Saturday 1 September 2012

प्रेगनेंट होने का डर तो नहीं

रात के कुछ हसीन पल और फिर सुबह हो गई टेंशन। अगर आपको भी इसके बाद प्रेगनेंट होने का डर सता रहा है और आमतौर पर अपनाए जाने वाले तरीकों पर भरोसा करने की सोच रही हैं , तो हम यहां कुछ भ्रमों से पर्दा उठा देते हैं
क्या आप भी इसी कशमकश में तो नहीं उलझीं कि प्रेगनेंट हैं या नहीं। ऐसी कई सुनी - सुनाई बातें हैं जो असमंजस में डाल देती हैं , जैसे पीरियड के दौरान सेक्स करने से प्रेग्नेंट नहीं होते या फिर सेक्स के बाद तुरंत खड़े हो जाना वगैरह। लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें , तो ये बातें भ्रम के अलावा और कुछ भी नहीं हैं। यहां हम कुछ ऐसे ही मिथ की हकीकत बता रहे हैं। 
 
मिथ : अगर पीरियड के दौरान इंटरकोर्स किया हो , तो प्रेग्नेंट नहीं होते।
ट्रुथ : ऑव्यूलेशन के दौरान भी कई लेडीज को ब्लीडिंग हो जाती है , जिसे वे एमसी समझ लेती हैं। ये सबसे बड़ा रिस्क है। स्पर्म वुमन बॉडी में 5 दिनों तक सही हालत में रहता है। इस दौरान आप प्रेगनेंट हो सकती हैं।


 मिथ : सेक्स करने के बाद एकदम खड़े हो जाने से प्रेग्नेंसी नहीं होती।
ट्रुथ : आप चाहे बैठी हों , लेटी हों या खड़ी हों , इससे प्रेग्नेंसी का कोई लेना - देना नहीं है। 

 

मिथ : पहली बार सेक्स करने में प्रेगनेंसी के चांस नहीं होते।
ट्रुथ : सेक्स पहली बार हो या दसवीं बार , कोई फर्क नहीं पड़ता।

मिथ : अगर पार्टनर ने इजेकुलेशन से पहले बाहर फ्लूड रिलीज कर दिया हो। 

 
ट्रुथ : इजेकुलेशन से पहले ही लुब्रिकेटिंग फ्लूड रिलीज हो जाता है , जिसमें भी स्पर्म होते हैं।
मिथ : सेक्स के बाद वजाइनल क्लिनिंग से प्रेग्नेंसी से बचा जा सकता है।
ट्रुथ : अब बाथ और शॉवर काम नहीं करेंगे , क्योंकि सेक्सुअल इंटरकोर्स के बाद स्पर्म तो पहले ही एग्स के पास चला गया है।
 

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