अश्लील तस्वीरों में बढ़ रही किशोरों की दिलचस्पी
किशोरों में अश्लील तस्वीरों और संदेशों की फोन से आदान-प्रदान बेरोक-टोक जारी है। एक नये अध्ययन के अनुसार किशोर पकड़े जाने पर होने वाली कानूनी कार्रवाईयों के बारे में जानने के बावजूद ऐसा करते हैं। उताह विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि लगभग 20 प्रतिशत किशोरों ने स्वीकार किया कि वह सेक्सटिंग करते हैं।
'आर्काइव्स ऑफ सेक्सुअल बिहेवियर’ पत्रिका
में प्रकाशित हुए इस अध्ययन में शोधकर्ता दल के प्रमुख डोनाल्ड
स्ट्रॉसबर्ग ने कहा कि उनके दल ने दक्षिण-पश्चिम अमेरिका के एक निजी
हाईस्कूल के 606 छात्रों का सर्वेक्षण किया और उनसे सेक्सटिंग के उनके
अनुभवों के बारे में पूछा गया। साथ ही उनसे पूछा गया कि क्या वह जानते हैं
कि पकड़े जाने पर उनके साथ क्या हो सकता है? लगभग 20 प्रतिशत छात्रों ने
स्वीकार किया कि वह सेक्सटिंग में शामिल हैं। इसमें लड़कें और लड़कियां
दोनों शामिल थे।
वही लगभग 40 प्रतिशत छात्रों ने कहा कि उन्हें अपने सेलफोन पर ऐसी तस्वीरें मिली हैं। जहां 50 प्रतिशतों लड़कों ने सेक्सटिंग मिलने की बात कही, वहीं 31 प्रतिशत लड़कियों ने इसे स्वीकारा। सेक्सटिंग प्राप्त करने वालों में से लगभग 25 प्रतिशत छात्रों ने कहा कि उन्होंने भी ये अश्लील फोटो दूसरों को भेजें। अध्ययन में यह भी पता लगा कि लगभग एक तिहाई छात्र पकड़े जाने के बाद होनी वाली कानूनी कार्रवाई के बारे में जानते हैं।
वही लगभग 40 प्रतिशत छात्रों ने कहा कि उन्हें अपने सेलफोन पर ऐसी तस्वीरें मिली हैं। जहां 50 प्रतिशतों लड़कों ने सेक्सटिंग मिलने की बात कही, वहीं 31 प्रतिशत लड़कियों ने इसे स्वीकारा। सेक्सटिंग प्राप्त करने वालों में से लगभग 25 प्रतिशत छात्रों ने कहा कि उन्होंने भी ये अश्लील फोटो दूसरों को भेजें। अध्ययन में यह भी पता लगा कि लगभग एक तिहाई छात्र पकड़े जाने के बाद होनी वाली कानूनी कार्रवाई के बारे में जानते हैं।
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