Friday 28 September 2012

बंदरों को ज्यादा आकर्षित करती हैं महिलाएं

बंदरों को ज्यादा आकर्षित करती हैं महिलाएं

दक्षिण अफ्रीका में बंदरों की एक विशेष प्रजाति "वेर्वेट बंदरों''पर अध्यन्न कर वैज्ञानिकों ने ये निष्कर्ष निकाला है की यदि पशुओं को कोई महिला किसी कार्य के लिए प्रेरित करे तो वो उसे बेहतर ढंग से समझते है ।

ये चौकाने वाले तथ्य तब सामने आये है जब टीम द्वारा एक साधारण कार्य बॉक्स बॉक्स खोलने का प्रदर्शन समूह के प्रमुख नर और मादा द्वारा किया गया । ये निष्कर्ष पत्रिका कार्यवाही की रायल सोसायटी बी मे वर्णित है । स्विट्जरलैंड में नयूचाटेल विश्वविद्यालय की बायोलॉजिस्ट एरिका वैन डे वाल और उसकी टीम ने दक्षिण अफ्रीका लोस्कोप बांध नेचर रिजर्व में जंगली वेर्वेट बंदरों के छह पड़ोसी समूहों का अध्ययन किया जहाँ उन्होंने बंदरों को फल रखे हुए ऐसे डिब्बे दिए जिनका हर छोर अलग रंगों से रंग हुआ था । शुरूआती प्रदर्शन मे प्रयोगकर्ताओं ने डब्बे के एक छोर को ब्‍लॉक कर दिया। जहाँ सिर्फ एक सही रास्ता था इस पहेली के जवाब और फल पाने के लिए।
प्रयोगकर्ताओं ने वहां बंदरों के तीन समूह के लिए मॉडल के तौर पर एक प्रभावी नर का चुनाव किया जबकि दूसरे समूह के लिए प्रभावी मादा का चुनाव किया।
बायोलॉजिस्ट एरिका वैन डे वाल ने बताया की यहाँ बंदरों ने परीक्षण और त्रुटि के सिद्धांत पर काम करते हुए इस डब्बों को खोलने मे सफलता पाई। साथ ही उन्होंने ये भी बताया की जब हमने ये देख लिया की बन्दर डब्बों को खोल सकते है तो हमने उनसे ऐसे 25 प्रयोग कराये।

इस परीक्षण के बाद बाकी बंदरों ने इस प्रयोग को किया और वो तब कामयाब हुए जब उनकी प्रदर्शक एक मादा हो साथ ही एरिका वैन डे वाल ने ये भी कहा की इस प्रयोग मे बंदरों ने तब ज्यादा ध्यान दिया जब उनकी प्रदर्शक एक मादा थी इससे ये बात साबित होती है की पशु मादाओं से कार्य सीखने मे ज्यादा दिलचस्पी रखते है । साथ ही मादा नर के मुकाबले समूह मे उच्चय सामाजिक स्तिथि रखती है और उसको खाद्य संसाधनों के बारे मे अधिक ज्ञान होता है जिस कारण ऐसी प्रतिक्रियाएं सामने आयी है ।

 

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