Sunday 12 August 2012

सेक्स से जुड़े मिथ...


सेक्स से जुड़े मिथ...

सेक्स के बारे में तमाम जगहों पर गलत जानकारियां और मिथ मौजूद है। लेकिन, अगर आपको कोई डाउट है और डाउट क्लियर करना चाहते हैं पर कतराते हैं तो यहां आपके कुछ डाउट तो क्लियर हो जाएंगे...

साइज मैटर्स
बड़ा है तो बेहतर है। क्या आप भी सोचते हैं कि सेक्शुअल प्लेज़र प्राइवेट ऑर्गन के साइज़ पर डिपेंड करता है? अगर हां, तो आप गलत हैं। अराउज़ल और ऑर्गैज़म के लिए वजाइनल कनाल के शुरुआती 4 सेंटिमीटर(1/3 हिस्सा) हिस्से में ही सेंसरी नर्व्स होती हैं। ऐसे में, अंदरूनी 2/3 हिस्से को स्टिम्युलेट करने में समय बर्बाद करने का क्या तुक जहां से आपको कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलने वाला। 

आप भी अपनी सेक्स लाइफ को बूस्ट करने के लिए ओएस्टर और स्ट्रॉबेरी जैसे फूड खाती हैं? हां...तो इस भुलावे में मत रहिए कि सेक्शुअल प्लेज़र का इन लव फूड्स से कोई संबंध है। ओएस्टर और चॉकलेट्स सेक्शुअल स्टिम्युलेटिंग फूड्स हैं, इन्हें खाने के बाद हो सकता है कि आप जल्दी अराउज़ हो जाएं लेकिन लिबिडो पर इसका कोई इफ़ेक्ट नहीं देखा गया है। .

पुरुष औरतों से ज्यादा सेक्स के बारे में सोचते हैं
हे लेडीज़, सेक्स गेम के लिए पुरुषों को ब्लेम न करें। सेक्स के बारे में जितना पुरुष सोचते हैं उतना ही आप भी सोचती हैं। आप 18 साल की हैं और आपके हार्मोन्स बहुत तेज़ी से हिलोरे मार रहे हैं तो पूरा चांस है कि आप या तो सो रही हैं, खा रही हैं या सेक्स के बारे में कोई ख्वाब देख रही हैं। एक उम्र ऐसी होती है जब महिला हो या पुरुष, दोनों की सेक्स से जुड़ी इच्छाएं मदमस्त कर देती हैं। और ऐसा नहीं है कि सेक्स के मामले में पुरुष ही हमेशा पहल करते हैं। कई मामलों में महिलाएं पहल करती हैं।

विदड्रॉवल मेथड = नो प्रेग्नेंसी
प्रेग्नेंसी के लिए एक स्पर्म ही काफी है। डिस्चार्ज के समय विदड्रॉवल मेथड अपनाने से प्रेग्नेंसी का चांस जीरो हो जाता है, ऐसा सोचना गलत है। कई बार प्री-इजैक्युलेशन के दौरान ही स्पर्म ट्रांसफर हो जाता है। विदड्रॉवल मेथड के कारण कई प्रेग्नेंसीज हो जाती हैं। इस मेथड को प्रेग्नेंसी टालने का फूल-प्रूफ प्लान न समझें।

महिलाओं को नहीं भाता पॉर्न!
सभी महिलाओं को अपने बेड पर गुलाब की पंखुड़ियां नहीं पसंद होतीं और ऐसा भी नहीं है कि सारी औरतें लवमेकिंग की दुनिया में खोई रहना पसंद करती हैं। महिलाएं भी पोर्नोग्राफी पसंद करती हैं। और अगर कोई ऐसा सोचता है कि सिर्फ पुरुष ही सेक्शुअल फैंटसीज डिवेलप करते हैं तो आप गलत हैं। महिलाओं की भी सेक्शुअल फैंटसी होती है, फिर भले ही वे अपने पार्टनर से शेयर ना करें।

पीरियड्स में सेक्स = नो प्रेग्नेंसी
आप सोचती हैं कि पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से आप प्रेग्नेंट नहीं हो सकतीं तो आप बिल्कुल गलत हैं। यह सच है कि इस दौरान कन्सीव करने के चांस कम होते हैं लेकिन यह असंभव नहीं है। स्पर्म काफी दिनों तक आपके शरीर में रह सकता है, खासतौर से तब जब आपका मेन्स्ट्रुअल साइकल छोटा हो।

नो ऑर्गैज़म का मतलब आप अबनॉर्मल!
अगर सेक्स के दौरान आप चरम आनंद(ऑर्गैज़म) महसूस नहीं करतीं तो आप अबनॉर्मल हैं...यह सोच 100 फीसदी गलत है, मिथ है। कई महिलाएं ऑर्गैज़म तक पहुंचती हैं पर वे खुद उसके बारे में नहीं जानतीं। कई महिलाओं की पेल्विक मसल्स ज्यादा कॉन्ट्रैक्ट नहीं करतीं बल्कि अराउज़ल के एक पॉइंट के बाद वे रिलैक्स और संतुष्ट महसूस करने लगती हैं। यानी, अगर सेक्स बहुत बढ़िया नहीं रहा तो पैनिक होने की जरूरत नहीं। आप पूरी तरह से नॉर्मल हैं।

हर महिला का जी-स्पॉट होता है
जी-स्पॉट एक मिस्ट्री है। यह सच है कि हर महिला का जी-स्पॉट होता है, लकिन जरूरी नहीं कि यह जी-स्पॉट कामोत्तेजक ज़ोन ही हो। तो, पुरुषों को चाहिए कि वे अपनी पार्टनर्स के स्वीट स्पॉट का पता लगाएं। यकीन मानिए ऐसा कर आप अपनी पार्टनर को ज्यादा खुश कर पाएंगे।

सेक्स के दौरान 'नो नॉइज़ = नो प्लेज़र!'
अगर आपकी पार्टनर सेक्स के दौरान किसी तरह की आवाज नहीं करती तो इसका मतलब यह नहीं कि वह सेक्स इंजॉय नहीं कर रही। सेक्स के दौरान कुछ महिलाएं वोकल होती हैं और कुछ शांति से इंजॉय करती हैं। हर बार अपनी सेक्स पार्टनर से आवाज़ की अपेक्षा करना गलत है। इसे ईगो का मुद्दा न बनाएं। कई बार खामोशी ही गोल्डन बन जाती है।

 

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