ओर्गास्म - पांच बडे तथ्य
ओर्गास्म - हिला देना वाला बिलकुल अदभुत अनूठा अनुभव हो सकता है!
लेकिन किसी दिन जब आप थकान से चूर हों, और आप जानते हों की आप चरम तक नहीं पहुँच पाएंगी - तो क्या आपको ओर्गास्म का दिखावा करना चाहिए? यह जानने के लिए हमारे 'पांच बडे तथ्य' श्रंखला का नया लेख पढे।
आखिर ओर्गास्म है क्या?
जब आप सेक्स या हस्तमैथुन के दौरान बहुत ज़्यादा काम उत्तेजना महसूस कर रहे हों, तो आपको ओर्गास्म का अनुभव हो सकता है, इसे चरम आनंद या 'कलाईमेक्स' भी कहा जाता है। इस पल आपकी मांसपेशिय तन जाती हैं, दिल की धड़कन बढ़ जाती है और आप बहुत ज़्यादा शारीरिक आनंद से भर जाते हैं। पुरुष और कुछ महिलाओं को ओर्गास्म के दौरान जननांग से द्रव का स्त्राव होता है। ओर्गास्म आपको गहरा शारीरिक सुख और संतुष्टि का एहसास कराता है।
महिलाओं में ओर्गास्म
बहुत सी महिलाओं को सिर्फ सेक्स से ओर्गास्म नहीं हो पाता है। ओर्गास्म तक पहुचने के लिए उन्हें ठीठीनी को सहलाके या मुहं से मुखमैथुन के ज़रिये उत्तेजित करना पड़ता है। योनि की तुलना में ठीठीनी बहुत ज़्यादा संवेदनशील होती है - लिंग के उपरी हिस्से के समान।
जहाँ पुरुषों की तुलना में महिलाओं का ओर्गास्म तक पहुंचना थोडा मुश्किल है, लेकिन इसके साथ ही एक दिशा में उनको पुरुषों के मुकाबले एक बोनस है। वो यह की महिलाओं को एक से ज़्यादा ओर्गास्म हो सकता है और उनका चरम आनंद पुरुषों की तुलना में ज़्यादा देर तक रहता है। लेकिन हर बार ओर्गास्म ना होना भी स्वाभाविक बात है, तो इसके लिए ज़्यादा कोशिश न करें और सेक्स का पूरा आनंद उठाएं।
पुरुषों में ओर्गास्म
जब पुरुष को ओर्गास्म आनंद होता है, तो उनके शरीर की गति रुक जाती है। इस पल में उनका जननांग काफी संवेदनशील हो जाता है खासकर लिंग मुंड। अगर इस समय उसे छुआ जाये तो यह कष्टदायक होता है। यही वजह हैं की ओर्गास्म के बाद के असर से बाहर निकलने के लिए पुरुषों को थोडा समय लगता है।
ओर्गास्म आनंद पर पहुँचने पर उनके लिंग से वीर्य स्त्राव 46 km प्रति घंटा की गति से होता है।
ओर्गास्म का दिखावा
...शायद यह सही नहीं है. हाल ही में किये गए एक अध्यन से पता चला है की महिलाएं अक्सर ओर्गास्म होने का झूठा दिखावा करती हैं। पुरुष भी ऐसा करते हैं लेकिन हर 4 में से 1 को ही ऐसा करने की ज़रूरत पड़ती है। लोग ऐसा इसलिए नहीं करते क्यूंकि वो सेक्स का सही अंत करना चाहते हैं और अपने साथी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुचना चाहते।
लेकिन दिखावा लगातार करने का नतीजा सेक्स में घटती हुई रूचि की कमी हो सकता है। और आपका साथी आपको उस पल का एहसास करने के लिए कोशिश करना बंद कर देगा। तो अपने आप से ईमानदार रहिये - झूठे ओर्गास्म का दिखावा मत करिए! सेक्स बहुत मजेदार है अगर आप ओर्गास्म का दिखावा न करे।
चरम और जानवर
केवल इंसान ही शारीरिक आनंद के लिए सेक्स करने वाली अकेली प्रजाति नहीं है - डोल्फिन और बन्दर भी शारीरिक आनंद के लिए सेक्स करते हैं। और जहाँ कुछ लोग अगला तथ्य जानकर सूअरों से इर्ष्य करेंगे, क्यूंकि सूअर को 30 मिनट तक ओर्गास्म होता है। वहीँ सभी पुरुष यह जानकर खुश होंगे की वो नर मधुमाखी नहीं है क्यूंकि जब नर रानी मधुमखी के साथ सेक्स करता है, चरम पहुचने पर उनका जननांग विस्फोट से टूट जाता है। तो आप नर मधुमखी न हनी पर खुश हैं?
ओर्गास्म - हिला देना वाला बिलकुल अदभुत अनूठा अनुभव हो सकता है!
लेकिन किसी दिन जब आप थकान से चूर हों, और आप जानते हों की आप चरम तक नहीं पहुँच पाएंगी - तो क्या आपको ओर्गास्म का दिखावा करना चाहिए? यह जानने के लिए हमारे 'पांच बडे तथ्य' श्रंखला का नया लेख पढे।
आखिर ओर्गास्म है क्या?
जब आप सेक्स या हस्तमैथुन के दौरान बहुत ज़्यादा काम उत्तेजना महसूस कर रहे हों, तो आपको ओर्गास्म का अनुभव हो सकता है, इसे चरम आनंद या 'कलाईमेक्स' भी कहा जाता है। इस पल आपकी मांसपेशिय तन जाती हैं, दिल की धड़कन बढ़ जाती है और आप बहुत ज़्यादा शारीरिक आनंद से भर जाते हैं। पुरुष और कुछ महिलाओं को ओर्गास्म के दौरान जननांग से द्रव का स्त्राव होता है। ओर्गास्म आपको गहरा शारीरिक सुख और संतुष्टि का एहसास कराता है।
महिलाओं में ओर्गास्म
बहुत सी महिलाओं को सिर्फ सेक्स से ओर्गास्म नहीं हो पाता है। ओर्गास्म तक पहुचने के लिए उन्हें ठीठीनी को सहलाके या मुहं से मुखमैथुन के ज़रिये उत्तेजित करना पड़ता है। योनि की तुलना में ठीठीनी बहुत ज़्यादा संवेदनशील होती है - लिंग के उपरी हिस्से के समान।
जहाँ पुरुषों की तुलना में महिलाओं का ओर्गास्म तक पहुंचना थोडा मुश्किल है, लेकिन इसके साथ ही एक दिशा में उनको पुरुषों के मुकाबले एक बोनस है। वो यह की महिलाओं को एक से ज़्यादा ओर्गास्म हो सकता है और उनका चरम आनंद पुरुषों की तुलना में ज़्यादा देर तक रहता है। लेकिन हर बार ओर्गास्म ना होना भी स्वाभाविक बात है, तो इसके लिए ज़्यादा कोशिश न करें और सेक्स का पूरा आनंद उठाएं।
पुरुषों में ओर्गास्म
जब पुरुष को ओर्गास्म आनंद होता है, तो उनके शरीर की गति रुक जाती है। इस पल में उनका जननांग काफी संवेदनशील हो जाता है खासकर लिंग मुंड। अगर इस समय उसे छुआ जाये तो यह कष्टदायक होता है। यही वजह हैं की ओर्गास्म के बाद के असर से बाहर निकलने के लिए पुरुषों को थोडा समय लगता है।
ओर्गास्म आनंद पर पहुँचने पर उनके लिंग से वीर्य स्त्राव 46 km प्रति घंटा की गति से होता है।
ओर्गास्म का दिखावा
...शायद यह सही नहीं है. हाल ही में किये गए एक अध्यन से पता चला है की महिलाएं अक्सर ओर्गास्म होने का झूठा दिखावा करती हैं। पुरुष भी ऐसा करते हैं लेकिन हर 4 में से 1 को ही ऐसा करने की ज़रूरत पड़ती है। लोग ऐसा इसलिए नहीं करते क्यूंकि वो सेक्स का सही अंत करना चाहते हैं और अपने साथी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुचना चाहते।
लेकिन दिखावा लगातार करने का नतीजा सेक्स में घटती हुई रूचि की कमी हो सकता है। और आपका साथी आपको उस पल का एहसास करने के लिए कोशिश करना बंद कर देगा। तो अपने आप से ईमानदार रहिये - झूठे ओर्गास्म का दिखावा मत करिए! सेक्स बहुत मजेदार है अगर आप ओर्गास्म का दिखावा न करे।
चरम और जानवर
केवल इंसान ही शारीरिक आनंद के लिए सेक्स करने वाली अकेली प्रजाति नहीं है - डोल्फिन और बन्दर भी शारीरिक आनंद के लिए सेक्स करते हैं। और जहाँ कुछ लोग अगला तथ्य जानकर सूअरों से इर्ष्य करेंगे, क्यूंकि सूअर को 30 मिनट तक ओर्गास्म होता है। वहीँ सभी पुरुष यह जानकर खुश होंगे की वो नर मधुमाखी नहीं है क्यूंकि जब नर रानी मधुमखी के साथ सेक्स करता है, चरम पहुचने पर उनका जननांग विस्फोट से टूट जाता है। तो आप नर मधुमखी न हनी पर खुश हैं?
No comments:
Post a Comment