सहेलियों के प्रति शारीरिक आकर्षण रखती हैं विदेशी महिलाएं!!!
प्रकृति ने महिला और पुरुष को एक-दूसरे के पूरक के रूप में निर्मित किया है. जिसके परिणामस्वरूप उनमें शारीरिक आकर्षण और प्रेम जैसे भाव विकसित होना स्वाभाविक है. भले ही समाज द्वारा बनाए गए सख्त नियम और कानूनों के कारण विवाह से पहले महिला और पुरुष में किसी भी प्रकार की निकटता को गलत ही समझा जाता है लेकिन आज जब महिला और पुरुष साथ पढ़ते और काम करते हैं तो उन दोनों में सामीप्य होना एक आम बात बन गई है. ज्यादातर समय एक-दूसरे के साथ बिताने के कारण आकर्षण भी अपनी जगह बना ही लेता है. लेकिन इसे हम मनुष्य का प्राकृतिक स्वभाव ही कहेंगे.
प्रकृति ने महिला और पुरुष को एक-दूसरे के पूरक के रूप में निर्मित किया है. जिसके परिणामस्वरूप उनमें शारीरिक आकर्षण और प्रेम जैसे भाव विकसित होना स्वाभाविक है. भले ही समाज द्वारा बनाए गए सख्त नियम और कानूनों के कारण विवाह से पहले महिला और पुरुष में किसी भी प्रकार की निकटता को गलत ही समझा जाता है लेकिन आज जब महिला और पुरुष साथ पढ़ते और काम करते हैं तो उन दोनों में सामीप्य होना एक आम बात बन गई है. ज्यादातर समय एक-दूसरे के साथ बिताने के कारण आकर्षण भी अपनी जगह बना ही लेता है. लेकिन इसे हम मनुष्य का प्राकृतिक स्वभाव ही कहेंगे.
परंतु आज के दौर में प्राकृतिक संबंधों के मायने थोड़े परिवर्तित हो गए हैं. परिवर्तनशील और मॉडर्न होने समाज में समलैंगिकता जैसे विषय भी अपनी पहचान बनाने लगे हैं. एक नए अध्ययन के अनुसार लगभग 60 प्रतिशत महिलाएं दूसरी महिलाओं के प्रति शारीरिक आकर्षण रखती हैं. 484 महिलाओं को केन्द्र में रखकर हुए इस अध्ययन के बाद यह बात सामने आई है कि महिलाएं अपनी सहेलियों या अन्य महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करने में भी रुचि रखती हैं. उनका यह स्वभाव उम्र के साथ-साथ और अधिक बढ़ जाता है.
दूसरे आंकड़ों के अनुसार बीस प्रतिशत महिलाएं दूसरी महिलाओं के प्रति इसीलिए आकर्षित होती हैं क्योंकि वह घंटों तक एक-दूसरे से बात करती हैं और साथ बैठती हैं. फोन पर बात करना महिलाओं को पसंद होता है इसीलिए वह अगर प्रत्यक्ष रूप से ना भी मिल पाएं तो फोन या चैट पर ही सभी बातें कर लेती हैं.
बौयस स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा हुए इस सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि एक सामान्य महिला जो पुरुष में दिलचस्पी रखती हैं अगर वह अन्य किसी महिला के प्रति शारीरिक आकर्षण रखती है तो यह बात पूर्णत: सामान्य है.
विश्वविद्यालय से जुड़ी मनोवैज्ञानिक और इस अध्ययन की मुख्य शोधकर्ता एलिजाबेथ मॉर्गन का कहना है कि आधी से ज्यादा महिलाएं अन्य महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध जैसे विषयों को लेकर उत्सुक रहती हैं. उन्हें सब बहुत रोचक लगता है. उनका यह भी मानना है कि महिलाएं एक-दूसरे के प्रति दोस्ताना लगाव रखती हैं. अन्य शोधकर्ता लीसा डायमंड के अनुसार आयु बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं की अन्य महिलाओं में रुचि भी अधिक हो जाती है.
डेली मेल में प्रकाशित इस रिपोर्ट के बाद यह भी माना जा रहा है कि महिलाओं की आपसी दोस्ती और रूमानी संबंध में अंतर कर पाना भी कई बार बहुत मुश्किल हो जाता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि आमतौर पर महिलाएं एक-दूसरे के साथ भावनात्मक जुड़ाव अधिक रखती हैं, इसीलिए आगे चलकर उनके बीच निकटता और रुमानी संबंध स्थापित होने की संभावना भी बढ़ जाती है.
विदेशी महिलाओं पर हुए इस अध्ययन ने आपसी दोस्ती जैसे संबंध पर प्रश्नचिंह लगा दिया है. भारतीय परिवेश में अगर इस शोध को देखा जाए तो भले ही हम इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि समलैंगिकता जैसे संबंध हमारे परंपरागत और रुढ़िवादी समाज में अपनी जड़े जमा रहे हैं, लेकिन दोस्ती और ऐसे अनैतिक संबंध में एक बड़ा अंतर होता है. वैसे तो महिला और पुरुष के बीच पारस्परिक आकर्षण विकसित होना भी एक आम बात है लेकिन फिर भी ऐसे बहुत से युवक-युवतियां हैं जो दोस्ती की मर्यादा को कायम रखते हैं. ऐसे में दोस्ती के संबंध में महिलाओं का परस्पर शारीरिक आकर्षण रखने जैसा मसला भारतीय परिदृश्य में कोई औचित्य नहीं रखता. महिला समलैंगिकों की एक बड़ी संख्या होने के बावजूद दोस्ती का महत्व और उसकी पवित्रता कहीं भी खोती नजर नहीं आती.
विदेशी संस्कृति बहुत खुले विचारों और स्वभाव वाली है. वहां संबंधों में मर्यादा या सीमा कोई खास स्थान नहीं रखती. हो सकता है विदेशी महिलाओं को अन्य महिलाओं या अपनी सहेलियों के साथ शारीरिक संबंध बनाना रोचक लगता हो लेकिन भारत में यह पूर्णत: निंदनीय और घृणित है.
विदेशी संस्कृति बहुत खुले विचारों और स्वभाव वाली है. वहां संबंधों में मर्यादा या सीमा कोई खास स्थान नहीं रखती. हो सकता है विदेशी महिलाओं को अन्य महिलाओं या अपनी सहेलियों के साथ शारीरिक संबंध बनाना रोचक लगता हो लेकिन भारत में यह पूर्णत: निंदनीय और घृणित है.
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