स्त्री-पुरुष के मैथुन के 64 अंग हैं। इसकी गणना 64 कलाओ में की गई है। संभोग काल की आठ श्रेणियां मानी गई हैं और इन सभी आठ श्रेणियों के आठ-आठ भेद हैं, जिस कारण मैथुन 64 कलाओं की क्रिया है। \
संभोग काल की आठ श्रेणियां:
1. आलिंगन
2. चुंबन
3. नाखून से नोंचना
4. दांत से काटना
5. संभोग के समय पुरुष द्वारा लिंग का नारी की योनि में प्रवेश
6. संभोग के समय सी-सी की आवाज करना
7. स्त्री द्वारा विपरीत रति अर्थात संभोग के समय स्त्री का ऊपर होना
8. आप्राकृति जैसे मुख व गुदा मैथुन आलिंगन: परिचय बढ़ाने के लिए आलिंगन * पुरुष किसी बहाने स्त्री के शरीर से अपना शरीर स्पर्श करा दे
* स्त्री एकान्त में हलके से अपना स्तन पुरुष के शरीर से सटा दे परिचय बढ़ने पर आलिंगन
* अंधकार, भीड़ या एकान्त में मौका मिलते ही स्त्री-पुरुष का अधिक समय तक एक-दूसरे के सीने से चिपटना
* एकांत मिलते ही पुरुष स्त्री को दीवार या खंभे के सहारे टिकाकर गले लगा ले प्रेम हो जाने के बाद खड़े-खड़े आलिंगन
* पेड़ की लता के समान स्त्री पुरुष से लिपट कर चुंबन के लिए उसका चेहरा नीचे झुकाए। इसके बाद स्त्री पुरुष की बाहों में झूलते हुए उसे ऐसे देखे जैसे उसकी सुन्दरता निहार रही हो
* स्त्री एक पैर पुरुष के पैर पर रखे एवं दूसरे से उसकी जांघ को लपेट ले। उस दौरान उसका एक हाथ पुरुष की पीठ पर हो और दूसरे हाथ से कंधे को झुकाती हुई पुरुष को चूमने का प्रयास करे लेटी व बैठी अवस्था में आलिंगन
* स्त्री-पुरुष एक दूसरे के विपरीत लेट कर हाथ-पैरों को सहलाते हुए आलिंगन करें
* स्त्री पुरुष की गोद में बैठ जाए या लेट जाए। उस समय सुध-बुध खोकर दोनों एक-दूसरे में इस तरह समा जाएं कि होश ही न रहे इनके अलावा भी आलिंगन के चार भेद बताए गए हैं
* स्त्री पुरुष में से कोई एक या दोनों दूसरे की एक या दोनों जांघों को अपनी जांघ के बीच पूरी शक्ति से दबाए
* स्त्री पुरुष के जांघ को अपनी जांघ से दबाती हुई, उसके शरीर में नाखून व दांत गड़ाए और उसे चूमते हुए उसके ऊपर चढ़ जाए
* स्त्री अपने स्तनों से पुरुष के सीने को मसल दे। ऐसा लगे जैसे वह पुरुष के सीने से एकाकार होना चाहती है। फिर धीरे-धीरे वह उसके ऊपर चढ़
जाए
* दोनों अपने होंठ व जीभ को एक-दूसरे के मुंह में डालकर सुध-बुध खो दे
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