जो महिलाएं अपनी
किशोरावस्था में सेक्स करना शुरू कर देती हैं, उनके तलाक लेने के चांसेस
ज्यादा होते हैं। यह हम नहीं कह रहे हैं। यह कहना है एक स्टडी का, जिसने
टीन सेक्स (किशोरावस्था में सेक्स) और डाइवोर्स के बीच संबंध जानने की
कोशिश की है।
यूनिवर्सिटी ऑफ आयोवा के अध्ययन में पाया गया कि ऐसी 31 फीसदी महिलाएं जिन्होंने टीन एज में सेक्स किया, उन्होंने शादी के 5 साल के भीतर तलाक ले लिया। 47 फीसदी महिलाएं जिन्होंने टीनएज में सेक्स किया, ने शाद के 10 साल के भीतर डाइवोर्स ले लिया।
दिलचस्प तथ्य यह है कि ऐसी महिलाओं, जिन्होंने वयस्क होने तक सेक्स करने का इंतजार किया यानी जिन्होंने किशोरावस्था में सेक्स नहीं किया, के तलाक के मामले कम थे। ऐसी 15 परसेंट महिलाओं ने 5 वें साल में, जबकि 27 परसेंट ने 10 वें साल में तलाक लिया।
नैशनल सर्वे ऑफ फैमिली ग्रोथ के लिए जीवन में कभी न कभी शादी कर चुकीं 3,793 महिलाओं पर सर्वे करने वाले एंथनी पाइक ने कहा, 'रिजल्ट तो यही हैं हालांकि यह तर्क किया जा सकता है कि ऐडलेसेंट सेक्शुअलटी के कुछ डाउन-साइड्स भी होते हैं, जिसमें तलाक लेने के ज्यादा चांसेस भी शामिल हैं।'
इस पर बात करते हुए उन्होंने कहा,'एक संभावना यह बनती है कि इन महिलाओं में सेक्शुअल एक्सपीरियंस जल्दी उम्र में हो जाने से ऐसी मान्यताएं और सोच कायम होने लगती है जिनसे कि डाइवोर्स ज्यादा होता है।' हालांकि यह भी एक संभावना यह बनती है कि जो महिलाएं किशोरावस्था में सेक्स कर लेती हैं, वे तलाक को लेकर पहले ही मन बना चुकी होती हैं। जिस सोच या बर्ताव की वजह से वे टीनेज में सेक्स को ले कर 'ओके' रहती हैं, वही एटिट्यूड उनकी शादी पर भी असर डालता होगा। यह एक प्रकार का सिलेक्शन एक्स्पलानेशन है।
हालांकि उनका कहना है कि अभी कोई भी निष्कर्ष देना बहुत जल्दबाजी करना
होगा। यदि सेक्स के अनुभव मानसिक प्रताड़ना या किसी तरह के सदमे के तहत
हों, तो इससे महिलाओं पर बुरा असर पड़ता है और उनकी रिश्तों को लेकर सोच
काफी हद तक उनकी इस सोच से प्रभावित होती है जो ऐसे अनुभवों के बाद शेप
लेती है। जरनल ऑफ मैरेज ऐंड फैमिली के अप्रैल अंक में इस सर्वे को छापा गया
है।
यूनिवर्सिटी ऑफ आयोवा के अध्ययन में पाया गया कि ऐसी 31 फीसदी महिलाएं जिन्होंने टीन एज में सेक्स किया, उन्होंने शादी के 5 साल के भीतर तलाक ले लिया। 47 फीसदी महिलाएं जिन्होंने टीनएज में सेक्स किया, ने शाद के 10 साल के भीतर डाइवोर्स ले लिया।
दिलचस्प तथ्य यह है कि ऐसी महिलाओं, जिन्होंने वयस्क होने तक सेक्स करने का इंतजार किया यानी जिन्होंने किशोरावस्था में सेक्स नहीं किया, के तलाक के मामले कम थे। ऐसी 15 परसेंट महिलाओं ने 5 वें साल में, जबकि 27 परसेंट ने 10 वें साल में तलाक लिया।
नैशनल सर्वे ऑफ फैमिली ग्रोथ के लिए जीवन में कभी न कभी शादी कर चुकीं 3,793 महिलाओं पर सर्वे करने वाले एंथनी पाइक ने कहा, 'रिजल्ट तो यही हैं हालांकि यह तर्क किया जा सकता है कि ऐडलेसेंट सेक्शुअलटी के कुछ डाउन-साइड्स भी होते हैं, जिसमें तलाक लेने के ज्यादा चांसेस भी शामिल हैं।'
इस पर बात करते हुए उन्होंने कहा,'एक संभावना यह बनती है कि इन महिलाओं में सेक्शुअल एक्सपीरियंस जल्दी उम्र में हो जाने से ऐसी मान्यताएं और सोच कायम होने लगती है जिनसे कि डाइवोर्स ज्यादा होता है।' हालांकि यह भी एक संभावना यह बनती है कि जो महिलाएं किशोरावस्था में सेक्स कर लेती हैं, वे तलाक को लेकर पहले ही मन बना चुकी होती हैं। जिस सोच या बर्ताव की वजह से वे टीनेज में सेक्स को ले कर 'ओके' रहती हैं, वही एटिट्यूड उनकी शादी पर भी असर डालता होगा। यह एक प्रकार का सिलेक्शन एक्स्पलानेशन है।
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