सेक्सः स्त्रियां भी तोड़ें नियम
सेक्स दांपत्य जीवन का एक अहम हिस्सा है, मगर कई बार कल्पनाशीलता के अभाव में यह उबाऊ भी हो सकता है। इसका नतीजा सामने आता है पहले सेक्स के प्रति उकताहट के रूप में और फिर यह आपसी संबंधों में आई नीरसता में बदल जाता है। यह सुनने में अजीब लग सकता है मगर उकताहट भरा सेक्स अक्सर दांपत्य जीवन को भी उकताहट भरा बना देता है। इतना ही नहीं पति-पत्नी के बीच की आपसी समझदारी पर भी इसका असर देखा जा सकता है। इसका असर इतना गहरा होता है कि सेक्स विशेषज्ञ कहते हैं कि आम जीवन में पति-पत्नी के बीच बातचीत और उनके तौर-तरीकों को देखकर बताया जा सकता है कि उनकी सेक्स लाइफ कैसी है।
बदलते दौर में स्त्रियां
बदलते दौर ने हर जगह स्त्रियों की भूमिका को बदला है। गौर करें तो अब घर
के तमाम अहम फैसले पत्नियां ही करने लगी हैं। रात को डिनर में क्या बनेगा
से लेकर ड्राइंगरूम की सजावट, कार का मॉडल और बच्चों के लिए कौन सा स्कूल
बेहतर रहेगा... अक्सर स्त्रियां ही तय करने लगी हैं। बाहरी जीवन में आए इस
बदलाव का असर शयनकक्ष पर भी पड़ा है। पहले के मुकाबले सेक्स में उनकी
सक्रियता बढ़ी है। बदलते समय के साथ पुरुषों न सिर्फ इस बदलाव को स्वीकार
किया है बल्कि वे इसे सकारात्मक तौर पर लेने लगे हैं।
पत्नियों की भूमिका बदली
गौर करें तो रूटीन सेक्स लाइफ को दिलचस्प बनाने की जिम्मा अब सिर्फ पति पर
नहीं डाला जा सकता। स्त्रियां अपनी सेक्सुअलिटी और सेक्स इच्छाओं के प्रति
जागरुक हो रही हैं। सेक्स भी उनका पैसिव रोल नहीं रह गया है, अब वे इसमें
बराबर की भागीदार हैं। यहां सेक्स एक्सपर्ट्स के उन सुझावों पर एक नजर
डालेंगे जिन्हें वे खास तौर पर आज के दौर की स्त्रियों को ध्यान में रखकर
देते हैं।
नियम बनाएं नहीं नियम तोड़ें
सेक्स
एक्सपर्ट्स की सबसे जरूरी सलाह यह है कि सेक्स लाइफ को दिलचस्प बनाने का
कोई नियम नहीं है। बल्कि वे बेडरूम में बिताए क्षणों को सुखद बनाने के लिए
नियम बनाने की जगह नियम तोड़ने पर ज्यादा जोर देते हैं। उनका मानना है कि
पत्नियों का नियम तोड़ना दंपति की सेक्स लाइफ में एक नई ऊर्जा भर देता है।
आइये देखें वो कौन से नियम हैं जिन्हें तोड़ने का साहस कभी-कभार हर पत्नी
को करना चाहिए।
अनावृत होने से डरें नहीं
आम
तौर पर शादी के कुछ साल बाद सेक्स को तमाम कामों की तरह फटाफट निपटाने पर
ज्यादा जोर दिया जाने लगता है। इसका सबसे पहला असर यह होता है कि पत्नियां
पूरी तरह से अपने कपड़े उतारने से डरती हैं। उन्हें यह भी डर होता है कि
ऐसी स्थिति में परिवार के किसी सदस्य ने बुला लिया तो? फिलहाल यहां
एक्सपर्ट्स की राय मानें और कभी-कभार पति के सेक्सी मूड को देखते हुए
उऩ्हें अपने शरीर के उतार-चढ़ाव से खेलने का पूरा मौका दें। यह स्त्रियों
में अपनी सेक्सुअलिटी के प्रति आत्मविश्वास पैदा करेगा।
फोरप्ले को नजरअंदाज न करें
सेक्स में फोरप्ले की भूमिका को नजरअंदाज न करें। इसे महज एक शारीरिक
क्रिया में न बदल दें। दरअसल फोरप्ले ही पति-पत्नी मे आपसी संवाद और
समझदारी बढ़ाता है। यह आपके सेक्स को ज्यादा उत्तेजक, उत्साह से भरा बनाता
है। देर तक आपके भीतर उसकी सिहरन बरकरार रहती है। इतना ही नहीं यह आपकी
व्यस्त दिनचर्या से आपके मन-मस्तिष्क को बाहर निकालता है, आपको ज्यादा
फ्रेश और ज्यादा उर्जा से भरा हुआ बनाता है।
मल्टीपल आर्गेज्म आजमाएं
मप्लीपल आर्गेज्म के बारे में स्त्रियों ने सुना तो बहुत होता है मगर उसके
व्यावहारिक रूप के बारे में उन्हें कुछ भी पता नहीं होता है। शोध बताते
हैं कि आर्गेज्म के बाद भी स्त्रियों की योनि में देर तक उत्तेजना बनी रहती
है। यानी आपका शरीर तृप्ति के बाद भी सहवास की मांग करता रहता है। अक्सर
संसर्ग के बात दंपति एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं और इस सुख से वंचित रह
जाते हैं। तो यह नियम तोड़ने के लिए जरूरी है कि सहवास खत्म होने के बाद भी
प्रेम करना जारी रखें। आपके पति को दोबारा तैयार होने में थोड़ा वक्त
लगेगा। फोरप्ले को दोबारा किया जा सकता है। अपने साथी से नाजुक अंगों को
दोबारा सहलाने को कहें। आप दोबारा ज्यादा मादकता से भरे सुख को पाने के लिए
तैयार होंगी।
अंधेरे की आजादी
अंधेरा आपके
सेक्स व्यवहार को एक नई आजादी देता है। आप तौर पर दंपति सेक्स के दौरान तेज
रोशनी नापसंद करते हैं। मगर इस बार धीमे नाइट लैंप को भी आफ कर दें।
अंधेरे में एक-दूसरे के शरीर के स्पर्श को महसूस करें। एक-दूसरे की सांसों
के उतार-चढ़ाव और कानों में गूंजती फुसफुसाहट और अस्फुट आवाजें आपके लिए एक
नया अनुभव होंगी...
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