Friday 17 August 2012

पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक गोली जल्द

महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक दवाएं तो दशकों से मौजूद हैं, लेकिन पुरुषों के लिए ऐसी कोई गोली उपलब्ध नहीं है। मगर अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि वे पुरुष गर्भनिरोधक दवा बनाने की प्रक्रिया के काफी करीब पहुंच गए हैं। वैज्ञानिकों ने चूहों पर इसका सफल परीक्षण भी किया है।
पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक गोली न होने की वजह से बड़ी संख्या में अनियोजित गर्भ धारण करने के मामले सामने आते रहे हैं। वैज्ञानिकों के सामने चुनौती एक ऐसी दवा बनाने की थी, जो खून से सीधे अंडकोष में जा सके। यह शोध अमेरिकी पत्रिका सेल में प्रकाशित हुआ है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, चूहों पर दवा के परीक्षण से उनकी यौन क्रियाओं पर असर नहीं पड़ा, लेकिन उनकी प्रजनन क्षमता अस्थाई तौर पर समाप्त हो गई। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह परीक्षण काफी उत्साहपूर्ण है, इंसान पर इसका परीक्षण होना अभी बाकी है। डाना फार्बर कैंसर इंस्टीट्यूट एंड बेलर कॉलेज ऑफ मेडिसन में अमेरिकी शोधकर्ता 'जेक्यू1' नाम की दवा का परीक्षण कर रहे थे। यह दवा प्रोटीन की एक किस्म पर निशाना साधती है, जो सिर्फ अंडकोष में ही पाया जाता है और शुक्राणु उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है। जिन चूहों को दवा दी गई, उनके अंडकोष सिकुड़ने लगे। शुक्राणु कम होने लगे और कुछ की प्रजनन क्षमता अस्थाई तौर पर चली गई।
यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड के डॉक्टर ऐलन पेसी ने बताया कि अब तक जितने भी परीक्षण हुए हैं, उनमें इंजेक्शन या इम्प्लांट के जरिए टेस्टोस्टिरोन हार्मोन से छेड़छाड़ की जाती थी, ताकि शुक्राणु न बन सकें, लेकिन यह तकनीक रुटीन इस्तेमाल में नहीं लाई जा सकी। इसलिए ऐसी दवा की जरूरत है, जो हार्मोन पर निर्भर न हो।

अब महिलाएं भी पोर्न फिल्में देखना चाहती हैं.


क्या आपने कभी सोचा है कि महिलाओं की भी कुछ इच्छाएं होती हैं. हमेशा से सिर्फ यह समझा जाता है कि महिलाओं की इच्छाएं सिर्फ मेककप की तरफ ध्यान देना या शॉपिंग करना होती हैं. पर ऐसा नहीं है, महिलाएं भी अब कुछ और इच्छाएं रखने लगी हैं जिन्हें पुरुषों को पूरा करना ही पड़ेगा क्योंकि अब सवाल ही नहीं उठता है कि महिलाओं की इच्छाएं पूरी किए बिना लाइफ मस्त चल सके. हैरानी जरूर होगी महिलाओं की यह इच्छा जानने के बाद कि अब महिलाएं भी पोर्न फिल्में देखना चाहती हैं.पोर्न सिर्फ पुरुषों को ही उत्तेजित नहीं करता बल्कि महिलाएं भी बेडरूम में पोर्न से उत्तेजित हो रही हैं


. हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक, ब्रिटेन की करीब 90 फीसदी महिलाओं ने माना है कि वे पोर्न फिल्में देखकर उत्तेजित होती हैं. एक एक्स-रेटेड सर्वे में यह सामने आया कि अपनी सेक्स लाइफ को मजेदार बनाने के लिए वे पोर्न से प्रेरणा लेती हैं. वहीं, ऑनलाइन पोर्नोग्राफी भी यहां खूब प्रचलित है. इरोटिक व सेक्सी तस्वीरें देखने के लिए करीब 37 फीसदी ब्रिटिश महिलाएं इंटरनेट लॉग-इन करती हैं, जिसमें से 50 फीसदी ऑफिस के काम के दौरान ही पोर्न देखती हैं. हर दस में से एक महिला ने बताया कि वे न्यूड महिला को देखना पसंद करती हैं, वहीं तीन को गर्ल-ऑन-गर्ल एक्शन पसंद आता है. इसके अलावा, 9 फीसदी महिलाओं ने स्वीकारा कि उन्होंने अपने बेडरूम एक्ट्स में भी पोर्न फिल्मों में इस्तेमाल किए गए पोजीशंस को ट्राई किया. 



एक ग्लैमर मैगजीन के लिए किए गए सर्वे में करीब आधी महिलाओं ने बताया कि उन्होंने अपने लवर्स को सेक्सी तस्वीरें भेजीं. इनमें से 16 प्रतिशत ने माना कि वेबकैम के सामने वे न्यूड भी हुईं. वहीं, पुरुषों को पोर्न ज्यादा लुभाता है. 

जीक्यू मैगजीन के लिए हुए सर्वे में यह पता चला कि हर पांचवां पुरुष दिन में कम से कम एक बार पोर्न वेबसाइट पर जरूर जाता है. सर्वे में शामिल 60 फीसदी पुरुषों ने माना कि वे सेक्स पार्टी का हिस्सा रहे हैं, वहीं आधे पुरुषों ने माना कि वे थ्रीसम(दो पार्टनर के साथ एक साथ सेक्सुअल एक्टिविटी) कर चुके हैं.
 

सेक्स वर्कर्स के पोल डांस से टूटे न्यूजीलैंड के ट्रैफिक खंभे!

न्यूजीलैंड के सबसे बड़े शहर ऑकलैंड में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। पोल डांस से ग्राहकों को अपनी तरफ लुभाने के लिए सेक्स वर्कर्स ने शहर के दर्जनों ट्रैफिक साइन बर्बाद कर दिए।

 

 

टेलीग्राफ डॉट को डॉट यूके ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि न्यूजीलैंड के सबसे बड़े शहर ऑकलैंड के दक्षिणी इलाके के एक हिस्से में पिछले 18 महीने में 40 से ज्यादा ट्रैफिक पोल्स तोड़े या खराब कर दिए गए हैं। सेक्स वर्कर्स इन ट्रैफिक साइन के खंभों का इस्तेमाल डांसिंग पोल की तरह करती हैं।
सेक्स वर्कर्स के पोल डांस से टूटे न्यूजीलैंड के ट्रैफिक खंभे!
ये पोल उनके लिए ग्राहक लुभाने का जरिया बन गए हैं। कुछ सेक्स वर्कर्स कद में बड़ी और मजबूत होती हैं जिस कारण ये पोल टूट जाते हैं या मुड़ जाते हैं।
मालूम हो कि वेश्यावृत्ति के लिए दुनिया के कुछ सबसे उदार देशों में न्यूजीलैंड भी आता है। यहां की पूर्व लेबर
सरकार ने 2003 में वेश्यावृत्ति को अपराध की श्रेणी से हटा दिया था जिस कारण देश में वेश्यावृत्ति का धंधा सड़कों पर भी खुलेआम चलता है।

 

सेक्‍स बनाम शुचिता का नारा

सेक्‍स बनाम शुचिता 

आज भी भारत में सेक्स को वर्जना की तरह देखा जाता है। जबकि हमारे देश में खजुराहो से लेकर वात्सायन के कामसूत्र जैसी कृतियों में सेक्स के हर पहलू पर रोशनी डाली गई है। स्वस्थ व सुखी जीवन के लिए संयमित सेक्स को उपयोगी बताया गया है। सेक्स का स्थान जीवन में पहला तो नहीं कह सकते हैं। पर इसका स्थान गेहूं के बाद पर गुलाब के साथ जरुर है। सेक्स शरीर की एक जरुरत है और साथ ही इंसान के जीवन चक्र को जारी रखने वाला जरिया भी।

 

 

  आम जीवन में सेक्स को लेकर बहुत सारी भ्रांतियाँ हैं। जानकारी के अभाव में, परिस्थितियों के कारण या फिर मनोविकार के कारण इंसान बलात्कार जैसा घिनौना कृत्य करके सामाजिक बहिष्कार का पात्र बन जाता है। बलात्कार आज भारत में सबसे ज्वलंत मुद्दा है। बावजूद इसके इस समस्या के तह में जाने का कभी प्रयास नहीं किया गया है।आज भी स्कूलों व कॉलेजों में सेक्स शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। किसी-किसी स्कूल में सेक्स शिक्षा को लागू किया गया है। किंतु उसको अमलीजामा अभी तक कागजों पर पहनाया जा रहा है। आमतौर पर सेक्स को घर में गुनाह के तौर पर देखा जाता है। माता-पिता अपने बच्चों को यौन संबंधित जानकारी देने से परहेज करते हैं। हालांकि इंसान की फितरत वर्जित माने जाने वाले विषयों के बारे में जानकारी हासिल करने की जिज्ञासा सबसे उत्कट होती है। मानसिक स्तर पर वैचारिक मतांतर की वजह से बच्चा अश्‍लील साहित्य पढ़ने का या साइबर सेक्स का आदी हो जाता है। इस क्रम में कुछ बच्चे मनोविकृति के शिकार हो जाते हैं। मनोविकार से ग्रसित बच्चे बाद में जाकर बलात्कार जैसे क्रूर व घिनौने जुर्म को अंजाम देते हैं। दरअसल सामाजिक सोच में टकराव के कारण युवक व युवतियों के बीच सेक्स के लिए आपसी सहमति बन ही नहीं पाती है। वैसे अब दूसरी वजहों से सहमति के इक्का-दुक्का मामले हमारे सामने आ रहे हैं।गाँवों में हालत और भी खराब हैं। वहाँ गाली या अपशब्द के आदान-प्रदान के दरम्यान पूरे कामसूत्र की झांकी आपको मिल सकती है। परन्तु उस कामसूत्र में मनोविकृति ज्यादा होती है। इसका दूसरा पहलू यह है कि गाँवों में नारी को महज वस्तु माना जाता है। आपसी दुश्‍मनी निकालने के लिए भी औरत को निशाना बनाया जाता है।



मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि तकरीबन 3 से 5 फीसदी लोगों में सेक्स नशा की तरह होता है। ऐसे लोगों को सेक्सोहॉलिक कहा जाता है। यह नशा शराब, जुआ या फिर ड्रग्स के माफिक होता है।
अभी हाल में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा का यह बयान आया था कि सेक्स अभी भी उनके जीवन का अहम हिस्सा है। मशहूर गोल्फर टाइगर बुडस के विवाहोपरांत दूसरी स्त्रियों से संबंध रहे हैं। हॉलीवुड के अभिनेता डेविड डुकोवनी ने सार्वजनिक रुप से माना है कि वे सेक्सोहॉलिक हैं और वे 2008 से पुर्नवास केन्द्र में सेक्स विसंगति का ईलाज करवा रहे हैं। अमेरिका में कांगेस के प्रतिनिधि एंथोनी वीनर के सेक्सोहॉलिक होने के कारण ही अपने पद से हाथ धोना पड़ा।
सच कहा जाए तो भारत में सेक्स के प्रति दीवानगी अधिक है। अपितु भारत में खुला समाज नहीं है। इस देश में सेक्स स्कैण्डल अक्सर दबा दिये जाते हैं। फिर भी बहुत सारे सेक्स स्कैण्डल मीडिया की सक्रियता से दब नहीं पाते हैं।
अभी कुछ दिनों पहले फिल्म स्टार शाइनी आहूजा बलात्कार के आरोप के कारण सुर्खियों में थे। उनपर अपनी नौकरानी के साथ बलात्कार करने का आरोप था।
आंध्रप्रदेश के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ कांगेस नेता नारायण दत्त तिवारी को सेक्स स्कैण्डल के कारण 2009 में अपने पद से हाथ धोना पड़ा था। सेक्स से ही जुड़े दूसरे मामले में रोहित शेखर नाम के एक नौजवान ने दावा किया है कि नारायण दत तिवारी उसके पिता हैं। दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी जानबूझकर नारायण दत तिवारी डीएनए टेस्ट करवाने से कतरा रहे हैं।
2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान पर अभिनेत्री से राजनीतिज्ञ बनी जयाप्रदा की तथाकथित नंगी तस्वीरों का वितरण आम जनता के बीच करवाने का आरोप लगा था।
उत्तर प्रदेश के पूर्व काबीना मंत्री अमरमणि त्रिपाठी पर 2003 में अपनी प्रेमिका मधुमिता शुक्ला के कत्ल का आरोप लगा था। बाद में अदालत में यह साबित भी हो गया और अब मंत्री महोदय जेल में सजा काट रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मधुमिता शुक्ला मरने के समय गर्भवती थी।
1982 में पटना में बॉबी का कत्ल हुआ था। वह सचिवालय में काम करती थी। उसके कत्ल के पीछे तत्कालिक मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के नेतृत्व वाली सरकार के कबीना मंत्रियों का हाथ बताया गया था। पटना में ही 1999 में शिल्पी जैन और गौतम सिंह ने संदेहास्पद तरीके से या तथाकथित तौर पर आत्महत्या किया था। किन्तु लोगों का मानना है कि यह घटना आत्महत्या के बजाए कत्ल था और यह राजद के कुछ वरिष्ठ नेताओं की करतूत थी।



1978 में जब बाबू जगजीवन राम जनता पार्टी के शासनकाल के दौरान रक्षा मंत्री थे तब उनके 46 वर्षीय पुत्र की तस्वीर दिल्ली कॉलेज की एक 21 वर्षीय छात्रा सुषमा चौधरी के साथ तब की एक पत्रिका ‘सूर्या’ में प्रकाशित हुई थी। कहा जाता है कि उस सेक्स स्कैण्डल के कारण ही श्री राम देश के पहले दलित प्रधानमंत्री बनने से वंचित रह गए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उड़ीसा के पूर्व मुख्यमंत्री जेवी पटनायक पर 1998 में दो सरकारी मुलाजिमों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
महाराष्ट्र के जलगाँव में चल रहे सेक्स रैकेट में राजनीतिज्ञ, नौकरशाह व कॉरपोरेट जगत की संलिप्तता थी। 1994 में भंडाफोड़ हुए इस स्कैण्डल में 300 से लेकर 500 तक लड़कियाँ शामिल थीं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि अधिकांश लड़कियाँ सकूल जाने वाली थीं और उनका संबंध अच्छे घरों से था।

1997 में मुस्लिम लीग के वरिष्ठ नेता पी के कुंजालिकुट्टु उत्तरी केरल में आईसक्रीम पार्लर के माध्यम से वेश्‍यालय चलाते हुए पकड़े गए थे। यदि भारत के सिर्फ नामचीन लोगों से जुड़े हुए सेक्स कांड की चर्चा की जाए इसकी फेहरिस्त बेहद लंबी हो जाएगी। लब्बोलुबाव के रुप में कहा जा सकता है कि भारत में इस तरह के सेक्स स्कैण्डलों की भरमार है।
पश्चिमी देशों की तरह हमारे देश में खुलकर सेक्स पर परिचर्चा आयोजित नहीं की जाती है। विदेशों में स्त्री एवं पुरुष आपसी सहमति से सेक्स का आनंद लेते हैं। खुलापन से युक्त सामाजिक संरचना के कारण बलात्कार जैसे मामले वहाँ कम प्रकाश में आते हैं।
भारत में एक जमाने से सेक्स को टैबु के रुप में देखा जाता रहा है। पर इसी भारत में वैसे लोग रहते हैं जो अपने घर की कुंवारी कन्याओं का हमल गिरवाने में संकोच नहीं करते हैं, लेकिन इसके साथ ही साथ घर के बाहर जाकर निर्बंध समाज के प्रति बड़ी आसानी से घृणा का इजहार भी कर देते हैं।



मेरा मत खुले सेक्स की वकालत करना नहीं है। पर आम आदमी के मन में सेक्स के प्रति समझ तो होनी ही चाहिए और उन्हें दोहरा चरित्र जीने की बजाए यौन जनित भावनाओं पर नियंत्रण रखने के लिए अपनी मानसिक क्षमता का विकास करना चाहिए। ताकि सामाजिक शुचिता की संकल्पना का विखंडन नहीं हो। इस संदर्भ में हम भी पश्चिमी देशों की तरह पुनर्वास केन्दों की मदद से सेक्स जनित विसंगतियों पर काबू पा सकते हैं।

 

सिर्फ मनोरंजन नहीं है पोर्नोग्राफी

सिर्फ मनोरंजन नहीं है पोर्नोग्राफी

पोर्न सिर्फ मनोरंजन नहीं है। पोर्न औरतों के खिलाफ नियोजित विचारधारात्मक कारपोरेट हमला है। पोर्न की विश्वव्यापी आंधी ऐसे समय में आयी है जब महिला आंदोलन नई ऊँचाईयों का स्पर्श कर रहा था। पोर्न के सामाजिक और मनोवैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि पोर्न को देखने वाले औरतों के प्रति संवेदनहीन होते हैं। खासकर औरतों के खिलाफ जब अपराध होते हैं तो संवेदनहीनता का प्रदर्शन करते हैं। पोर्न के भोक्ता औरतों के खिलाफ आपराधिक कर्मों को लेकर आक्रामक भाव में रहते हैं।

पोर्न के द्वारा औरत के प्रति प्रच्छन्नतः कामुक नजरिया निर्मित किया जाता है। औरत को पुरुष के बराबर राजनीतिक और सामाजिक दर्जा देने की भावना से दर्शक दूर होता चला जाता है। नेट पर पोर्न सामग्री के प्रदर्शन पर रोक लगायी जानी चाहिए। सेक्स और कामुकता के नग्न प्रदर्शन को हमें अभिव्यक्ति और व्यापार की आजादी ने नाम पर खुली छूट नहीं देनी चाहिए।
यह सच है कि इंटरनेट अभिव्यक्ति की आजादी का चरमोत्कर्ष है,लेकिन इंटरनेट के भी एथिक्स अथवा आचार-संहिता के बारे में गंभीरता के साथ सोचा जाना चाहिए।
कुछ पोर्न प्रेमी सोचते हैं कि पोर्न कामोत्तेजना का स्रोत है.कामाग्नि बढ़ाने का काम करता है,सच यह है कि पोर्न से कामाग्नि बढ़ती है लेकिन यथार्थ ऱुप में नहीं। पोर्न से उत्तेजित होने वाले स्त्री-पुरूष संबंधों के बाहर जाकर कामोत्तेजित होते हैं। ऐसे लोग अपनी कामाग्नि को अस्वाभाविक ढ़ंग से शांत करते हैं। अस्वाभाविक सेक्स में आनंद लेते हैं।
पोर्न कामाग्नि भोक्ता के वैवाहिक जीवन को भी नष्ट कर सकती है। पोर्न का भोक्ता ऐसे सेक्स में आनंद लेने लगता है जिसे परवर्टेट सेक्स भी कहते हैं। ‘न्यूयार्क टाइम्स’ ( 20 मई 2001) के अनुसार पिछले साल 11,000 पोर्न वीडियो बाजार में आए,जबकि हॉलीवुड से मात्र 400 फिल्में रिलीज हुईं। पोर्न का चस्का जिसे लग जाता है वह बार-बार पोर्न बेवसाइट पर जाता है। ज्यादा से ज्यादा पोर्न देखता है।
पोर्न के द्वारा यह विभ्रम पैदा किया जाता है कि सेक्स.प्रेम और आत्मीयता सब एक ही चीज हैं। पोर्न यह भी सिखाता है कि किसी भी अंजान व्यक्ति से सेक्स किया जा सकता है। क्योंकि पोर्न में जिससे कामुक संबंध बनाते हैं वह अपरिचित ही होता है। पोर्न यह भी संदेश देता है कि सेक्स में संतुष्टि मिलना ही महत्वपूर्ण चाहे वह किसी के भी शरीर से मिले। पोर्न यह मिथ बनाता है कि सेक्स किसी से भी और कभी भी किया जा सकता है। सेक्स का कोई परिणाम नहीं होता।


पोर्न के द्वारा सेक्स की खोखली और कृत्रिम धारणा का निर्माण किया जा रहा है जिसके अनुसार संबंध का अर्थ है सेक्स, प्रेम का अर्थ है सेक्स। जबकि सच यह नहीं है स्त्री-पुरुष संबंधों का आधार है प्रतिबद्धता, आपसी विश्वास और आपसी केयरिंग। प्रत्येक स्तर पर केयरिंग ,शेयरिंग और विश्वास के आधार पर स्त्री-पुरुष संबंध बनता है। सिर्फ सेक्स के आधार पर संबंध नहीं बनता। इसका अर्थ यह नहीं है कि सेक्स बुरी बात है। सेक्स मनुष्य की सबसे सुंदर क्रिया है। आप जिसे प्यार करते हैं,और वह भी आपके प्यार को स्वीकार करे, उससे जब सेक्स करते हैं तो सेक्स का आनंद विलक्षण अनुभूति देता है। सेक्स के लिए समग्र समर्पण जरुरी है,समग्र समर्पण ही सेक्स को परमानंद की अनुभूति में बदलता है।
पोर्न के समर्थकों का तर्क है कि वे सेक्स के सत्य का ज्ञान कराने के लिए पोर्न बनाते है। यह बात एकदम गलत है। पोर्न से सेक्स के सत्य का ज्ञान नहीं होता। पोर्न का निर्माण शिक्षा के मकसद से नहीं किया जाता। पोर्न के प्रचारक औरत, विवाह, सेक्स,कामुकता आदि के बारे में सफेद झूठ बोलते हैं। उनका एकमात्र मकसद है किसी भी तरह नेट यूजरों की भीड़ को बांधे रखना और आकर्षित करना।
पोर्न के प्रचारक बार-बार कहते हैं कि औरत का दर्जा मानवी के दर्जे से नीचे है। वे औरत की तुलना पशुओं से करते हैं। शरीर के खास अंगों से करते हैं। वे औरत को हाड़-मांस के रुप में पेश करते हैं। यह ऐसी औरत है जिसकी संवेदना नहीं है,दिल नहीं है,संसार नहीं है, उसकी सामाजिकता नहीं है। उसके विचार नहीं हैं। उसके पास अगर कोई चीज है तो शरीर है, योनि है, स्तन हैं, गुदा है और वह संवेदनारहित सेक्स मशीन है।
पोर्न के प्रचारक यह भी बताते हैं कि औरत तो खिलौना है। औरत को खिलौना के रुप में पेश करने चक्कर में ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना सिखाया जाता है जिसका औरत के खिलौना और सेक्सरुपी खेलभाव से संबंध है।


औरत के बारे में पोर्न प्रचारक यह भी कहते हैं कि औरत संपत्ति है, आप खरीद सकते हैं। आप जब किसी औरत पर पैसा खर्च करते हैं तो उससे सेक्स करना अपना अधिकार समझते हैं।
पोर्न के प्रचारक बताते है कि औरत का मूलाधार है उसका आकर्षक शरीर। आकर्षक औरत को परफेक्ट औरत के रुप में भोक्ता के मन में उतारा जा रहा है। वे औरत के दिमाग और व्यक्तित्व को नोटिस ही नहीं लेते। उनके लिए तो स्त्री का शरीर ही सर्वस्व है। वे यह भी मिथ बनाते हैं कि औरत बलात्कार पसंद करती है। औरत जब नहीं कहती है तो इसका अर्थ है हां। उसकी ना को हां समझो।
पोर्न में औरत के साथ बलात्कार, शारीरिक उत्पीड़न आदि को जिस तरह दिखाया जाता है उसका अर्थ यह है कि औरत का उत्पीड़न आनंद है। पोर्न में आमतौर पर औरत के बारे में घटिया और गंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है ऐसा करते हुए पोर्न प्रचारक औरत का सामाजिक दर्जा गिराते हैं। वे यह भी प्रचार करते हैं कि छोटे बच्‍चों को सेक्स करना चाहिए, छोटे बच्चों के साथ सेक्स करना चाहिए। पिता को बेटी के साथ, मां को बेटे के साथ, भाई को बहन के साथ, मनुष्य को पशु के साथ सेक्स करना चाहिए। अवैध सेक्स आनंद है। मजा है। अवैध सेक्स खतरनाक और नुकसानदेह नहीं होता। वेश्याएं ग्लैमरस होती हैं।


पोर्न वर्चुअल इमेजों का खेल है। इमेजों के माध्यम से भोक्ता को बहलाया-फुसलाया जाता है, उसे पोर्न प्रोडक्ट खरीदने के लिए मानसिक तौर पर तैयार किया जा रहा है, पोर्न के उत्पादों के प्रति आम जनता के अलगाव को कम किया जा रहा है। पोर्न से संघर्ष का अर्थ है इमेजों से संघर्ष। इमेजों के प्रति सतर्कता और सामाजिकता ही एकमात्र पोर्न से बचा सकती है।

 

ग‍लतियां जो पुरुष बिस्‍तर पर करते हैं

ग‍लतियां जो पुरुष बिस्‍तर पर करते हैं

कई बार ऐसा होता है कि पुरुष और स्‍त्री जब सेक्‍स की चरम सीमा पर होते हैं, तो अचानक दोनों में से एक ठंडा पड़ जाता है। यही नहीं कई बार स्‍त्री अचानक नर्म भी पड़ जाती है। जाहिर है ऐसा तभी होता है, जब पुरुष सेक्‍स के दौरान कोई गलती कर बैठता है। जी हां संभोग के दौरान छोटी सी गलती आपकी सुहावनी रात को खराब कर सकती है। 


आप सोच रहे होंगे, कि आखिर ऐसी कौन सी गलतियां हैं, जो पुरुष बिस्‍तर पर कर बैठते हैं, जिससे उसकी पार्टनर का मन विचलित हो उठता है। यही नहीं अपने चरम पर पहुंचने से पहले ही सब कुछ फीका पड़ जाता है। आईये हम आपको बताएंगे कि बिस्‍तर पर पुरुष किस प्रकार की गलतियां कर बैठते हैं। सेक्‍स के दौरान कौन सी बात आपकी पार्टनर को आपके करीब आने से रोक सकती है। इसे पता करने की आप पूरी कोशिश कर चुके होंगे। आपको कोई सुराग नहीं मिला होगा।


प्‍यार करने वाली रानी है स्‍त्री

कई बार पुरुष संभोग के दौरान स्‍त्री के साथ प्‍यार की बातें नहीं करते। जबकि संभोग का असली आनंद उठाने के लिए स्‍त्री के साथ प्‍यार करने वाली रानी के जैसा ट्रीट करना चाहिए। जितनी ज्‍यादा प्‍यार की बातें करेंगे पार्टनर आपके उतनी ही करीब आएगी।




बुरी बातें करना

सेक्‍स के दौरान बुरी बातें करना पुरुषों की बड़ी गलतियों में शामिल है। इससे प्रतीत होता है कि मानों उसे सिर्फ सेक्‍स की भूख है, प्‍यार की नहीं। इससे स्‍त्री निराश हो जाती है। खास बात यह है कि स्‍त्री की सेक्‍स इच्‍छाओं पर कभी कोई गलत टिप्‍पणी न करें। इससे उसके दिल को ठेस पहुंच सकती है।

शेव न करना

ज्यादातर लोग सोचते हैं कि दाढ़ी या मूंछे स्‍त्री को सेक्‍स का सुख ज्‍यादा देती हैं। लेकिन हम आपसे पूछते हैं, यदि आपके गाल, जांघ या किसी कोमल अंग पर दाढ़ी या मूंछ से ब्रश करे तो आपको कैसा लगेगा। जाहिर है, आपको उल्‍झन मचेगी। इसलिए याद रखें बढ़ी हुई दाढ़ी-मूछों वाला चेहरा अगर आप अपनी पार्टनर के गाल, जांघ या किसी भी अंग पर रखेंगे तो जरूरी नहीं है कि उसे यौन सुख ही प्राप्‍त होगा। हो सकता है उसे खराब भी लग रहा हो।


ब्रेक लेना

यौन संबंध स्‍थापित करते वक्‍त आप स्‍त्री के यौन सुख को उस स्‍थान से आगे नहीं बढ़ा सकते जहां से आपने छोड़ा था। इस बारे में स्त्रियां पुरुषों से एकदम अलग होती हैं। यदि आपने सेक्‍स करते वक्‍त ब्रेक ले लिया तो वो वापस पीछे चली जाएंगी। फिर उन्‍हें उत्‍तेजित करना उतना ही कठिन हो जाता है। इसलिए सेक्‍स के दौरान ब्रेक मत लें।


धन्‍यवाद कहना

संभोग के बाद कुछ पुरुष स्‍त्री को धन्‍यवाद कह कर गलती कर बैठते हैं। एक बात ध्‍यान रहे आपने उसके साथ संबंध तभी स्‍थापित किए जब उसकी इच्‍छा थी, न कि उसने आपके ऊपर कोई अहसान किया है। आमतौर पर प्‍यार के बीच धन्‍यवाद शब्‍द आने पर स्त्रियों को बुरा लग जाता है।


रफ एण्‍ड टफ होना

कई बार पुरुषों को लगता है कि उनकी रफ एण्‍ड टफ अदा स्त्रियों को भाती है। लेकिन सही मायने में संभोग के दौरान ऐसी अदा से स्त्रियां काफी खराब महसूस करती हैं। कोई स्‍त्री नहीं चाहती कि पुरुष जंगली रवैया अपनाते हुए उसके साथ संभोग करे। स्‍तनों, योनि, जांघ, आदि कोमल अंगों पर कड़क उंगलियों से आपकी पार्टनर परेशान हो सकती हैं, इसलिए कोमल व्‍यवहार के साथ स्‍पर्श करना ही सही रहता है।


वक्ष पर प्रहार करना


स्‍त्री के वक्ष के ऊपरी हिस्‍से पर निपल उसके शरीर का सबसे संवेदनशील हिस्‍सा होता है। कई बार पुरुष उत्‍तेजना में आकर उस पर टूट पड़ते हैं। जिसकी वजह से दर्द के कारण स्‍त्री का यौनसुख कई बार फीका पड़ जाता है। इसलिए ऐसा नहीं करना चाहिए। उसे एक फूल की तरह स्‍पर्श करना चाहिए। यहां आप अपनी उंगलियों का अच्‍छा प्रयोग कर सकते हैं। उस स्‍थान पर हलके स्‍पर्श के साथ धीरे से चुंबन लेना ही ठीक रहता है। ना कि उसे मोड़ना, रगड़ना, आदि।



रोजाना नियमित सेक्‍स करना


रोजाना एक ही समय पर नियमित रूप से सेक्‍स करना भी पुरुषों की बड़ी गलती है। असल में स्त्रियां प्‍यार के अनुभवों को अलग-अलग तरीके से और अलग-अलग समय पर बटोरना ज्‍यादा पसंद करती हैं। इसलिए आपने पार्टनर के साथ सेक्‍स करने के लिए एक ही समय को बांध कर न रखें। कभी दिन में, कभी शाम को, कभी मध्‍य रात्रि में और कभी सुबह सेक्‍स करने से अलग-अलग अनुभव प्राप्‍त होते हैं।

तुरंत कपड़ने उतारना

पुरुषों की एक आदत होती है कि वे समय बर्बाद नहीं करते। पार्टनर के पास जाते ही वे सबसे पहले कपड़े उतारना शुरू कर देते हैं, जबकि ऐसा करना भी गलत है। स्त्रियां सोचती हैं कि पुरुषों में कुछ चीजें उन्‍हें कम आकर्षित करती हैं। वो हैं मोजे, शर्ट और अंडरवीयर।

शुरू होने से पहले ही अंत


कुछ पुरुष संभोग शुरू करने से पहले ही उत्‍तेजित होकर चरम सीमा पर पहुंच जाते हैं और उनकी ऊर्जा समाप्‍त हो जाती है। यह स्‍त्री को अच्‍छा नहीं लगता। इससे बचने के लिए कुछ पुरुष गोलियों का सेवन करते हैं वहीं कुछ लोग सेकस से पहले मैथुन करते हैं। संभोग के तुरंत बाद सोना: एक अध्‍ययन के मुताबिक संभोग खत्‍म करने के तीन मिनट के अंदर पुरुष को गहरी नींद आती है।


आमतौर पर पुरुष उस नींद में डूब जाते हैं और तुरंत सो जाते हैं। जबकि यह आपकी पार्टनर को जरा भी अच्‍छा नहीं लगता। स्त्रियां चाहती हैं कि प्‍यार के पल संभोग के बाद भी कायम रहें। लिहाजा आपको संभोग के तुरंत बाद सोने की आदत हो तो उसे बंद कर दें।

 

खूबसूरत औरतें उसकी कमजोरी थी

खूबसूरत औरतें उसकी कमजोरी थी
नैपोलियन बहादुर था और युद्ध का मैदान उसके लिए खेल का मैदान था, मगर खूबसूरत औरतों के सामने वह एक मेमना था। इतिहास इस तथ्य का साक्षी है कि जिस व्यक्ति में पौरूष होता है और समाज को बनाने बिगाड़ने की क्षमता होती है वह प्रकृति की देन पद्मिनियों के पीछे दीवाना रहता है। महान नाटककारशेक्सपीयर,शैली, कीट्स, यीट्स, वाइरन, रूसो, माक्र्स, लेनिन, माओ, कालीदास, तुलसीदास, जयशंकर प्रसाद, जवाहर लाल नेहरू, डा.लोहिया ऐसे हस्ताक्षर हैं जिनमें सर्जना और विसर्जना की अपूर्व शक्ति थी। लेकिन इसके साथ यह भी सच है कि दुनिया के सभी महान व्यक्ति दूसरों के लिए भीम थे मगर अपनी प्रेमिकाओं के समक्ष मेमना थे। इसके साथ ही यह भी सच है जैसा कि महावीर द्विवेदी ने कहा है,‘‘यह विधि की विडम्बना है मेंह पहाड़ों पर बरसता है, लक्ष्मी मूर्खों को मिलती है, विद्वान दरिद्र होता है और स्त्रियां कुपात्रो पर रीझती है।    

महाकवि कीट्स फायना ब्राउनी की याद में मर गया मगर उसका प्यार वह न पा सका। यीट्स इवेन्सा की याद में कवितायें लिखता रहा मगर वह दूसरे के साथ चली गयी। नेपालियन बोनापार्ट लुइस का प्यार नहीं पा सका। तुलसी दास को रत्ना का भरपूर प्यार नहीं मिला। प्रेमिका की बेरूखी से ही जयशंकर प्रसाद को यक्ष्मा हो गया और तो और गोरखपुर के उदीयमान कवि स्व.विद्याधर द्विवेदी विज्ञ अपनी प्रेमिका की बेरूखी से पगला गये। डार्क लेडी की याद में तड़पते हुए शेक्सपीयर का यह कथन ज्यादा सच मालूम होता है, ‘‘फ्रेल्टी दाई नेम इज वोमन’’। चपला! तुम्हारा ही नाम औरत है। नेपालियन–लुइस– के लिए दीवाना था मगर वह उसकी पत्नी होकर भी वह उसे नहीं चाहती थी। वह किसी और को पसंद करती थी।              नेपालियन बोनापार्ट बहुत बड़ा जनरल और विजेता था। वह ांस के कारमेका नामक द्वीप में सन् 1762 में पैदा हुआ था।    सन् 1797 मैं वह एक राष्ट्रीय हीरो बनकर सामने आया। उसे मिश्र के खिलाफ लड़ने के एक अभियान का कमाण्डर बनाकर भेजा गया। उस जंगी अभियान का एक बहुत बड़ा मकसद यह था कि किस तरह हिन्दुस्तान पर कब्जा किया जाय।  


 बहुत बड़ा जनरल होने और फौजी लड़ाइयों का माहिर होने के साथ–साथ वह कानून और शासन का भी अच्छा जानकार था। मुल्क की अराजकता को दूर करने के लिए उसने ठोस कानून बनाये। मुल्क में लोगों की बेचैनी दूर करने के लिए उसने क्रांतिकारी उपायों का एलान किया। उसने आर्थिक, न्याय और शिक्षा की व्यवस्था को कामयाब बनाने के लिए ंास में तमाम कानून बनाये। 1804 में उसने शहंशाह की उपाधि धारण की और नया झंडा अपनाया जो आजतक ंास में लहराता है।              उसकी स्मरण शक्ति इतनी तेज थी कि अपनी फौज के बोर में उसे हर चीज जबानी याद थी, यहां तक कि सिपाहियों के नाम भी जबानी याद थे। अपने सिपाहियों को उनके नाम से पुकारता था। वह वक्त की इतनी कद्र करता था कि अपना कोई लम्हा गंवाना नहीं चाहता था। वह कहता था कि मै जंग हार सकता हूं लेकिन वक्त खराब नहीं करूंगा। वह कहा करता था कि वक्त ही सब कुछ है, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि वह अपनीशादी के मौके पर तीन घण्टे देर से पहुंचा। तब तक पादरी जम्हाई लेता–लेता सो चुका था।      

 
 नेपालियन को सबसे ज्यादा मोहब्बत अपनी बीबी जोजफीन से थी। युद्ध के मैदान में भी वह उसे याद करता था और मुहब्बत भरे पत्र लिखता था। जोजफीन भी नेपोलियन को दिलोजान से चाहती थी और उसके बगैर रह नहीं सकती थी। नेपोलियन का कहना था कि खूबसूरत औरत देखने से आंख और नेक दिल औरत देखने से मुझे खुशी होती है क्योंकि खूबसूरत औरत एक हीरा है नेक दिल औरत एक खजाना है।            
नेपोलियन उससे बेपनाह मुहब्बत करता था, यह उसके एक खत से पता चलता है। उसने लिखा ‘‘मेरी सबसे बड़ी कमी शायद वह है कि खुद ने मुझे वह खूबसूरती अता नहीं की जो हम एक रूप हो जाते लेकिन मेरे लिए यह काफी है कि जोजफीन मुझे अपने ख्यालों में थोड़ी सी जगह दे दे सिफ‍र् इसलिए कि मैं उससे मुहब्बत करता हूं। ऐसी मुहब्बत जो पागलपन भी कहला सकती है। अगर एक बार तुम मुझे यह यकीन दिला देा कि अब तुम मुझसे कभी मुहब्बत नहीं कर सकोगी तो अपनी किस्मत का कसूर समझकर सब्र कर लूंगा और अपनी जिन्दगी इस बात पर कुर्बान कर दूंगा कि कभी मैं तुम्हारे काम आ सकूं।            


 जोजफीन भी पढ़ी–लिखी महिला थी। वह अपने आपको बहुत कुछ समझती थी। लेकिन नेपालियन की बहन उसे कबूल नहीं करती थी। आपस की झंझट की वजह से ननद–भावज में अक्सर झगड़ा होता रहता था। वह मछुआरों की बस्ती में पैदा हुयी थी। एक छोटे से अंधेरे मकान में उसने जन्म लिया था। शक्ल–सूरत के लिहाज से बहुत खूबसूरत थी उसका जिस्म मोहक सा था। जवानी में बेवा हो गयी थी। उसके दो बच्चे थे। उसक पति ांस की क्रांति में मारा गया। वह इतनी कर्जदार हो गयी थी कि उसकी जिन्दगी बड़ी मुसीबतों और तकलीफों में गुजर रही थी। अब उसे ऐसे पति की जरूरत थी जो उसकी तकलीफें दूर कर सके। उसने अपनी मुहब्बत का जादू नेपोलियन पर चला दिया।       
   

इनकी शादी बहुत कामयाब नहीं रही। नेपोलियन की दिली ख्वाहिश थी कि उसके कोई लड़का हो जबकि जोजफीन से कोई बच्चा पैदा नहीं हुआ। उसे यह मालूम भी हो गया था कि नेपोलियन मिस्र की किसी हसीन लड़की की मुहब्बत में गिरफ्तार हो चुका है ओर यही बात उसे बिल्कुल पसंद नहीं थी। इस बात को लेकर रोज लड़ाई–झगड़ा होता था। नेपोलियन इन झगड़ों से तंग आ चुका था। उसने अपनी बीबी को तलाक देने का फैसला कर लिया लेकिन जिस वक्त वह तलाक के कागज पर दस्तखत कर रहा था उस समय उसकी आंखों से आंसू गिर रहे थे। इसके बाद वह बहुत परेशान हुआ। बहुत दिनों तक उदास रहा। किसी से बात नहीं करता था। तलाक देना उसकी जिन्दगी की बहुत बड़ी घटना थी। लड़ाई में हारने का कभी उसने उतना अफसोस नहीं किया जितना कि तलाक देने के बाद।           


 जोजफीन से वह बाद में भी बेहद मुहब्बत करता रहा। जोजफीन के मरने के बाद वह उसकी कब्र पर गया और फूट–फूट कर रोने लगा। नेपोलियन के मरते वक्त भी उसकी जबान से जो आखिरी शब्द निकला वह था–‘‘जोजफीन’’। तलाक के बाद यह सोचा जाने लगा कि शादी कहां हो। अंगे्रज और जर्मन नेपोलियन की जान के सख्त दुश्मन थे। इटली वगैरह से भी उसके सम्बन्ध खराब थे। इंग्लैण्ड से भी नेपोलियन को खतरा था। ऐसी हालत में नेपोलियन के लिए कोई फैसला करना बड़ा मुश्किल था। उसने अपनी सल्तनत को मजबूत करने के लिए पुराने जमाने के बादशाहों की तरह राजनीतिक शादी करने का निश्चय किया। उस समय रूस के जार और आस्ट्रिया की दो खूबसूरत शाहजादियां शादी के लिए उपलब्ध थी। दोनों ही अपनी लड़कियां नेपोलियन को देना चाहते थे। इन दोनों में से नेपोलियन को एक का चुनाव करना था। इस समस्या को हल करने के लिए उसने ग्यारह व्यक्तियों की एक सलाहकार समिति बनाई। काफी विचार–विमर्श के बाद चार आस्ट्रिया की शाहजादी से, तीन ने रूस की और तीन ने जर्मनी की शाहजादी के बारे में अपनी राय दी। आखिर में तय पाया गया कि आस्ट्रिया की शाहजादी मेरी लूइसा से ही शादी की जाय।            
 लेकिन लूईसा नेपोलियन को बेहद नापसन्द करती थी। नेपोलियन ने मेरी लूईसा को देखा भी नहीं था। वह शादी केवल सौदबाजी पर आधारित थी। मेरी लुइसा ने तो पहले ही अपना जीवन साथी तय कर लिया था। वह एक ड्यूफ पर फिदा थी और उसी से अपना रिश्ता कायम करना चाहती थी लेकिन उसे नेपोलियन से शादी करनी पड़ी। नेपोलियन ने पहली बार उसे तब देखा ंास का मलका बन कर आयी। लुइसा बेपनाह खूबसूरत और हसीन थी। नेपोलियन उसके मुकाबले में खूबसूरत नहीं था। उसे इतिहासकार यूरोप का विजेता कहते हैं मगर वह लुइसा के दिल को जीत पाने में नाकामयाब रहा।   
          

 नेपोलियन बड़ी अजीबोगरीब तबीयत का मालिक था। वह खूबसूरत औरतों का रसिया था। जहां कहीं वह कोई हसीन औरत देखता उसे दिल दे बैठता था। उसके नजदीक औरत की हैसियत एक खिलौने से ज्यादा कुछ नहीं थी। वह खूबसूरत औरतों की तलाश में रहता था। जिस पर उसका दिल आ जाता उसे हासिल करने मेंे जान की भी बाजी लगा देता। वह जंग के मैदान के अलावा इश्क के मैदान भी काफी तजुरबा रखता था। उसने बड़ी बेकरार तबीयत पायी थी। जब वह जीतते हुए मिस्र पहुंचा तो वहां भी चैन से नहीं बैठा।            
खूबसूरत औरतें उसकी कमजोरी बन गयी थी। कहते हैं कि एक बार उसे एक लेफ्टीनेन्ट की बीबी मैडम खूरे पालीन उसे पसंद आ गयी। उसने उसे दावत के लिए एक कार्ड भेजा। नेपोलियन की तरफ से दावत मिलने पर पालीन की खुशी का ठिकाना न रहा। आखिर ंास के बादशाह ओर सबसे बड़े जनरल ने उसे यह दावत दी थी। अपने पति लेफ्टीनेन्ट खूर के मना करने के बावजूद वह दावत में गयी। मैडम खूर कुंवारी मां की बेटी थी और बेइन्तेहा खूबसूरत थी और नेपोलियन को आत्मसमर्पण करने में उसने अपनी जिन्दगी की सबसे बड़ी खुशी महसूस की और उनके रोमांस का सिलसिला जोर पकड़ता रहा।        

    
 लेफ्टीनेन्ट खूर को ब्रिटेन के एक मशहूर जासूस वारनेड ने जब आगाह किया और असलियत की जानकारी करायी तो तैश में आया और नेपोलियन के विश्राम गृह पर जा पहुंचा। वहां ांसीसी सिपाही पहरा दे रहे थे। रात का वक्त था। वह अपनी आंखों से दोनों की रंगरेलियां देखना चाहता था। वह बेखौफ होकर नेपोलियन के सोने के कमरे में दाखिल हो गया। उसने अपनी बीबी को एक आलीशान और खूबसूरत पलंग पर नंगे लेटे पाया। उसने गुस्से में पालीन को मारना–पीटना शुरू कर दिया। पालीन के रोने और चीखने की आवाजें नेपोलियन के कान में पहुंची तो वह फौरन साथ वाले कमरे से अन्दर आ गया। लेफ्टीनेन्ट खूरे के साथ में पिस्तौल थी। वह उससे नेपोलियन और पालीन दोनों को छलनी कर सकता था। लेकिन नेपोलियन को देखकर वह कांपने लगा। नेपोलियन ने अपनी निगाहें उस पर गड़ा दी। उसकी आंखों में शोले चमक रहे थे। उसने हुक्म दिया कि दरवाजा खोलो और लेफ्टीनेन्ट ने फौरन दरवाजा खोला और बेचारा लेफ्ट–राइट करता हुआ बाहर चला गया।

 

पहली बार कैसे करें संभोग?

पहली बार कैसे करें संभोग?

 शादी के बाद पहली  रात और पार्टनर के साथ पहली बार सेक्‍स। उस रात चाहे स्‍वस्‍थ्‍य संभोग किया हो, या फिर पूरी तरह फ्लॉप  रहे हों, वो पल व्‍यक्ति कभी नहीं भूलता। तो आप क्‍या चाहत हैं, आपकी रात जीवन की सबसे यादगार बने या फिर एक हादसे की तरह आपको जीवन भर याद आती रहे। जाहिर है आप अपने साथी के साथ पहली बार सेक्‍स को चाह कर भी नहीं भुला पाएंगे। चलिए हम आपको बताते हैं कि पहली बार संभोग करते वक्‍त किन-किन बातों का ध्‍यान रखें

 


साथी के इशारों को समझें 



आमतौर पर पुरुष के करीब आने वक्‍त स्त्रियां सीधे सेक्‍स की शुरुआत नहीं करतीं। शुरुआत पुरुष को ही करनी होती है, लेकिन ज़रा ध्‍यान से, क्‍योंकि करीब आते ही जंगली हो जाने से आपके संबंधों में खटास आ सकती है। पार्टनर क मन में तमाम तरीके की ऐसी बातें उठ सकती हैं, जो संबंधों में खटास डाल दें। जाहिर है, जिस तरह आप अपनी रात को जीवन की यादगार रात बनाना चाहते हैं, उसी प्रकार आपकी पार्टनर भी...। तो कुल मिलाकर एक अच्‍छे और करीबी दोस्‍त की तरह पार्टनर के करीब जाएं और सकारात्‍मक सोच के साथ बात करें। बात करते वक्‍त पार्टनर का हाथ पकड़ें और उसकी उम्‍मीदों को परखें। देखते ही देखते बाहों में भर लेना अच्‍छा रहेगा। यह बात तय है कि सामने से आपको ग्रीन सिगनल मिलने लगेंगे।
यहां पर यह ध्‍यान रहे कि आप पार्टनर के करीब इसलिए नहीं जा रहे हैं, कि आप उसके साथ संभोग करना चाहते हैं, बल्कि संभोग प्‍यार को बढ़ाता है, आपके संबंधों को प्रगाढ़ बनाता है, इस बात का अहसास होना चाहिए। यही अहसास अपने पार्टनर को भी दिलाएं।

 प्रोटेक्‍शन जरूर लें
पार्टनर के साथ सेक्‍स करते वक्‍त कंडोम का प्रयोग जरूर करें। आप सोच रहे होंगे कि कंडोम क्‍यों? उसका भी जवाब यहां है। पहली बात कंडोम यौन संबंधी बीमारियों से बचने का सबसे अच्‍छा उपाए है। दूसरी बात शादी की पहली रात में सेक्‍स के वक्‍त अगर अपक या आपके पार्टनर के मन में यह बात आती रही, कि कहीं वो गर्भवती न हो जाए, तो आपका और आपके पार्टनर दोनों का ध्‍यान सेक्‍स के दौरान भटक सकता है। जिससे यौन सुख फीका पड़ सकता है।यह बात निश्चित है कि प्रोटेक्‍टेड सेक्‍स करने से आपको वो अनुभूति नहीं होगी, जो बिना कंडोम के होती, लेकिन बेहतर होगा कि पहली बार में आप एक दूसरे का यौन इतिहास जान लें। दूसरी बात यह कि अपनी पार्टनर से यह बात पक्‍की कर लें कि वो कब तक गर्भवती होना चाहती है। 


कतई घबराएं नहीं

पहली बार सेकस करते वक्‍त आप तनाव में आ सकते हैं, या फिर घबराहट भी हो सकती है। इसके लिए लंबी सांस लें और अपने शरीर को ढीला छोड़ दें। ऐसे समय में आपके मस्तिष्‍क को ज्‍यादा ऑक्‍सीजन की जरूरत होती है। यदि आपकी सांसें तेज या धीमी चलने लगीं तो आपको हलका पन महसूस होने लगेगा, या फिर चक्‍कर आएगा और सिर दर्द भी। ऐसा होने पर यदि आप अपने पार्टनर को पूर्ण यौन सुख नहीं दे पाए तो उसके मन में आपके बारे में गलत धारणाएं आ सकती हैं, लिहाजा घबराएं नहीं। सेक्‍स के वक्‍त बीच बीच में लंबी सांसें लेने से फायदे में रहेंगे। 

 परफेक्‍शन की उम्‍मीद मत करें

ज्‍यादातर लोग  अपने पार्टनर को पहली बार के सेक्‍स में पूरा यौन सुख देने की कोशिश करते हैं, लेकिन नाकाम हो जाते हैं। यही नहीं दोनों के मन में एक दूसरे से परफेक्‍शन यानी प्रवीणता की उम्‍मीद होती है। ऐसी उम्‍मीद न करें, क्‍योंकि पहली बार सेक्‍स के दौरान पुरुष या स्‍त्री या फिर दोनों थोड़ा डरे रहते हैं। दोनों में शीघ्रपतन की संभावना अधिक रहती है। यदि ऐसा हो भी जाए, तो उसके गलत नजरिए से नहीं देखें। यही नहीं आप भी अपने आप से उम्‍मीद मत बांधें कि आप भी सेक्‍स का पूर्ण सुख अपने पार्टनर को दे पाएंगे। यह प्रेम की वो क्रिया है, जो धीरे-धीरे बढ़ती है 

 

Thursday 16 August 2012

महिलाएं सेक्स क्यों करती हैं?


महिलाएं सेक्स क्यों करती हैं?

 महिलाएं पुरुषों के साथ सेक्स सिर्फ इसलिए करती हैं ताकि उनकी शादीशुदा जिंदगी में शांति बनी रहे , या वह बिना वजह के सिरदर्द से बचना चाहती हैं। महिलाओं की लिस्ट में रोमैंस और पेशन की जगह काफी पीछे है। महिलाओं पर हुई एक स्टडी पर बाज़ार में आई किताब तो कुछ ऐसा ही कहती है। टेक्सस यूनिवर्सिटी में साइकॉलजी के प्रोफेसर्स सिंडी मेस्टन और डेविड बस की लिखी किताब - वाय वुमेन हेव सेक्स ( महिलाएं सेक्स क्यों करती हैं ? ) में करीब 200 कारणों को हाईलाइट किया गया है। इस किताब के लिए रिसर्च के दौरान एक महिला ने तो यहां तक स्वीकार किया कि वह सेक्स सिर्फ इसलिए करती हैं ताकि उसके पति अपने स्पर्म बाहर निकाल सके 

  रिसर्च के दौरान देखा गया कि ज्यादातर पुरुषों को महिलाएं सेक्सुअली अट्रैक्टिव लगती हैं , जबिक महिलाओं को पुरुषों में ऐसी कोई बात नज़र नहीं आती। रिसर्च के दौरान प्रोफेसर मेस्टन ने 1000 महिलाओं का इंटरव्यू किया , जिसमें महिलाओं ने पुरुषों के साथ सोने के सैकड़ों कारण बताए। एक महिला ने बताया - वह सेक्स इसलिए करती है ताकि बोरियत दूर कर सके क्योंकि सेक्स करना लड़ने से कहीं आसान है। जबकि कुछ दूसरी महिलाओं के लिए यह माइग्रेन और सिरदर्द दूर भगाने का उपचार है। रिसर्च में कुछ महिलाओं ने ऐसी बातें भी कहीं जिन्हें सुनकर अजीब लग सकता है। एक महिला ने कहा कि मैं कई पुरुषों के साथ सिर्फ इसलिए सोई क्योंकि मुझे उन पर दया रही थी। वहीं , कुछ महिलाएं अपने स्वार्थ के लिए सेक्स का इस्तेमाल करती हैं जैसे रुपये - पैसों के लिए , और दूसरी कीमतों चीजों को हासिल करने के लिए वगैरह। 

 

करीब 10 महिलाओं ने स्वीकार किया कि उन्होंने गिफ्ट्स लेने के कारण सेक्स किया। कुछ ने कहा - मैंने किसी पुरुष के साथ इसलिए संबंध बनाए क्योंकि उसने मेरे लिए एक शानदार डिनर का आयोजन किया या उसने मुझ पर काफी रुपये खर्च किए। 

 

यूनिवर्सिटी स्टूडंट्स पर किए गए इस सर्वे में 10 में से 6 ने माना कि वह आमतौर पर ऐसे पुरुष के साथ सो चुकी हैं जो उनका बॉयफ्रेंड नहीं हैं। कुछ ने कहा - वह सेक्स इसलिए करती हैं ताकि अपनी सेक्सुअल परफॉर्मंस को इंप्रूव कर सकें। यही बताते हुए एक स्टूडंट ने कहा - मैंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ इसलिए सेक्स किया ताकि मैं अपने सेक्सुअल स्किल्स को और बेहतर बना सकूं। 

 

इस रिसर्च में यह भी पता चला कि महिलाएं ऐसे पुरुषों पर ज्यादा आकर्षित होती हैं जो लंबे हों , जिनकी आवाज़ रौबदार हो और जिनके शरीर से मदहोश कर देने वाली महक आती हो।