Sunday 30 December 2012

sunday special -प्यार का मौसम--1

प्यार का मौसम

नीता की शादी दो महीने बाद फिक्स हो गई थी. वो मन ही मन मुस्कुराती रहती थी. दिन भर अपने होने वाले पति रमेश की यादों मे खोई रहती थी. बार बार
उसकी तस्वीर देखती और उसे चूमती.कई कई घंटों तक अपने कमरे से बाहर नही आती थी. अपनी होने वाली सुहागरातकी सोच सोच कर अपनी चूत सहलाती रहती.इधर उसकी मा कमला भी खुश थी. अपने पति के मरने के बाद पहली बार उसे पूरीखुशी का एहसास हो रहा था. नीता के कारण उसने अपनी सेक्स की भूख को दबा कररखा था. लेकिन क्या करती सेक्स को दबाना इतना आसान नही था.अब जब नीता का ब्याह पक्का हो गया था उसकी चूत की खुजली बढ़ने लगी थी.बाहर तो कम ही जाती थी. दो साल मे कभी उसका देवर आता तब मौका देख कर उससे चुदवा लेती. 

 

आख़िर कुच्छ ऐसा हो गया कि उसकी आग और भड़क उठी. उसने एक दिन अपने 18 सालके लड़के जीतू को नंगा देख लिया ओर उसका लंड देख कर वो गरम हो गई. उसनेसोचा जीतू को तैयार कर लेती हूँ और नीता की शादी के बाद उसके साथ सोउंगी.अगले दिन जब नीता दोपहर को अपने कमरे मे चली गई तो उसने जीतू को बुलाया.?बेटा देख और बता कौन सी सारी मुझपे अच्छी लगती है? तेरी बहेन तो खुद मेही बिज़ी है.?. जीतू को औरतों की सारी मे कोई इंटेरेस्ट नही रहता था,लेकिन अपनी मा की बात सुन कर उसे रुकना पड़ा.ये वाली तीन अच्छी हैं.? जीतू बोला. ?मुझे डाउट है ये इतनी ठीक हैंक्या? रुक मैं पहेन कर देखती हूँ.? ये कह कर उसने अपना गाउन उतार दिया.अपनी मा को पहले भी वो पेटिकोट ब्लाउस मे देख चुका था. लेकिन आज जब उसनेगाउन उतारा तब उसके दो बटन खुले थे. उनमे से दिख रही ब्रा ने जीतू को एकबार परेशान कर दिया.कमला समझ गई जीतू की नज़र कहाँ है. उसने उस बात को इग्नोर किया और सारीपहेन्ने लगी. जान भुज कर उसने सारी अंदर डालते समय और ठीक करते समयपेटिकोट नाभि से नीचे खींच लिया. उसकी नाभि पर जीतू की नज़र पड़ते हीउसकी पॅंट मे करेंट दौड़ गया.

 

दो सारी पहेन्ने के बाद जीतू बोला ?इसका मॅचिंग ब्लाउस भी साथ पेहेन्ति
तो ज़्यादा अच्छा लगता.?. ?कल मिलेंगे सिल कर? ये कहते हुए उसने सारी
उतारी और उसी अवस्था मे बिस्तर पर लेट गई. आदमी को चूत का दरवाज़ा दिखाना

उसे अच्छी तरह आता था?.

?आ इधर ही सो जा.? कहते हुए वो थोड़ा खिसक गई. जीतू उसके उभरे हुए वक्ष
देख कर वैसे ही सुध बुध खो बैठा था, कुच्छ बोले बिना पास मे लेट गया.

कमला उसकी तरफ मूड कर उससे बातें करने लगी. लेकिन जीतू का ध्यान बातों मेकम और उसके बाहर झाँकते हुए बूब्स पे ज़्यादा था. ऐसा लग रहा था मानो वोकिसी भी पल ब्रा से बाहर निकल पड़ेंगे. उसकी ब्रा देख कर तो मानो जीतू केलंड मे आग लग रही थी.थोड़ी देर बाद दोनो सो गये. कमला की जब नींद खुली तो जीतू सो रहा था.कमला ने धीरे से उसके आधे सख़्त लंड पे हाथ रख दिया और आँख बूँद कर केजीतू के उठने का इंतजार करने लगी. जब जीतू की आँख खुली और उसने अपनी माका हाथ अपने लौदे पे पायातो उसका लंड तेज़ी से फूलने लगा. कमला को उसके कड़क होते लंड का एहसास बड़ा मीठा लगा. मन तो किया दबा डाले पर अपने आप को रोक लिया. जीतू भी आँख बूँद कर के सोने का नाटक करते हुए कमला के कोमल हाथों का स्पर्श एंजाय करता रहा?.अगले दिन फिर दोपहर को कमला ने जीतू को बुलाया. जीतू भाग कर आ गया. ?देख
आज ब्लाउस भी आ गये.? कहते हुए कमला ने एक ब्लाउस निकाला और उसे निहारनेलगी. फिर उसने कल की तरह गाउन उतारा.


 आज उसने गाउन उतारते समय अपनापेटिकोट जांघों तक उठा कर गिराया. उसकी सुडोल और चिकनी जाँघ देख कर जीतूहड़बड़ा गया.'मैं ये पहेन कर देखती हूँ.' ये कहते हुए कमला ने गाउन अपने कंधों पर रखाऔर अपना ब्लाउस खोल दिया. जब जब वो अपने हाथ उपर करती जीतू को उसकी पतली
ब्रा दिखाती और उसे मे से झाँकते हुए उसके उरोज. जीतू के लॉड का हाल बुरा था. कमला की नज़र उस पर थी. वो समझ रही थी जीतू का ध्यान उसके वक्ष पर है. उसने सिर्फ़ एक उपर का बटन बूँद किया और फिर गाउन उठा कर बिस्तर पे फेंक दिया.बड़ी सरलता के साथ वो अपने बटन लगाने लगी पर चोर नज़रों से जीतू को देख लेती. जीतू का पूरा ध्यान उसकी ब्रा पर था. मानो वो उनमे च्छूपे लाल लाल हीरे ढूंड रहा था.कमला ने आज फिर सारी पेहेन्ते समय अपना पेटिकोट नीचे खींचा. आज पूरी तैयारी मे थी इसलिए पेटिकोट लूज बाँध रखा था. आज थोड़ा खींचने पर दो इंच
नीचे आ गया. जीतू बहाल हो गया??सारी चेक करने के बाद उसने अपना पुराना ब्लाउस पहना और इस बार बिना कोई बटन लगाए गाउन उतार दिया. फिर धीरे से दो बटन लगाए नीचे के, बाकी खुले रहने दिए. और बिस्तर पर लेट गई 'आज बहुत थक गई हूँ.' कहते हुए वो पेट के बल घूम गई. "आ, सो जा" कहते हुए उसने थोड़ी जगह बिस्तर पर बनाई. सिर्फ़
इतनी जगह की जीतू सो सके और उसका शरीर कमला के शरीर से टच हो जाए.कमला के शरीर को छुते ही उसका शरीर गरम हो गया. 

 कमला भी जान बूझ कर उसकी तरफ मूड कर बातें करने लगी. उसके आधे नंगे बूब देख कर जीतू का लंड चार गुना हो गया. उसकी ब्रा मे से निकलते बूब्स देख कर आज जीतू से रहा नही गया.उसने बात करते करते कमला की नंगी कमर पे हाथ रख दिया. कमला उसके स्पर्श से सिहर उठी. बड़ी चालाकी से जीतू ने अपना हाथ धीरे धीरे उपर कर दिया. अब
उसका हाथ कमला के उरोज का पास था. और कमला गरमा रही थी. उसका हाथ अपने आप जीतू के गाल पर चला गया और वो उसे सहलाने लगी. जीतू ने थोड़ी देर बाद सोने का नाटक करते हुए आँख बूँद कर ली.

कमला उसका हाथ अपनी चुचियों पर चाहती थी. वो धीरे से घूमी. सिर्फ़ इतना की जीतू का हाथ उसके उभार पर ठीक से आ जाए. और फिर वो उसके हाथ का स्पर्श एंजाय करते हुए सो गई.

जब वो उठी तो उसने पाया जीतू का हाथ उसकी चूत पर था. अगर उसका पेटिकोट का
नाडा आगे होता तो शायद आज जीतू उसकी नंगी चूत सहला लेता??

उस की उमीद से कहीं ज़्यादा तेज़ी से जीतू आगे बढ़ रहा था. कमला सोच मे
पड़ गई और उसने सोच लिया की अब थोड़ा स्लो करेगी. लेकिन अगले दिन फिर
उसकी चूत की आग ने उसकी सोच को जला दिया. आज उसने सिर्फ़ ब्रा पहेन ली और
पेटिकोट दो इंच नीचे. नाडा इतना खुला रखा की उसकी सफेद चड्डी के दर्शन हो
जाएँ?..

जैसे ही नीता अपने कमरे मे गई जीतू बिना बुलाए कमला के कमरे मे आ गया.
?वो नीली वाली सारी पहेन कर बताना ज़रा. शायद वो ज़्यादा अच्छी लगेगी?
जीतू बोला. कमला के मन मे लड्डू फूट रहे थे जीतू की बात सुन कर. उसने
फटाफट कपबोर्ड से सारी निकाली और गाउन उतार दिया. ?अर्री ! ब्लाउस तो
अंदर ही है.? कहते हुए कमला ब्रा मे ही गई और ब्लाउस निकल कार बेशर्मी से
उसके सामने पहनने लगी. जीतू का लंड उपर नीच होने लगा?..

?ज़रा खींच? कहते हुए कमला ने उसे बुलाया. जीतू उसके पास बैठ कर सारी को
खींचने लगा और इस बहाने उसका पेटिकोट और नीचे सरक गया. जीतू उसकी नाभि
देख कर और गरमा गया. ?ये पेटिकोट तो फट गया है. आप फटे कपड़े क्यों
पेहेन्ति हो?? कहते हुए जीतू ने उसका पेटिकोट थोड़ा उपर उठाया और कमला को
दिखाया. इस बहाने उसकी सुडोल कॅफ के दर्शन जीतू को हो गये.



कमला उसके बर्ताव से खुश हो रही थी. उसने अपने मन को मजबूत किया और बोली
?ठीक कहता है तू बेटा. अभी बदल देती हूँ? ये कहते हुए उसने अपनी सारी
उतारी और नया पेटिकोट निकाल लिया. जीतू इंतजार मे ज़मीन पर ही बैठा रहा.
कमला ने नया पेटिकोट उपर से डाला और जब वो उसकी कमर तक आ गया तो उसने अपने पहने हुए पेटिकोट का नाडा खोल दिया और उसे गिरा दिया. कुच्छ पल के लिए जीतू को कमला की पॅंटी और उसमे से उसकी फूली हुई चूत के दर्शन हो गये. जैसे जैसे नया पेटिकोट नीचे आता गया उसकी आँखें भी नीच आती गयी और कमला की जांघों को निहारती रही. कमला सब समझ रही थी. उसने अपना नाडा बाँधा पर इस तरह की उसकी पॅंटी खुल कर दिखे. जीतू की आँखें वहाँ से हट नही रही थी?..चल अब सो जाते हैं? कहते हुए कमला बिस्तर पर लेट गई. आज उसने ब्लाउस पहने बिना ही सोने की सोच ली थी. दिखावे के लिए उसने अपना गाउन अपने वक्ष पर रख दिया और लेट गई. आज उसने सिर्फ़ इतनी जगह रखी कि जीतू आधा ही लेट पाए. जीतू भी तो यही चाहता था. वो चुपचाप उसके पास लेट गया और जगह कम होने की वजह से उसका लंड कमला की जाँघ को टच हो गया. कमला के शरीर मे आग लग गई गरम लॉडा टच होते ही. जीतू ने गिरने का बहाने करते हुए कमला के पेट पर हाथ रख दिया. जब जीतू को लगा कि उसकी मा उसके लंड से कंफर्टबल है तो उसने अपना हाथ उठा कर उसके कंधे पर रख दिया. इस तरह कमला का एक वक्ष उसके हाथ के नीचे दब गया. जीतू थोड़ा और चिपक गया उसके शरीर से.कमला अपनी हालत से परेशान थी. मन तो कर रहा था जीतू का लंड पकड़ ले पर
दिमाग़ ने रोक लिया. धीरे से उसने गाउन हटा कर अलग कर दिया? बड़ी गर्मी है?. अब बातें करते करते जीतू का हाथ कभी लेफ्ट तो कभी राइट बूब पर चला जाता. एक दो बार उसने धीरे से दबा भी दिया?..जब कमला उठी तो वो पेट के बल लेटी हुई थी और उसने अपनी ब्रा का हुक खुला
पाया. समझ गई उसकी नंगी पीठ सहलाई होगी जीतू ने और शायद उसकी गांद भी दबाई होगी?.. उसका मन खुशी से झूम रहा था. उसने हल्के से अपने सोए हुए बेटे का लंड सहलाया और उठ गई.


शाम को जीतू किचन मे आया. नीता के किचन से बाहर जाते ही पीछे से कमला को
पकड़ लिया. उसने बेफिकर हो कर अपना लंड उसकी गांद पर टीका दिया और उसके
बूबे पकड़ लिए. कमला की चूत से गरम लहर छूट गयी, लेकिन उसने अपने आप को
संभाला और जीतू को अलग किया. ?ये क्या कर रहा है?? वो गुस्सा दिखाते हुए
बोली. जीतू घबरा गया, हकलाते हुए बोला ?लेकिन आज दोपहर को तो आपने कुच्छ
नही कहा था?.?

?तो क्या दिन भर यही करेगा? और अपनी बहेन के सामने तो खबरदार !? उसने
आँखें फाड़ कर कहा तो जीतू समझ गया. ?ठीक है मम्मी? कहते हुए चला गया. मन
ही मन जीतू खुशी से पागल हो गया. उसे कमला की चूत का रास्ता दोपहर को सॉफ
दिखने लगा.

लेकिन इंतेजार किसे सहन होना था. रात को जीतू मा के कमरे मे पहुँच गया.
?मुझे नींद नही आ रही?. ?आजा इधर सो जा? कहते हुए कमला ने उसे जगह दी और
मूड कर लेट गई. जीतू ने अपना लंड उसकी गांद से टीकाया और हाथ डाल कर उसके
गाउन के उपर से ही मम्मे पकड़ लिए. धीरे धीरे आगे पिछचे करते हुए उसने
अपने लंड का पानी निकाला और कमला ने उसके टाइट लंड का लुत्फ़ उठाते हुए
अपनी चूत गीली की.


सुबह जल्दी उठ कर कमला ने जीतू को जगाया और उसके कमरे मे भेज दिया. जीतू
समझ गया और चुपचाप चला गया.

सुबह कमला ने ब्रा नही पहनी. सिर्फ़ ब्लाउस पहना और सारी टाइट बाँध ली.
इस तरह उसकी गांद उभार कर दिख रहा था. मौका मिलते ही सारी का पल्लू गिरा
कर अपने लटकते हुए आम दिखा दिखा कर जीतू के लंड को गरम सेक देती. जीतू का हाल बुरा था. पता नही कितनी बार उसने अपनी मा की उभरी हुई गांद देख कर अपना लंड दबा दबा कर मूठ मारी.

जैसे ही नीता अपने कमरे मे गई जीतू ने उसका दरवाजा बाहर से बंद कर दिया और कमला के कमरे मे घुस गया. कमला भी तय्यार बैठी थी. अपना पल्लू गिरा कर उसने अपने ब्लाउस के चार बटन खोल दिए थे. बेड पर बैठ कर अपनी सारी जाँघो तक उठा रखी थी और अपने घुटने सहलाने की आक्टिंग कर रही थी. अपनी मा की आधी से ज़्यादा नंगी चुचियाँ देख कर जीतू का लॉडा टाइट हो गया.उसके पास जा कर कमला के घुटनों पे हाथ फेरने लेगा.?दर्द हो रहा है?? कहतेहुए उसने कमला के ब्लाउस मे झाँका और धीरे से हाथ उसकी जाँघ पे ले गया.हां, ज़रा दबा दे? कहते हुए कमला बिस्तर पर लेट गई. उसकी नंगी थाइस देखकर जीतू के होश उड़ गये. फिर उसका ध्यान उसके ब्लाउस मे से बाहर निकालते हुए उसके मम्मो पर गया. उसके पतले से ब्लाउस से उसकी निपल साफ दिख रही थी. जीतू सोच मे पड़ गया किधर दबाए.?आ लेट जा और दबा? कमला ने उसके पैर खींचे.जीतू उसके बगल मे लेट गया और उसके घुटनों को सहलाने लगा. उसका मुँह कमला के पैरों की तरफ था. कमला ने अपना हाथ धीरे से उसकी जाँघ पर रख दिया.जैसे जैसे उसका हाथ उपर आता गया वो सारी उपर करता गया. खुद भी धीरे धीरेउपर खिसकता गया. अब कमला की चूत पनिया रही थी. वो धीरे से मूडी और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच डाल दिया और सहलाने लगी. उसका हाथ बार बार जीतू
के लंड से टकरा जाता. पहले तो धीरे धीरे और फिर दबाव बढ़ने लगा.

जीतू का हाथ भी उसकी चूत की फाँक तक पहुँच गया था. दोनो चुपचाप मज़े ले रहे थे. जब जीतू से सहन नही हुआ तो उसने मुँह उठा कर एक चुम्मि ले ली.

कमला का शरीर सिहर उठा. ?ये क्या कर रहा है?? वो बोली और जीतू घबरा कर
बैठ गया. ?पप्पी ले रहा था? वो शरमाते हुए बोला. कमला की सहन शक्ति के
बाहर हो चुकी थी उसकी चूत की गर्मी. उसने अपने घुटने मोड़ लिए जिस कारण
उसकी सारी कमर पे आ गयी. एक हाथ से उसका लंड दबाते हुए उसने दूसरे हाथ से
अपनी चूत को खोला. ?ऐसे खोल के पप्पी करते हैं. बुढ़ू? वो बोली और ललचाई नज़रों से उसकी ओर देखा.जीतू भी कम नही था. एक पैर उसके पेट पे रख दिया और सीधा मुँह उसकी चूत मे घुसा दिया. कमला ने भी उसका पाजामा खींच लिया धीरे धीरे और उसके गरम हथोदे को अपने हाथ मे ले कर निहारने लगी. उसकी लाल टोपी को देख कर उसका दिल सब कुच्छ भूल गया और उसने उसे चूम लिया.काफ़ी देर तक जीतू चाट ता रहा और कमला उसके लॉड को बार बार चूमती रही. जब उसका मुँह दुखने लगा तो वो उलट गया और कमला की टाँगों के बीच मे लेट गया.उसका लंड कमला की चूत पर टिका था. कमला ने हाथ नीचे किया और उसके लॉड को पकड़ कर अपनी चूत का दरवाज़ा दिखाया. धीरे धीरे जीतू उसे चोदने लगा और वो मज़े ले ले कर उसका लंड खाती रही.अचानक उसने रफ़्तार बढ़ा दी और पानी छूट ते ही अपनी मा पर निढाल हो कर
लेट गया. कमला ने उसे चूम लिया. वो तो पहले ही कई बार पानी छ्चोड़ चुकी थी

 अगले दिन जीतू नीता का कमरा बंद करना भूल गया. नीता पानी पीने बाहर आई तो मा के कमरे से आवाज़ आई. वो परेशान हो गई. कीहोल से देखा तो उसका दिल बैठ गया. जीतू खड़ा था और कमला बिस्तर पर बैठ कर उसका लंड लॉलिपोप की तरह चूस रही थी. उसकी चूत तब गीली हो गई जब उसकी मा टाँगें फैला कर लेट गई और जीतू का लंड उसकी चूत की गहराई मे खो गया.अंदर बाहर होते हुए लॉड को देख कर उसका शरीर उत्तेजना से काँप उठा. जब दोनो चुदाई के बाद एक दूसरे से लिपट कर सो गये तो नीता अपने कमरे मे चली गई. बहुत सोचने पर वो इस नतीजे पर पहुँची कि उसे तो कुच्छ दिन बाद जाना है. क्यों मा बेटे के बीच आए. लेकिन सेक्स देखने की आतूरता वो रोक ना पाई.उसने मौका देख कर खिड़की खुली छ्चोड़ दी.फिर हर दोपहर और कभी कभी रात को वो उनका नंगा खेल देखती. कमला जीतू से तरह तरह से चुदवाती और चुस्वाति. लगता था मानो कमला ने काम शास्त्र मे पीएचडी करी हो. कभी वो घोड़ी बन जाती और जीतू उसके मम्मे पकड़ कर मसल्ते हुए उसको चोद्ता. कभी वो एक टाँग टेबल पर रख कर खड़ी रहती और जीतू खड़े खड़े उसको चोद्ता.कभी कभी वो शहद लगा लेती अपनी चूत और मम्मो पर और जीतू उनको घंटों चाटता. कभी वो उसकी गर्दन पर अपनी टाँगें रख कर चुदवाती और कभी उसकी कमर पकड़ के.नीता को असली मज़ा तो तब आने लगा जब जीतू ने कमला की गांद मे अपना लंड पेल दिया. फिर तो वो कई बार अपनी गांद मर्वाति और फिर उसी लंड से अपनी चूत को शांत करवाती.
जीतू तो पूरा चुड़क्कड़ खिलाड़ी बन गया था.

आख़िर शादी से कुच्छ दिन पहले अकेले मे नीता जीतू से बोली ?जीतू ! मेरी
शादी के बाद मा का ख़याल रखना?. जीतू बोला ?आप बिल्कुल्ल फिकर ना करो.
मैं मा का हर तरह से ख़याल रखूँगा?. ?सिर्फ़ वैसे ही नही, हर तरह से?कहते हुए नीता ने उसे आँख मारी. ?मतलब?? कहते हुए जीतू हड़बड़ाया. ?मुझे सब पता है. दोपहर और रात का खेल मैं देख चुकी हूँ. मा को मत बताना.? नीता की ये बात सुनते ही जीतू लाल लाल हो गया और शर्मा कर भाग गया.इसी तरह वक़्त बीत गया और नीता की एक दिन शादी हो गयी.शादी की रात उसके पति रमेश ने उसकी सील तोड़ी. नीता ने बहुत कुच्छ देख लिया था. उसकी चूत पूरी तरह तय्यार थी लंड खाने के लिए. उसका पति रमेश हर रोज रात को उसको दो तीन बार चोद लेता था. नीता भी गंद उच्छाल उच्छाल कर अब चुदवाती. मौका मिलता तो दिन मे भी रमेश उसकी ले लेता.लेकिन दो तीन महीने बाद नीता थोड़ी बोर होने लगी. रमेश वेराइटी वाली चुदाई नही करता था जो उसकी मा और भाई करते थे. कभी कभी उसका मन करता अपने भाई के पास जा कर चुदवा ले?..

घर मे नौकरानी लता के होने के कारण उस को ज़्यादा काम नही करना पड़ता था इसलिए अपने कमरे मे ही ज़्यादा रहती थी. एक दिन जब उसकी सास मंदिर गई तो वो बाहर कमरे मे आ गई. ?लता ! पानी देना? उसने आवाज़ लगाई. लेकिन लता का कोई जवाब नही आया. वो किचन मे गई देखने पर उसे वहाँ कोई नही मिला. वो जैसे ही वापस मूडी लता अंदर आ गई. ?कहाँ थी?? नीता ने पुछा तो वो बोली ?टेरेस पे गई थी.?
कुच्छ दिन बाद फिर ऐसा ही हुआ. तब नीता को शॅक हुआ. वो एक दिन अपने कमरे का दरवाजा थोड़ा खोल कर इंतेजार करने लगी. लता किचन से निकली और उसके दरवाजे की तरफ देखने लगी. थोड़ा खुला देख कर वो दूसरी तरफ गई और कुच्छ सेकेंड बाद वापस किचन मे चली गई.
अगले दिन नीता ने दरवाजा बंद रखा पर कीहोल से देखती रही. लता धीरे से निकली और चली गई. नीता कुच्छ मिनिट के बाद धीरे से बाहर आई. धीरे धीरे घर मे उसे ढूँडने लगी. अचानक उसे कुच्छ आवाज़ आई अपने ससुर के कमरे से. वो डरते डरते गई और कीहोले से देखने लगी. अंदर का द्रश्य देख कर उसके होश उड़ गये. उसके ससुर खड़े थे और लता उनका लंड चूस रही थी.

फिर जब उनका लंड पूरी तरह तय्यार हो गया लता ने अपनी सारी उपर की और टेबल
का सहारा ले कर खड़ी हो गई. ससुर ने अपना मोटा लॉडा उसकी चूत मे पेल दिया
और धक्के मारने लगे. वो काफ़ी देर तक देखती रही और कब उसकी चूत से पानी टपकने लगा उसे पता ही नही चला. इतना तो उसे समझ आ गया था कि उसके ससुर
बड़ी देर तक चोद्ते थे. शायद तब तक जब तक लड़की दो तीन बार पनिया ना जाए?.फिर तो रोज वो चुपके चुपके उनकी चुदाई का खेल देखने लगी. सासूमा मंदिर जाती और लता ससुर के कमरे मे?..अब उसको अपनी चुदाई से बोरियत और बढ़ने लगी. कई बार कोशिश की पर रमेश सीधी चुदाई से ही खुश था.

अब वो अपने ससुर के लौदे को अलग नज़रों से देखती थी. जब चान्स मिलता पाजामा मे क़ैद उनके लंड को ध्यान से देखती और समझने की कोशिश करती कि वो टाइट है या सोया हुआ है.
उसकी वासना अब चरम सीमा पर आ रही थी. एक दिन जब वो अपने कमरे से निकली लता ससुर के कमरे से वापस आ गई और दोनो एक दूसरे को देख कर हड़बड़ा गये.नीता ने कुच्छ नही कहा इसलिए लता भी चुपचाप किचन मे चली गई. फिर कई बार इसी तरह लता ससुर के कमरे से निकलते हुए उसके सामने आ गई. शायद लता भी समझ गई कि नीता को पता चल गया है. उसने ससुर को एक दिन अपना शक़ बता दिया. ससुर सोच मे पड़ गये. सेक्स तो उन्हे चाहिए था पर बहू से बचना ज़रूरी था.
उनके शातिर दिमाग़ ने एक तरक़ीब ढूंड ली. वो अगले कुच्छ दिन तक दरवाज़ा थोडा सा खुला रख कर लता की लेने लेगे. लता डरती थी पर बाद मे उससे भी मज़ा आने लगा. अगले दो तीन दिन लता को सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकोट मे बाहर भेज देते ससुर.वो हाथ मे सारी लिए किचन मे भाग जाती. नीता ने एक दो बार देखा पर कुच्छ बोल ना पाई. अब उसके ससुर की समझ मे बात आ गई थी?..फिर उन्होने अपने प्लान का दूसरा आक्ट शुरू किया. अब वो नीता के कमरे मे जा कर उससे बातें करने लगे. नीता को भी समझ रहा था. उसने भी सोचा खेल बुरा नही है. अब वो भी अपने कपड़े उल्टे सीधे पहेन कर घूमती. जब ससुर कमरे मे आने वाले होते तो वो पतले से सी थ्रू कपड़े वाले सलवार कमीज़ पेहेन्ति और बिना ब्रा के अपनी चुचियों का प्रदर्शन करती. ससुर भी अब उसके आगे पिछे हाथ फेरने लगे. लता ने ये सब नोटीस किया पर चुप रही.

?चलो बाहर बैठ कर टीवी देखते हैं? ये कहते हुए उसके कुल्हों को सहलाते और उसे बाहर ले आते. नीता भी भोली बनते हुए उनका साथ देती.
अब जब उसकी सास मंदिर जाती तो ससुर लता को समान लाने भेज देते और नीता को पास बिठा कर बातें करते. बातें तो कम करते थे पर उसके शरीर को ज़्यादा सहलाते थे. नीता भी अब उनसे बेझिझक चिपक कर बैठ जाती. वो उसके कंधों पे हाथ रख कर उसे अपनी छाती पर दबोचते और वो भी सीधी बिल्ली की तरह उनकी छाती पर सर रख कर बात करती रहती. धीरे धीरे बात आगे बढ़ने लगी? एक दिन ससुर का हाथ फिसल कर उसकी पीठ पे आ गया और कमर पे चला गया. नीता की चूत अब रोज़ ससुर के स्पर्श के इंतेजार मे दाहाकति थी?.धीरे धीरे उसके कूल्हे दबाना आम बात हो गई. अब पास बैठने पर नीता का हाथ उनकी जाँघ पर चला जाता और उनका हाथ उसके मम्मो को साइड से दबाने लगता.नीता चुदाई की आग मे जल रही थी. एक दिन उसने बेशर्मी से अपने शरीर को टर्न कर दिया ताकि ससुर का हाथ उसके बूब्स को पकड़ सके?..ससुर को तो इसी लड्डू की चाह थी? उन्होने मौके का फयडा उठाया और उसके बूबे सहलाने लगे?..अगले दिन से तो मौका मिलते ही ससुर उसके बूब पकड़ लेते और वो शर्मा करअपना मुँह उनकी छाती पे रख देती?.. लेकिन चुदाई अभी बाकी थी?..

ससुर समझ तो गये थे पर जल्दबाज़ी नही करना चाहते थे. अब उन्होने उसके
कूल्हे दबाते दबाते उसकी गांद के छेद मे उंगली रगड़ना शुरू कर दिया. नीता
गरम हो जाती पर शरमाने की आक्टिंग करते हुए उनके हाथ को हटा देती?.

एक दिन मौका देख कर ससुर उसके पीछे किचन मे चले गये. उसकी कमर मे हाथ डाल
कर बातें करने लगे. नीता इंतजार करने लगी कब उनका हाथ उपर जाकर उसके
मम्मे पकड़ेगा. पर ससुर ने हाथ उपर की बदले नीचे कर लिया और उसकी गांद
सहलाने लगे. जब नीता कुच्छ ना बोली तो उन्होने उसकी गांद की दर्रार मे एक
उंगली डाल दी. नीता ने आदत के मुताबिक उनका हाथ हटाना चाहा पर आज ससुर का
लंड पूरी गर्मी मे था. उन्होने उसके आगे आकर दूसरे हाथ से उसका हाथ पकड़
लिया.

धीरे से मुस्कुराते हुए उन्होने उसका हाथ दबाया और अपना शरीर उसके शरीर
से चिपका दिया. ?ऐसे मत किया कर? कहते हुए उन्होने अपनी उंगली उसकी गांद
की दरार मे और अच्छी तरह फिट कर दी और घिसने लगे. नीता अपने शरीर की
गर्मी से बहाल थी. कुच्छ ना बोली और चुपचाप खड़ी एंजाय करने लगी. ससुर ने
उसके गाल पे किस किया और उसे दबोच लिया. उनका टाइट लॉडा उसकी चूत से टकरा
गया. वो बिना सोचे थोड़ी उँची हुई और उनके लंड से अपनी चूत को भिड़ा
दिया.इतने मे आवाज़ आई और दोनो अलग हो गये. लेकिन लता की समझ मे आ गया कि
कुच्छ हो रहा था. वो स्माइल करते हुए ससुर को आँख मार कर चली गई.
अब ससुर ने पक्का इरादा कर लिया था नीता को चोदने का.


लेकिन भगवान को ये मंजूर नही था.

उसी रात रमेश का छ्होटा भाई नितिन आ गया. ऑफीस के काम के सिलसिले मे वो
आया था और चार दिन रुकने वाला था. खाना खाने के बाद जब हाथ धोने गया तब
उसने नोटीस किया किस तरह उसके पिता ने नीता की गांद पर चालाकी से हाथ
फेरा था. वैसे तो वो नीता की सेक्सी बॉडी पे पहले से ही फिदा था और ये
देख कर तो उसका लंड तन तना गया.

अगले दिन सुबह बोला ?भाभी मुझे अपनी वाइफ रीना के लिए शॉपिंग करनी है. आप
साथ चलो.? नीता की चूत आज ससुर के लंड के लिए बेताब थी पर ना करना
मुश्किल हो गया जब रमेश ने भी उससे जाने को कहा.

शॉपिंग करते हुए नितिन ने अपना हाथ साफ करना शुरू कर दिया. नीता के
कुल्हों पर और कभी कमर पे हाथ रख देता. नीता तो वैसे ही तड़प रही थी
सेक्स के लिए और नितिन का हाथ उसे और गरम करने लगा.

ऑटो मे आते वक़्त नितिन ने सामान एक तरफ रख दिया और नीता के साथ चिपक कर
बैठ गया. नीता कुच्छ ना बोली. फिर क्या था, नितिन ने उसके कंधे पर हाथ रख
दिया और बातें करने लगा? आप खुश तो हो ना हमारे घर मे??. ?हां खुश तो
हूँ. तकलीफ़ किस बात की? सभी अच्छे हैं.? नीता बोली और एक प्यारी सी
मुस्कान दे दी. ?भैया कैसे हैं?? नितिन ने पुछा. ?वो भी अच्छे हैं. सीधे
साधे हैं. आपकी तरह शैतान नही हैं? नीता मुस्कुराते हुए बोली.

झट से नितिन ने अपना हाथ नीचे किया और उसकी बाँह और उरोजो के बीच डाल कर
उसे अपनी ओर दबोच लिया ?मैं शैतान हूँ?? . नीता को उसके शरीर की गर्मी ने
निढाल कर दिया. ?ऐसे क्या कर रहे हो, ड्राइवर देख रहा है.? वो धीरे से
फुसफुसा कर बोली. ?उसे थोड़े ही पता है कि हम हज़्बेंड वाइफ नही हैं.? ये
कहते हुए नितिन ने दूसरे हाथ से उसका एक बूब पकड़ लिया और उसके होठों पे
लंबी किस दे दी.

नीता का हाथ अपने आप उसके लंड पे चला गया. ?रमेश के साथ मज़ा नही आता लगता
है?? नितिन ने उसकी चूत को सहलाते हुए पूछा. ?मज़ा तो आता है पर हमारी
सेक्स लाइफ मे वेराइटी नही है.? शरमाते हुए नीता बोली और उसका लंड दबा
दिया.

?आज रात को एक बजे के करीब मेरे कमरे मे आना? नितिन ऑटो से उतरते हुए
बोला. नीता ने गर्देन हिला के हां कर दी पर बोली ?देखती हूँ, डर लगता
है???

खाना खाने के बाद सब बैठ कर बातें करने लगे. नितिन और नीता एक दूसरे को
आँखों ही आँखों मे इशारे करते रहे. ससुर को महसूस हुआ कुच्छ गड़बड़ है पर
क्या करता?

रात डेढ़ बजे तक जब नीता नही आई तो नितिन बेताब हो गया. वो दबे पाँव नीता
के कमरे के पास गया. जैसे ही दरवाजा धकेला नीता सामने खड़ी थी. दोनो
चुपचाप नितिन के कमरे की ओर चले गये.

अंदर आते ही दरवाज़ा बूँद करके एक दूसरे से लिपट गये. जब शोला आग मे बदल
गया तो नितिन ने अपना पाजामा उतार दिया और अपना लंड नीता के हाथ मे दे
दिया. नीता उत्तेजना से काँप रही थी. नितिन समझ गया कि वो समझ नही पा रही
क्या करे.

नितिन ने हल्का दबाव डाल कर उसे बिठा दिया और अपना लंड उसके मुँह मे डाल
दिया. नीता को यही चाहिए था. उसने उसके लंड को मज़े ले कर चूसना शुरू कर
दिया. अपनी मा की हर हरकत याद कर रखी थी उसने. नितिन के आनंद का कोई एंड
नही था. वो ये सोच कर हैरान था की इतनी सेक्सी औरत को रमेश क्यों नही समझ
पाया.


जब उसका लंड लॉडा हो गया नितिन ने उसे उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया.
उसको नंगा करते हुए पुछा ?कैसे करना है??. नीता शर्मा गई ?कुच्छ नया करो?
कहते हुए अपनी आँखें बूँद कर ली. नितिन ने उसे उल्टा किया और उसकी गांद
पकड़ कर उसे उठाया ताकि उसका लंड उसकी चूत मे पेल सके.

फिर जो चुदाई उसने की और जो मीठा दर्द नीता को मिला वो बहुत कम लोगों को
नसीब होता है. नितिन कभी धीमा तो कभी तेज शॉट मारता और नीता कभी उसका लंड
लेने के लिए पीछे जाती तो कभी इंतजार करती?.

दो बार उसकी चूत से पानी निकल गया था पर नितिन ख़तम नही हुआ था. इतनी
बढ़िया गांद देख कर उसका लंड हार मानने से मना कर रहा था. आख़िर नीता थक
गई और नितिन भी. फिर नितिन बैठ गया और नीता उसके उपर चढ़ गई. नीता ने
अपनी मर्ज़ी मुताबिक कूद कूद कर हिला हिला कर नितिन के लंड के मज़े लिए.


नितिन ने उसके मम्मे चूस चूस कर सूखा दिए. उसकी निपल तो मानो उसके होंठ
छ्चोड़ना ही नही चाहते थे.
?आज मेरे काफ़ी सपने पूरे हो गये, लो इसको भी चूसो? कहते हुए नीता ने
अपना दूसरा निपल उसके मुँह मे थेल दिया.

उसी वक़्त ससुर अपने कमरे से बाहर आ गये क्योंकि उन्हे नींद नही आ रही
थी. नीता की गांद की याद कर कर के उनका हाल खराब था. उन्हे नितिन के कमरे
से कुच्छ आवाज़ आई. जब कीहोल से देखा तो उनका दिमाग़ खराब हो गया. उनकी
बहू नितिन के लंड पे सवारी कर रही थी. अंदर बाहर होते नितिन का लंड देख
कर उनको रोना आ गया?. मुर्गी पकाई किसने और खा रहा था कोई और??..

करीब एक घंटे तक वो चुदाई करते रहे और ससुर परेशान अपने कमरे मे सोचता रहा?
नितिन इसको सॉफ नही करोगे क्या?? नीता ने अपनी चूत दिखाते हुए नितिन से
कहा. नितिन स्माइल करते हुए उसकी लाल चूत पे अपनी जीभ चलाने लगा. जब तक
नीता थॅकी नही नितिन उसको ऑर्गॅज़म देता रहा.

अगले दिन भी दोनो साथ चले गये शॉपिंग के बहाने. बाहर होटेल मे जा कर तीन घंटे तक नितिन ने उसे ठोका. नीता ने भी अपनी हर तमन्ना पूरी की. सिर्फ़ अपनी गांद नही मरवाई?..आखरी दिन नितिन अपने काम से बाहर चला गया और घर मे कोई नही था तब ससुर नीता के कमरे मे पहुँच गया. नीता नितिन की याद मे अपने मम्मे सहला रही थी.आजकल हमारी बेटी हमसे बात ही नही करती? कहते हुए ससुर अंदर आए. नीता समझ
गई वो क्या कहना चाहते थे. वो जा कर उनके गले से लिपट गयी ?पापा ! ऐसा कुच्छ नही है. नितिन के साथ बाहर जाना पड़ा. आपको तो पता ही है.?.?बहुत मज़े किए नितिन के साथ लगता है.? कहते हुए ससुर ने उसके कूल्हे दबा दिए और अपने शरीर से चिपका दिया. ?बस शॉपिंग की उनके लिए? कहते हुए नीता ने अपनी एडी उपर उठाई और उनके लंड का एहसास अपनी चूत को दिया.

?रात को मेरी नींद खुली थी तब मैने कुच्छ देखा था...? कहते हुए ससुर ने
उसका एक गरम चुम्मा ले लिया.

यह सुनते ही नीता शर्मा और घबरा गई. वो भाग कर बिस्तर पर मुँह छुपा कर
लेट गई. ससुर भी उसके पिछे गये और उसकी गांद दबाते हुए बोले ?शरमाती
क्यूँ है? मुझे तो मालूम है सब.? और ससुर ने उसकी सलवार के उपर से उसकी
गांद की दरार मे उंगली घिसनी शुरू कर दी.

यह सुनते ही नीता शर्मा और घबरा गई. वो भाग कर बिस्तर पर मुँह च्छूपा कर
लेट गई. ससुर भी उसके पिछे गये और उसकी गांद दबाते हुए बोले ?शरमाती
क्यूँ है? मुझे तो मालूम है सब.? और ससुर ने उसकी सलवार के उपर से उसकी
गांद की दरार मे उंगली घिसनी शुरू कर दी.

?उन्न्ह..? के अलावा नीता के मुँह से कुच्छ नही निकला. ससुर ने धीरे से
उंगली उसकी चूत तक पहुँचाई और बोले ? नितिन के साथ कई बार किया लगता है.


बहुत देर अंदर थी तू?. ?नही पापा, थोड़ी देर सिर्फ़? कहते हुए उसने अपनी
टाँग फैला दी ताकि ससुर उसकी फूली हुई चूत को ठीक से दबा सके. ससुर उसकी
चूत को अपने पंजों मे पकड़ कर मसल्ने लगे.

?कितने तरीके से उसने तुझे ठोका?? कहते हुए ससुर ने उसकी चूत को मसलना जारी रखा.
?आप को तो सब पता है.? नीता ने बिना हीले कहा. ससुर ने अब अपना डाइरेक्षन
बदला और दूसरे हाथ के पंजों मे उसकी चूत ले ली. दूसरे हाथ उसके शरीर के
नीचे डालते हुए उसका एक मम्मा पकड़ लिया.

?सिर्फ़ यहीं पे डाला या इधर भी?? कहते हुए ससुर ने उसकी गांद के छेद मे
उंगली डाल दी. ?अनन्न.. नही इधर नही? कहते हुए उसने अपनी गांद हिलाई.

?थोड़ा उपर हो, नाडा खोलने दे? कहते हुए ससुर ने हाथ उसके पेट के नीचे
रखा. ?एलास्टिक है? कहते हुए नीता थोड़ी उपर उठी और ससुर ने उसकी पनटी
समेत उसकी सलवार घुटनों तक उतार दी.

बोल ना कैसे पेला तुझको?? ये कहते हुए ससुर ने उसकी चूत पकड़ ली और उसे
थोड़ा उपर उठाया. नीता ने अपने घुटनों को थोडा मोड़ा और उपर उठ गयी. ससुर
उसके पीछे आ गये और उसकी गांद को चूमने लगे.

?बहुत अच्छी तरह से चोद्ते हैं नितिन्जि? कहते हुए नीता ने अपनी गांद
थोड़ी और उठाई ताकि उसके ससुर उसकी चूत की खुश्बू ले सकें. ससुर भी समझ
गये और उसकी चूत को चूसने और चाटने लगे.


?उसने तुझे घोड़ी बना कर चोदा था?? ससुर ने पुछा. ?हर तरह से चोदा था, जो
आप और लता करते हैं.? कहते हुए नीता ने अपनी गांद उनके मुँह पे दबाई.

?सच बता उसका लंड चूसने मे ज़्यादा मज़ा आया या चूत चुसवाने मे? ससुर ने
एक उंगली करीब एक इंच उसकी गांद मे धीरे धीरे डाल दी. ?दोनो मे मज़ा आता
है. चुसवाने मे ज़्यादा? नीता बोली.

नीता अब तक अपना चेहरा अपने हाथों मे च्छुपाए हुए थी. ससुर की गीली जीभ
चूत पर लगते ही उसकी गर्मी बढ़ गयी. ?यहाँ भी चॅटो ना..? कहते हुए उसका
एक हाथ अपनी गांद पर चला गया. ससुर तो सब कुच्छ करने को तय्यार थे अपनी
बहू की चूत मे अपना लॉडा पेलने के लिए. वो मज़े ले लेकर उसकी चूत और गांद
के छेद को गीला करने लगे. नीता भी अपनी गांद आगे पीछे करने लगी उनकी जीभ
पाने के लिए.

अब ससुर ने अपना एक हाथ उसके बूबे पर दे दिया और मसल्ने लगे. फिर जब उनकी
बर्दाश्त से बाहर हो गया तो उन्होने अपना पाजामा उतारा और उसकी चूत पे
अपना लंड टीका दिया. धीरे धीरे उसकी चूत मे अपना लंड पेलने लगे.


नीता भी
उस लंड का आनंद लेने लगी जिस का इंतजार कई दिनो से उसको था.

पापा ! ज़ोर से करो ना !? नीता चुलबुलाई?.
ससुर ने उसकी कमर कस के पकड़ ली ओर अपनी रफ़्तार बढ़ाई. काफ़ी देर मज़े
लेने के बाद और दो बार पानी निकालने के बाद नीता तक गई. ससुर तो अभी भी
ज़ोर मे थे. नीता नीचे हो गई और उनका लंड बाहर आ गया. ससुर से रहा नही
गया. उन्होने उसको टेढ़ा किया और उसकी एक टाँग अपने कंधे पे रख दी और
अपना लंड अंदर पेल दिया. नीता उनकी काम क्रिया से खुशी से फूल गई. वो
अपनी थकान भूल कर मज़े लेकर धक्के का जवाब देने लेगी.

ससुर ने एक उंगली उसकी गांद के छेद मे डाल दी और लंड के बहाव के साथ
उंगली अंदर बाहर करने लगे.?पापा ! उंगली पूरी अंदर डालो? कहते हुए नीता
ने ससुर को उकसाया. ससुर अब उंगली से उसकी गांद सेक रहे थे और लंड से
उसकी चूत.....नीता अपने माममे सहलाते हुए उनके हर धक्के का जवाब देती गई.


तभी कोई आवाज़ आई. ससुर ओर नीता कुछ सेकेंड के लिए रुक गये. पर जब कोई और
आवाज़ ना आई तो ससुर और नीता ने अपनी काम क्रिया चालू रखी. जैसे ही ससुर
झाड़ गये और नीता पर लुढ़क गये नीता बिस्तर से उतर गई. अपने कपड़े पहेन
कर उसने ससुर के लंड को प्यार से पाजामे मे डाला और नटखट मुस्कान देती
हुई बोली ?आपका ये सबसे प्यारा है.?. ससुर अपने लंड की तारीफ सुन कर खुशी
से फूल गया ?ये? मतलब?? उन्होने जान बूझ कर पुछा. नीता तो बेशर्मी की सब
हद पार कर चुकी थी, बोली ?आपका लॉडा अपने बेटों के लंड पे काफ़ी भारी
है.? ये सुन कर ससुर खुश हो गये और अपने कमरे मे जा कर फिर एक बार मूठ
मारी.

जब आवाज़ आई थी तब नितिन घर मे आया था. किसिको बाहर ना देख कर वो अपने
कमरे मे चला गया था. नीता जब बाहर आई और नितिन का कमरा खुला देखा तो झट
अंदर चली गई. नितिन को देखते ही उसका हाथ अपनी जांघों पर चला गया और
चेहरे पर नटखट मुस्कान आ गई.

?आओ भाभी !? कहते हुए नितिन ने उसे बिस्तर पर लिटा दिया. वो दो दिनो मे
समझ गया था नीता को क्या चाहिए था. बिना कोई और बात किए उसने नीता की
सलवार खींच ली और उसकी चिकनी गुलाबी चूत मे मुँह डाल दिया.

नीता तब तक मज़े लेती रही जब तक उसे याद नही आया कि रमेश के आने का वक़्त
हो गया है. वो उठ कर खड़ी हो गयी और नितिन से लिपट गई. ?तुम जैसा किसिका
नही? कहते हुए उसने नितिन का लंड अपने पंजों मे दबोचा और चली गई. नितिन
खुशी से झूम उठा. लेकिन उसे आज ही वापस जाना था. अगली बार के सपने देखते
हुए वो लौट गया.


रात को गरम हुई पड़ी नीता ने रमेश के लंड को पकड़ लिया और तब तक उस लंड
से खेलती रही जब तक रमेश ने उसकी चूत पूरी गीली नही कर दी. आज उसने
हिम्मत कर के रमेश के लंड को मुँह मे डाल ही दिया जब वो चुदाई करके निढाल
बिस्तर पर लेटा था. रमेश को यह कुच्छ अजीब लगा पर मज़ा आया इसलिए चुप
रहा. ?आपका ये कितना प्यारा है जानू !? कहते हुए नीता ने उसके टटटे
सहलाए.

रमेश ये सुन कर जोश मे आ गया और फिर नीता को चूमने लगा. नीता धीरे से
बोली ?क्या आप को मेरी ये अच्छि नही लगती?? और उसने अपना हाथ अपनी छूट पे
रख दिया. ?तुम्हारी तो बहुत प्यारी है.? कहते हुए रमेश ने पाने पंजों मे
उसकी चूत दबोच ली. ?तो आप इसको चुम्मि क्यों नही देते?? नीता शरमाने की
आक्टिंग करते हुए बोली और उसका लंड कस के पकड़ लिया. लंड पे दबाव और नीता
कि सेक्सी बात सुन कर रमेश उल्टा हो गया और उसकी चूत मे मुँह डाल दिया.
नीता निब ही उसके लंड को मुँह मे डाल कर ऐसा दबाया कि रमेश अगले आधे घंटे
तक उत्तेजित हो कर उसकी चूत चाटने मे मस्त रहा. तब तक नीता ने उसके लंड
को चूस चूस कर निढाल कर दिया?..

रात भर नीता सोई नही. आज उसने अपने ससुर से चुदवाया, फिर नितिन से
चुस्वाया, और आख़िर रमेश को चूसा. उसका मान खुशी से बाग बाग हो रहा था और
उसकी चूत पानी पानी?

अब तो उसकी हिम्मत जैसे खुल गई थी.उसके सब्र का बाँध अब टूट गया था. उसके
सामने अब एक अनंत समुंदर था काम वासना का.

सुबह उठ कर रमेश का लंड चूस्ति और जब वो तय्यार हो जाता तब उस पर सवारी
करती. जब तृप्त हो जाती रमेश से चुस्वाती और तभी उसको अपने हिसाब से
चोदने देती.

नाश्ता देने के बहाने ससुर के कमरे मे जाती और उनसे अपने शारीर का भोग
लगवाती. 


वो चोद तो नही पाते थे पर उसके शरीर के हर अंग को दबाते और चूमते
ज़रूर थे. दोपहर मे जब सास नही होती तब नीता को अपनी जांघों पर बिठा कर
उसकी चूत की आग ठंडी करते. लता को काम से अब हटा दिया गया था ताकि नीता
और ससुर मज़े कर सके.

कुच्छ महीनों बाद नीता को मायके जाने की इच्च्छा हुई. रमेश उसे छ्चोड़ने
गया.ट्रेन मे पता नही कितने लोगों ने नीता के कूल्हे पे हाथ फेरा और
कितनों ने उसकी गांद पे अपना लंड सेका. नीता की नाभि से नीचे गिरती सारी
और उसका उभरा वक्ष देख कर हर मर्द तन जाता था.

स्टेशन पर जब वो उतरे तो जीतू अपनी बहेन तो देख कार दंग रह गया. उसके
छ्होटे छ्होटे वक्ष अब पूरी तरह उभर गये थे. सारी से बाहर झाकती उसकी
नाभि ने जीतू को हिला दिया.

घर पहुँच कर इधर उधर की बातें हुई और रात को दोनो नीता के कमरे मे सोने
चले गये. जीतू से रहा नही गया. वो कीहोल से उनकी काम क्रिया देखने लगा.
जिस तरह नीता ने रमेश को अपना पेटिकोट उठा कर ललचाया और जिस तरह रमेश ने
उसकी फुददी मे मुँह घुसाया जीतू फिर हिल गया. वो अपना लंड पकड़ कर दबाने
लगा. तभी कमला ने उसे देख लिया और उसके कान पकड़ कर अपने कमरे मे ले गई
?शरम नही आती, अपनी बहेन को देखता है?. ?क्या करूँ मा ! दीदी आज इतनी गरम
दिख रही थी कि सहेन नही हुआ.? जीतू बोला और अपनी मा से चिपेट गया.


?खबरदार जो कभी उसकी तरफ ग़लत नज़रों से देखा? कहते हुए कमला ने ब्लाउस
खोल कर अपना एक निपल उसके मुँह मे दे दिया?..

अगले दिन रमेश सुबह चला गया. नीता नहा कर जब बाहर आई तब उसने सिर्फ़
पेटिकोट और ब्रा पहना. उपर टवल लप्पेट कर वो बाहर आ गई. उसके टवल और
पेटिकोट मे से झाँकती उसकी नाभि को देख कर जीतू का लंड डोलने लगा. नीता
ने नोटीस किया उसे और धीमी मुस्कुराहट देती हुई अपने कमरे मे चली गई.

जीतू चुपके से अपनी बहेन के कमरे की तरफ गया. देखा दरवाज़ा खुला था. अंदर
देखा तो उसका दिल धक धक करने लगा. नीता ब्लाउस और पेटिकोट पहने काँच के
सामने खड़ी थी. काँच मे उसे देखते ही बोली ?जीतू ज़रा ये हुक्स खोल दे
ना, दूसरा ब्लाउस पहेनना है.?

जीतू को और क्या चाहिए था. वो उसके पिछे जा कर खड़ा हो गया और उसके हुक्स
खोलने लगा. ?दीदी आप तो अब बहुत सेक्सी दिखने लगी हो.जीजाजी बहुत खुश हैं
लगता है? जीतू बोला. नीता बोली ?मा जैसी खूबसूरत कहाँ हूँ मैं. वैसे तेरे
जीजाजी मुझे आछे लगते हैं? कहते हुए वो कुसकुराइ.

जीतू ने ब्लाउस के साथ साथ उसकी ब्रा के हुक्स भी खोल दिए और धीरे से हाथ
आगे डाल कर उसके बूबे पकड़ लिए ?आपके पहले कितने छ्होटे थे, अब तो आपके
भी बहुत बड़े हो गये हैं.?. उसके हाथ मे अपने बूबे देख कर नीता का शरीर
कांप उठा, उसने उन्हे अलग करने की कोई कोशिश नही की, ?शरम नही आती अपनी
बहेन के दबाता है.? और बड़ी आसानी से अपना ब्लाउज उतार दिया.

?क्या करूँ आप तो जानती हो सब कुच्छ, आदत हो गई है? ये कहते हुए उसने
अपना कड़क होता हुआ लंड नीता की गांद से चिपका दिया. ?ये क्या कर रहा है?
कहते हुए नीता ने अपना एक हाथ पिछे डाल कर उसके लंड को दबाया.

?दीदी रोको मत, प्लीज़ !? कहते हुए उसने ब्रा को उपर धकेल दिया और उसके
नंगे बूबे पकड़ लिए. एक हाथ से ब्रा को अलग करते हुए नीता बोली ? नही
जीतू, तू मुझसे दूर ही रह?.

जीतू ने उसके निपल्स अपनी उंगलियों मे पकड़ लिए और बोला ?दीदी देखो ना
कितने कड़क हैं.? नीता के शरीर मे हवस की ल़हेर दौड़ गई लेकिन उसे पता
नही क्यूँ किसी चीज़ ने रोक दिया. उसने उसका हाथ अलग किया और ?तू जा?


कहते हुए वो अपना काम करने लगी. जीतू बेमन से चला गया.

वहाँ जब बस मे रमेश और कमला गये तो भीड़ के कारण दोनो के शरीर चिपक गये.
रमेश को पता ही नही चला कब उसका लंड कमला की गांद से चिपक गया. उससे
कुच्छ समझ आता तब तक तो उसका लंड कड़क हो चुक्का था. कमला उसके लंड को
महसूस कर रही थी अपनी गांद पर और मन ही मन मुस्कुराते हुए एंजाय कर रही
थी. रमेश भी कुच्छ देर बाद एंजाय करने लगा अपनी सास की गांद का कोमल
स्पर्श. जब जब बस हिलती वो लंड उसकी गांद की दरार मे दबा देता. कमला की
तरफ से भी कोई ऑब्जेक्षन या मूव्मेंट ना देख कर रमेश ने धीरे से अपना हाथ
उसकी कमर पे रख दिया और धीरे धीरे उपर ले गया. अपनी उंगलियों से उसके
मम्मो पर दबाव डाल कर एंजाय करते हुए उसने अपना लंड बुरी तरह कमला की
गांद पे टेक दिया और अपना पानी निकाल दिया. कमला ने भी पूरा साथ दिया और
पिछे गांद दबा कर उसके लंड को पूरा मज़ा दिया. तभी स्टॉप आ गया और दोनो
उतर गये.

स्टेशन पर दोनो थोड़ी देर बेंच पर एक दूसरे के करीब बैठ गये. लेकिन ट्रेन
जब लेट आने की अनाउन्स्मेंट हुई तो कमला आ गई. दोनो मन ही मन कुच्छ चाहते
थे पर कह ना पाए....

जब उनकी मा वापस आई और नीता के कमरे मे गई तो देखा नीता सिर्फ़ पेटिकोट
पहेन कर सो रही थी. उसके उभारों को देख कर कमला हैरान रह गई. कुच्छ ही
महीनों मे उसकी बेटी लड़की से औरत बन गयी थी. उसके उपर नीचे होते हुए
वक्ष और खड़े हुए निपल्स देख कर उसे हैरानी भी हुई और खुशी भी. वो समझती
थी कि ऐसी भरी हुई औरत ही अपने पति को खुश रख सकती है.उससे क्या पता था
कि उसकी लड़की पूरी फॅमिली को खुश कर रही थी?.

शाम को नीता सिर्फ़ ब्लाउस पहेन कर बाहर आ गई. उसके पतले ब्लाउस मे से
उसके निपल्स झाँक रहे थे. उसका पेटिकोट नाभि से एक इंच नीचे था. उसका पेट
सपाट और चिकना चमक रहा था. उसकी मा उसे देख कर खुश हो गई. ?आप इतनी गर्मी
मे ये सारी क्यूँ पेहेन्ति हो.? नीता ने पुछा. ?आदत हो गयी है, तू कहती
है तो उतार देती हूँ? ये कह कर कमला ने अपनी सारी उतार दी. नीता ने अपनी
मा के वक्ष और नाभि को गौर से देखा. उसकी मा के अंदर का सेक्स छलक रहा था
उसके छ्होटे ब्लाउस मे से.

तभी जीतू आ गया. उन दोनो को इस अवस्था मे देख कर उसका लंड खलबली करने
लगा. जब वो खाना खाने बैठा तो नीता के लटकते हुए आम देखने के लिए बार बार
कुच्छ माँग लेता. नीता समझ रही थी और जानबूझ कर उसके सामने झुकती. उससे
जीतू को तड़पाने मे मज़ा आ रहा था.

रात को जब जीतू मा को चोद रहा था उसके मुँह से आख़िर निकल पड़ा ?मा दीदी
अब कितनी सेक्स से भरी हुई लगती है ना??. कमला बोली ?तुझे मना किया है ना
नीता के बारे मे ग़लत सोचने से, खबरदार!? और तब तक जीतू का वीर्य उसकी
चूत मे आ गया. वो कमला की बगल मे सो गया और उसके निपल से खेलते हुए बोला
?मा, दीदी को हमारे बारे मे सब पता है. शादी से पहले से ही. आज मैने उसके
मम्मे भी दबाए.लेकिन फिर उससने मुझे कुच्छ करने नही दिया. मा मुझे दीदी
के साथ करने दे ना? एक बार सिर्फ़?तू उससे मना ले प्लीज़??.

कमला परेशान हो गई ये सुन कर. फिर उससने सोचा कि अगर नीता को ये सब पता
है तो उसे भी जीतू से चुदवाने दे ताकि वो किसिके सामने मुँह ना
खोले.?लेकिन तू वही करना जो मैं कहूँगी, एक कदम भी नही, समझा??. ?बिल्कुल
समझा? कहते हुए खुशी से जीतू ने मा की पप्पी ले ली.

अगले दिन कमला नीता के कमरे मे गई और उसके साथ बात करने लगी. प्लान के
मुताबिक जीतू भी आ गया और मा की गोद मे सर रख कर लेट गया. उसने अपने पैर
नीता की जांघों पर रख दिए. कुच्छ देर बाद वो उल्टा हो गया और अपना सर
नीता की गोद मे रख दिया. नीता सोच मे पड़ गई क्या करे. चुपचाप बैठी रही.
जीतू धीरे से उसकी जांघों के बीच मे आ गया. अब धीरे से उसने करवट बदली और
नीता की चूत पे होंठ रख दिए. नीता की हालत खराब हो रही थी. एक तरफ वो
सेक्स के लिए गरम हो रही थी दूसरी तरफ मा के सामने कुच्छ कर भी नही पा
रही थी.

अचानक कमला उठ कर अपने कमरे मे चली गई. उसके जाते ही जीतू ने नीता का एक
आम पकड़ लिया. नीता ने उसका हाथ पकड़ लिया और धीरे से बोली ?मा देख लेती
तो??. जीतू समझ गया मामला गरम है. ?मा के सामने थोड़े ही पकड़ा था? ये
कहते हुए जीतू ने उसका ब्लाउस खोल दिया और उसकी एक निपल अपने होठों के
बीच डाल दी. नीता सिर्फ़ देखती ही रह गई. इतनी हिम्मत तो नितिन या उसके
ससुर ने भी नही की थी. ? रुक ज़रा? कहते हुए नीता गई और डोर बंद कर के
वापिस आई .

ले चूस? कहते हुए नीता ने अपना ब्लाउस उतार फेंका और निपल उसके सामने रख
दिया. जीतू ने उससे अपने उपर खींच लिया और उसका निपल चूसने लगा. नीता उस
पर लेटी हुई अपनी चूत को उसके पेट की गर्मी देती रही. जीतू उसकी गांद
दबाने और सहलाने लगा. ?दीदी आपकी गांद कितनी कड़क है? कहते हुए अपनी एक
उंगली से उसकी दरार मे घिसने लगा.नालयक कहीं का? कहते हुए नीता ने उसे चूम लिया. ?दीदी आप सिर्फ़ एक आदमी
से कैसे खुश रह सकती हो? आपका मन नही करता दूसरों से चुदवाने का?? जीतू
ने ये कहते हुए उसका नाडा खोल दिया और पेटिकोट नीचे खिसका दिया. ?तू भी
तो सिर्फ़ मा से खुश है?? नीता ने उल्टा सवाल किया. ?दीदी मा को पता नही
लेकिन मैं अपनी पड़ोसन रानी को भी चोद चुका हूँ. और आप??. नीता मुस्कुरा
उठी उसकी बात सुन कर. ?मैं तो अपने पति के साथ ही खुश हूँ? कहते हुए
उससने दूसरा निपल उसके होठों मे डाल दिया. जीतू को क्या पता था उसकी दीदी
ने अपने ससुर को भी नही छ्चोड़ा था.........
जीतू उसके निपल को चूस्ते हुए उसकी गांद मे उंगली डालने लगा. नीता ने
धीरे से अपना पेटिकोट उतार दिया ओर अपनी टाँग फैला दी ताकि जीतू उसके छेद
को पूरा एंजाय कर सके.

जब जीतू का लंड नीता के लिए बेकरार हो गया तो उसने नीता को धीरे से हटाया
ओर बिस्तर से नीचे उतार कर नंगा हो गया. नीता उसके सामने टाँग चौड़ी कर
के अपनी चूत खोल कर बोली ?आज सिर्फ़ देख ले. इसका भोग कल लगाने को
मिलेगा?. जीतू सीधा उसकी टाँगों के बीच गिर गया और उसके होंठ चूसने लगा.
उसका लंड नीता की चूत से जैसे चिपक गया था.

इतने मे दरवाज़े के बाहर से उनकी मा की आवाज़ आई ?नीता दरवाज़ा खोल.
रमेशजी आयें हैं. उनकी ट्रेन कॅन्सल हो गई है.? ये सुनते ही दोनो के होश
उड़ गये. जीतू ने झट से कपड़े पहन लिए और खिड़की से मा के कमरे मे कूद
गया. नीता ने अपना ब्लाउस और पेटिकोट पहना और दरवाज़ा खोला.

नीता को ऐसी सेक्सी स्तिति मे देख कर रमेश के पसीने छूट गये. उसकी पतली
कमर पे नाभि से कई इंच नीचे लटकता हुआ पेटिकोट और ब्लाउस मे से कड़क उभरे
हुए निपल देख कर रमेश सून्न हो गया. कमला भी नीता को इस हालत मे देख कर
मन ही मन मुस्कुरा उठी. वो समझ गई जीतू ने उसे पटा लिया था?.

जैसे ही कमरे के अंदर दोनो घुसे रमेश ने उसका पेटिकोट उपर किया और उसकी
चूत मे उंगली डाल दी. ?ये तो पहले से ही गीली है? कहते हुए रमेश ने उससे
बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत मे मुँह मार दिया. रमेश को क्या पता था
की चूत जीतू के लिए गीली हुई थी, नीता बोली ?आप की याद मे टपक रहा था ये
पानी?. रमेश ये सुन कर और उत्तेजित हो गया और पॅंट उतार कर सीधा उस पर
चढ़ गया. आज उससने इतनी देर तक उसे चोदा जितना पहले कभी नही. नीता भी
जीतू को याद करते हुए चुदवाती रही?.

खाना खाते समय महॉल गर्म हो गया था. रमेश कभी अपनी सेक्सी नीता को देखता
तो कभी अपनी सेक्सी सास को. कमला बस के हादसे के बाद समझ गई थी कि रमेश
उसके शरीर को चाहता है. लेकिन जमाई होने की वजह से उसस्पर कुच्छ बंदिश
हैं. पर रात भर कमला को नींद नही आई. वो आख़िर इस नतीजे पे पहुची की उसको
अपने जमाई को खुश रखना चाहिए ताकि उसकी बेटी खुश रहे.

अगले दिन नीता और जीतू को बेज़ार भेज दिया कमला ने और उन्हे कहा अपनी
चाची से भी मिल आयें. रमेश ने बोर होने का बहाना कर दिया और घर पर ही रुक
गया. कमला समझ गैट ही रमेश ने क्यों मना किया था.

?मैं कमरा ठीक कर दूं. आइए आप भी वहीं बैठिए.? कहते हुए कमला अपने कमरे
की और चल दी. रमेश कुत्ते की तरह दूम हिलाता हुआ उसके पिछे चल दिया. कमला
ने अपनी सारी का पल्लू खींच कर अपने ब्लाउस के बीच मे डाल दिया और कमर मे
बाँध लिया ताकि जमाई राजा उसके बड़े बड़े मम्मों को देख कर उत्तेजित हों
और उसकी नाभि के दर्शन कर सकें.

?आप जैसा जमाई पा कर मैं धन्य हो गई. कितने अच्छे हैं आप.? कहते हुए कमला
ने अपनी सारी कमर से निकाली और पल्लू से मुँह पोंच्छने लगी. उसके ब्लाउस
मे कसे हुए बूबे देख कर रमेश मंत्रमुग्ध हो गया.

?मैं नहा कर आती हूँ? कहते हुए कमला ने धीरे से अपनी सारी खोलनी शुरू की.
उसकी कमर का कटाव देख कर राजेश तो जैसे पागल हो गया. जब उसने सारी पूरी
उतार ली और घूम कर कपबोर्ड की तरफ गई उसके पेटिकोट मे से छलक्ति उसकी
गांद की दरार देख कर वो अपने लंड को मसल बैठा.

?आप जैसे जमाई बहुत कम नसीब वालो को मिलते हैं.? मुस्कुराते हुए कमला
बोली और अपनी निकाली हुई पॅंटी को देखने लगी. राजेश अब पागल हुआ जा रहा
था. वो उठ कर उसके पीछे चला गया ?आप जैसी सास भी तो बहुत कम लोगों को
मिलती है? कहते हुए राजेश कमला से एक फुट दूर खड़ा हो गया.

कमला चाहती तो सब आज ही कर लेती पर फिर उसने अपने आप को समझाया. लेकिन
थोड़ा तो चलता है?. सोच कर उसने अपने ब्लाउस के बटन खोलने शुरू कर दिए.
?आप बहुत अच्छे हैं, नीता आपकी हमेशा तारीफ़ करती है? कहते हुए कमला पलट
गई और धीरे से अपना ब्लाउस उतारने लगी.


उसकी ब्रा से बाहर निकलने को बेचैन उसके वक्ष देख कर राजेश का लॉडा फूल
गया. लेकिन कमला ने जिस आसानी से उसके सामने अपना ब्लाउस उतारा था राजेश
सोच मे पड़ गया ?क्या ये मेरे लिए ब्लाउस उतार रही हैं या मुझे अपने
लड़के की तरह समझते हुए कर रही हैं??.

कमला थोड़ी देर ऐसे ही खड़ी रही ताकि रमेश उसके बूबे अच्छि तरह निहार
सके. ?ज़रा ये हुक खोल दीजिए? कहते हुए कमला मूड गई. राजेश तो यही चाहता
था. वो सीधा उसकी गांद से चिपक गया और हुक खोलने लगा.

?ये क्या कर रहे हैं? कहते हुए कमला ने अपनी गांद उसके गरम सख़्त लंड से
दूर करी. ?सॉरी !? रमेश इस के अलावा कुच्छ ना कह पाया. ?कल बस मे भी
आप?..? कहते हुए कमला मुस्कुराते हुए मूड गई क्योंकि हुक खुल गया था.
?माफ़ करना कल सब अंजाने मे हो गया? रमेश डर गया था. ?कोई बात नही, मुझे
बुरा नही लगा? कहते हुए कमला ने अपने कपड़े हाथ मे लिए और बाथरूम मे चली
गई.

रमेश उसकी मुलायम और मादक गांद देख कर परेशान हो गया. सोच मे पड़ गया
क्या करे?. उसने हिम्मत जुटाई और वहीं बैठा रहा. कमला नहा कर जब आई तो
सिर्फ़ पेटिकोट पहना हुआ था. उपर अपना टवल डाला हुआ था. उसके हाथ मे धोइ
हुई उसकी ब्रा और पॅंटी थी. ?आप यहीं हैं? मैं समझी आप टीवी देख रहे
होंगे? कहते हुए कमला कपड़े सुखाने के तार के पास गई. ?मैने सोच आपसे बात
कर लूँ इसलिए यहीं बैठा रहा? कहते हुए उसने धीरे से अपना लंड अड्जस्ट
किया क्योंकि कमला ने जब हाथ उपर उठाया कपड़े सुखाने के लिए तो उसका टवल
भी उपर उठ गया. टवल उपर जाते ही रमेश को उसके भारी मम्मे के साथ उसका
लंबा मोटा निपल भी देखने को मिल गया.

कमला ने जान बुझ कर हाथ ज़्यादा देर उपर रखे ताकि रमेश उसके वक्ष का
चक्षु चोदन कर सके?

आप को कल की बात का बहुत बुरा तो नही लगा ना? कहते हुए रमेश कमरे मे लगे
शीश एके पास आ कर खड़ा हो गया. ?आप तो मेरे बेटे जैसे हैं? कहते हुए कमला
ने कपबोर्ड से लाल ब्रा निकाली और बिना मुड़े पहेन ली.

जैसा की रमेश जानता था कमला शीशे के पास आ कर अपने बाल बनाने लगी. रमेश
इसी मौके की तलाश मे तो शीशे के पास आया था?.

रमेश झट उसके पिछे खड़ा हो और अपने हाथ उसकी कमर पे रख दिए, ठीक पेटिकोट
के उपर. ?आप कितनी अच्छि हैं? कहते हुए रमेश धीरे से उसके शरीर से चिपक
गया और अपनी ठुड्डी उसके कंधे पर रख दी.

?आप जैसा बेटा और जमाई हर औरत चाहती है? कहते हुए कमला ने अपना हाथ उपर
किया और उसका गाल सहला दिया.

रमेश उसके स्पर्श से और गरमा गया. ?क्या सचमुच आप मुझे अपने बेटे जैसे
प्यार करेंगी?? कहते हुए रमेश थोड़ा और उसके शरीर से चिपक गया और अपने
हाथ उसके पेट पे ले गया और उसकी नाभि के उपर रख कर बाँध लिए.

कमला के शरीर मे कंप कंपी छूट गई उसके इस अंदाज़ से. ?क्यों? आप को डाउट
है?? कहते हुए कमला ने एक हाथ उसके हाथ पे रख दिया और दूसरे हाथ से अपनी
ब्रा अड्जस्ट करने लगी. दोनो शीशे मे कमला के स्तन पर चिपकी हुई ब्रा मे
से निकलते मम्मे देख रहे थे और उत्तेजित हो रहे थे पर हिम्मत दोनो नही कर
पा रहे थे.

?डाउट की बात नही है. पर कल जो बस मे हुआ उसके बाद आप क्या सोचती हैं पता
नही.? कहते हुए रमेश ने अपना लंड उसकी दरार मे टिका दिया और एक हाथ उसके
गाल पर ले गया, जिस कारण उसकी बाँह ने उसके एक मम्मे को दबा दिया धीरे
से.

मैने कहा ना कोई बात नही. मुझे बिल्कुल बुरा नही लगा. आख़िर आप भी इंसान
हैं.? और कमला उसकी तरफ मूड गई. वो इस तरह मूडी की रमेश का लंड हमेशा
उसके शरीर को टच करता रहा और जब वो ठीक सामने आई तब उसका पेट उसके लंड के
स्पर्श मे था.

?आप कितनी सीधी और सरल हैं.? कहते हुए रमेश ने अपनी दोनो बाहें उसकी पीठ
पर रख दी. उसके उत्तेजित लंड की गर्मी ने कमला को बहाल कर दिया था. लेकिन
उसने अपने आप को रोका.? चलो अब मैं खाना बना लूँ? कहते हुए उसने खुद को
छुड़ाया और ब्लाउस पहेन्ने लगी.

?आप अभी भी कितनी जवान लगती हैं? रमेश उसके मम्मे घूरते हुए बोला. ?आप
मेरी इतनी तरीफ्फ मत करो वरना नीता परेशान हो जाएगी? मुस्कुराते हुए कमला
ने अपना ब्लाउस खींचा और बटन लगाए.

?नीता को क्या प्राब्लम होगी इस से? आप तो उसकी मा हैं? कहते हुए रमेश
फिर उसकी कमर पे हाथ रख कर खड़ा हो गया. कमला खुश हो गई रमेश की उत्तेजना
देख कर. ?आप नही समझेंगे एक औरत को.? कहते हुए उसने खुद को अलग किया और
सारी पहेन्ने लगी. जब वो सारी अपने पेटिकोट मे डालती तो पेटिकोट नीचे
खिसकता और रमेश तरसता उसका जिस्म देखने को.

कमला हैरान थी कि रमेश कितनी बेशर्मी से उसके शरीर को घूर रहा था?.
?चलिए अब पिक्चर ख़तम हो गई? इठलाते हुए कमला ने उसकी तरफ देखा और किचन
मे चली गई. ?पिक्चर ख़तम हो गई?...? ये सुन कर रमेश सोच मे पड़ गया??

कमला की मुस्कुराहट से रमेश परेशान हो गया. हर थोड़ी देर मे किचन मे जाता
और किसी बहाने उसके कूल्हे का स्पर्श ले लेता. कमला भी मुस्कुरकर उसके
स्पर्श का जवाब देती. ?आप बैठो, मैं खाना लगाती हूँ? कहकर कमला ने उससे
बाहर भेजा.

जब कमला खाना परोसने आई तब रमेश के लंड के छक्के छूट गये. कमला ने अपना
पेटिकोट बहुत नीचे खींच लिया था. शायद अपनी चूत की फाँक से आधा इंच ही
उपर.
अपनी सारी उसने इस तरह अपने कंधे पर डाल दी थी की उसके दोनो मम्मे उसके
टाइट ब्लाउस मे से सॉफ दिख रहे थे.

उसके ब्लाउस और पेटिकोट के बीच से उसकी कोमल त्वचा चमक रही थी. रमेश का
लंड उबलने लगा?

?चलो पिक्चर शुरू? कहते हुए कमला उसे खाना परोसने लगी. जब वो झुकती तो
उसके लटकते हुए मम्मे देख कर रमेश पसीने पसीने हो जाता. कमला भी बार बार
अपने मम्मे देखती और फिर रमेश की तरफ. रमेश तो ये भूल ही गया था कि कमला
उससे देख रही होगी. वो तो कमला के शरीर के हर अंग को बेशर्मी से घूर रहा
था.

?साथ खाते हैं? कहकर रमेश ने उसका हाथ पकड़ लिया.?ठीक है? कहते हुए कमला
उसकी पास वाली कुर्सी पर बैठ गई. रमेश ने पहले से ही कुर्सी खींच कर अपनी
कुर्सी से सटा ली थी.

अब कमला और रमेश की जांघें चिपकी हुई थी और दोनो खाना खाने लगे. रमेश ने
अपना बाया हाथ उसकी कमर पे रख दिया. कमला मुस्कुराते हुए बोली ?नीता को
भी ऐसे ही पकड़ कर खाते हो क्या आप??. रमेश ने अपना हाथ उपर किया और उसके
बूबे पे उंगलियों से दबाव डाल दिया और बोला ?नही लेकिन आपके साथ ऐसे ही
अच्च्छा लगता है. कल की बात याद है ना??. ?बहुत शरारती हो आप. मैं तो
समझी आप सीधे हो? कहते हुए कमला ने अपने शरीर को थोड़ा अड्जस्ट किया ताकि
रमेश की उंगलियाँ उसके मम्मे को ठीक से सहला सके.

रमेश के हाथ मे जैसे ही उसका मम्मा आया उसने दबाव बढ़ा दिया ?मैं दिखता
हूँ उतना सीधा भी नही.? कहते हुए उसने एक नीवाला कमला के मुँह मे डाल
दिया.

?पागल हो !? कहते हुए कमला मुस्कुरा दी और खाना खाने लगी. रमेश उसका बूब
पकड़े रहा और ख़ाता रहा. जब खाना हो गया तो रमेश ने उसकी जाँघ पे हाथ रख
दिया. उसकी उंगलियाँ उसकी जांघों के बीच मे थी. कमला उत्तेजित हो गई.
?बच्चे आते होंगे? कह कर वो खड़ी हुई.

अब रमेश की हिम्मत बढ़ चुकी थी. उसने उसके कुल्हों पर हथेली रखी और
बोला?जब आएँगे तब आएँगे, आप तो बैठो ना.? अपनी गांद पर रमेश के हाथ का
दबाव पा कर कमला का शरीर कांप उठा.

उसने मूड कर अपने हाथों मे उसका चेहरा ले लिया और अपनी नाभि के पास खींच
कर बोली?आप हाथ धो लो फिर हम साथ पिक्चर बनाएँगे? रमेश ने अपने होंठ उसकी
नाभि से चिपका दिए पर कमला रुकी नही और किचन मे चली गई.

आओ ना मा? कहते हुए रमेश ने कमला को बुलाया. कमला आई और अपनी सारी उतारने
लगी?बड़ी गर्मी है?. रमेश का लंड टाइट हो गया उसका टाइट पेटिकोट देख कर.
पेटिकोट चूत से शायद ही कुच्छ उपर था. पूरा नंगा पेट और छ्होटे से ब्लाउस
मे से उभरे हुए उसके बूबे देख कर रमेश का मुँह खुला ही रह गया. वो उतनी
ही बेशर्मी से उसके यौवन को निहार रहा था जितनी बेशर्मी से कमला अपनी
सारी उतार कर किचन मे गई.

रमेश किचन मे उसके पिछे गया. वो सींक पे खड़ी बर्तन धो रही थी. उसकी उभरी
हुई गांद मे सिमटी हुई पॅंटी उसके पेटिकोट से छ्लक रही थी. उसका नंगी पीठ
जैसे रमेश को इन्वाइट कर रही थी.

?आप मेरे साथ पिक्चर कब बनाओगी? काम से फ़ुर्सत कहाँ है आपको?? कहते हुए
रमेश ने उसके पेट पे हाथ फेरा और उसकी गांद पे अपना लंड चिपका दिया.
?थोडा सब्र करो, सब्र का फल मीठा होता है? कहते हुए कमला थोड़ा झुकी
बर्तन धोने का बहाना करते हुए और उसके लंड पे अपनी गांद का दबाव बढ़ा
दिया.

रमेश वासना की आग मे जल रहा था. कमला की ये हरकत देख कर उसका सब्र का
बाँध टूट गया. उसका एक हाथ सीधा उसके पेटिकोट के अंदर उसकी चूत पे चला
गया और दूसरा पंजा उसके मम्मे पर. जो हाथ उसके पेटिकोट मे गया था उसकी
उंगलियों को सीधा उसकी चूत की फाँक का स्पर्श मिला और एक उंगली फाँक मे
चली गई.

?ये किधर हाथ डाल दिया? कहते हुए कमला ने उसका हाथ खींचा. रमेश डर गया और
अपना हाथ बाहर निकाल लिया. अब उसने अपना हाथ उसकी नाभि और पेटिकोट के बीच
सहलाना शुरू कर दिया. दूसरा हाथ अभी भी उसके मम्मे दबा रहा था ?उपर के
लिए तो आपको कोई ऑब्जेक्षन नही है ना? कहते हुए रमेश उसकी गर्दन पे किस
करने लगा.

रमेश के गीले होठों का स्पर्श गर्दन पर पड़ते ही कमला सिहर गई. रमेश उसके
मम्मे दबा दबा कर उसकी गर्दन चूमने लगा. कमला ने काम बंद कर दिया और सींक
पकड़ कर खड़ी हो गई. सिर्फ़ अपनी गांद पिछे करके खड़ी रही. उसने रमेश पे
सब छ्चोड़ दिया.

धीरे धीरे रमेश का हाथ उसकी जाँघ पर आ गया और पेटिकोट के उपर से उसकी
फूली हुई चूत को मसल्ने लगा. ?अब बस भी करो ना.? कहते हुए कमला ने उसके
हाथों पर अपने हाथ रख दिए.

?आप जैसी कोमल और कामुक मा पा कर तो कोई भी बेटा बेकाबू हो जाएगा? कहते
हुए रमेश उसके टाइट ब्लाउस मे हाथ घुसाने लगा. उसकी निपल का स्पर्श पाते
ही रमेश अपना लंड उसकी गांद पे चोदने की मुद्रा मे हिलने लगा. कमला उसका
साथ देती रही. उसकी भी पॅंटी गीली हो चुकी थी. कुछ देर के आक्रमण के बाद
रमेश के लंड से पानी छूट गया और निढाल होकर वो उसके शारीर से लिपट गया.

तभी घंटी बजी. ?आप किस्मेट वाले हो. पिक्चर के एंड मे ये लोग आए? कहते
हुए कमला मूड गई. ?अभी तो ट्रेलर था. पिक्चर बाकी है.? कहते हुए रमेश ने
उसके होंठ चूम लिए और उसकी चूत को अपने पंजों मे पकड़ कर दबा दिया. ?जाओ
दरवाज़ा खोलो. मैं कपड़े पेहेन्ति हूँ.? कहते हुए कमला अपने कपड़े लेकर
चली गई.

उधर जीतू और नीता ने रास्ते भर मे एक दूसरे की अनगिनत पप्पियाँ ली और
जीतू ने हर उस जगह पर नीता को दबाया जहाँ दबा सकता था. नीता पूरी गरम हो
गई थी जीतू के इस बर्ताव से.

जीतू खाना खा कर बाहर चला गया. कमला घर मे झाड़ू लगाने लगी. रमेश नहा कर
टवल लप्पेट कर बाहर आकर बैठ गया और उसके लटकते आम देख कर अपना लंड पकड़
रहा था. कमला ने नोटीस किया रमेश का हाल और उससे तड़पाने के लिए अपना
पल्लू पूरा खिसका दिया.

कमला ने जब रमेश को अपना लंड दबाते हुए देखा तो उसकी गर्मी भी बढ़ गई.
उसने मुस्कुराते हुए अपना पेटिकोट अपनी जाँघ के उपर खींच लिया और बैठ कर
झाड़ू लगाने लगी. अब रमेश उसकी टाँगों और वक्ष को देख रहा था और तड़प रहा
था. कमला भी उसके कड़क लंड को देख कर अंदर दहक रही थी.

?मैं नहा कर आती हूँ? कहते हुए नीता अपने कमरे मे चली गई. जैसे ही नीता
बाथरूम मे गई रमेश कमला के सामने खड़ा हो गया. कमला घुटनों के बल बैठी थी
और झाड़ू लगा रही थी. रमेश ने उसका सर पकड़ा और अपने तने हुए लॉड से उसका
मुँह चिपका दिया.
अपने आप को छुड़ाने की कोशिश मे रमेश का टवल नीचे गिर गया. उसकी फ्रेंचिए
मे से उसका कड़क गरम लंड देख कर कमला निढाल हो गई. वो आक्टिंग कर रही थी
छुड़ाने की पर अपने होंठ उसके लंड से हटा नही पा रही थी.

उसके हाथ रमेश की पॅंटी मे चले गये और उसकी गांद पकड़ ली. अपनी गांद पर
उसके कोमल पंजों का स्पर्श होते ही रमेश और उत्तेजित हो गया. उसने कमला
का मुँह और दबाया अपने लंड पे.

कमला किसी तरह बोली ?रूको ना? और धीरे से उसके लंड पे अपने होंठ रख दिए.
अंडरवेर के उपर से ही उसके लंड को वो अपने दातों से हल्के हल्के काटने
लगी. रमेश तो जैसे स्वर्ग भोग रहा था. काफ़ी देर तक कमला उसके लंड को
चूमती रही और रमेश मज़े लेता रहा.

जब वो उत्तेजना की चरम सीमा पर पहुँचने वाला था उसने अपना लंड बाहर खींच
लिया. कमला ने अपना सर उपर उठाए बिना उसके लंड को पकड़ लिया और उसकी लाल
टोपी को चूम लिया.

तभी बाथरूम खुलने की आवाज़ आई. कमला ने झट उसका टवल उठाया और बाहर निकले
उसके लंड को पकड़ा और अपने रूम की तरफ खींच कर ले गई. रमेश पालतू कुत्ते
की तरह चल दिया. अंदर पहुँच कर कमला ने उसका लंड चूसना शुरू कर दिया.

तभी नीता के कमरे से आवाज़ आई ?रमेश !? और कमला ने उसके लंड को छ्चोड़
दिया. रमेश ने टवल लपेटा और नीता के पास भागा.

अंदर नीता को देख कर तो रमेश का लंड और पागला गया. नीता पेटिकोट पहेन कर
शीशे के सामने खड़ी थी और उसकी ब्रा उसके वक्ष पर लटक रही थी. हुक्स
लगाने के लिए उसने रमेश को बुलाया था.

रमेश ने दरवाज़ा बंद किया और सीधा जाकर अपना खड़ा लंड उसकी गांद पे चिपका
दिया. नीता उसके कड़क लंड का दबाव मिलते ही गरमा गई. ?आप तो पूरी तैयारी
मे हैं? कहते हुए नीता ने अपनी ब्रा उतार दी.

रमेश ने झट अपना टवल निकाला और अंडरवेर उतार दी. नीता का पेटिकोट उपर
उठाया और उसे झुका दिया. नीता को पता भी नही चला कब रमेश का डंडा उसके
बिल मे घुस गया और उसकी फुददी को फाड़ने लगा. आज तो रमेश जैसे हवस की आग
मे पागल हो गया था.

नीता के गांद के छेद को देख कर उसकी आग और बढ़ गई. उसने छेद मे उंगली डाल
दी. नीता को तो ऐसे ही मज़ा आता था. कुच्छ ना बोली. मन ही मन खुश हुई
रमेश के इस नये अंदाज़ से.

अचानक रमेश ने अपना लंड बाहर निकाल लिया. ?क्या हुआ?? कहते हुए नीता ने
शीशे मे उसे देखा. ?यहाँ डाल रहा हूँ.? कहते हुए रमेश मुस्कुरा दिया.
नीता ने एक शरारती मुस्कान दी और बोली ?मैं तो पूरी आपकी हूँ. जो करना है
करो??.

रमेश ने कोशिश की पर डाल ना पाया. नीता समझ गई. उसने सामने रखी वॅसलीन की
शीशी उठाई और मूड कर उसके लंड पे प्यार से लगाने लगी. ?अब मेरे छेद मे भी
लगा दो और घुसा दो.? मुस्कुराते हुए नीता उल्टी हो गई.

रमेश ने उसके च्छेद के आसपास और तोड़ा अंदर लगाया और अपना लंड डाल दिया.
किसी तरह वो अंदर घुस गया और रमेश का लंड उसके छ्होटे छेद के दबाव से और
कड़क और उत्तेजित हो गया.

फिर रमेश ने उसकी जो गांद मारी नीता बहाल हो गई. पहली बार किसी लंड को
गांद मे डलवाया था. अब उसे समझ आया उंगली मे और लंड मे क्या फरक है?

उधर कमला की चूत प्यासी रह गई थी. उसने अपने कपड़े उतारे और नंगी हो कर
बिस्तर पर लेट गई और उंगली डाल कर खुद को शांत किया.

दोपहर को आराम करने के बाद नीता पड़ोस मे अपनी सहेली से मिलने चली गई.
रमेश दरवाज़ा बंद करके सीधा कमला के कमरे मे घुसा.

कमला बेडशीट ओढ़ कर लेटी हुई थी. ?मुझे पता था आप सीधा यहाँ आएँगे? कहते
हुए कमला मुस्कुराइ. ?क्यों ऐसा क्यूँ लगा आप को?? कहते हुए रमेश ने अपने
कपड़े उतार दिए और उसके पास बिस्तर पे बैठ गया. चदडार जिस तरह कमला के
शरीर से चिपकी हुई थी रमेश को डाउट आया कि कमला नीचे नंगी है. उसका लंड
ये सोच कर ही डोलने लगा.

आप भी जानते हैं और मैं भी. आप तो मेरे जमाई हैं वरना अंदर भी नही आने
देती.? कहते हुए कमला मुस्कुराइ. रमेश धीरे से उसके पास लेट गया. ?कितना
अंदर नही आने देती?? कहते हुए अपने दाहिने पंजे से उसके गाल सहलाने लगा
और राइट हाथ से अपनी अंडरवेर उतार कर फेंक दी.

?पूरा? और ऐसे ही वो मुस्कुराती रही. रमेश का हाथ अब उसकी गर्दन से होता
हुआ उसके वक्ष पे आ गया. वो समझ गया उसकी सास नंगी है. उसने उसका निपल
पकड़ लिया और दबा दिया. तभी कमला का ध्यान गया की रमेश पूरा नंगा हो
चुक्का था.

?उ? ऐसे मत दबाओ. ये कोई काटने की चीज़ नही है और आप तो पूरे नंगे हो
गये?. ये सुनते ही रमेश बोला?पता है ये चूसने की चीज़ है? और उसका पूरा
मम्मा पकड़ कर सहलाने लगा. ?सब जानते हो फिर ऐसी हरकत क्यों करते हो??
कमला उसके पंजों के दबाव के मज़े लेने लगी थी.

आप रोक देती हो हर बार? कहते हुए रमेश ने एक टाँग उसकी टाँग पे रख दी और
उसके होठों को चूमने लगा. ?क्या करूँ, हमारा रिश्ता ही कुच्छ ऐसा है?
कहते हुए कमला
ने उसे चूमना शुरू कर दिया. दोनो एक दूसरे के होंठ गरम करते रहे. दोनो
नंगे थे पर चादर बीच मे थी. रमेश उपर नंगा दिख रहा था और कमला का शरीर
ढका हुआ था.

कमला ज़्यादा गरम थी इस वक़्त. उसने रमेश को धकेला और उसके उपर लेट गई.
अब भी चादर बीच मे थी पर कमला नंगी दिख रही थी और रमेश का शरीर चादर के
नीचे आ गया था.

कमला उसे बेतहाशा चूमने और चूसने लगी. रमेश भी पागलों की तरह उसके शरीर
को सहलाने लगा. उसकी नंगी पीठ और गांद को जी भर कर सहलाया. पता ही नही
चला कब चादर बीच मे से निकल गई और रमेश का लंड उसकी चूत रगड़ने लगा.

अब कमला अपना कंट्रोल खो चुकी थी. उसने हाथ नीचे डाल कर रमेश का लंड
पकड़ा और धीरे से उसपर बैठ गई. एक बार मे ही वो रमेश का पूरा लॉडा अपनी
चूत मे डाल गई. रमेश उसके मम्मे मसल्ने लगा और वो आगे पीछे होने लगी.

?आप तो बोल रही थी अंदर नही आने देंगी?? रमेश उसका निपल दबाते हुए बोला.
? आप जमाई हैं इसलिए पूरा अंदर आने दिया है मेरे लाल? कहते हुए कमला ने
स्पीड बढ़ा दी.

रमेश बैठ गया और कमला के निपल मुँह मे ले लेकर चबाने लगा. हर दो धक्के के
बाद कमला निपल खींच लेती और दूसरा उसके मुँह मे डाल देती. रमेश तो जैसे
स्वर्ग की यात्रा कर रहा था.

फिर उसने अपनी एक उंगली पिछे उसकी गांद मे डाल दी. गांद मे उंगली घुसते
ही कमला और उत्तेजित हो गई. उसके धक्कों की रफ़्तार और बढ़ गई. रमेश का
लंड इन धक्कों से और कड़क हो रहा था.

मैं थक गई हूँ? कहते हुए कमला धीमी हो गई. ?ख़तम तो नही हुई ना?? कहते
हुए रमेश ने अपना लंड बाहर निकाले बिना उससे लिटा दिया. ?आप दिन भर
चोदोगे तब भी मेरी चूत ख़तम नही होगी.? कहते हुए कमला ने उसकी कमर अपनी
टाँगों मे जाकड़ ली.

?चोदना और चूत? जैसा शब्द अपनी सास के मूँह से सुनकर रमेश पागल हो गया.
फिर उसने धक्के मार मार कर कमला की छूट सेक दी और आख़िर जब वो झाड़ गया
तब अपना वीरया उसकी छूट मे डाल कर उसपर गिर गया.

कमला उठ कर उसके लंड को चाटने लगी. ये देख कर रमेश खुशी से झूम उठा. ऐसी
चुड़क्कड़ सास नसीब वालो को ही मिलती है??.

काफ़ी देर दोनो एक दूसरे को चूमते रहे और बाद मे रमेश टाय्लेट गया. पीछे
कमला भी आ गई और उससे पेशाब करते हुए देखने लगी. रमेश हक्का बक्का रह गया
अपनी सास को देख के.?सॉरी, मैं डोर बंद करना भूल गया.?. ?मैं जान बूझ के
आई हूँ? कहते हुए कमला ने उसका लंड पकड़ लिया और उसके लंड पे पानी डाल कर
उससे धो दिया.

रमेश का लंड फिर खड़ा होने लगा. कमला नीचे झुकी और उसके सुपरे को प्यार
से चूसने लगी. ?आइए? कहते हुए कमला कमरे मे गई. अंदर जा कर कमला बिस्तर
के किनारे लेट गई. उसने टाँगें ज़मीन पे रहने दी और अपनी चूत की फांकों
को उंगली मे पकड़ कर रमेश को गुलाबी चूत के दर्शन कराए. ?इसे चूसोगे??
कमला मुस्कुराते हुए बोली.

रमेश बिना कुच्छ बोले अपने घुटनों पर बैठ गया और उसकी चूत को प्यार से
चाटने लगा. कमला ने उसका मुँह अपनी चूत पे दबा दिया?आप कितने प्यार से
मेरी चूत को चूस्ते हो, काश आप मेरे बेटे या पति होते और रोज़ आप मुझे
चोद्ते?. रमेश ये सुन कर सोच मे पड़ गया. वो कुच्छ और सोचता इससे पहले ही
कमला ने अपनी टांगे घुटनों से मोड़ ली और अपनी गांद का छेद उसके मुँह के
सामने करते हुए बोली ?ये भी आपसे मीठा प्यार माँग रही है. दोगे?? रमेश ने
आज ही पहली बार नीता की गांद मारी थी और ये दूसरी गांद देख कार वो पागल
हो गया और उसके छेद को चाटने लगा. हाथ से उसकी चूत मसल्ने लगा.अब इन दोनो को आपका लंड खाना है. खिलाओगे? कमला ने धीरे से पुछा.
अपना गरम हथोदा उसने कमला की चूत मे पेल दिया. ?अननह?? कहते हुए कमला ने
आँखें बूँद कर ली और उसके लंड के जादू मे खो गई.

जैसे ही रमेश ने स्पीड बढ़ाई कमला बोली ?दूसरे को भूल ना जाना.? रमेश समझ
गया और अपना लॉडा निकाल लिया. कमला ने झट से एक तकिया अपनी कमर के नीचे
डाला और. रमेश ने अपना लंड उसकी गांद मे पेल दिया. कमला के छेद मे बड़ी
आसानी से रमेश का लंड घुस गया. वो सोच मे पड़ गया की उसकी सास की गांद का
छेद इतना खुला हुआ कैसे था या उसका लंड ज़्यादा कड़क था कमला के नशे मे??

शाम को रमेश के साथ नीता और कमला को भी जाना पड़ा क्योंकि उसकी मा की
देअथ की खबर आई थी. जीतू नीता को चोद नही पाया???.

उसकी सास के क्रिया क्रम के अगले दिन कमला ने घर वापस जाने की बात कही तो
नीता ने उसे रोक लिया ये कह कर की उससे अकेला पन महसूस होगा.

कमला रमेश के आस पास मंडराती रहती और रमेश उसके साथ आँखों ही आँखों मे
चुदाई करता रहता. नीता के ससुर ने भी देखा की कमला अपना पल्लू गिरा देती
थी या सारका देती थी जब भी उससे रमेश के सामने मौका मिलता. उसके बूबे और
पेट देख कर उनकी भी लार टपकने लगी थी. बेटी से बढ़ कर मा?.

दो दिन बाद सभी चले गये और घर मे सिर्फ़ नीता, रमेश, कमला और नीता के ससुर रह गये.
ससुर सुबह ही किचन मे घुस गया जब नीता नहाने गई. कमला के पास से गुज़रने
के बहाने उन्होने उसके नितंब पे अपना हाथ फिराया. कमला ने महसूस किया पर
ये सोच कर मन को शांत किया की वो ग़लती से हो गया होगा.

वापस मुड़कर ससुर ने धीरे से उसकी कमर पे हाथ रख कर पुछा? क्या बन रहा है
आज?. ?बैंगन की सब्ज़ी? कहते हुए कमला दूसरी तरफ खिसकी. ससुर ने अपना हाथ
उसके शरीर से चिपकाए रखा और उसका हाथ कमर से होता हुआ पीठ पर आ गया.

?मैने सुना है आप खाना बहुत अच्छा बनाती हैं. देखते हैं आज आप के हाथ का
खाना खा कर? कहते हुए उनका हाथ खिसक कर उसके कुल्हों पे आ गया और ससुर
बाहर चले गये. कमला उनके इस व्याहार से हैरान भी थी और खुश भी हुई. एक
लॉडा और मिलेगा शायद?..

नाश्ता करते वक़्त ससुर कमला को ज़्यादा और नीता को कम देख रहे थे. नीता
ने भी ये नोटीस किया पर ध्यान नही दिया. दोनो मा बेटी अपने शरीर की
नुमाइश कर रही थी. उनकी नाभि और पेट देख कर रमेश और उसके पिता का लंड फूल
रहा था. नाश्ता करके रमेश ऑफीस चला गया.

नीता मा के साथ कुच्छ देर बातें करती रही फिर कमला अपने कमरे मे नहाने
ढोन चली गई. नीता ने झट अपना पेटिकोट नीचे खींचा और अपनी पॅंटी उतार दी.
अपने ब्लाउस के बटन खोल दिए और सारी से धक कर ससुर के कमरे मे चली गई.

ससुर सोफा पर बैठे कुच्छ पढ़ रहे थे. नीता उनसे चिपक कर बैठ गई और बोली
?पापा, आप अब अकेले महसूस कर रहे होंगे ना?. ससुर ने मॅगज़ीन रख दी और
नीता की सारी ब्लाउस से हटा दी ?तेरे होते हुए मैं कभी अकेलापन महसूस नही
करूँगा? और नीता की ब्रा का हुक आगे से खोल कर उसको सहलाने लगे. नीता ने
उनके लंड पे हाथ रख दिया और सहलाने लगी ?ये तो कितना कड़क हो गया है.
किसकी याद कर रहे थे??. ससुर बोले ?सच बताउ या झूठ??. ?सच बताओ. हमारे
बीच झूठ की जगह कहाँ रही है अब.? कहते हुए नीता ने उनका पाजामा नीचे किया
और लंड को हिलाने लगी.

?तेरी खूबसूरत मा के बारे मे सोच रहा था. प्लीज़ बुरा मत मान ना.? ये
कहते हुए ससुर अपना हाथ उसके पेटिकोट मे डाल कर उसकी चूत दबाने लगे.

?कोई बात नही. ऐसा होता है. मेरी मा है ही इतनी खूबसूरत.? कहते हुए नीता
उनके टट्टों को सहलाने लगी.

?तू बाहर जाएगी तब उनको पटाने की कोशिश करूँगा.? कहते हुए ससुर ने झुक कर
उसका एक निपल मुँह मे ले लिया.

?प्लीज़ उन्हे फोर्स मत करना. वो मान जायें तो ठीक है.? कहते हुए नीता खड़ी हो गई.
?आओ ना. एक छ्होटा शॉट मारो ना.? कहते हुए नीता ने अपना पेटिकोट उपर
उठाया और टांगे फैला कर बिस्तर पर लेट गई.

ससुर उसकी टाँगों के बीच बैठ गये और उसकी चूत मे अपना लंड डाल कर धक्के
मारने लगे. ?कमला ! तेरी चूत कितनी प्यारी है? कहते हुए उन्होने आँख बंद
कर ली और नीता को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे.

?समधी जी आपका लंड भी तो उतना ही प्यारा है. इससे मेरी चूत मे ही रहने दो
ज़िंदगी भर? कमला बन कर कहते हुए नीता ने अपने चूतड़ उच्छाल दिए.

जल्द ही नीता निढाल हो गई. ?पापा आपको तो टाइम लगेगा. मुझे बाज़ार जाना
है. बाद मे पूरा करना? वो बोली.

ससुर जानते थे कि अगर उन्होने पूरा काम किया तो वापस लंड खड़ा करने मे
बहुत टाइम लगेगा और उनके लंड को तो कमला की चूत की प्यास थी. लेकिन बहू
की चूत भी निराली थी. बिना रस पिलाए उससे भी छ्चोड़ना मुश्किल था.
उन्होने चुदाई जारी रखी और आख़िर अपना वीर्य निकाल कर ही रुके.

?तू बाहर जा अब. दो घंटे तक मत आना.?
?दो घंटे?? इरादा नेक नही लगता आप का.? आँख मार कर नीता मुस्कुराते हुए
बोली और अपनी सारी से उनका लंड सॉफ किया और बाहर चली गई.

नीता के जाने के बाद ससुर ने अपना अंडरवेर उतार दिया और सिर्फ़ पिजामा और
बनियान पहन कर कमला के कमरे पे नॉक किया.

ससुर को देख कर कमला थोड़ा सोच मे पड़ गई. उससे पता था वो और ससुर अकेले
हैं घर मे. और उससे ससुर की नियत का भी आभास हो गया था सुबह?.

?अकेला था सोचा आप भी बोर हो रही होंगी इससलिए आ गया.? कहते हुए ससुर ने
उसके शरीर का मुआईना किया. उसके गोरे पेट को देखा और उसमे से हीरे की तरह
उभरी हुई उसकी नाभि.

कमला ने जब उन्हे घूरते हुए देखा तो धीरे से अपने पल्लू से अपना पेट ढक
लिया. ?ऐसे क्यों छुपाती हो अपनी खूबसूरती को? पूछते हुए ससुर उसकी और
बढ़े. कमला भी एक्सपर्ट थी. दो कदम पिछे हुई और टेबल के सहारे खड़ी हो
गई.

?ये तो औरत की लाज होती है.? कहते हुए उसने अपना पल्लू पूरा अपने हाथ मे
लिया और ठीक करने की आक्टिंग करते हुए अपना पूरा यौवन ससुर को दिखाया और
झट से फिर धक दिया.

?लाज तो औरत का गहना है. और गहना अगर कोई ना देखे तो किस काम का?? कहते
हुए ससुर सीधा उसके शरीर से चिपक गये. कमला का शरीर काँप गया ससुर के
अचानक इस तरह करने से. ?कोई आ जाएगा. थोड़ा दूर रहिए.? कहते हुए कमला ने
अपने हाथ उनकी छाती पे रख दिए.

कमला की आँखों मे देखते हुए ससुर ने उससे अपनी बाहों मे भर लिया. ?दूर ही
तो था अब तक.? कहते हुए उन्होने अपना लंड उसके पेट पे दबाया.

लंड का दबाव पड़ते ही कमला पागला गई. उसने अपने हाथ छाती से हटाए और ससुर
को आलिंगन मे ले लिया. ?लेकिन इतना पास आना भी ठीक नही है.?

?क्या ठीक और क्या ग़लत पता नही.? कहते हुए ससुर ने उसकी ठुड्डी को उपर
किया और उसके होठों से अपने होंठ मिला दिए. दोनो एक दूसरे को चूमने लगे.
दोनो खिलाड़ी थे इस खेल के. एक दूसरे को पूरा पूरा साथ देते हुए सहलाते
रहे एक दूसरे की गांद और चूस्ते रहे होंठ??.

ससुर कमला को सोफा पर ले गये और अपने पास बिठा दिया. दोनो एक दूसरे को
पकड़ कर फिर चुम्मा चाती करने लगे.

?और पास आने दोगि?? कहते हुए ससुर ने उसकी सारी हटाई और उसका एक बूब
सहलाने लगे. ?और कितना पास आओगे?? कहते हुए कमला ने अपना मुँह उनकी छाती
मे च्छूपा लिया.

?अभी तो बहुत कुच्छ बाकी है? कहते हुए ससुर ने उसकी पीठ से अपना हाथ डाला
और उसका एक बूब दबाने लगे. ?और क्या बाकी है?? कहते हुए कमला ने अपना सर
उनके लंड पे रख दिया.

लंड पे कमला का सर आते ही ससुर का लंड डोलने लगा. ससुर ने कमला को सीधा
किया और कमला ने अपने पैर सोफा पे रख दिए. ससुर झुक कर उसके होंठ चूसने
लगे और उसके ब्लाउस के हुक खोलने लगे.

आप मुझे नंगी कर रहे हैं. प्लीज़ ऐसा मत कीजिए.? कमला ने कह तो दिया पर
ससुर को नही रोका बल्कि उससे चूमने लगी.मैं देखना चाहता हूँ आपके नज़दीक आने से क्या होगा? कहते हुए ससुर ने
आखरी हुक खोल दिया और उसके ब्लाउस को साइड मे कर दिया. ब्रा मे से बाहर
निकलते उरोज देख कर ससुर मस्त हो गये. झट ब्रा की आगे लगे हुक को खोल
दिया.
?ये क्यों निकाल रहे हो?? कमला शरमाते हुए बोली. ?देखना है क्या है यहाँ
जो आप इतना छुपाटी हो.? कहते हुए ससुर ने उसकी ब्रा भी साइड मे की और
उसके बूबे सहलाते हुए उन्हे ध्यान से देखने लगा.

?क्या देखा?? कमला ने थोडा शरमाते हुए पुछा. ?इससमे तो दो हीरे हैं जिनको
खुद भगवान ने तराशा है शायद? कहते हुए ससुर उसकी निपल्स को पकड़ कर दबाने
लगे.

?ये तो मेरे दूध हैं. इनको तो चूसा जाता है.? कमला मादक स्वर मे बोली.
ससुर उसका इशारा समझ गये और मुँह झुका कर उसका एक निपल मुँह मे ले लिया.
फिर दूसरा?.

?अब बस कीजिए. कोई आ जाएगा.? कहते हुए कमला उठने की आक्टिंग करने लगी.
ससुर ने उससे दबा दिया और उल्टा कर दिया.

कमला के होंठ अब उनके लंड पे थे. लंड अब काफ़ी बड़ा हो गया था. कमला को
उसका स्पर्श भा रहा था. ससुर ने धीरे से उसके ब्लाउस और ब्रा को उतारा.
कमला ने भी पूरा साथ दिया अपने कपड़े उतरवाने मे.


कमला की नंगी पीठ देख कर ससुर चकित रह गये. एकदम चिकनी और गोरी गोरी?..

वो उसकी पीठ सहलाते रहे और कमला उनके लंड को अपने होंठ और गालों से?.
ससुर को जब लगा की उनका लंड तय्यार हो रहा है तो उन्होने कमला की सारी
खींची. कमला ने बिना कुच्छ कहे अपने शरीर को उपर किया और खुद अपनी सारी
निकाल दी.

उसके महीन पेटिकोट मे से दिखती उसकी पॅंटी देख कर ससुर पागल हो गये. उनका
हाथ सीधा उसके नाडे पर गया. ?नही ऐसा मत करिए.? कहते हुए कमला बैठ गई.

?मुझे पूरा पता लगाना है पास आकर क्या होगा? कहते हुए ससुर ने उससे चूम लिया.
?शरमाओ मत? कहते हुए ससुर ने उसका एक नंगा बूब पकड़ लिया और उसके गालों
को चूमने लगे.

कमला इस हमले से उत्तेजित हो गई. लेकिन फिर उस ने अपने आप को रोका (खेल
अभी बाकी था) और खड़ी हो गई. ससुर तो वासना की आग मे जल रहे थे. वो भी उठ
कर उसके शरीर को अपनी बाहों मे लेने लगे.

आप ऐसे मत कीजिए? कहते हुए कमला ने अपनी पीठ उनकी तरफ कर दी. ससुर ने
सोचा अब और इंतजार करना मुश्किल होगा. उन्होने अपना पाजामा और बनियान
उतार दी और नंगे शरीर को कमला के आधे नंगे शरीर से पिछे से जोड़ दिया.

उनके तननाए हुए लंड का स्पर्श मिलते ही कमला की गांद मे गर्मी बढ़ गई.
?तुम कितनी सेक्सी हो? कहते हुए ससुर ने पिछे से उसके दोनो मम्मे पकड़
लिए. ?आप से तो कम ही हूँ. छ्चोड़िए ना? कहते हुए कमला ने उनका एक हाथ
खींचा.

ससुर ने उससी हाथ से उसके पेटिकोट का नाडा खोल दिया. कमला समझ गई की अब
उसका पेटिकोट नीचे गिरने वाला है. उसने अपना पेटिकोट पकड़ लिया और उपर
खींच लिया. इतना उपर की उसके मम्मे ढक जाएँ.

ससुर ने जब उसका पेटिकोट उपर जाते हुए देखा तो और गरम हो गये. झट उन्होने
अपने हाथ उसकी पॅंटी के एलास्टिक पे डाला और पॅंटी नीचे खींच दी. कमला भी
मन ही मन खुशी से झूम उठी. पैर उपर करके पॅंटी बाहर निकाली और ससुर की
तरफ मूड गई?आप बहुत आगे बढ़ रहे हैं?.

?आगे नही पूरा बढ़ना है.? कहते हुए उन्होने उसको अपनी बाहों मे भींच लिया
और उसके होठों को बेतहाशा चूमने लगे.

?आप तो पूरे नंगे हो गये? कहते हुए कमला ने अपना पेटिकोट छ्चोड़ दिया और
ससुर को अपनी बाहों मे ले लिया. उसका सहयोग देखते ही ससुर ने उसका
पेटिकोट खींच कर नीचे गिरा दिया. अब दोनो पूरे नंगे एक दूसरे की बाहों मे
थे.

कमला ने अपनी टाँगों को उँचा किया और उनके लंड को अपनी चूत के बीच दबोच
लिया. ससुर चोदने की मुद्रा मे आगे पीछे होने लगे. कमला भी पूरा साथ देने
लगी.

?आओ? कहते हुए ससुर ने उससे बिस्तर पे लिटा दिया. ?मुझे शरम आती है? कहते
हुए कमला पेट के बल लेट गई और अपनी टांगे फैला दी?? ससुर उसकी गांद और
चूत के छेद को देख कर अपने लंड को सहलाने लगे.

?थोड़ा उपर होना? कहते हुए उन्होने उसकी कमर को पकड़ा. कमला जान गई अब
हमला होने वाला है. वो तैय्यार हो गई और अपनी टाँग खोल दी. ससुर ने अपना
बेलन उसकी चूत मे सरका दिया और धक्के मारने लगे.

ससुर उसके बड़े से गांद के छेद को देख और और ललचा गये. अपना अंगूठा उसकी
गांद मे डाल दिया. कमला को तो यही चाहिए था. वो मज़े से चुदवाने लगी.
जैसे ही उन्होने अपना अंगूठा निकाला कमला बोल पड़ी ?अंदर ही रहने दो ना.?
ससुर ने वापस अंदर डाल दिया और चोदने लगे.

जब कमला का पानी छूट गया तो ससुर समझ गये और अपना लंड बाहर निकाल दिया.
फिर उससे पीठ के बल लिटा दिया और वापिस अपना लंड उसकी चूत मे पेल दिया.

?आप जैसी औरत पहली बार देखी है. आप तो नीता से भी ज़्यादा कामुक हैं?
कहते हुए ससुर ने उसके बूबे मसल दिए और धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी. नीता
का नाम सुन कर कमला सोच मे पड़ गई?.

हमेशा की तरह ससुर आधे घंटे तक चोद्ते रहे. कमला ने भी पूरा मज़ा लिया?
?आप तो पूरे मज़े लेके बहुत देर तक करते हो?? कमला मुस्कुराते हुए बोली.
?आप हैं ही ऐसी छेद, मन करता है जिंदगी भर अंदर डाल कर चोद्ता रहूं??..

पूरा होते ही ससुर कमला पर ढेर हो गये. दोनो एक दूसरे की बाहों मे अपने
शरीर की गर्मी सेकने लगे.

नीता जब वापिस आई तो ससुर के कमरे मे देखा. ससुर ने थंब्स अप का साइन
दिखाया. नीता खुश हो गई ये देख कर. मा के कमरे मे गई तो मा की चमकती
मुस्कान देख कर और खुश हो गई.

रात को जैसे ही नीता और रमेश अपने कमरे मे गये ससुर कमला के कमरे मे
पहुँच गया. अंदर जाते ही उन्होने कमला को अपनी बाहों मे क़ैद कर लिया और
कमला भी उनसे लिपट गई.

दोनो ने अपने कपड़े खुद उतारे और बिस्तर पर लेट गये. ?आपकी चूत ने मुझे
बुलाया है.? कहते हुए ससुर ने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. ?घर आए
मेहमान की खातिरदारी करना मेरा फ़र्ज़ है? कहते हुए कमला ने उणा लंड अपने
होठों पे लगा दिया.

कुच्छ देर चूत चटाई के बाद ससुर उसके मुँह पे अपना लंड रख कर बैठ गये.
कमला उनका लटकता हुआ लंड देख कर आग हो गई और उससे पकड़ कर चूसने लगी.
ससुर अब पूरे मूड मे आ गये. वो अपना लंड उसके मुँह मे ज़ोर ज़ोर से डालने
लगे. कमला का मुँह जब दुखने लगा तो उसने उनका लंड बाहर निकाला और बोली
?जिसने आपको बुलाया उसे तो भूल गये आप?.

ससुर समझ गया और मुस्कुराते हुए नीचे खिसका और उसकी चूत पे अपना लंड लगा
दिया?इसको कैसा भूल सकता हूँ?. फिर अपना लंड थोड़ा सा उसकी चूत मे डाला
और धक्के मारते मारते पूरा अंदर घुसा दिया. कमला भी चूतड़ उच्छाल उच्छाल
कर उनके हर धक्के का मज़ा लेने लगी. काफ़ी लंबी चुदाई की उन्होने कमला
की. कमला भी हार मान ने वालों मे से नही थी??

लेट नाइट मे जब सब सो गये रमेश उठा और सास के कमरे मे घुस गया. कमला की
आँख खुल गई. रमेश को देख कर समझ गई जमाई को क्या चाहिए. उससने अपनी चादर
हटा दी. नंगी लेटी सास को देख कर रमेश का गरम लंड कड़क हो गया. वो सीधा
गया और उसकी टाँगों को खोल कर बीच मे बैठ गया और अपना लंड डाल दिया उसकी
चूत मे.

कमला तो ससुर से तृप्त हो चुकी थी पर जमाई की खुशी के लिए फिर चुद गई??
अगले दिन जब नीता ससुर के कमरे मे गई तो ससुर बोले ?नीता, मैं चाहता हूँ
कि मेरे और तुम्हारी मा के बारे मे बात खुल जाए, ताकि हम दोनो पूरे मज़े
ले सकें.? नीता सोच मे पड़ गई?..लेकिन फिर मान गई और बोली ?धीरे
धीरे?ज़्यादा जल्दबाजी नही करना?..

दोपहर को जब नीता को इशारा कर के ससुर कमला के पास गये तो नीता कीहोल से
देखने लगी. जैसे ही कमला ने सारी उतारी और ससुर ने उसको अपनी बाहों मे
लिया नीता ने दरवाज़ा खोल दिया. ?आररी नीता तुम? कहते हुए ससुर कमला से
थोड़ा अलग हो गये लेकिन एक हाथ अभी भी उसके कंधे पर था. कमला शरम से लाल
लाल हो गई, कुच्छ बोल ना पाई. ?आप दोनो छुप छुप के प्यार कर रहे हैं.
मुझे कौन प्यार करेगा?? कहते हुए नीता उन दोनो के बीच घुस गई. ससुर उस से
चिपक गये और अपने हाथ कमला के कंधों पे रख दिए?हम करेंगे ना तुझसे
प्यार?.

ससुर ने अपने पंजों मे कमला के मम्मे दबा दिए और नीता को गले से लगा
लिया. ?हम तीनो एक दूसरे को प्यार करेंगे? कहते हुए कमला को आँख मार दी.
कमला पहले तो सोच मे पड़ गई पर जब पूरा मतलब समझी तो मुस्कुरा दी?..
दोस्तो फिर तो ससुर बहू सास जमाई आपस मे मज़ा लेने लगे उनकी जिंदगी मज़े
मे गुजरने लगी

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