रिया जिसकी उमर 30 साल की थी उसका पति देल्ही मे नौकरी करता था. रिया गाओ मे अपने सास ससुर के साथ रहती थी. पूरा परिवार बेहद ग़रीब और अंधविश्वासी था. किसी को कुछ भी हो जाता तो वो सीधे साधु बाबओ के पास ही जाते. एक बार पास के गाओ मे ही एक साधु बाबा आए थे. जो कि बहुत ही ज़्यादा प्रसिद्ध थे. रिया की सास ये सुनते ही रिया को लेकर उस साधु बाबा के आश्रम मे गयी. थोड़ी देर बैठने के बाद इनका नंबर. आया. जब रिया और उसकी सास बाबा के पास पहुचे तो रिया की सास अपना दुखड़ा सुनाने लगी की हमारे घर मे पैसे नही रुकते और सभी बीमारियो से घिरे रहते है. और हमारा पोता भी नही होता. कुछ तो करो बाबा की हमारा परिवार सुख से रहे. बाबा ने रिया को देखकर पूछा कि ये सुंदरी कॉन है. रिया सुनते ही शरमा गयी. रिया की सास ने बताया कि बाबा ये हमारी बहू रिया है.
एक बात बताना भूल गया दोस्तो रिया की सास का नाम सरिता है…अब आगे…….
बाबा रिया को देखकर थोडा मुस्कुरा कर बोले कि रिया अपना हाथ दिखाओ .
रिया अपना हाथ दिखाने लगी. बाबा तो मस्ती से रिया का हाथ पाकर कर प्यार से सहला रहे थे. और सरिता से बोले कि आपके घर मे तो कोई सुखी से नही रहता. आपके घर मे कुछ तो है. इसलिए आपके घर मे एक पूजा करनी होगी जोकि 10 से 15 दिन मे पूरी होगी. सरिता थोड़ा दुखी होकर बोली कि बाबा इतने पैसे तो नही है हमारे पास कि आपसे 10 दिन तक पूजा करवा सके.
बाबा फिर रिया की तरफ देखते बोले कोई बात नही आप बस हमारा रहने का प्रवन्ध करवा दीजिएगा. हम आपके घर मे ही रहेंगे और पैसो की चिंता मत करिए. हम कोई पैसे नही लेंगे. हम तो सबको खुश देखना चाहते है. सरिता तो बहुत खुश हो गयी कि बाबा उनके घर पधारेंगे और पूजा के लिए कोई पैसे नही लेंगे……
सरिता ने फिर पूछा कि बाबा आप कब चलोगे हमारे घर..दोस्तो ये कहानी आप चुनमुनियाडॉटकॉम पर पढ़ रहे है
बाबा बोले कि एक काम करना आज रात को 8 बजे अपनी बहू को हमारे पास भेज देना. मैं उसी के साथ आ जाउन्गा और हम किसी को पता नही चलना चाहिए कि मैं तुम्हारे घर मे ठहरा हू वरना ये पूजा सफल नही होगी. सरिता हाँ मे हाँ मिलती हुई रिया को लेकर अपने घर चली गयी…
फिर रात को सरिता ने अपनी बहू को बाबा के पास भेजा. उसके घर से करीब 4किमी दूर था बाबा का आश्रम. रिया खेतो के बीच मे होते हुए बाबा के पास पहुचि. बाबा भी तैयार थे जाने के लिए.. रिया साड़ी पहनी हुई थी…बाबा ने रिया को देखकर खुश हुए और रिया के साथ चल दिए. बाबा ने रिया को आगे चलने को कहा और खुद रिया के पीछे पीछे चल रहे थे. दोनो खेतो के बीचो बीच चल रहे थे. दोनो तरफ गेहू की फसल लगी हुई थी.
अंधेरी रात थी. और रात के समय खेतो मे कोई और नही था सिर्फ़ रिया और बाबा ही चले जा रहे थे. बाबा रिया की पीछे से गंद देखते जा रहे थे. और रिया भी अपनी गंद मटकाते चली जा रही थी कि अचानक रिया का पैर फिसल गया और वो वही गिर गयी. उसके पैर मे मोच आ गयी थी. बाबा ने उसके पास गये और रिया से पूछा कि कही चोट तो नही लगी.
रिया बोली कि नही बाबा बस पैर मे थोड़ी मोच आ गयी है.
बाबा- बेटी तुम्हारे घर की दशा बहुत खराब चल रही है. अब मैं आ गया हू अब सब ठीक हो जाएगा. आओ तुम्हे उठा देता हू.
इतना बोलकर बाबा ने रिया की गंद पर हाथ रखकर रिया को उठाया लेकिन रिया से उठा नही जा रहा था. फिर बाबा रिया को अपनी गोद मे उठाकर उसके घर की तरफ ले जाने लगे. रिया को तो शरम लग रही थी लेकिन क्या करती. और बाबा तो मज़े मे एक हाथ से रिया की गंद को दबाए जा रहे थे. रिया तो अपने दर्द मे ही थी उसका इसपर ध्यान ही नही गया. आख़िरकार बाबा रिया के घर पहुच ही गये. बाबा रिया को बेड पर लिटाया. सरिता ये सब देखकर परेशान हो गयी कि रिया को क्या हो गया. सरिता ने बाबा से पूछा.
बाबा ने सरिता जो बताया कि इस पर भूतो का साया है. अगर मैं इसके साथ नही होता तो ये आज मर गयी होती. सरिता ये सुनते ही घबरा गयी. बाबा ने फिर बोला कि तेल से मालिश कर दो वो ठीक हो जाएगी. और कल रात से पूजा शुरू करेंगे. सरिता ने बाबा को खाना खिलाया और उपर वाले कमरे मे बाबा के आसान पर ले गयी जो एकदम एकांत मे कमरा था उधर कोई भी नही जाता था. और फिर सरिता रिया की मालिश करने लगी.दोस्तो ये कहानी आप चुनमुनियाडॉटकॉम पर पढ़ रहे है सुबह हुई रिया अपने घर के काम मे जुट गयी.अब रिया एकदम ठीक थी. सरिता बाबा के कमरे मे गयी जहाँ बाबा ध्यान मे मग्न थे. सरिता वही बैठी रही जब तक बाबा ने अपनी आँखे नही खोली. सरिता फिर बाबा के पैरो मे गिरकर पूजा करने लगी. बाबा थोड़ा गुस्से मे बोले ये क्या कर रही है मूर्ख. अपनी बहू को भी लेकर आ….वो मेरी पूजा नही करेगी.
सरिता डरते हुए बोली हम बाबा अभी लेकर आती हू सरिता रिया को लेकर बाबा के पास गयी. और दोनो ने बाबा की पूजा की. फिर शाम हुई और बाबा ने सरिता को बुलाया और सरिता से बोलने लगे कि रिया बेटी को मेरे पास इस कमरे मे 3 दिन के लिए रखना होगा और इस दौरान इस कमरे मे कोई नही आएगा. मैं उसके साथ पूजा करूँगा ताकि उसके उपर के सारे भूत प्रेत भाग जाए वरना वो कभी माँ नही बन पाएगी.
सरिता- ठीक है बाबा.
इतना बोल सरिता जाने लगी.
जैसे ही रात हुई सरिता रिया को बाबा के कमरे मे लेके आई.
बाबा ने सरिता को बोला कि जाओ रिया के सारे कपड़े लेकर आओ. और ये लो फोन जब भी ये फोन बजे तो तुम इस कमरे मे आ जाना.
सरिता बोली ठीक है बाबा और रिया के सारे कपड़े लेकर आई. फिर चली गयी.
बाबा ने रिया से बोला कि जाओ दरवाजा बंद करके आओ.
रिया दरवाजा बंद करके बाबा के पास आई..
बाबा ने रिया को अपने पास बिठाया और पूछा कि तुम्हारी शादी को कितने साल हुए.
रिया- जी 5 साल हो गये.
बाबा-तुम माँ बनना चाहती हो.
रिया- जी
बाबा- मैं तुम्हे जो कहूँगा वो करोगी तो तुम माँ बन जाओगी.
रिया बहुत खुश हो गयी..
रिया- जी बाबा मैं सब कुछ करूँगी जैसा आप कहोगे.
बाबा- ठीक है जो मैं बताउन्गा वो बिना शरमाये हुए बताना.
रिया- ठीक है बाबा पूछो…..
बाबा- तुमने इस वक़्त क्या पहना है.
रिया- जी साड़ी पहनी है दोस्तो ये कहानी आप चुनमुनियाडॉटकॉम पर पढ़ रहे है
बाबा- वो तो मैं भी जानता हू रिया. तुम अपने सारे कपड़े बताओ.
रिया- जी साड़ी पहनी है और ब्लाउस और पेटिकोट पहना है.
बाबा- अरे ये बताओ कि ब्रा, पेंटी पहनी हो कि नही.
रिया- नही बाबा वो तो नही पहना मैने.
बाबा- इसीलिए तो तुमपर भूत आ जाते है. तुम्हे तो हमेशा ब्रा और पेंटी पहननी चाहिए ताकि वो तुम्हारे अंदर ना आ सके.
चलो ब्रा और पेंटी पहनो और हाँ ये कपड़े उतारकर वो दुल्हन वाले कपड़े पहनो.
रिया – ठीक है बाबा मैं अभी पहना कर आती हूँ.
इतना कहकर रिया कपड़े लेकर कमरे से बाहर जाने लगती है तो बाबा उसे रोकते है और बोलते है कि रिया तुमको इस कमरे से 3 दिन तक बाहर नही जाना है.
रिया- लेकिन बाबा मैं आपके सामने कैसे कपड़े बदल सकती हू.
बाबा- अरे एक काम करो. तुम बेड पर सो जाओ और उपर से रज़ाई ओढ़ लो फिर रज़ाई के अंदर तुम कपड़े बदल लेना.
रिया- ठीक है बाबा.
इतना कहकर रिया बेड पर सोकर रज़ाई ओढ़ लेती है और अपने कपड़े उतारने लगती. रिया रज़ाई के अंदर अपनी साड़ी उतार कर बाबा को देती है. बाबा भी बेड पर बैठे होते हैं और रिया की साड़ी लेकर दूसरी तरफ रख देते है. फिर बाबा बोलते है.
बाबा- रिया अपना ब्लाउस उतारो.
रिया रज़ाई के अंदर से अपनी ब्लाउस उतार कर बाबा को देती है.
बाबा रिया की ब्लाउस को सूंघ कर रिया से बोलते है कि क्या सुगंध है रिया.
रिया ये सुनकर शरमा जाती है. फिर रिया अपना पेटिकोट खोलती है लेकिन उसके पेटिकोट का नाडा नही खुल पाता है और बाबा से बोलती है कि बाबा नाडा नही खुल रहा.
बाबा- मैं जानता हू रिया ये काम भूतो का है जो तुम्हारी चूत मे है .
चूत शब्द सुनकर रिया बहुत शरमा गयी. और अपनी आँखे बंद कर ली.
बाबा बोले कि चलो मैं मदद कर देता हूँ. और बाबा रज़ाई के अंदर हाथ डालकर रिया के पेट पर ले जाकर उसका नाडा खोलने लगते है. और उसी बहाने रिया की चुनमुनियां पर भी पेटिकोट के उपर से मसल्ने लगते है. और रिया के मूह से हल्की सी सिसकारी निकल जाती है.दोस्तो ये कहानी आप चुनमुनियाडॉटकॉम पर पढ़ रहे है
बाबा से भी रिया का पेटिकोट नही खुलता तो फिर बाबा कैची लेकर रिया के पेटिकोट का नाडा काट देते है. और उसका पेटिकोट निकाल देते है.
अब रिया रज़ाई के अंदर एक दम नंगी लेटी होती है. फिर साधु बाबा रिया के कपड़ों मे से उसकी पेंटी रिया को देकर कहते है कि लो रिया इस पेंटी को पहनकर अपनी चूत और गान्ड को ढक लो.
रिया- ठीक है बाबा.
ऐसे ही रिया को ब्रा भी देते है.
रिया- बाबा पेटिकोट भी दे दो.
बाबा- नही रिया अब तुम सिर्फ़ साड़ी पहनोगी तभी पूजा होगी.
रिया- ठीक है बाबा.
रिया अपनी ब्रा पेंटी पहनने के बाद उपर से साड़ी लपेट लेती है और फिर रज़ाई हटा देती है.
रिया एक दम माल लगती है. रिया की पीछे से पीठ खुली रहती है. और कमर एक दम नंगी दिखती है.
साधु बाबा रिया का ये रूप देखकर मस्त हुए जा रहे थे. इतने मे रिया बोली कि बाबा अब क्या करना है
बाबा- रिया तुम तो एक दम परी लग रही हो
रिया- बाबा अगर मैं परी लगती तो मेरे पति मुझसे दूर थोड़े ही ना होते.
बाबा- बेटी मैं आ गया हू ना अब तुम्हारा पति भी आ जाएगा. चलो अपनी आँखे बंद करके खड़ी हो जाओ.
रिया अपनी आँखे बंद करके बेड पर खड़ी हो जाती है और इधर बाबा रिया की चुचि, पीठ, पेट और उसकी गान्ड निहारते है. फिर बाबा बोलते है कि रिया तुम इस बेड पर लेट जाओ पीठ बल.दोस्तो ये कहानी आप चुनमुनियाडॉटकॉम पर पढ़ रहे हैं
रिया बिना कुछ कहे बेड पर पीठ के बल लेट जाती है.
फिर बाबा रिया के पेट से उसकी सारी हटाते है और फिर अपने हाथ रिया के पेट पर चलाने लगते है. रिया भी अपनी सासे बढ़ाने लगती है. रिया की सांसो के साथ उसका पेट भी हिलने लगता है. फिर बाबा अपने फोन से सरिता( रिया की सास) को फोन लगाते है और उसको दूध की मलाई लाने को बोलते है. सरिता जल्दी से दूध के उपर की मलाई निकालती है और बाबा के कमरे के बाहर से दरवाजे पर नॉक करने लगती है. रिया जैसे ही बेड से उठती है कि बाबा उसे मना करते है .
रिया- बाबा मुझे इस हालत मे मेरी सास देखेंगी तो क्या सोचेंगी.
बाबा – रिया तुम नंगी तो नही हो???
रिया- नही बाबा लेकिन फिर भी मैने ना ही ब्लाउस पहनी है और ना ही सारी के अंदर पेटिकोट.
बाबा- तुम इसी तरह सोई रहो बर्ना पूजा सफल नही होगी…
रिया फिर से उसी अवस्था मे लेट जाती है. बाबा दरवाजा खोलते है और सरिता को अंदर बुलाते है और फिर दरवाजा बंद कर देते है.
बाबा- सरिता जी आपके पति सो गये
सरिता- हाँ बाबा.
फिर सरिता बाबा को मलाई देती है और रिया को देखती है जो सिर्फ़ ब्रा और सारी मे लेटी हुई थी.
सरिता- अरे रिया बहू को क्या हुआ बाबा ये ऐसे किस तरह लेटी है..
बाबा- घबराओ नही सरिता जी. इसके अंदर के भूतों को भगाना है ना इसीलिए ये सब करना पड़ा.
सरिता- कोई बात नही बाबा. जैसे आप करो लेकिन मेरी बहू को ठीक कर दो.
बाबा – ठीक है सरिता जी लेकिन आज रात आपको भी थोड़ा सहयोग करना पड़ेगा.
सरिता- हाँ बाबा बताइए मैं क्या कर सकती हू.
बाबा- आप बेड पर बैठ कर पूजा देखिए.
सरिता – ठीक है बाबा.
बाबा फिर मलाई को रिया के पेट पर गिराने लगते है. और मलाई को चारो तरफ हाथ से लगाने लगते है और फिर अपना मुँह रिया के पेट पर रखकर चाटने लगते है.
रिया तो एकदम पसीने मे चूर थी. ये सब रिया की सास सरिता भी देख रही थी. बाबा ने रिया के पेट से सारी मलाई सॉफ कर दी थी .बाबा का लंड भी एकदम खड़ा था. रिया का इतना नरम पेट साधु बाबा को चाटने को मिला था. ये सब सोच कर साधु बाबा एकदम मस्त थे.
साधु बाबा जब रिया के नरम पेट का स्वाद चख चुके थे तब बाबा ने फिर रिया को पलटने को बोला.
रिया भी बिना कुछ कहे पलट गयी. अब वो अपनी चुचियों के बल लेटी हुई थी. उसकी गान्ड उपर को उठी हुई थी. साधु बाबा उसकी ब्रा की पट्टियाँ और रिया की उभरती गान्ड को देख मस्त हुए जा रहे थे और हो भी क्यूँ ना इतनी कामुक जो लग रही थी रिया.
बाबा रिया की सास सरिता से बोले कि सरिता जी आप जाओ एक गिलास पानी लेकर आओ. और मैं रिया के अंदर जो भूत है उसकी सवारी करता हूँ.
सरिता हाँ मे हाँ मिलाकर पानी लाने चली गयी. इधर साधु बाबा रिया से बोले कि बेटी चुपचाप इसी तरह से लेटी रहना और मैं जो भी पुछु वो तुरंत जबाब देना.
रिया- जी बाबा
बाबा अब रिया की गान्ड पर बीचो बीच बैठ गए जैसे उसकी गान्ड मे अपना लंड डाले हुए और फिर रिया की सारी का पल्लू उसकी ब्रा के उपर से हटा कर उसकी कमर तक कर दी. दोस्तो ये कहानी आप चुनमुनियाडॉटकॉम पर पढ़ रहे हैंअब रिया अपनी कमर से उपर तक सिर्फ़ ब्रा मे ही थी और उसकी पीठ एकदम नंगी थी. बाबा का लंड रिया की गान्ड पर रगड़ मार रहा था. इतने मे रिया बोली कि बाबा जी मेरे नीचे कुछ चुभ रहा है.
बाबा- कहाँ बेटी
रिया- जी वो मेरे पीछे
बाबा- तुम्हारी पीठ पर.
रिया- नही बाबा उसके नीचे.
बाबा- अच्छा तुम्हारी गान्ड मे.
इतना सुनते ही रिया फिर से शरमा जाती है और कुछ नही बोलती है. इतने मे सरिता पानी लेकर आ जाती है और बाबा की तरफ गिलास बढ़ाती है.
बाबा जैसे ही पानी का गिलास लेते है कि लाइट चली जाती है.फिर बाबा सरिता को बोलते है
बाबा- सरिता जी जब तक मैं ना कहूँ आप लालटेन मत जलाना. और फिर बाबा अपनी जेब से एक नशे की गोली निकालकर पानी मे मिला देते है और सरिता को पीने को देते है. सरिता पानी पी लेती है और फिर बाबा उसको पास पड़ी कुर्सी पर बैठने को बोलते है. सरिता ठीक वैसा ही करती है जैसा बाबा जी बोलते है.
फिर इधर बाबा रिया से बोलते है कि बताओ बेटी तुम्हारी गान्ड मे चुभ रहा है.
रिया- जी बाबा
फिर बाबा अपनी धोती के उपेर से लंड को पकड़ कर रिया की गान्ड के उपर की तरफ करते है इसी बीच रिया की गान्ड को भी बाबा दबाने लगते है और रिया के मूह से सिसकारियाँ निकलने लगती है.
फिर बाबा रिया की पीठ पर अपनी छाती रखकर रिया के उपर सोते है. और इसी तरफ बाबा रिया के कान मे बोलते है.
बाबा- रिया बेटी तुम्हारी गान्ड मे अब तो चुभन नही हो रही.
रिया- नही बाबा अब ठीक है.
बाबा – लेकिन रिया मेरी छाती मे तो तुम्हारी ब्रा की पट्टी चुभ रही है.
रिया- तो क्या करूँ बाबा.
बाबा- रूको मैं इस पट्टी को खोल देता हू.
रिया- ठीक है बाबा जैसा आप चाहो.
बाबा रिया की ब्रा खोल देते है अब रिया की एक दम नंगी पीठ बाबा के सामने पड़ी थी. और बाबा रिया की गान्ड पर बैठ कर उसकी गान्ड के उपर से उसके चुतड़ों को दबाए जा रहे थे.
फिर बाबा रिया से बोले कि चलो ये ब्रा अपनी चुचियों से भी निकाल दो ताकि भूत तुम्हारे अंदर क़ैद ना रहे.
रिया तुरंत अपनी ब्रा को अपने से अलग कर लेती है. अब रिया उपर से एकदम नंगी लेटी होती है उसकी चुचिया बेड के गद्दे से दबी होती है. बाबा फिर से रिया के उपर पहले की तरह ही लेट जाते है. और सरिता को आवाज़ देते है.
सरिता थोड़ा नशे मे होती है और वो आवाज़ सुनते ही बाबा के पास जाती है. बाबा बोलते है सरिता जी लालटेन जला दो. सरिता लालटेन को जला देती है.
वाह इस हल्की सी रोशनी मे रिया एकदम कयामत ढा रही थी.साधु बाबा तो रिया को और जकड कर पकड़ के उसके उपर लेटे रहे और अपने लंड को उपर से ही रिया की गान्ड पर रगड़ रहे थे. सरिता ये सब नशे की हालत मे देख रही थी.
बाबा रिया के कान मे बोले रिया अपनी आँखे खोलो
रिया- मुझे शरम आ रही है.
बाबा – तुम्हारी चुचिया नंगी है इस लिए
रिया- हाँ बाबा पहले कभी पराए मर्द के सामने ऐसे नही लेटी हूँ.
बाबा- मैं पराया हूँ???
रिया- नही बाबा आप तो मुझे ठीक कर रहे हो.
बाबा- तो जैसा मैं बोलता हू वैसा करो फिर.दोस्तो ये कहानी आप चुनमुनियाडॉटकॉम पर पढ़ रहे हैं
रिया- ठीक है बाबा.
इतना बोल रिया अपनी आँखे खोलती है और बाबा उसकी आँखो मे देख कर बोलते है रिया तुम तो बहुत सुंदर हो.
रिया- सच में
बाबा- हाँ रिया सच में.
सरिता ये सब नशे मे देखे जा रही थी.
साधु बाबा रिया की गान्ड की गर्मी अपने लंड पर महसूस कर रहे थे. और वो रिया से बाते भी कर रहे थे
बाबा- अच्छा रिया तुम्हारी चुचियों पर कितने नंबर. की ब्रा आती है.
रिया- जी 32बी नंबर. की
बाबा- नही तुम झूठ बोल रही हो.
रिया- नही बाबा जी मैं एकदम सच बोल रही हूँ. जब आपको यकीन नही आता तो देख लीजिए.
बाबा- ठीक है दिखाओ.
रिया फिर से पलट जाती है अब उसकी चुचियाँ बाबा के एकदम सामने होती है. और फिर बाबा भी अपने हाथ रिया की चुचियो पर ले जाकर मसल्ने लगते है.
रिया बोलती है ये क्या कर रहे हो बाबा.
बाबा- बेटी साइज़ का अनुमान लगा रहा था. तुम सच बोल रही थी.
अच्छा रिया बेटी अब टाइम हो गया है भूतो के आने का अब पूजा शुरू करनी है.
रिया फिर उठकर अपनी ब्रा ढूँढने लगती है बेड पर.
साधु बाबा- क्या ढूँढ रही हो बेटी.
रिया- वो ब्रा देख रही थी बाबा.
बाबा- रहने दो बेटी उसकी ज़रूरत नही है ऐसे ही ठीक है.
रिया- लेकिन
बाबा इतने मे गुस्से से बोले तुम मेरी बात को काट रही हो बेटी.
रिया डरते हुए हाथ जोड़कर माफी मांगती है और बोलती है ग़लती हो गयी बाबा अब आप जैसा बोलोगे वैसा ही करूँगी.
बाबा- चल अपनी पेंटी निकाल ताकि भूतो को तेरे अंदर से निकालु. रिया फिर अपने उपर रज़ाई ओढती है ताकि रज़ाई के अंदर से अपनी पेंटी निकाल सके. तभी बाबा बोलते है अरे ये क्या कर रही हो रिया.
रिया- जी आपने तो पेंटी निकालने को बोला था.
बाबा रज़ाई हटा कर बोलते है अरे रिया बेटी तुम्हे रज़ाई की क्या ज़रूरत है. तुम लेट जाओ मैं तुम्हारे अंदर हाथ डालकर निकाल देता हू.
रिया- ठीक है बाबा
इतना बोलकर रिया लेट जाती है. बाबा तो बस रिया की उछलती हुई चुचियों को ही देखे जा रहे थे. बाबा अभी भी रिया की चुचियों मे ही खोए हुए थे.कि रिया बोली बाबा बाबा लेट गई हूँ अब आप निकाल दो मेरी पेंटी.
बाबा एकदम से रिया की आवाज़ सुनकर होश मे आए. और बोले घबराओ नही रिया अभी तुम्हारे अंदर हाथ डालकर तुम्हारी पेंटी निकालता हूँ.
फिर साधु बाबा रिया के पैरो की तरफ बैठ जाते है और रिया की सारी को रिया की जाँघो तक उपर कर देते है. फिर साधु बाबा सरिता को जो कि कुर्सी पर नशे की हालत मे बैठी थी उसको बेड पर बैठने को बोलते है. दोस्तो ये कहानी आप चुनमुनियाडॉटकॉम पर पढ़ रहे हैंसरिता बिना कुछ बोले बेड पर जाकर बैठ जाती है. इधर साधु बाबा बेड से उठकर कुर्सी को बेड के किनारे करके बैठ जाते है. और फिर रिया की दोनो नंगी टाँगे पकड़कर अपनी तरफ पीछे की ओर खिचते है. रिया की दोनो चुचिया गद्दे से रगड़ते हुए पीछे की ओर आ जाती है. साधु बाबा रिया की दोनो टाँगो के बीच मे होते है. रिया की साड़ी तो पहले से ही उसकी जाँघो तक खिसकी हुई होती है.अब साधु बाबा रिया की जाँघो के अंदर अपने दोनो हाथ ले जाते है और रिया की पेंटी को अंदर ढूँढने के बहाने से रिया की चूत और उसकी गान्ड के छेद को कई बार रगड़ देते है. रिया तो एकदम से चिहुक सी जाती है.
बाबा- क्या हुआ रिया.
रिया- बाबा अपने हाथ थोड़ा ओर उपर ले जाओ. मैं पेंटी थोड़ा उपर से पहनती हूँ.
बाबा अपने हाथ रिया की चूत से रगड़ते हुए उसकी पेंटी की एलास्टिक तक ले जाते है. फिर रिया से पूछते है अब ठीक है रिया.
रिया- हाँ बाबा .
फिर बाबा रिया की पेंटी को पकड़ कर नीचे की ओर खिचते है लेकिन रिया की गान्ड बेड से लगी होने के कारण उसकी पेंटी नही निकलती है तो बाबा रिया से कहते है कि बेटी अपनी गान्ड को उपर की तरफ उठाओ ताकि तुम्हारी पैंटी उतार सकूँ.
रिया बाबा की बात को सुनते ही अपनी गान्ड को थोड़ा उपर उठाती है . और तब बाबा उसकी पेंटी को खिच कर निकालते है.
अब इस वक़्त रिया सिर्फ़ नीचे से साड़ी लपेटे हुए थी बाकी कोई कपड़े उसके शरीर पर नही था.
फिर बाबा कुर्सी से उतरकर बेड पर बैठ जाते है. और फिर पालती मारकर आसान की मुद्रा मे बैठ जाते है. और रिया को बोलते है कि रिया आओ जल्दी से तुम मेरी जाँघो के उपर बैठ जाओ. रिया तुरंत बिना देर किए हुए साधु बाबा की गोद मे बैठ जाती है. थोड़ी देर ऐसे ही बैठने के बाद साधु बाबा रिया को अपनी साड़ी को उपर उठाकर यानी गान्ड को नंगी करके गोद मे बैठने को बोलते है. रिया भी तुरंत अपनी साड़ी को अपनी कमर तक उठा कर अपनी नंगी गान्ड से ही साधु बाबा की गोद मे बैठ जाती है . और इसी मुद्रा मे साधु बाबा का लंड उनकी धोती मे एकदम खड़ा हो कर रिया की चूत के उपर से रगड़ मार रहा था.
रिया की चूत से पानी बह रहा था और साधु बाबा कुछ मन्त्र पढ़ रहे थे. लेकिन रिया के मूह से तो सिसकारियाँ निकल रही थी और वो थोड़ा थोड़ा अपनी गान्ड को भी उपर नीचे कर रही थी. फिर बाबा मन्त्र बोलते हुए अपने हाथ रिया की चुचियों पर ले जाकर दबाने लगे. रिया को तो पूरा जोश आ गया था और अब वो अपने मूह से आवाज़े निकाले जा रही थी बाबा बचा लो मुझे आह ओह्ह ये क्या हो रहा है बाबा ऐसे ही बोलती हुई अपनी गान्ड को बाबा की गोद मे बैठ कर उनके लंड से टच कर उछाले जा रही थी. और बाबा रिया की चुचियों को बेतहासा दबाए जा रहे थे.दोस्तो ये कहानी आप चुनमुनियाडॉटकॉम पर पढ़ रहे हैं थोड़ी ही देर मे रिया की चूत से ढेर सारा पानी निकल गया और अब वो शांत हो चुकी थी. बाबा ने भी रिया की चुचियों से हाथ हटाकर उसको बेड पर लिटा दिया. रिया की चुचिया एकदम लाल सी हो गयी थी.
बाबा रिया की तरफ देखकर बोले बेटी अब भूत चला गया. कल रात को एक बड़ी पूजा करेंगे अब तुम आराम कर लो और हाँ इस बेड से नीचे मत उतरना.
रिया – ठीक है बाबा जैसा आप कहो. बाबा मुझे प्यास लगी है थोड़ा पानी दे दो..
बाबा- अच्छा अभी थोड़ी देर मे देता हूँ तुम अपनी साड़ी निकालकर सोना .
रिया ने तुरंत रज़ाई ओढी और रज़ाई के अंदर से अपनी साड़ी उतार कर फेक दी. रिया रज़ाई के अंदर एकदम नंगी लेटी हुई थी. फिर रिया बाबा से बोलती है कि बाबा थोड़ा पानी दे दो बहुत प्यास लगी है.
बाबा- अच्छा रिया अभी लाता हूँ.
साधु बाबा बेड से उठते है और सरिता( रिया की सास) को कहते है कि सरिता जी जाओ एक गिलास और पानी लेकर आओ.
सरिता बाबा की आवाज़ सुनते ही बेड से नीचे आती है और कमरे से जैसे ही बाहर को जाती है वो गिर जाती है ये सब उसके नशे की हालत मे होता है. साधु बाबा तुरंत सरिता के पास जाकर उसकी बाँह पकड़ कर उठाते है. और बोलते है लगता है तुम्हारी तबीयत ठीक नही है चलो मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूँ. और रिया से बोलते है कि रिया बेटी मैं अभी तुम्हारे लिए पानी लेकर आता हूँ. और बाबा सरिता के गले मे हाथ डालकर कमरे से बाहर निकल जाते है. अब सरिता और साधु बाबा रसोई घर मे आ जाते है. सरिता तो नशे मे मदहोश थी. बाबा सरिता को बोलते है.
बाबा- सरिता जी तुम्हे ठंड नही लग रही,
सरिता- लग रही है बाबा लेकिन क्या करें हम ग़रीब है. कहाँ से मोटे कपड़े लाएँगे.
बाबा- चलो कल तुम पैसे वाली हो जाओगी. मैं तुम्हें कुछ उपाय बताउन्गा. चलो अब तुम गिलास मे पानी भरो.
सरिता एक गिलास लेकर उसमे पानी भरने लगती है और इधर बाबा अपनी कुर्ते की जेब से 2 सोने के सिक्के निकाल कर वही ज़मीन मे दबा देते है. और फिर वो सरिता के पास जाकर खड़े हो जाते है. सरिता गिलास मे पानी भर चुकी थी तो बाबा सरिता से पानी का गिलास लेकर नीचे रख देते है. और सरिता को अपनी गोदी मे उठा लेते है. सरिता तो आधे नशे मे होती है इसलिए उससे कुछ पता भी नही चलता कि बाबा क्या कर रहे है.
बाबा उसको अपनी गोदी मे उठाकर उसे वहीं ज़मीन पर बिठा देते है फिर सरिता को बोलते है कि चलो अपने घुटनो के बल खड़ी हो जाओ. सरिता भी नशे मे वैसे ही खड़ी हो जाती है और बाबा तुरंत अपनी धोती से अपने लंड निकाल कर सरिता के मूह के पास लाते है. और सरिता को मूह खोलने को बोलते है .सरिता जैसे ही अपना मूह खोलती है बाबा अपना लंड तुरंत उसके मूह के अंदर डाल देते है और फिर सरिता का सिर पकड़ कर अपने लंड से सरिता के मूह मे धक्के लगाए चले जाते है.थोड़ी देर के बाद बाबा अपना लंड सरिता के मूह से निकालते है. सरिता किसी कुतिया की तरह हाँफने लगती है और मूह से लार भी निकलती है.
बाबा सरिता को बोलते है चल मेरी रांड़ ज़रा अपनी साड़ी उठाकर अपनी गान्ड तो दिखा.
सरिता अपने दोनो हाथो से अपनी साड़ी उपर तक कर अपनी गान्ड को साधु बाबा की तरफ कर देती है. साधु बाबा सरिता की गान्ड देखकर एकदम पागल से हो जाते है और बोलते है अरे मेरी रंडी तेरी जैसी गान्ड तो तेरी बहू की भी नही है. गान्ड मरवाई है क्या तूने कभी.
सरिता- नही बाबा……
बाबा- फिर ऐसी गान्ड की मालकिन कैसे हो गई तू.
सरिता- बाबा ये तो अपनी किस्मत की बात है..
बाबा सरिता की गान्ड को अपने दोनो हाथो से पकड़ कर मसल्ते है और सरिता की गान्ड पर दो किस भी कर देते और फिर सरिता की चूत मे अपनी एक उंगली डालकर खचाखच पेलने लगते है सरिता भी मचलने लगती है. और थोड़ी ही देर मे पानी का फ़ुब्वारा अपनी चूत से निकालने लगती है ये देखकर साधु बाबा से भी बर्दास्त नही होता और फिर वो सरिता के मूह मे लंड डालकर पेलने लगते है. सरिता के मूह मे गच गच लंड पेलाइ से साधु बाबा पानी छोड़ देते है और सरिता के मूह के अंदर ही अपने अमृत गिरा देते है और सरिता से बोलते है कि पीजा साली..
सरिता तुरंत अपनी एक सांस मे गटक जाती है फिर बाबा सरिता को उठाकर उसे और पानी के गिलास को रिया के कमरे मे लाते है सरिता तो नशे मे सो ही गई थी. आख़िरकार उसकी उंगली से चुदाई जो हुई थी.
साधु बाबा रिया को बेड के किनारे पर सोने को बोलते है और दूसरे किनारे पर उसकी सास को सुला देते है.
फिर रिया को पानी देते है. रिया जैसे ही पानी पीने के लिए बैठती है उसकी चुचिया फिर बाबा को दिखने लगती है. रिया पानी पी लेती है और फिर बाबा दोनो के बीच मे लेट जाते है.दोस्तो ये कहानी आप चुनमुनियाडॉटकॉम पर पढ़ रहे हैं रिया तो अकेले रज़ाई मे सोई होती है. बाबा और सरिता दूसरी रज़ाई मे एक साथ सोते है. रज़ाई के अंदर साधु बाबा सरिता के ब्लाउस खोल कर उसकी चुचियों को अपने मूह से चूस्ते रहते है और अपना एक हाथ सरिता के पेट से उसकी साड़ी के अंदर डालकर उसकी चूत से खेलते खेलते सो जाते है…