एक-दूसरे
से आगे निकलने की दौड़ में दुनिया भर के देशों को एक नए सर्वे का सामना
करना पड़ा है। ब्रिटिश वैज्ञानिक अपने आप में बेहद अनोखा सर्वे सामने लेकर
आए हैं। यह सर्वे दुनिया भर के देशों के पुरुषों के प्राइवेट पार्ट को लेकर
किया गया है। ब्रिटिश वैज्ञानिक रिचर्ड लेन के इस सर्वे में भारत नीचे से
चौथे पायदान पर रखा है। कोरिया और थाइलैंड इस मामले में भारत से निचले
पायदान पर हैं।
4 इंच के औसत आकार के साथ 113 देशों की लिस्ट में
भारत का स्थान 110 वां है। लिस्ट में 7.1 इंच के औसत 'साइज' के साथ कांगो
सबसे ऊपर है। महाद्वीप के हिसाब से बात करें तो 6.3 इंच के औसत आकार के साथ
अफ्रीकी सबसे ऊपर हैं और 4.2 के औसत साइज के साथ उत्तर-पूर्वी एशियाई सबसे
पीछे हैं। यूरोपियंस का औसत 5.7 है लेकिन रैंकिंग में ब्रिटिश पुरुष
जर्मनी से नीचे रह गए हैं।
बेहद सेंसिटिव इस सबजेक्ट को अल्सटर
यूनिवर्सिटी के साइकॉलजी प्रोफेसर रिचर्ड लेन सामने लेकर आए हैं। लेन ने
कहा कि इस खोज से पूर्व की थिअरीज पर मुहर लग गई जिसमें कहा जाता था कि
'वंश के आधार पर प्राइवेट पार्ट' का साइज बनता है। लेन के सर्वे में भी कुछ
ऐसा ही है।
यह रिसर्च साइंटिफिक जनरल
पर्सनैलिटी ऐंड इंडिविजुअल डिफरेंस में छपी है। रिसर्च छपने के साथ ही इसके
आलोचक भी खड़े हो गए हैं। आलोचकों का दावा है कि लेन की रिसर्च में
प्राइवेट पार्ट को लेकर जो आंकड़े इकट्ठा किए गए हैं, वे वेबसाइट्स से लिए
गए हैं।
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