बुड्ढे भी कम रंगीन नहीं होते-
एक नए शोध के अनुसार यूरोपीय देशों में सत्तर से अधिक उम्र वाले दंपत्ति सेक्स संबंधों में सक्रिय है और इससे संतुष्ट भी हैं.
ब्रिटिश मेडिकल पत्रिका के एक सर्वे के अनुसार स्वीडन के शोधकर्ताओं ने पिछले 30 साल की अवधि में 1500 वृद्ध दंपत्तियों से उनके सेक्स जीवन के बारे में पूछा है और ये निष्कर्ष निकाले हैं.
शोध के अनुसार ऐसे लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है जो यह मानते हैं कि उनका सेक्स जीवन लंबा हुआ है और इसमें महिलाओं की भी अच्छी ख़ासी संख्या है.
ब्रिटेन के एक विशेषज्ञ का कहना है कि आज के वृद्ध लोग ज्यादा खुले वातावरण में पले बढ़े हैं. शोध के अनुसार 70 साल से अधिक की उम्र के शादीशुदा और अविवाहित दोनों ही लोग सेक्स के मामले में सक्रिय हैं.
हाल में किए गए सर्वेक्षण में विवाहितों में 68 प्रतिशत पुरुषों का कहना है कि वो सक्रिय सेक्स जीवन व्यतीत कर रहे हैं जबकि महिलाओं में यह संख्या 38 प्रतिशत से बढ़कर 56 प्रतिशत हुई है.
सेक्स जीवन से संतुष्ट होने वाली महिलाओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है.
ओटावा यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर पेगी क्लिनप्लाट्ज़ का कहना है कि अब डॉक्टरों को अपने सभी मरीज़ों से सेक्स के बारे में ज़रुर पूछना चाहिए क्योंकि ये एक ज़रुरी हिस्सा है स्वस्थ जीवन का.
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में सेक्स साइकोलॉजी की विशेषज्ञ पेट्रा बायनटन कहती हैं कि अभी भी लोगों को लगता है कि वृद्ध लोग सेक्स के मामले में सक्रिय नहीं हो सकते हैं जबकि ऐसी बात नहीं है.
वो कहती हैं, ''इस नए शोध को कई तरह से देखा जा सकता है. ज़रुरी नहीं कि जिनसे सवाल पूछे गए हैं उनसे यह भी पूछा गया हो कि वो किस तरह का सेक्स जीवन बिता रहे हैं. सेक्स का मतलब सिर्फ संभोग से नहीं मानना चाहिए और कई दंपत्ति ऐसे भी ज़रुर होंगे जो बिल्कुल सेक्स न करते हों. ''
ब्रिटिश मेडिकल पत्रिका के एक सर्वे के अनुसार स्वीडन के शोधकर्ताओं ने पिछले 30 साल की अवधि में 1500 वृद्ध दंपत्तियों से उनके सेक्स जीवन के बारे में पूछा है और ये निष्कर्ष निकाले हैं.
शोध के अनुसार ऐसे लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है जो यह मानते हैं कि उनका सेक्स जीवन लंबा हुआ है और इसमें महिलाओं की भी अच्छी ख़ासी संख्या है.
ब्रिटेन के एक विशेषज्ञ का कहना है कि आज के वृद्ध लोग ज्यादा खुले वातावरण में पले बढ़े हैं. शोध के अनुसार 70 साल से अधिक की उम्र के शादीशुदा और अविवाहित दोनों ही लोग सेक्स के मामले में सक्रिय हैं.
हाल में किए गए सर्वेक्षण में विवाहितों में 68 प्रतिशत पुरुषों का कहना है कि वो सक्रिय सेक्स जीवन व्यतीत कर रहे हैं जबकि महिलाओं में यह संख्या 38 प्रतिशत से बढ़कर 56 प्रतिशत हुई है.
सेक्स जीवन से संतुष्ट होने वाली महिलाओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है.
ओटावा यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर पेगी क्लिनप्लाट्ज़ का कहना है कि अब डॉक्टरों को अपने सभी मरीज़ों से सेक्स के बारे में ज़रुर पूछना चाहिए क्योंकि ये एक ज़रुरी हिस्सा है स्वस्थ जीवन का.
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में सेक्स साइकोलॉजी की विशेषज्ञ पेट्रा बायनटन कहती हैं कि अभी भी लोगों को लगता है कि वृद्ध लोग सेक्स के मामले में सक्रिय नहीं हो सकते हैं जबकि ऐसी बात नहीं है.
वो कहती हैं, ''इस नए शोध को कई तरह से देखा जा सकता है. ज़रुरी नहीं कि जिनसे सवाल पूछे गए हैं उनसे यह भी पूछा गया हो कि वो किस तरह का सेक्स जीवन बिता रहे हैं. सेक्स का मतलब सिर्फ संभोग से नहीं मानना चाहिए और कई दंपत्ति ऐसे भी ज़रुर होंगे जो बिल्कुल सेक्स न करते हों. ''
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