Sunday 9 September 2012

ब़डी उम्र के पुरूष / स्त्री से प्यार कितना सुखद


ब़डी उम्र के पुरूष / स्त्री से प्यार कितना सुखद 

 

सिर्फ फिल्मों में ही नहीं, बडी उम्र के पुरूष / स्त्री की ओर वास्तविक जीवन में भी युवाओं का रूझान अब काफी देखने को मिल रहा है। कुछ अरसा पहले एक युवती ने टीवी पर खुलेआम अपने से ज्यादा उम्र के प्रोफेसर से प्यार को कबूल किया। प्रौढ से प्रेम गलत नही पर इस प्यार का भविष्य संदेह में ही रहेगा।

 


ब़डी उम्र के पुरूष / स्त्री से प्यार कितना सुखद 

सिर्फ फिल्मों में ही नहीं, बडी उम्र के पुरूष / स्त्री की ओर वास्तविक जीवन में भी युवाओं का रूझान अब काफी देखने को मिल रहा है। कुछ अरसा पहले एक युवती ने टीवी पर खुलेआम अपने से ज्यादा उम्र के प्रोफेसर से प्यार को कबूल किया। प्रौढ से प्रेम गलत नही पर इस प्यार का भविष्य संदेह में ही रहेगा।

 परिपक्कता का प्रभाव - अपने से ज्यादा उम्र के पुरूष / स्त्री की ओर युवतियां व युवक अकसर इसलिए झुक जाते हैं, क्योंकि उन की मैच्योरिटी उन्हे काफी प्रभावित करती है। घीरगंभीर युवतियां, जो आज के दिखावा भरे युग को पसंद नहीं करती,उन्हे अपने हमउम्र लडकों में प्रभावित करने लायक कोई बात दिखाई नहीं देती। उघर प्रौढ / प्रौढा को भी अपनी युवा प्रेमिका या प्रमिका से बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं होतीं। ढलती उम्र में भी जबरदस्त पर्सनैलिटी व जिंदादिली युवतियों व युवकों को उनकी तरफ आर्कषित करती है। 

  प्यार का दौर - उस वक्त प्रौढ और युवा दोनों ही यह समझते हैं कि प्यार के लिए कोई सीमारेखा तय नहीं होती। युवा के प्यार में पड कर प्रौढ/प्रौढा का दिल भी अचानक जवान हो जाता है और वह अपनी प्रौढा पत्नी या पति से उन्मुख होने लगते हैं । युवती या युवक को भी समाज की ज्यादा चिंता नहीं होती क्योंकि वे समझते है कि उन्हे अपना जीवन अपने तरीके से जीने का पूरा हक है।

सच्चाई से मुंह न मोडें - इस प्रकार की रिलेशनशिप का भविष्य डार्क होता है। अकसर युवा इस रिलेशनशिप को लेकर काफी भावुक हो जाते हैं और परिवारजनों के खिलाफ चले जाते हैं। उन्हे समझाने का कोई फायदा नहीं होता क्योंकि वे अपनी जिद पर अडे रहते हैं। उन्हे समझना चाहिए कि इस रिश्ते का कोई भविष्य नहीं है। अंत में दुख, अकेलेपन व कुंठा के सिवा कुछ नहीं मिलता। ऎसे में आप को अपने भविष्य के बारे में अवश्य सोचना चाहिए। 

परिवार की भूमिका - इस प्रकार के प्यार में युवती के परिवारजन अकसर उसे समाज की दुहाई देतें हैं, लेकिन उसको सही मार्गदर्शन नहीं दे पाते। परिवारजनों को अपनी बेटी / बहन को इस प्यार के नेगेटिव और पोजिटिव दोनों पहलुओं से अवगत कराना चाहिए ताकि वह परिजनों को अपना दुश्मन न समझे। बडी सूझबूझ से उसे सभी तथ्यों के बारे में अवगत कराएं , तभी वह अपने भलेबुरे को समझ पाएगी। 

सेक्स लाइफ प्रभावित - उम्र के साथसाथ पुरूषों में टेस्टास्टेरोन नामक हारमोन बनना कम हो जाता है,जिस से सेक्सुअल पावर कम हो जाती है। महिलाओं की भी सेक्स पावर वक्त के साथ घीरेघीरे क्षीणं हो जाती है। ऎसे में वो अपने युवा प्रेमी या प्रेमिका को सेक्स के दौरान संतुष्ट नहीं कर पाते। सफल सेक्स संबंघो हेतु आपसी अंडरस्टैंडिंग होना बहुत जरूरी है परंतु एक युवा और एक प्रौढ / प्रौढा में कोई चीज कौमन नहीं होती, जिसके चलते वे आपस में अंडरस्टैंडिंग नहीं बना पाते। इस तरह के संबंघ अस्थायी होते हैं,इसलिए बेहतर होगा की इन संबंघों को शारीरिक संबंघों तक न ले जाएं।

No comments:

Post a Comment