है. ज़रुरी नहीं कि जिनसे सवाल पूछे गए हैं उनसे यह भी पूछा गया हो कि वो किस तरह का सेक्स जीवन बिता रहे हैं. सेक्स का मतलब सिर्फ संभोग से नहीं मानना चाहिए और कई दंपत्ति ऐसे भी ज़रुर होंगे जो बिल्कुल सेक्स न करते हों. ''

सेक्स से जुड़े आश्चर्यजनक तथ्य

सेक्स से जुड़े आश्चर्यजनक तथ्य

सेक्स को हमेशा से इंसान एक खास संवेदना के रूप में देखता है। गौर करें तो किसी भी व्यक्ति के जीवन की खुशियां बहुत कुछ उसकी सेक्स लाइफ पर ही निर्भर होती हैं। मगर जीवन का इतना अहम हिस्सा होने के बावजूद इंसान की यह संवेदना हमेशा एक रहस्य का आवरण लिए रहती है। 

प्राचीन कहावतों पर यकीन करें तो सेक्स को कोई अपने जीवन काल में भी पूरा नहीं समझ सकता, क्योंकि वह ब्रह्मांड की तरह विस्तृत, गहरा और असीम है। प्रत्येक व्यक्ति का यौन अनुभव दूसरे किसी से अलग हो सकता है। 
आइए हम आपको सेक्स से जुड़े कुछ आश्चर्यजनक तथ्य बताते हैं, उम्मीद है कि यह आपके लिए दिसचस्प होगा।
इंसान और डाल्फिन, विश्व की दो ऐसी प्रजातियां हैं जो अपने आनंद के लिए सेक्स का सहारा लेती हैं।

यदि पूरी दुनिया भर में हो रही सेक्सुअल गतिविधियों पर नजर डाली जाए तो यह एक दिन में करीब 100 मिलियन बैठती है।
पुरुष औसतन प्रत्येक सात सेकेंड में एक बार सेक्स के बारे में सोचते हैं।
अमेरिका मे हुए एक शोध से पता चला है कि बीते तीन दशकों में वहां के एक औसत पुरुष की शुक्राणु संख्या में करीब तीस प्रतिशत की गिरावट आई है।

यौन क्रिया के दौरान महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को कहीं ज्यादा पसीना आता है। स्त्रियां की शारीरिक संरचना में बदन से निकलने वाले पानी को नियंत्रित करने की क्षमता होती है।

मानव शरीर का सबसे संवेदनशील हिस्सा त्वचा है। एक औसत वयस्क के शरीर में इसका वजन छह पाउंड होता है।
आज धड़ल्ले से इस्तेमाल होने वाला कंडोम सन 1500 में ही अस्तित्व में आ गया था।
कंडोम का सबसे दिलचस्प इस्तेमाल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान देखने में आया था। उस वक्त सिपाही अपनी राइफलों की नली को इससे ढका करते थे क्योंकि भीतर खारा पानी जाने से वह खराब हो जाती थीं।
यौन क्रिया काफी खर्चीली भी है। इस तरह कि एक औसत महिला पूरी तरह से उत्तेजित होकर सेक्स क्रिया करने के दौरान 70 से 120 कैलोरी प्रति घंटे की दर से खर्च करती है और एक पुरुष 77 से 155 कैलोरी।

शायद आपके लिए यह जानना दिलचस्प हो कि चुंबन से दंतक्षय की दर को कम किया जा सकता है। क्योंकि अतिरिक्त लार से मुंह साफ रखने में मदद मिलती है। एक मिनट के लिए लिया गया चुंबन शरीर की 26 कैलोरी जला सकता है।
किसी व्यक्ति के पूरे जीवन में चुंबन के लिए खर्च किए जाने वाले समय को जोड़ा जाए...तो यह 336 घंटे या 20.160 मिनटों के बराबर बैठता है। यानी कि पूरे जीवन में कुल 14 दिन।
सिर्फ नपुंसकता 26 अमेरिकी राज्यों में तलाक के लिए बड़ा आधार है।
महिलाओं के लिए संभोग एक कारगर दर्द निवारक है। क्योंकि संभोग के दौरान शरीर में एंडोमार्फीन का स्राव होता है, जो कि एक शकितशाली दर्द निवारक माना जाता है।

मनोवैज्ञानिक बताते हैं कि पश्चिमी समाज में पैर यौन आकर्षण का सबसे प्रमुख केंद्र हैं।
सेक्स में सक्रिय व्यक्ति की दाढ़ी उसकी निष्क्रिय अवस्था में रहने की तुलना में कही ज्यादा तेजी से बढ़ती है।

एक स्वस्थ मनुष्य संभोग के दौरान करीब पांच मिलीलीटर वीर्य स्खलित करता है, जिसमें तीस करोड़ से पचास करोड़ तक शुक्राणु मौजूद होते हैं।

कहीं आपको सेक्‍स की लत तो नहीं?

कहीं आपको सेक्‍स की लत तो नहीं?

क्‍या आपको बार-बार सेक्‍स करने का मन करता है? क्‍या आप किसी महिला को देखते ही उत्‍तेजित होने लगते हैं? क्‍या आपसे रोज़ाना मैथुन किए बगौर रहा नहीं जाता? या फिर आपको पोर्न मूवीज़ व चित्र देखना बहुत पसंद है। यदि ऐसा आपके साथ होता है, तो सतर्क हो जाइये, क्‍योंकि ये सभी सेक्‍स की लत लग जाने के गुण हैं। आप सोच रहे होंगे, धूम्रपान, मदिरापान, चाय, आदि की लत तो सुनी थी लेकिन सेक्‍स की लत भी क्‍या किसी को लगती है। 

सेक्‍स तो एक प्राकृतिक क्रिया है, इसे लत का नाम कैसे दिया जा सकता है... आपके मन में उठ रहे सवाल लाज़मी हैं, लेकिन यह मत भूलें कि हर वो चीज़ जो सामान्‍य से अधिक हो वो लत है और बुरी लत हमेशा व्‍यक्ति को पर नकारात्‍मक असर छोड़ती है।

क्‍या है सेक्‍स की लत
चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर सेक्‍स कब बुरी लत में बदल जाता है। इसे सेक्‍सुअल एडिक्‍शन भी कहते हैं। सीधी भाषा में कहें तो जब यौन क्रियाएं कंट्रोल से बाहर हो जाएं तो उसे सेक्‍स की लत कहते हैं। जिस व्‍यक्ति को यह लत लग जाती है वो अपना अधिकांश समय यौन क्रियाओं में व्‍यतीत करना पसंद करता है। उसे जब मौका मिलता है, तब वो सेक्‍स के बारे में सोचने लगता है।

 इससे उसके व्‍यवहार में भी बदलाव आता है, जिसका असर उसके निजी, सामाजिक और व्‍यवसायिक जीवन में पड़ता है। ऐसे लोगों के लिए सेक्‍स उनके परिवार, दोस्‍तों और काम से ऊपर होता है।
आम तौर पर यह लत टीन एज में लगती है। कई लोग कुछ दूरी तक जाकर संभल जाते हैं, लेकिन जो लोग शुरु में नहीं संभते हैं, वे 40 की उम्र के बाद तक सेक्‍स के लिए लालायित रहते हैं। यह लत भी ठीक उसी प्रकार लगती है, जैसे शराब या धूम्रपान की। सेक्‍स के दौरान हमारे शरीर से एक प्रकार का द्रव्‍य निकलता है, जो हमें असीम यौन सुख का अहसास कराता है। कुछ लोग जो बार-बार यौन सुख की अनुभूति की चाह रखते हैं, उन्‍हें यह लत जल्‍दी लग जाती है। उनकी लत की शुरुआत मैथुन यानी मास्‍टरबेशन से होती है। बंद कमरे में वो बार-बार मैथुन करते हैं। 

मौका मिलने पर पोर्न वेबसाइट, किताबें या फिल्‍में देखते हैं। कई बार तो फिल्‍म देखते-देखते ही मैथुन करने लगते हैं। ऐसे लोग उन घरों में ताका-झांकी करने से भी पीछे नहीं रहते हैं, जहां लड़कियां रहती हैं। यह केवल लड़कों के साथ ही नहीं लड़कियों को भी सेक्‍स की लत लग जाती है, तो वो भी ऐसा ही करने लगती हैं। जाहिर है हद से ज्‍यादा मैथुन करने के भी दुष्‍प्रभाव हैं। उसका सीधा असर स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ता है। 


ऐसे लोग ज्‍यादातर अकेले रहन पसंद करते हैं। लोगों से घुलने-मिलने में उन्‍हें काफी परेशानी होती है, वो इसलिए क्‍योंकि उनके मन में हमेशा यह सवाल गूंजता रहता है कि वो सेक्‍सुअली कमजोर हैं। इसका असर उनके कॅरियर पर भी पड़ता है। कई बार जहां सेक्‍स की बातें चल रही हों, वहां उनके मन में अपने प्रति हीन भावनाएं आने लगती हैं।
इस लत के और भी असर होते हैं। इंटरनेट के माध्‍यम से फ्री क्‍लासीफाइड पर पर्सनल विज्ञापन देकर डेटिंग करना आम है। ऐसे लोग मौका मिलने पर वेश्‍यावृत्ति के समय सोचते नहीं हैं। कई बार असुरक्षित यौन संबंध तक स्‍थापित कर बैठते हैं। जिस कारण उन्‍हें यौन जनित रोग लगने का खतरा रहता है। 

इंटरनेट पर जब भी किसी से चैट करते हैं, तो घुमा-फिरा कर अपनी बातों को सेक्‍स की ओर ले जाते हैं। ऐसे लोगों को टेलीफोन पर सेक्‍स की बातें करना पसंद होता है। ऐसे पुरुषों के अंदर लड़कियों का यौन शोषण करने की प्रवृत्ति ज्‍यादा होती है। क्‍योंकि उनके मन में हमेशा हर काम के बदले में सेक्‍स की चाहत होती है। इन्‍हीं कारणों से सेक्‍स की लत लगने पर सामाजिक जीवन बुरी तरह प्रभावित होता है। अब अगर पारिवारिक जीवन की बात करें तो जीवन साथी से रिश्‍ते टूटने की बात तभी आती है, जब आपका अफेयर किसी अन्‍य से भी हो। सेक्‍स की लत लगने पर व्‍यक्ति एक से अधिक लोगों से संबंध तक बनाने में पीछे नहीं हटते। 

जब स्त्रियों को लगती है सेक्‍स की लत
सेक्‍स की लत सिर्फ पुरुषों को ही नहीं लगती है, स्त्रियां भी इसका शिकार हो सकती हैं। ऐसा होने पर वो भी पोर्नोग्राफी, टेलीफोन सेकस, इंटरनेट सेक्‍स, आदि करने लगती हैं। यही नहीं उन्‍हें भी जब अकेले मौका मिलता है तो वो भी मैथुन करती हैं। यही नहीं ऐसी स्त्रियां भी एक से ज्‍यादा लोगों से संबंध स्‍थापित करने में पीछे नहीं हटतीं। कई बार लड़कियां वेश्‍यावृत्ति में भी पड़ जाती हैं। 

यही कारण है कि 40 प्रतिशत लड़कियों का अनचाहा गर्भधारण इसी लत की वजह से होता है। हाल ही में हुए एक अध्‍यन की मानें तो सेक्‍स एडिक्‍शन की वजह से 70 प्रतिशत लोगों के वैवाहिक जीवन प्रभावित होता है। 40 प्रतिशत के साथी उन्‍हें छोड़ देते हैं। 72 प्रतिशत आत्‍महत्‍या के प्रयास करते हैं, 68 प्रतिशत लोग यौन जनित बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं और 27 प्रतिशत लोगों का कॅरियर चौपट हो जाता है। ये आंकड़े पुरुष और स्त्रियों दोनों पर हुए अध्‍यन के हैं।

 

स्‍तन और सेक्‍स

स्‍तन और सेक्‍स

बंद कमरे में जब आप अपने पार्टनर से मिलती हैं, तो क्‍या आपके पार्टनर को आपके सीने से लिपटना अच्‍छा लगता है? अधिकांश का जवाब होगा हां। जी हां यह सिर्फ इसलिए क्‍योंकि सेक्‍स के दौरान स्‍तन की काफी अहम भूमिका होती है। सही मायने में देखें तो यह पुरुषों को अपनी ओर आकर्षित कर सेक्‍स के लिए प्रेरित करता है। हालांकि यह काफी सामान्‍य बात है कि बेडरूम के अंदर अधिकांश पुरुष अपनी पार्टनर के गाल की जगह स्‍तन पर किस करना पसंद करते हैं, लेकिन यहां पर स्त्रियों की भूमिका भी काफी अहम होती है। 

 वो स्त्रियां जो स्‍तन को दबाने, किस करने, मसाज करने, आदि से अपने पार्टनर को रोकती हैं, उनकी सेक्‍स ड्राइव ज्‍यादा लंबी नहीं होती। सच पूछिए तो पार्टनर को इससे न रोकने से उन महिलाओं को फायदा पहुंचता है, जिन्‍हें सेक्‍स की चरम सीमा तक पहुंचने में काफी समय लगता है। देखा जाए तो फोर सेक्‍स यानी संभोग से पहले की क्रिया में स्‍तन पर मसाज करना या उस पर चुंबन लेना काफी कारगर साबित होता है। 

 

 

स्त्रियों के लिए सबसे अहम बात यह है कि अगर ऐसा करने पर उन्‍हें किसी प्रकार का दर्द महसूस होता है, तो उसे खुलकर अपने पार्टनर को बताएं। यदि आपके पार्टनर को फोर सेक्‍स काफी अच्‍छा लगता है, लेकिन आप सहज महसूस नहीं करती हैं, तो एकदम से रोकने के बजाए अपनी समस्‍या बताएं। यदि आपका पार्टनर स्‍तन को मरोड़ने, दांत से काटने या कस कर दबाने जैसा काम करता है तो उसे समझाइये कि यह आपके शरीर का एक कोमल अंग है, उसे इस प्रकार चोट पहुंचाने से सेक्‍स में बाधा आती है। यह बात हमेशा ध्‍यान रहे, अपने पार्टनर से खुलकर बात करने से सेक्‍स लाइफ बेहतर ही होती है।

महिलाओं की पसंदीदा यौन क्रियाएं

महिलाओं की पसंदीदा यौन क्रियाएं 

 

कामसूत्र के मुताबिक जितना ज्‍यादा पुरुष सेक्‍स को पसंद करते हैं, उतना ही महिलाएं भी। जिस प्रकार पुरुषों को विशेष क्रियाओं यानी पोजीशन में सेक्‍स करना पसंद होता है, उसी प्रकार महिलाओं को भी। अब सवाल उठता है कि महिलाओं को कौन सी क्रियाएं ज्‍यादा पसंद होती हैं, तो हम उसका जवाब यहां देंगे। इससे पहले हम आपको बता दें कि महिलाओं को संभोग की वो क्रियाएं ज्‍यादा पसंद होती हैं, जिनमें वो जल्‍दी चरम सीमा तक पहुंच सकती हैं। 

 कुछ क्रियाएं इस प्रकार हैं-

1. पहली क्रिया जिसमें संभोग के दौरान पुरुष महिला के ऊपर होता है। यह सबसे पुरानी क्रिया है, जिसे महिलाएं सबसे ज्‍यादा पसंद करती हैं। इस क्रिया में महिलाओं को प्रेम और सेक्‍स दोनों का बराबर से अनुभव होता है।
 2. दूसरी सबसे अच्‍छी क्रिया '69' है। यह क्रिया बैठ कर होती है, जिसमें पुरुष की जांघों पर उसकी पार्टनर बैठ जाती है। इस क्रिया में बैठकर संभोग किया जाता है। इसमें सीधे दिल से दिल का संपर्क होता है। यदि इस क्रिया के साथ चुंबन भी लिया जाए तो प्‍यार का अहसास कई गुना बढ़ जाता है। 

3. तीसरी पोजीशन वो है, जिसमें महिला अपने पार्टनर के ऊपर बैठ जाती है। आम तौर पर महिलाओं को हावी होना पसंद होता है और इस पोजीशन में उसी बात का अहसास ज्‍यादा होता है। इस पोजीशन में महिलाएं बहुत जल्‍द चरम सीमा यानी रति निष्‍पत्ति की अवस्‍था में पहुंच जाती हैं। 
 4. महिलाओं को अलग-अलग तरह से सेक्‍स करना पसंद होता है। पोजीशन '66' प्‍यार और सेक्‍स का अलग अहसास कराता है। इसमें महिला अपने पुरुष पार्टनर के ऊपर पीठ करके बैठ जाती है। इस पोजीशन में अगर पुरुष अपनी पार्टनर की छाती पर मसाज करे तो ज्‍यादा सहायक सिद्ध हो सकता है। 
 5. महिलाओं को स्‍पून फिटिंग पोजीशन भी काफी पसंद होती है। इस पोजीशन में जिस प्रकार दो चम्‍मच एक दूसरे में फिट हो जाते हैं, उसी प्रकार महिला, पुरुष एक दूसरे के आलिंगन में खो जाते हैं। पुरुष पीछे की तरफ रहता है।

कैसे उत्‍तेजित करें अपने पार्टनर को?

कैसे उत्‍तेजित करें अपने पार्टनर को? 

वात्‍सयायन के कामसूत्र में संभोग करने के 64 तरीकों का उल्‍लेख किया गया है, जिनमें से कुछ तरीके अपने पार्टनर को उत्‍तेजित करने के लिए हैं। यहां पर हम उन्‍हीं तरीकों की बात करेंगे। ये वो तरीके हैं, जिनके माध्‍यम से आप अपने/अपनी पार्टनर को सेक्‍स के लिए उत्‍तेजित कर सकते हैं।

पार्टनर को छूएं
यह सबसे सहज तरीका है, सेक्‍स के लिए किसी को उत्‍तेजित करने का। यदि आपका/आपकी पार्टनर आपकी ओर आकर्षित नहीं हो रहे हैं, तो अपने शरीर या हाथ से उन्‍हें छुएं। धीरे-धीरे स्‍पर्श दोनों के रक्‍त प्रवाह में गर्मी उत्‍पन्‍न करेगा। इसी स्‍पर्श के साथ करीब आने पर कामोत्‍तेजना बढ़ती है।

धीरे से चुंबन
पार्टनर को सेक्‍स के लिए उत्‍तेजित करने के लिए आप उसके पीछे से जाएं और बाहों में जकड़ लें। इस दौरान धीरे से किस, आप दोनों के बीच प्रेम को बढ़ाता है साथ ही दोनों के बीच उत्‍तेजना पैदा करता है।
प्रेम भरी निगाहें 

जब भी कुछ अच्‍छा हो, कोई अच्‍छी खबर मिले, तो अपने/अपनी पार्टनर को स्‍पर्श करते हुए उनकी आंखों में आंखें डाल कर प्रेम का इजहार करने के प्रयास करें। इससे कामोत्‍तेजना भी बढ़ती है।

अचानक बाहों में भरना
दरवाजे से गुजरते वक्‍त, लिफ्ट में या फिर अकेले कमरे में पहुंचते ही, पार्टनर को अचानक बाहों में भर लेने से दोनों के बीच प्रेम का प्रवाह तेजी से होता है। ऐसे में सेक्‍स के लिए भी उत्‍तेना उठती है।
धीरे-धीरे पूरे शरीर को स्‍पर्श 
 बिस्‍तर पर जाने के बाद कभी भी तुरंत संभोग मत शुरू करें। बेहतर होगा यदि आप पार्टनर के पूरे शरीर को धीरे-धीरे स्‍पर्श करें। होठों और माथे से शुरुआत कर शरीर के विभिन्‍न भागों पर चुंबन लें। पार्टनर को चुंबन के लिए प्रेरित करें। इससे आपकी/आपके पार्टनर के मन का तनाव दूर होगा और वो आपसे संभोग करने के लिए राजी हो जाएगी/ जाएगा। ऐसे में जरा भी हिंसक मत हों या फिर जल्‍दबाजी मत करें, नहीं तो पार्टनर नाराज हो सकती/सकता है।
छाती पर स्‍पर्श
 करीब आने के बाद पार्टनर को छाती से लगा दें। यह स्‍पर्श महिला या पुरुष दोनों में कामोत्‍तेजना पैदा करता है। महिलाएं अपने पार्टनर की छाती पर उंगलियों से स्‍पर्श की शुरुआत करें, जबकि पुरुष स्‍पर्श की शुरुआत पीठ से करें। इस दौरान अपनी मंशा पार्टनर के सामने जताने में जरा भी हिचकिचाएं नहीं। 

यदि पार्टनर किसी प्रकार के तनाव से गुजर रही/रहा है तो उसे इस बात का अहसास दिलाएं कि आप हमेशा उनके साथ हैं।
इन तरीकों को अपना कर आप स्‍वस्‍थ्‍य संभोग तक आसानी से पहुंच सकते हैं। इससे आपके जीवन में प्रेम भी बढ़ेगा।

मैथुन से जुड़े कुछ महत्‍वपूर्ण तथ्‍य

मैथुन से जुड़े कुछ महत्‍वपूर्ण तथ्‍य 

 

कामसूत्र में संभोग की बात तो हर जगह की जाती है, लेकिन मैथुन की बात बहुत कम होती है। यह वो प्रक्रिया है, जिसमें इंटरकोर्स के बिना पुरुष या महिलाएं यौन सुख की चरम सीमा तक पहुंच सकते हैं। हम यहां बात करेंगे मैथुन से जुड़े कुछ ऐसे तथ्‍यों के बारे में जिनके बारे में शायद ही आपको पता होगा।आपको यह जानकर आश्‍चर्य होगा कि सात साल का बच्‍चा भी मैथुन कर सकता है और कई लड़के करते भी हैं। आप सोच रहे होंगे कि 7 साल के बच्‍चे में वीर्य कैसे निकल सकता है। जी हां वीर्य तो नहीं निकलता, लेकिन उसे यौन अनुभव ठीक उसी प्रकार होता है, जैसा की बड़ों को। जबकि लड़कियों में मैथुन करने की प्रक्रिया टीन-एज में ही शुरू होती है। 

 हाल ही में हुए एक बड़े रिसर्च में पता चला है कि लड़के 7 साल की उम्र में ही अपने यौन अंग को स्‍पर्श कर मैथुन शुरू कर देते हैं। कुछ मामलों में यह उम्र 6 वर्ष भी पायी गई है। बात अगर लड़कियों की करें तो वो 16 साल की उम्र के बाद ही मैथुन करती हैं। ऐसा काफी कम लड़कियों में पाया गया है। इस दौरान लड़कों की तुलना में उनमें यौन सुखों के बारे में जानने की ललक ज्‍यादा होती है। ज्‍यादातर लड़कियां 20 वर्ष की आयु में ही मैथुन शुरू करती हैं।

 रिसर्च के मुताबिक 80 प्रतिशत लड़के 16 से 20 वर्ष की आयु के बीच नियमित रूप से मैथुन करते हैं। हालांकि इस मामले में लड़कियों की संख्‍या उनसे आधी है। रिसर्च के मुताबिक 80 प्रतिशत लड़कियां इस उम्र में मैथुन के प्रयास जरूर करती हैं। 

 यह धारणा कि मैथुन करने वाली या नहीं करने वाली महिलाएं या पुरुष यौन क्रियाओं के लिए स्‍वस्‍थ्‍य नहीं होते, बिलकुल गलत है। मैथुन का सेक्‍सुअल हेल्‍थ से कोई लेना देना नहीं है।

रिसर्च के मुताबिक 65 प्रतिशत पुरुष एवं महिलाएं शादी के बाद मैथुन बंद कर देते हैं। उसका कारण नियमित रूप से यौन सुखों का मिलना है। हालांकि उनमें भी कई महिलाएं व पुरुष खुद अपने पार्टनर के सामने मैथुन करते हैं।रिसर्च के मुताबिक अपनी शुरुआती उम्र में मैथुन करने वाले पुरुषों में 25 प्रतिशत 70 वर्ष की आयु तक भी मैथुन करते हैं।
 

 

दूर करें सेक्स स्ट्रेस

दूर करें सेक्स स्ट्रेस

नई दिल्ली: आज तनाव या स्ट्रेस हर व्यक्ति के जीवन में है और स्ट्रेस लेवल बढ़ने के कारण शरीर के कई ऎसे हार्मोस प्रभावित होते हैं, जिनकी वजह से सेक्स स्ट्रेस बढ जाता है। सेक्स स्ट्रेस का कोई एक कारण नहीं है। मॉडर्न लाइफस्टाइल व अनेक ऎसी परिस्थितियां इसके लिए जिम्मेदार हैं।

सेक्स स्ट्रेस के कारण
1. समय का अभाव: सेक्स क्रिया के लिए समय व तनावरहित वातावरण चाहिए। आजकल की भागदौड भरी जिंदगी में लोगों के पास वक्त का अभाव है और यदि वक्त मिल भी जाता है तो मन तरह-तरह की आशंकाओं से घिरा रहता है। बच्चों का तनाव, ऑफिस की परेशानियां आदि अनेक बातें ऎसी हैं, जो व्यक्ति को तनाव मुक्त नहीं रहने देती। ऑफिस, घर और अन्य कार्यो की थकान के कारण और तालमेल की कमी के कारण सेक्स के प्रति उदासीनता पैदा हो जाती है।

2. वर्क लोड: जिंदगी में आगे बढने की चाह, बॉस की नजरों में योग्य बने रहने की चाह और पैसे कमाने की दौड में व्यक्ति अपनी सारी ऊर्जा खत्म कर देता है। पैसा कमाने और खुद को बेहतरीन साबित करने की दौड में व्यक्ति दिन-रात काम करता है। वर्क लोड ज्यादा होने से ऑफिस का बचा हुआ काम घर पर पूरा करना पडता है।
 इस तरह के हाई प्रेशर जॉब के साथ व्यक्ति परिवार के साथ संतुलन नहीं बना पाता। व्यक्ति घर और ऑफिस की जिम्मेदारियों के बीच पिसकर रह जाता है। व्यक्ति देर तक काम करने के बाद इतना थक जाता है कि बिस्तर पर लेटते ही नींद आ जाती है और इससे उसकी सेक्स लाइफ प्रभावित होती है।

3. असुरक्षा की भावना: वर्किग पति-पत्नी के रिश्तों में आजीवन साथ रहने की निश्चिंतता नहीं है। पति-पत्नी दोनों में असुरक्षा की भावना बनी रहती है। क्योंकी दोनों के अहं टकराने की आशंका रहती है। दोनों के कामकाजी होने की वजह से दोनों में से कोई भी समझौता करने के लिए तैयार नहीं रहता। इसलिए महिलाएं भी ज्यादा कमाने की होड में लग जाती है। क्योंकी वे सुरक्षित होना चाहती हैं। इस तरह की स्थिति तनाव व टकराहट को जन्म देती है।
4. विलासिता की चाह: आधुनिक सुख-साधन जुटाना, रिसॉर्ट या विदेश में छुटि्टयां बिताना हर दंपत्ति की इच्छा होती है। सुख-सुविधा की चाहत में व्यक्ति चादर से अधिक पैर पसारता है और इस कारण वह लोन और के्रडिट कार्ड का उपयोग करता है। बाद में किश्तें चुकाने का पे्रशर शरीर और मन दोनों को थका डालता है। इस तरह का फाइनेंनशियल स्ट्रेस व्यक्ति की जिंदगी को पूरी तरह प्रभावित करता है और उसे सेक्स लाइफ के प्रति उदासीन बना देता है।

5. अधूरी जानकारी: आधी अधूरी जानकारियां और गलतफहमी भी तनाव को बढ़ाते हैं। मैगजीन में सेक्स कॉलम में सेक्सोलॉजिस्ट द्वारा पाठकों के प्रश्नों के उत्तर दिए जाते हैं। लेकिन संबंधित लेख या कॉलम में दी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी होती है जबकि हर व्यक्ति और उसकी परिस्थिति दूसरे से भिन्न होती है। 
 अधूरी जानकारी से सेक्स स्ट्रेस बढ़ता है। इसलिए यह जरूरी है कि कपल्स एक दूसरे के लिए समय निकालें। साथ ही उपरोक्त विषयों पर दोनों को विचार-विमर्श करना चाहिए। एक दूसरे को समझना चाहिए और सेक्स स्ट्रेस को नहीं पनपने देना चाहिए।