खुशहाल सेक्स का राज़ - उपयुक्त चिकनापन
एम्स्टर्डमकी एक सेक्स सामग्री विक्रेता फर्म के द्वारा किये हुए सर्वे से ज्ञात हुआ कि लगभग हर उम्र की महिलाएं योनी के सूखेपन की समस्या से झूझती हैं। सही चिकनापन दर्द और आनंद के बीच का फर्क निर्धारित करता है।
“हमे लगता है कि अच्छे यौन जीवन और सही चिकनाई प्रदान करने वाले पदार्थों के बीच एक जुड़ाव है,” यह सर्वे करने वाले मादेलेइने ग्रीकंप ने हमें बताया।
ग्रीकंप ने नीदरलैंड के 20 से 60 साल के 1000 लोगों से उपयुक्त चिकनेपन के बारे में पुछा। दिलचस्प बात येहै की आधे से ज्यादा जवाब देने वाले लोग पुरुष थे।
“कभी-कभी महिलाएं इस समस्या से शर्मिंदा होकर सम्भोग ना करने का रास्ता चुनती हैं।” ग्रीकंप ने बताया।“लेकिन इसका असर महिला और पुरुष दोनों पर पड़ता है, शायद इसीलिए पुरुष इस में अपना भी मत रखते हैं।”
करीब 75 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया कि बेहतर सेक्स केलिए वो चिकनापन प्रदान करने वाले पदार्थों का या तो इस्तेमाल करते हैं, या फिर ऐसा करना चाहते हैं। एक आम समस्या जो उभर कर आई, वे थी वगिनिस्मुस। ये वो स्थिति है जिसमे पुरुष के शिशन के प्रवेश करने के प्रयास के दौरान योनी की मांसपेशियां और सिकुड़ जाती है और सम्भोग मज़ा नहीं बल्कि सजा बन जाता है।
सिलिकॉन आधारित पदार्थ
+कंडोम के साथ उपयोग के लिए बिल्कुल सुरक्षित
+ पानी के भीतर भी उपयोग किया जा सकता है।
-सिलिकॉन निर्मित यौन खिलौनों को नुकसान पहुंचा सकता है।
पानी से बने पदार्थ
+ सिलिकॉन निर्मित की अपेक्षा सस्ते
+ ग्लिसरीन के कारण मीठा स्वाद
-ग्लिसरीन के कारण यीस्ट का संक्रमण संभव
तेल से बने पदार्थ
(बेबीआयल, वसेलिन इत्यादि)
-कंडोम के साथ उपयोग करने के लिए सुरक्षित नहीं
रबड़में छेद कर सकते हैं।
रबड़ निर्मित यौन खिलोनो को नुकसान
+ सिर्फ मालिश के लिए अच्छा विकल्प
चिंताजनक बात
ग्लिसरीन से निर्मित चिकनाई बढ़ाने वाले पदार्थों का प्रयोग करने वाले 70 प्रतिशत लोगों ने मुश्किल का सामना किया। “योनी संवेदनशील अंग है और कुछ पदार्थ प्राकृतिक संतुलन को नुकसान पहुंचाते हैं।
कुछ और लोगों ने ऐसे चिकनाई प्रदान करने वाले पदार्थों के बारे में चिंता दिखाई जो गर्भनिरोधक होने का दावा करते हैं, जैसे कि नोनोक्स्य्नोल -9 (N-9)। “लेकिन इन पदार्थों की सच्चाई कुछ और है। ये योनी और गर्भाशय की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं और सेक्स संक्रमित रोगों की सम्भावना भी बढ़ जाती है,” उन्होंने बताया।
करीब 15 प्रतिशत लोगों ने इनपदार्थों में प्रयोग किये जाने वाले ‘पाराबेन’ के बारे में चिंता व्यक्त की। ये रासायनिक पदार्थ काफी उपयोग में लाये जाते हैं विशेषकर सौंदर्य प्रसाधन से जुडे उत्पादों में। लेकिन इन्हें अक्सर कैंसर से जुड़ा पाया गया है। ग्रीकंप ये जोखिम नहीं लेना चाहेंगी। “ ठीक से जांच कर के तस्सल्ली कर लेना हमेशा एक बेहतर विकल्प है।”
यौन खिलौने
चिकनाई देने वाले पदार्थों के संभवतः नुकसान के अतिरिक्त अधिकतर लोगों को यह आभास नहीं था कि ये पदार्थ यौन खिलौनों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। “यदि आप सिलिकोन निर्मित पदार्थों का उपयोग चिकनाई बढ़ाने के लिए करते हैं, जैसे की वैब्रेटर, तो इसका प्रभाव खिलौनों की उपरी सतह पर पड़ सकता है, जिससे योनी संक्रमण का खतरा है,” ग्रीकंप ने बताया। वो इस बात पर बल डालती हैं कि लोग इन्हें खरीदने से पहले इन्हें बेचने वाले व्यक्तियों से उपयुक्त परामर्श लें, और जाने माने नाम जैसे की एरोस एवं के-वाई ही खरीदें।
“मुख्यतः, इन पैकेटों के ऊपर के लेबल को ध्यान से देखें, जैसे की पाराबेन, ग्लिसरीन और एन-9,” उन्होने बताया। “और अधिकतर लोगों ने पानी से बने पदार्थों को सबसे ज्यादा परेशानी देने वाला माना। तो शायद सिलिकॉन निर्मित पदार्थ थोड़े महंगे हों, लेकिन वो निश्चित रूप से अधिक सुरक्षित हैं। और सुरक्षा सबसे ज़रूरी है।’
एम्स्टर्डमकी एक सेक्स सामग्री विक्रेता फर्म के द्वारा किये हुए सर्वे से ज्ञात हुआ कि लगभग हर उम्र की महिलाएं योनी के सूखेपन की समस्या से झूझती हैं। सही चिकनापन दर्द और आनंद के बीच का फर्क निर्धारित करता है।
“हमे लगता है कि अच्छे यौन जीवन और सही चिकनाई प्रदान करने वाले पदार्थों के बीच एक जुड़ाव है,” यह सर्वे करने वाले मादेलेइने ग्रीकंप ने हमें बताया।
ग्रीकंप ने नीदरलैंड के 20 से 60 साल के 1000 लोगों से उपयुक्त चिकनेपन के बारे में पुछा। दिलचस्प बात येहै की आधे से ज्यादा जवाब देने वाले लोग पुरुष थे।
“कभी-कभी महिलाएं इस समस्या से शर्मिंदा होकर सम्भोग ना करने का रास्ता चुनती हैं।” ग्रीकंप ने बताया।“लेकिन इसका असर महिला और पुरुष दोनों पर पड़ता है, शायद इसीलिए पुरुष इस में अपना भी मत रखते हैं।”
करीब 75 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया कि बेहतर सेक्स केलिए वो चिकनापन प्रदान करने वाले पदार्थों का या तो इस्तेमाल करते हैं, या फिर ऐसा करना चाहते हैं। एक आम समस्या जो उभर कर आई, वे थी वगिनिस्मुस। ये वो स्थिति है जिसमे पुरुष के शिशन के प्रवेश करने के प्रयास के दौरान योनी की मांसपेशियां और सिकुड़ जाती है और सम्भोग मज़ा नहीं बल्कि सजा बन जाता है।
सिलिकॉन आधारित पदार्थ
+कंडोम के साथ उपयोग के लिए बिल्कुल सुरक्षित
+ पानी के भीतर भी उपयोग किया जा सकता है।
-सिलिकॉन निर्मित यौन खिलौनों को नुकसान पहुंचा सकता है।
पानी से बने पदार्थ
+ सिलिकॉन निर्मित की अपेक्षा सस्ते
+ ग्लिसरीन के कारण मीठा स्वाद
-ग्लिसरीन के कारण यीस्ट का संक्रमण संभव
तेल से बने पदार्थ
(बेबीआयल, वसेलिन इत्यादि)
-कंडोम के साथ उपयोग करने के लिए सुरक्षित नहीं
रबड़में छेद कर सकते हैं।
रबड़ निर्मित यौन खिलोनो को नुकसान
+ सिर्फ मालिश के लिए अच्छा विकल्प
चिंताजनक बात
ग्लिसरीन से निर्मित चिकनाई बढ़ाने वाले पदार्थों का प्रयोग करने वाले 70 प्रतिशत लोगों ने मुश्किल का सामना किया। “योनी संवेदनशील अंग है और कुछ पदार्थ प्राकृतिक संतुलन को नुकसान पहुंचाते हैं।
कुछ और लोगों ने ऐसे चिकनाई प्रदान करने वाले पदार्थों के बारे में चिंता दिखाई जो गर्भनिरोधक होने का दावा करते हैं, जैसे कि नोनोक्स्य्नोल -9 (N-9)। “लेकिन इन पदार्थों की सच्चाई कुछ और है। ये योनी और गर्भाशय की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं और सेक्स संक्रमित रोगों की सम्भावना भी बढ़ जाती है,” उन्होंने बताया।
करीब 15 प्रतिशत लोगों ने इनपदार्थों में प्रयोग किये जाने वाले ‘पाराबेन’ के बारे में चिंता व्यक्त की। ये रासायनिक पदार्थ काफी उपयोग में लाये जाते हैं विशेषकर सौंदर्य प्रसाधन से जुडे उत्पादों में। लेकिन इन्हें अक्सर कैंसर से जुड़ा पाया गया है। ग्रीकंप ये जोखिम नहीं लेना चाहेंगी। “ ठीक से जांच कर के तस्सल्ली कर लेना हमेशा एक बेहतर विकल्प है।”
यौन खिलौने
चिकनाई देने वाले पदार्थों के संभवतः नुकसान के अतिरिक्त अधिकतर लोगों को यह आभास नहीं था कि ये पदार्थ यौन खिलौनों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। “यदि आप सिलिकोन निर्मित पदार्थों का उपयोग चिकनाई बढ़ाने के लिए करते हैं, जैसे की वैब्रेटर, तो इसका प्रभाव खिलौनों की उपरी सतह पर पड़ सकता है, जिससे योनी संक्रमण का खतरा है,” ग्रीकंप ने बताया। वो इस बात पर बल डालती हैं कि लोग इन्हें खरीदने से पहले इन्हें बेचने वाले व्यक्तियों से उपयुक्त परामर्श लें, और जाने माने नाम जैसे की एरोस एवं के-वाई ही खरीदें।
“मुख्यतः, इन पैकेटों के ऊपर के लेबल को ध्यान से देखें, जैसे की पाराबेन, ग्लिसरीन और एन-9,” उन्होने बताया। “और अधिकतर लोगों ने पानी से बने पदार्थों को सबसे ज्यादा परेशानी देने वाला माना। तो शायद सिलिकॉन निर्मित पदार्थ थोड़े महंगे हों, लेकिन वो निश्चित रूप से अधिक सुरक्षित हैं। और सुरक्षा सबसे ज़रूरी है।’
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