दफ्तर में पुरुषों का भी सेक्सुअल हैरेसमेंट!
अभी तक
माना जाता था कि वर्क प्लेस पर सिर्फ महिलाएं यौन उत्पीड़न का शिकार होती
हैं, लेकिन आज की तारीख में पुरुष भी ऐसी घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। कुछ
अध्ययनों से यह साबित भी हुआ है। सरकार देश में एक ऐसी स्टडी कराने की
योजना बना रही है, जिससे वर्कप्लेस पर पुरुषों के यौन उत्पीड़न की असल
तस्वीर सामने आ सके। महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने यह जानकारी
दी।
कौन करता है उत्पीड़न:
अब तक हुए अध्ययनों से सामने आया है कि पुरुषों के उत्पीड़न के लिए महिला
और पुरुष, दोनों जिम्मेदार हैं। माना जा रहा है कि इसके पीछे बदलती सोच है।
पुरुषों के मामले में बॉस और सहकर्मी दोनों ही उनका उत्पीड़न करते हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, ताकतवर पदों पर महिलाओं के सामने आने और
होमोसेक्सुअल लोगों के प्रति बदली सोच के चलते ऐसी घटनाएं होने लगी हैं।
अध्ययन में इन बातों पर भी विचार किया जाएगा।
दुनिया में क्या हो रहा है?
2009 में ईक्वल एंप्लॉयमेंट अमेरिका ऑपरट्यूनिटी कमिशन (ईईओसी) ने सर्वे कराया। नतीजे :
- 2009 में वर्क प्लेस पर पुरुषों के यौन उत्पीड़न की 2094 शिकायतें आई।
- यह कमिशन के सामने आईं कुल शिकायतों का 16.4 फीसदी थीं।
हिंदुस्तान पर नजर : 2010 में ईटी-साइनोवेट ने देश के सात शहरों में एक सर्वे कराया। नतीजे :
- बेंगलुरू में 32 फीसदी पुरुषों ने यौन उत्पीड़न की बात मानी।
- हैदराबाद में 29 फीसदी ने इसके लिए महिलाओं को जिम्मेदार बताया।
- 48 फीसदी पुरुषों ने पुरुषों और सहकमिर्यों को दोषी ठहराया।
- दिल्ली में उत्पीड़न के शिकार पुरुषों में से 43 फीसदी ने महिलाओं और 43 फीसदी पुरुष बॉस और सहकर्मी को दोषी ठहराया।
सरकार जल्द ही संसद में वर्कप्लेस पर महिलाओं के यौन
उत्पीड़न से बचाव संबंधी बिल लाने वाली है। मंत्रालय के पास ऐसे सुझाव आए
हैं कि इस बिल को महिला और पुरुष में भेद करने वाला नहीं होना चाहिए।
किन क्षेत्रों में ज्यादा होता है उत्पीड़न
:
ग्लैमर इंडस्ट्री, फिल्म और टेलिविजन इंडस्ट्री, डिफेंस सविर्सेज,
प्रफेशनल कॉलेजों के हॉस्टल, बीपीओ, आईटी सेक्टर जैसे तमाम क्षेत्र हैं,
जहां पुरुषों के उत्पीड़न की घटनाएं सामने आती हैं।
कौन करता है उत्पीड़न:
अब तक हुए अध्ययनों से सामने आया है कि पुरुषों के उत्पीड़न के लिए महिला
और पुरुष, दोनों जिम्मेदार हैं। माना जा रहा है कि इसके पीछे बदलती सोच है।
पुरुषों के मामले में बॉस और सहकर्मी दोनों ही उनका उत्पीड़न करते हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, ताकतवर पदों पर महिलाओं के सामने आने और
होमोसेक्सुअल लोगों के प्रति बदली सोच के चलते ऐसी घटनाएं होने लगी हैं।
अध्ययन में इन बातों पर भी विचार किया जाएगा।
दुनिया में क्या हो रहा है?
2009 में ईक्वल एंप्लॉयमेंट अमेरिका ऑपरट्यूनिटी कमिशन (ईईओसी) ने सर्वे कराया। नतीजे :
- 2009 में वर्क प्लेस पर पुरुषों के यौन उत्पीड़न की 2094 शिकायतें आई।
- यह कमिशन के सामने आईं कुल शिकायतों का 16.4 फीसदी थीं।
हिंदुस्तान पर नजर : 2010 में ईटी-साइनोवेट ने देश के सात शहरों में एक सर्वे कराया। नतीजे :
- बेंगलुरू में 32 फीसदी पुरुषों ने यौन उत्पीड़न की बात मानी।
- हैदराबाद में 29 फीसदी ने इसके लिए महिलाओं को जिम्मेदार बताया।
- 48 फीसदी पुरुषों ने पुरुषों और सहकमिर्यों को दोषी ठहराया।
- दिल्ली में उत्पीड़न के शिकार पुरुषों में से 43 फीसदी ने महिलाओं और 43 फीसदी पुरुष बॉस और सहकर्मी को दोषी ठहराया।
सरकार जल्द ही संसद में वर्कप्लेस पर महिलाओं के यौन
उत्पीड़न से बचाव संबंधी बिल लाने वाली है। मंत्रालय के पास ऐसे सुझाव आए
हैं कि इस बिल को महिला और पुरुष में भेद करने वाला नहीं होना चाहिए।
किन क्षेत्रों में ज्यादा होता है उत्पीड़न :
ग्लैमर इंडस्ट्री, फिल्म और टेलिविजन इंडस्ट्री, डिफेंस सविर्सेज, प्रफेशनल कॉलेजों के हॉस्टल, बीपीओ, आईटी सेक्टर जैसे तमाम क्षेत्र हैं, जहां पुरुषों के उत्पीड़न की घटनाएं सामने आती हैं।
किन क्षेत्रों में ज्यादा होता है उत्पीड़न :
ग्लैमर इंडस्ट्री, फिल्म और टेलिविजन इंडस्ट्री, डिफेंस सविर्सेज, प्रफेशनल कॉलेजों के हॉस्टल, बीपीओ, आईटी सेक्टर जैसे तमाम क्षेत्र हैं, जहां पुरुषों के उत्पीड़न की घटनाएं सामने आती हैं।
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