Saturday 6 October 2012

रोशनी में करें संभोग आएगा दुगना मजा

रोशनी में करें संभोग आएगा दुगना मजा 

सेक्‍स का रोशनी और का कितना गहरा संबध है इस बात को शायद आप भली भांती जानते होंगे। सेक्‍स करते समय तन मन के साथ हम जो भी देखतें हैं सभी चीजें मिलकर हमें चरमोतक्‍ष पर पहुंचानें में मदद करतीं हैं। फिर वह चाहें पुरुष हो या फिर महिला। 

 

सेक्‍स करते समय हाथों से हम एक दूसरे के अंगो को स्‍पर्श करते है जिससे हमारे दिमाग में कई तरह की भावनाएं जन्‍म लेतीं है।वहीं दूसरी ओंर अगर आप अंधेरे में सेक्स करते हैं तो आप सेक्‍स का पूर्ण आनंद नहीं ले सकते । इसके विपरीत अगर पुरुष और स्‍त्री रोशनी में सेक्स करते हैं तो सेक्स का मजा दोगुना हो जाता है।


ज्‍यादातर भारत में स्‍त्री अंधेरे में सेक्‍स करना पसंद करतीं हैं मगर सेक्‍स के समय मन में शर्म रखने से आप उसका पूर्ण मजा नहीं ले सकते।
वहीं भारत के मुकाबले दूसरे देशों में भी अमूमन अंधेरे में सेक्स करना प्रचलन में है मगर दोस्‍तों हम आपको बता दें हाल ही में किए गए एक शोध में पता चला है कि रोशनी में सेक्स करने से सेक्स का मजा दोगुना हो जाता है। अध्ययन के अनुसार यह भी पता चला है कि बेडरूम जलने वाली लाइट का सीधा संबंध यौन जीवन से होता है।
 वहीं अगर संभोगकरते समय रोशनी में रंगों का महत्‍व देखा जाए तो दीवारों पर पिंक या हल्का लाल रंग करवाने आपका दिमाग ठंडा रहता है और सेक्स में भी मजा आता है। कमरे में लाल रंग की लाइट जलाने से उत्तेजना बढ़ती है। कमरे में हल्की लाल रंग की रोशनी होने से संभोग में ज्यादा आनंद मिलता है।

 

Friday 5 October 2012

सगाई से शादी तक


सगाई से शादी तक

आपकी एंगेजमेंट हो गई है और शादी में समय है, तो क्यों ना इस पल को जिया जाए। दरअसल, एंगेजमेंट के बाद आपको अपने फियॉन्सी से मिलने की परमिशन भी मिल जाती है। अगर आप इस टाइम को वाकई इंजॉय करना चाहते हैं, तो बातों पर गौर करें।

न दिखाएं हमेशा प्यार

कई पार्टनर एक- दूसरे पर इंप्रेशन डालने के लिए हमेशा प्यार दिखाते रहते हैं, जोकि एकदम गलत है। एक मैट्रीमोनियल साइट के मुताबिक वीक में दो से तीन बार हल्की-फुल्की नोकझोंक प्यार को बढ़ाती है और पार्टनर में हमेशा प्यार बना रहता है। दरअसल, यह नोकझोंक ही है, जो यह अहसास करवाती है कि आप एक-दूसरे को कितना चाहते हैं। प्राइवेट कंपनी में जॉब कर रही नीलिमा कहती हैं कि हल्की-फुल्की नोकझोंक से पार्टनर में नजदीकियां बढ़ती हैं और इससे गलतफहमी भी दूर होती है।

रोमांस का मजा

इन हसीन पलों में आप रोमांस का भरपूर मजा ले सकते हैं। मैरिज के बाद फैमिली जिम्मेदारियां के बीच आपका प्यार कहीं खो-सा जाता है। हो सकता है कि आप रोमांस के लिए उतना समय ना निकाल पाएं। ऐसे में इन पलों को पूरा इंजॉय करें।


सरप्राइज क्रिएट करें

प्यार को स्ट्रॉन्ग बनाने में बहुत छोटी- छोटी बातें मैटर करती हैं, जैसे कोई प्यारा सा गिफ्ट या सरप्राइज किस। एक प्यार भरा किस आपके और आपके पार्टनर बीच की दूरियों को मिटा देता है। ऐसे ही कुछ सरप्राइज्ड आप अपने फियॉन्सी को दे सकती हैं।

समझें एक-दूसरे को

केवल लड़कियां ही नहीं हैं, जो मिस्टर राइट की तलाश करती हैं। बल्कि लड़के भी हमेशा ऐसी लड़की की तलाश में रहते हैं, जो उनकी लाइफ में मिस परफेक्ट बन सके। इसलिए एक- दूसरे को समझें और उसके मुताबिक अपने को ढालने की कोशिश करें।

रहें गलतफहमी से दूर

महिलाओं की कुछ खूबियां पुरुषों को खूब भाती हैं, लेकिन कई चीजें ऐसी भी हैं, जो उन्हें उनसे दूर कर देती हैं। अगर आपको लगता है कि आपका फियॉन्सी आपको बार- बार किसी चीज के लिए फोर्स कर रहा है, तो हो सकता है कि वो आपके बारे में जानना चाह रहा हो। इसलिए चीजों को समझें और बेवजह की गलतफहमी न पालें।

मेकअप हो मिनिमम

हो सकता है कि आप बिना मेकअप के ही अच्छी लगती हो। चेहरे पर बेसिक फाउंडेशन और काजल तो ठीक है, लेकिन मेकअप की परत पर परत चढ़े चेहरे अट्रैक्टिव नहीं लगते, इसलिए सिंपल रहें और खूबसूरत दिखें।


बिहेवियर हो कंट्रोल

आप अपने फियॉन्सी के साथ कहीं गई हैं और वहां आपको अपने फ्रेंड्स नजर आ गए तो आप ज्यादा उनसे ही गपशप ना करती रहें, बल्कि अपने फियॉन्सी को भी टाइम दें। यानी आपको अपने फियॉन्सी के साथ रहते हुए अपना बिहेवियर कंट्रोल करना चाहिए।



सॉल्यूशन करें सर्च

अगर किसी वजह से आपकी अपने फियॉन्सी झड़प हो गई है, तो उसे उसी वक्त सुलझा लें। अगर नहीं सुलझेगा, तो आपके और पार्टनर के बीच में दूरियां आ जाएंगी और ये दूरियां तब तक बढ़ती जाएंगी, जब तक आप किसी सॉल्यूशन पर नहीं पहुंचते हैं।
 

आ रे ...प्रीतम प्यारे-फोटो फीवर





 

  
आ रे ...प्रीतम प्यारे-फोटो फीवर 

आ रे ...प्रीतम प्यारे-फोटो फीवर 
आ रे ...प्रीतम प्यारे-फोटो फीवर 
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आ रे ...प्रीतम प्यारे-फोटो फीवर 


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Thursday 4 October 2012

यौन आजादी से युवक-युवतियों में फैल रहा है कैंसर

यौन आजादी से युवक-युवतियों में फैल रहा है कैंसर

नई दिल्ली: समाज में तेजी से आ रहे खुलेपन, उपभोक्तावाद और पश्चिमीकरण के कारण बढ़ रही यौन स्वछंदता एवं उन्मुक्त यौन संबंधों के कारण किशोरों और युवकों में कैंसर का प्रकोप तेजी से फैल रहा है।


विशेषज्ञों का कहना है कि समाज में आ रहे खुलेपन के अलावा इंटरनेट तथा फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों, मोबाइल फोन, डिस्कोथिक, हुक्का पार्लरों एवं आधुनिक मॉलों के कारण लड़के, लड़कियों के बीच असुरक्षित यौन संबंध तेजी से बढे़ हैं जिसके कारण एड्स के अलावा जानलेवा कैंसर का तेजी से फैलाव हो रहा है।

किशोरों एवं युवकों में कैंसर के फैलाव एवं उनकी रोकथाम के उपायों पर चर्चा करने के लिए देश भर में कैंसर विशेषज्ञ इस सप्ताहांत हो रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में जुट रहे हैं जो इस तरह का पहला सम्मेलन है। इस सम्मेलन में दिल्ली, मुंबई, बंगलूरू और कोलकाता से जाने-माने कैंसर विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।

शनिवार से शुरू हो रहे इस सम्मेलन की मेजबानी कर रहे फरीदाबाद स्थित एशियन इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एआईएमएस) के अध्यक्ष डॉक्टर एन. के. पाण्डे ने बृ‌हस्पतिवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमारे देश में विभिन्न कारणों से किशोरों और युवाओं में कैंसर के दुर्भाग्यपूर्ण मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।कैंसर से पीडि़त लोगों में से एक बड़ी संख्या 15 से 35 वर्ष के किशोरों एवं युवकों की है और भारत की आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा अर्थात 4 करोड़ 65 लाख लोग इसी आयु वर्ग के हैं। बाल्यावस्था के कैंसर की तुलना में 15-35 वर्ष के युवाओं में कैंसर का प्रकोप लगभग आठ गुना अधिक है।

विशेषज्ञों ने कहा कि यौन संबंधों को लेकर खुलेपन का खामियाजा युवकों एवं किशोरों को किस स्तर तक भुगतना पर रहा है। इसका पता अमेरिका में हुए एक ताजा सर्वे से चला है जहां किशोर वय की हर चार में से एक लड़की किसी न किसी संक्रामक यौन रोगों से पीडि़त हैं। ये रोग बाद में ग्रीवा कैंसर, मुंह के कैंसर और बांझपन के कारण बन सकते हैं।कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर प्रकाश चिताल्कर ने कहा कि हमारे देश में हर साल करीब ढाई लाख युवा एवं किशोर ऐसे कैंसर के शिकार बनते हैं। हालांकि इनमें से अधिकतर कैंसर का इलाज संभव है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि जागरूकता के अभाव एवं समुचित चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण कई युवकों की मौत हो जाती है।



डॉक्टर पाण्डे ने बताया कि यौन रूप से अधिक सक्रिय महिलाओं और लड़कियों में ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) संक्रमण होने का खतरा रहता है जो गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का मुख्य कारण है। हालांकि इसका निवारण और इलाज किया जा सकता है। एचपीवी टीके से इस तरह के कैंसर पैदा करने वाले 70 प्रतिशत एचपीवी स्ट्रेन को कैंसर पैदा करने से रोका जा सकता है।इसलिए नौ से 26 साल की लड़कियों को इसका टीका अवश्य लगाना चाहिए। गर्भाशय र्गींवा कैंसर का पता पैप स्मीयर जांच से लगाया जा सकता है। डॉक्टर चित्तालकर ने बताया कि आधुनिक प्रवृतियों के कारण महिलाओं में कम उम्र में ही स्तन कैंसर का प्रकोप बढ़ रहा है। इसके लिए किशोरावस्था में मोटापा, देर से शादी, करियर, शहरी तनाव, देर से बच्चे का जन्म, बच्चे को स्तनपान नहीं कराना, कम उम्र में माहवारी की शुरूआत और देर से रजोनिवृति आदि प्रमुख रूप से जिम्मेदार है।

गांवों में प्रति एक लाख महिलाओं में नौ से 12 महिलाओं को जबकि बडे़ शहरों में 35-45 महिलाओं को स्तन कैंसर होता है। डॉक्टर चित्तालकर ने कहा बताया कि लड़कियों एवं महिलाओं का एक सामान्य कैंसर अंडाशय का कैंसर है जो सेक्स कोशिकाओं से होता है और इसका इलाज संभव है। यहां तक जब अग्रिम अवस्था में जब यह फैल चुका होता है तब भी इसका इलाज संभव है।

इस कैंसर के इलाज के बाद सामान्य यौन जिंदगी और प्रजनन संभव है। इसी तरह अंडाशय के कैंसर के मामले में एक अंडाशय निकाल देने और कीमोथेरेपी के बाद रोगी सामान्य जिंदगी जी सकता है। हालांकि ऐसे कैंसर के मामले में कीमोथेरेपी से पहले शुक्राणु को निकालकर सुरक्षित रख लिया जाता है।