Friday 23 November 2012

योनि संकोचक होम रेमिडीज

योनि संकोचक होम रेमिडीज

अत्यधिक कामुक स्थिति में पति या पार्टनर द्वारा तेज गति से संभोग करने,अप्राकृतिक एवं असुविधाजनक सेक्स-आसनों sex positions में बर्बरतापूर्वक सेक्स करने ,कई बार-प्रसव  होने के अलावा शारीरिक दुर्बलता व शिथिलता जैसे कारणों की उपस्थिति में स्त्री की योनि ढीली होकर फ़ेल जाया करती है। 

इससे स्त्री-पुरुष  दोनो ही पक्छ संभोग क्रिया में अपेक्छित आनंद की अनुभूति नहीं कर पाते हैं। बिगडेल पुरुष विकल्प के तौर पर अन्य स्त्री के साथ समीकरण बैठा लेते हैं और गृहस्थी जीवन मे सुख,शांति,आनंद का अभाव पसरने लगता है।

समय रहते योनि प्रसारण और ढीलेपन को  नियंत्रित कर  नव योवना के समान योनि के आकार प्रकार को पुन: स्थापित करने के लिये स्त्रियों को निम्न उपायों का सहारा लेना आशातीत लाभदायक रहेगा। हां, ये नुस्खे सभी एक साथ नहीं बल्कि सुविधानुसार एक-एक नुस्खा इस्तेमाल करना चाहिये।



१) भांग वजन १०० ग्राम लें।

मिक्सर में चलाकर महीन पावडर बनालें। अब महीन सफ़ेद सूती या मल मल के कपडे के छोटे छोटे टुकडे करलें। ५ ग्राम भांग का पावडर कपडे पर रखें और उसकी पोटली बनालें। इस पोटली के साथ एक सूती डोरा भी बांधे  जिससे बाहर खींच सकें। रात को सोते वक्त एक पोटली योनि vagina के अंदर प्रविष्ट करें। सुबह बाहर निकाल दें। २-३ माह के प्रयोग से योनि  तंग और द्रढ होगी।
२) माजूफ़ल का चुर्ण १०० ग्राम,मोचरस का चुर्ण ५० ग्राम और लाल फ़िटकरी २५ ग्राम लें।सबको मिक्सर चलाकर महीन बनाकर रखें। सोते वक्त मामूली गरम पानी में एक नींबू निचोड दें।इस पानी से योनि प्रक्छालन करें। अब रूई का एक बडा फ़ाया पानी में गीला कर निचोड लें} इस फ़ाये पर ऊपर वर्णित चूर्ण मात्रा ५ ग्राम  बुरक कर योनि के अंदर प्रविष्ट करें।  सुबह बाहर निकाल फ़ैंके । यह प्रयोग २-३ माह तक जारी रखने पर अपेक्छित परिणाम प्राप्त होते हैं। गृहस्थी जीवन में सुख,शांति आनंद की अनुभूति होने लगेगी।


किगेल एक्सरसाईज यौनि संकुचित करने का प्रामाणिक तरीका है।   पेशाब करते समय स्त्री कुछ समय( के लिये पेशाब को रोके(सिर्फ़ ४ सेकंड्स) फ़िर चालू करे ऐसा एक बार के पेशाब के दौरान ५-६ बार करने से योनि की पेशियां सुद्रड बनती हैं।जब भी पेशाब करें यह उपाय करते रहें।२-३ महीने में फ़र्क मालूम पडेगा।अपनी ऊंगली यौनि में रखें फ़िर यौनि  की मांसपेशी को भिचडें ,ऊंगली पर दबाव मेहसूस होना चाहिये। अभ्यास करते रहने से सफ़लता मिलेगी।
वज्रासन की स्थिति में बैठकर शंखचालिनी मुद्रा और मूल बंध लगाने का अभ्यास नियमित करने से योनि संकोच होता है। सभी नुस्खे अनुभूत और पूरी तरह कारगर हैं। जरूर आजमाएं।

Thursday 22 November 2012

कामुक स्पाट

कामुक स्पॉट 

क्या आपको तलाश है अपने – या अपने पार्टनर की उत्तेजना को और तेज करने के रास्ते की? यदि हां तो यहां हम दें रहे हैं आपकी तलाश को एक रास्ता. महिला के जननांगों में शामिल योनि मार्ग और उसे घेरे हुए भगोष्ठ क्षेत्र में कामुक संवेदना के चार छोटे-छोटे केन्द्र होते हैं.

 जो कि महिला के उत्तेजना की स्थिति में लाने में कामुकता की दृष्टि से काफी संवेदनशील होते हैं. और ये चार केन्द्र हैं भगशिश्न (clitoris), यू-स्पॉट, जी-स्पॉट और ए-स्पॉट. इनमें से पहले दो योनि से बाहर हैं और बाद के दो योनि के अंदर.

भगशिश्न(Clitoris)
यह महिला जननांग के सर्वश्रेष्ठ ज्ञात हॉट स्पॉट के रुप में जाना जाता है, जो कि भग के शीर्ष पर स्थित होता है. इसी स्थान पर आन्तरिक भगोष्ठ बाह्य भगोष्ठ से जुड़ता है. इसका दृश्य भाग काफी छोटा तथा निप्पल के आकार का होता है.

महिलाओं में यह पुरुष के लिंग के अगले सिरे के समकक्ष होता है. यह आंशिक रूप से सुरक्षा कवच(protective hood) से ढंका होता है. मूल रूप से यह 8000 तंत्रिका तंतुओं (nerve fibres) का बंडल होता है, जो कि इसे महिला के शरीर का सबसे संवेदनशील अंग बनाती है. यह विशुद्ध रूप से यौन कार्य के लिये ही है.

यह मैथुन क्रिया के दौरान दीर्घ (बड़ी, फूली हुई ,तनी हुई) तथा ज्यादा संवेदनशील हो जाती है. फोरप्ले के दौरान अक्सर यह सीधे छूने मात्र से ही उत्तेजित हो जाती है. दूसरी ओर वे महिलाएं जो योनि संभोग से पूर्ण कामोत्तेजना को नहीं पाती है वे इसे भगशिश्न उत्तेजना (विभिन्न तरीकों व माध्यमों) से जल्दी पा लेती हैं. हाल ही में एक आस्ट्रेलियन सर्जन ने बताया बताया कि इसका जितना आकार दिखाई देता है हकीकत में यह उससे काफी बड़ा है. इसका काफी कुछ हिस्सा सतह के नीचे छिपा हुआ है.
इसका जो हिस्सा दिखाई देता है वह नोंक मात्र है. अंदर इसकी लंबाई इसके नीचे से – छड़ नुमा – योनि द्वार तक के बराबर होती है. इस तरह जैसे ही योनि में शिश्न की हरकत होती है तो यह सख्ती से संदेश भेजती है. इसलिये योनि संभोग के दौरान भले ही भगशिश्न (clitoris) को नहीं छूते फिर भी वह उत्तेजना के अनुरूप उठाव में आ जाती है. 

कई महिलाओं का कहना है कि जब इसमें एक लयबद्ध घर्षण होता है तो वह फंतासी के काफी करीब तक पहुंच जाती है. इस लिये महिला को कामोन्माद की चरम अवस्था तक पहुंचाने के लिये इस अंग की प्रभावी भूमिका होती है जिसकी कई बार पुरुष अवहेलना कर देते हैं या फिर इस ओर ध्यान नहीं देते हैं.
यू-स्पॉट(U-Spot)
यह संवेदनशील, उत्तेजित होने योग्य उत्तकों का छोटा सा पैच होता है जो कि मूत्र द्वार के ऊपर और दोनो ओर पाया जाता है लेकिन यह मूत्र मार्ग के नीचे(जो कि मूत्रद्वार व योनिद्वार के बीच का छोटा हिस्सा होता है) नहीं पाया जाता है.

 हालांकि इसके बारे में अभी भगशिश्न से कम ही जानकारी हो पाई है. अभी इसकी कामुक क्षमता के बारे में अमेरिका के चिकित्सीय अनुसंधानकर्ता जांच कर रहे हैं. अब तक की जांच में उन्होंने पाया है कि यदि इस क्षेत्र को धीरे-धीरे उंगली, जीभ या शिश्न के सिरे की सहायता से सहलाया(caresse) जाय तो वहां अप्रत्याशित रूप से शक्तिशाली कामुक प्रतिक्रिया होती है.

ग्रंथियां या अर्ध मूत्रमार्ग (para-urethral) ग्रंथियां कहते हैं जो कि पुरुष की प्रोस्टेट ग्रंथियों के ही समान होती है. ये ग्रंथियां चरम उत्तेजना के दौरान तरल रासायनिक क्षारीय(alkaline) द्रव का उत्पादन करती हैं जो पुरुष वीर्य संबंधी द्रव के समान ही होता है. वे महिलाएं जो ऐसे स्खलन(जो कुछ बूंद या कुछ चम्मच के बराबर हो सकता है) का अनुभव रखती हैं उन्हे चरम उत्तेजना के क्षणों में अत्यधिक पेशीय थकान की अनुभूति होती है.
इस सामान्य शरीरक्रिया विज्ञान को न समझने की वजह से वे इसे अनैच्छिक पेशाब की भी संज्ञा दे देती है या कई बार वे इसे पेशाब की अनुभूति भी कह सकती है. कई बार तो कुछ अज्ञान चिकित्सकों ने भी इस घटना की जानकारी न होने पर अप्रत्याशित तरीके से इलाज की भी सलाह दे डाली तो कुछ पुरुष इस स्खलन से यह कहकर घृणा करते हैं कि उस की पार्टनर सेक्स के दौरान पेशाब करती है.


 हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस स्खलन का तात्पर्य क्या है या इसके मूल्य क्या हैं. हालांकि कुछ लोग इसे योनि स्नेहन(lubrication) जोड़ते जबकि हकीकत में यह क्रिया योनि दीवारों द्वारा स्वयं की जाती है. हम तो इसे यौन क्रिया के चरम में इसे महिला की एक तरल फंतासी मानते हैं जो यौन क्रिया को उत्सकर्ष के अत्यधिक समीप ले जाती है.
जी-स्पॉट(G-Spot)
यह योनि के अन्दर की ओर ऊपरी दीवार पर 5-8से.मी.(2-3इंच) की गहराई में पाया जाने वाला छोटा लेकिन काफी संवेदनशील क्षेत्र होता है. इसकी खोज प्रसिद्ध जर्मन स्त्री रोग विशेषज्ञ अर्नस्ट ग्रेफेनबर्ग ने की थी. सन् 1940 में जब महिला संभोग की प्रकृति पर अनुसंधान चल रहा था तब पाया गया कि योनि के उपर की ओर मूत्र नलिका उत्तेजित होने योग्य उत्तकों से घिरी हुई है यह ठीक उसी तरह का व्यवहार करती है जिस तरह पुरुष का शिश्न. जब महिला सेक्सुअली उत्तेजित हो जाती है तब ये ऊत्तक फूलने लगते हैं. ऊत्तकों का यही विस्तार योनि के अंदर उपरी दीवार पर छोटे पैच के रूप में समझ में आता है जिसे जी-स्पॉट के नाम से जाना जाता है. ग्रेफेनबर्ग ने इसी उठे हुए पैच को प्राथमिक कामुक क्षेत्र की संज्ञा दी तथा बताया कि उत्तेजना के मामले में यह भगशिश्न(clitoris) से ज्यादा संवेदनशील है.


साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब लोग यौन व्यवहार के लिये ‘मिशनरी पोजीशन’ अपनाते हैं तो यह स्पॉट अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाता है लेकिन अन्य कई सेक्स पोजीशन इस कामुकतायुक्त क्षेत्र को उत्तेजित करने और चरमोत्कर्ष पाने में काफी प्रभावी होती है. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इसके खोजकर्ता ग्रेफेनबर्ग स्वयं इस क्षेत्र का प्रयोग नहीं कर पाये उन्होंने बस इस क्षेत्र को ‘कामुक क्षेत्र’ मात्र घोषित किया था.
हालांकि यह काफी बेहतर वर्णन योग्य क्षेत्र है लेकिन दुर्भाग्य से आज के इस मार्डन युग में इसके काफी लोकप्रिय हो जाने से कई गलतफहमियां भी इसके साथ जुड़ गईं हैं. कुछ महिलाएं इसके अस्तित्व पर आशावादी तरीके से विश्वास करती है तो कुछ का मानना है कि जबर्दस्त कामाग्नि पैदा करने के लिये यह एक ‘सेक्स बटन’ है जिसे किसी भी समय स्टार्टर बटन की तरह प्रयुक्त किया जा सकता है.


वहीं कई का यह भी मानना है कि जी-स्पॉट की पूरी अवधारणा ही गलत है. जबकि सच्चाई पूर्व में ही स्पष्ट की जा चुकी है कि जी- स्पॉट कामुकता से भरा वह क्षेत्र है जो धीरे से तभी निकलता है जब मूत्र नलिका के चारों ओर के ऊत्तकों में फूलने से विस्तार होता है. जी-स्पॉट के अस्तित्व को उसकी पहली ही कान्फ्रेंस में कई शीर्ष स्त्री रोग विशेषज्ञों द्वारा नकार दिया गया था लेकिन बाद में जब इसका विस्तार से प्रदर्शन के साथ वर्णन किया गया तो आगे जाकर इस विशेषज्ञों ने भी जी-स्पॉट के अस्तित्व को स्वीकार कर लिया. यह माना जाता है कि जी स्पॉट योनि की फ्रंट दीवार पर पाया जाता है जो प्यूबिक बोन और गर्भद्वार के मध्य में होता है. इस पर प्रहार करने के लिये, इसको खोजने का सरलतम तरीका होगा कि इसे गर्भद्वार की ओर से शुरू करें.
इसका संरचनात्मक अनुभव नाक के अगले सिरे (tip of nose ) की तरह होता है. फिर धीरे-धीरे योनि की अग्र दीवार से होते हुए नीचे की ओर आएं. उत्तेजना के दौरान यह फूला रहता है, यह पहचान इसकी खोज में सहायक होती है. कुछ लोग इसे कुछ ज्यादा स्पंजी क्षेत्र के रूप में अनुभव करते हैं और जब इस पर प्रहार किया जाता है तो वह अत्यंत आनंददायी होता है. लेकिन ऐसा अनुभव सभी महिलाओं के प्रति नहीं रहा. कुछ ने तो इस पर प्रहार के दोरान पेशाब जाने की इच्छा भरी सनसनाहट का अनुभव किया वहीं कुछ महिलाएं इस क्षेत्र को लेकर भावशून्य रहीं. वहीं कुछ महिलाएं जी स्पाट उत्तेजना के दौरान एक रंगहीन गंधहीन द्रव स्खलन करते भी पाईं गईं. कुछ रिसर्च के दौरान पाया गया कि इस द्रव में प्रोस्टैटिक एन्जाइम पाए गये हैं इस आधार पर यह माना गया कि यह प्रोस्टेट के समतुल्य है.

    


 

ज्यादा मजा न बन जाए सजा

ज्यादा मजा न बन जाए सजा
सेक्स को सेहत के लिए बेहद जरूरी माना गया है, लेकिन किसी भी चीज की अति बुरी होती है। सेक्स के मामले में भी ऐसा ही है। इसकी भी जरूरत से ज्यादा दीवानगी आपको भारी पड़ सकती है:-
जब टाइगर वुड्स को पब्लिक के बीच उनकी अजीब हरकतों की वजह से रिहेब में दाखिल करना पड़ा, तो इसके लिए उनके सेक्स एडिक्ट होने को ही जिम्मेदार माना गया था। इसी तरह कुछ साल पहले माइकल डगलस ने सेक्स में अपने अनहेल्दी इंट्रेस्ट से निजात पाने के लिए इलाज करवाया था।

फुटबॉलर जॉन टेरी भी कुछ इसी तरह की परेशानी का शिकार हो चुके हैं। जॉन के सेक्स एडिक्ट होने के बाद उनकी वाइफ टोनी उन्हें छोड़कर चली गई। मजे की बात यह है कि अमेरिकन सायकायट्रिक असोसिएशन ने सेक्सुअल एडिक्शन को ऐसी बीमारियों की लिस्ट में शामिल नहीं किया है, जिन्हें सही तरीके से डाइग्नोज किया जा सकता है। वैसे, दूसरे किसी भी एडिक्शन की तरह सेक्सुअल एडिक्शन का भी इलाज किया जा सकता है।
सेक्स एडिक्ट कौन?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक उस इंसान को सेक्स का आदी कहा जा सकता है, जो अपने सेक्सुअल बिहेवियर को कंट्रोल नहीं कर पा रहा हो। फिर चाहे वह पब्लिक के बीच में हो या अनजान लोगों के बीच। उसको सेक्स की इतनी ज्यादा जरूरत महसूस होती है कि वह अपने शरीर में अजीब सी फीलिंग महसूस करता है और किसी भी हालत में सेक्स चाहता है। मस्टरबेशन की अति और पोर्न फिल्मों के पीछे पागल लोगों के भी कुछ मामले सेक्स एडिक्शन के हो सकते हैं। ऐसे इंसानों की परेशानी जब ज्यादा बढ़ जाती है, तो वे सोसायटी के नियमोंको तोड़कर और अपने पार्टनर को धोखा देकर असुरक्षित सेक्स की राह पर चल पड़ते हैं।

ऐसा क्यों होता है?

पर्सनैलिटी टाइप
अगर बच्चे अपने खिलौनों को लेकर हद दजेर् का आग्रही हो, तो यह उनकी ऑब्सेसिव पर्सनैलिटी को दिखाता है। ऐसे बच्चे अगर टूटे हुए परिवार में पल-बढ़ रहे हों और मां-बाप का प्यार भी उन्हें नहीं मिल रहा हो, तो वे प्यार की तलाश में मैटीरियल फैक्टर्स पर निर्भर हो जाते हैं। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि ऐसे बच्चे आगे चलकर सेक्स एडिक्ट ही होंगे। हां, ऐसे बच्चों के सेक्स एडिक्ट होने के चांसेज ज्यादा होते हैं।

जींस
यह चीज जींस से भी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर होती है। कई बार बच्चे अपने जींस की वजह से सेक्स एडिक्ट हो जाते हैं।

स्ट्रेस

अगर कोई इंसान बहुत ज्यादा तनाव में है, तो थोड़ी देर के लिए ही सही राहत महसूस करने के लिए वह सेक्स का सहारा लेगा। हालांकि, वह ऐसा इंटिमेसी के लिए नहीं, बल्कि खुद को ‘हाई’ महसूस करने के लिए करता है।

लक्षण
हर वक्त सेक्स की तैयारियों में बिजी रहना।
सेक्स की चाहत में अपने सोशल कॉन्टेक्ट खत्म कर लेना।
हेल्दी सेक्सुअल लाइफ के बावजूद ऐक्स्ट्रा सेक्स नहीं कर पाने पर असंतुष्ट, गुस्से या डिप्रेशन में नजर आना।
सेक्स के दौरान इंटिमेसी और संतुष्टि हासिल नहीं कर पाना।
एक से ज्यादा पार्टनरों के साथ सेक्स करना।
हर वक्त पोर्न फिल्में देखते रहना।

कैसे बचें

कुछ दिनों तक सेक्सुअल एक्टिविटीज में हिस्सा ना लें या फिर कुछ तयशुदा दिनों में एक बार सेक्स करें। इस तरीके से आप आसानी से आइडिया लगा सकते हैं कि आप किस लेवल पर पहुंच चुके हैं। कोई एक्टिविटी तलाशे, सेक्स से बचने के लिए जिसमें आप मन लगा सकें। आप अपनी सारी एनर्जी उसी पर फोकस करें। इस तरह आपको अपनी परेशानी दूर करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी और आप इसे एंजॉय करेंगे। अगर आपको लगता है कि आपके सेक्स एडिक्ट होने की वजह स्ट्रेस है, तो स्टेस की वजह ढूंढ कर उसका इलाज करें।

अगर सेक्स एडिक्ट है पार्टनर

अगर आपका पार्टनर सेक्स एडिक्शन की परेशानी से गुजर रहा है, तो उससे लड़ाई-झगड़ा मत कीजिए और ना ही उसे ऐसा महसूस होने कराइए कि वह ज्यादा सेक्स का आदी हो गया है। इससे उनकी परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है। कोई प्रफेशनल हेल्प लेने से पहले आप लोगों को आपस में ही इस परेशानी का इलाज खोजने की कोशिश करनी चाहिए। इस परेशानी को सिर्फ ‘उनकी’ मानने की बजाय ‘आप दोनों’ की मानिए, तो इलाज जल्दी संभव हो पाएगा।

महिलाएं को फोरप्ले ज्यादा पसंद

महिलाएं को फोरप्ले ज्यादा पसंद

अक्सर पुरुषों की यह आदत होती है कि वह सेक्स को एक काम समझकर उसे जल्दी-जल्दी खत्म करने की कोशिश करते हैं, जबकि सेक्स के दौरान महिलाओं की इच्छा होती है कि वह फोरप्ले में उनके साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताएं। 

सेक्स शुरू करने से पहले महिलाओं को किस करना, अंगों का स्पर्श बेहद ही भाता है, लेकिन पुरुष फोरप्ले में ज्यादा रुचि नहीं दिखाते जो कि उनकी सबसे बड़ी गलती होती है। इसलिए जितना हो सके फोरप्ले का आनंद उठाएं और अपने पार्टनर को एक अच्छे सेक्स के लिए तैयार करें।
पुरुषों की आदत होती है कि वह सेक्स के दौरान अपनी पार्टनर के साथ प्यार भरी बातें नहीं करते, जबकि एक अच्छे सेक्स के लिए यह बेहद जरूरी है। इस बारे में मनोचिकित्सक का कहना है कि अगर सेक्स से पहले पुरुष, स्त्री से प्यार भरी बातें नहीं करते है तो स्त्री को यही लगता है कि उसका पार्टनर सिर्फ जिस्म का भूखा है, प्यार का नहीं।

अगर आप एक हेल्दी सेक्सुअल लाइफ की कामना रखते हैं तो जरूरी है कि सेक्स से पहले जितना हो सके पार्टनर से प्यार भरी बातें करें, ताकि बातों के दौरान पता चल सके कि वह सेक्स में नया क्या चाहती है। महिलाओं को अक्सर इस बात से शिकायत होती है कि उनका पार्टनर बिना उनकी इच्छा जाने उनके साथ सेक्स करने लगता है। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसका मन सेक्स करने के लिए है भी या नहीं, जो कि गलत है। पुरुषों को चाहिए कि सेक्स करने से पहले पार्टनर की इच्छा को जानें और फिर सेक्स की पहल करें।

कई महिलाओं को यह शिकायत होती है कि उनके पति सेक्स के दौरान जबरदस्ती करते हैं, जिसके चलते वह कई बार आहत भी होती है। मनोचिकित्सक का कहना है कि बिस्तर पर अपने पार्टनर से जबरदस्ती करना बहुत गलत होता है, क्योंकि सेक्स को हमेशा प्यार से जोड़ा जाता है। इसलिए सेक्स की शुरुआत प्यार से ही करनी चाहिए। महिला साथी को यह बिल्कुल भी नहीं लगना चाहिए कि आप उनके साथ जबरदस्ती कर रहे हैं।

कई पुरुषों की आदत होती है कि वह रोज अपने पार्टनर के साथ एक ही समय पर एक ही जगह पर सेक्स करना पसंद करते हैं। महिलाएं प्यार के अनुभवों को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीकों से बटोरना पसंद करती है, लेकिन पुरुष इस बात को नहीं समझते। सेक्स का आनंद उठाने के लिए जरूरी है कि अलग-अलग जगहों का चुनाव करें। मतलब बेड, सोफा, फर्श, कालीन इत्यादि।

जब आप अपनी सेक्स लाइफ से इन गलतियों को दूर कर देंगे तो आप अपनी सेक्स लाइफ को और अधिक रोचक और आनंदमय पाएंगे। साथ ही आपके और आपके पार्टनर के बीच प्यार और अधिक गहरा होता जाएगा।


 

सेक्स पार्टनर के लिए एक मर्द की फैंटेसी

सेक्स पार्टनर के लिए एक मर्द की फैंटेसी

सपने में बिस्तर पर सेक्स पार्टनर के रूप में किसे देखता है एक मर्द
 एक मर्द के मन में महिलाओं के प्रति जो खयालात उमड़ते-घुमड़ते है उसमें से किसी महिला के साथ बेडरुम में अंतरंग क्षण बिताना भी शामिल है. वह किसी एक के फैंटेसी में मस्त हो जाता है.फैंटेसी के बिना प्यार संभव नहीं है और मन की इच्छाओं को पूरा करने के लिए कई बार वे सेक्स पर सहमत हो जाते हैं. किसी के कल्पना में खोए रहने या फैंटेसी में जीने का मतलब यह नहीं हो कि वास्तव में वह लड़की आप को मिल ही जाए. उससे आप शादी कर लें. आपकी ये चाहत सिर्फ सेक्स तक सीमित हो सकती है. 

 ये चाहत कई बार सिर्फ एक रात गुजारने तक की हो सकती है. मर्द सिर्फ एक रात में अनंत ख्वाहिश पूरी कर खुद को सातवें आसमान पर देखना चाहता है. फैंटेसी में वह उसे पाना चाहता है जो चांद को पाने जितना दूभर होता है. लेकिन कई बार किस्मत का पिटारा खुल भी जाता है और आप अपने फैंटेसी को बांहों में थामे होते हैं.तो आइए देखते हैं कि आखिर एक मर्द फैंटेसी में किस तरह की महिला को देखता है और किस तरह की महिला के साथ रात गुजारना पसंद करता है.
सुंदर सेक्सी क्लास टीचर:
जब कोई पुरुष सेक्स के बारे में सोचने लायक होता है या किशोरावस्था में कदम रखता है तो उसका पहला एनकांउटर अपनी खूबसूरत क्लास टीचर से होता है.
किशोरावस्था में वह अपनी से बड़ी उम्र की महिलाओं की तरफ आकर्षित होता है. अपनी अच्छी बनी-ठनी क्लास टीचर के सपनों में खोया रहता है. मेरा नाम जोकर के ऋषि कपूर की तरह. वह अपनी क्लास टीचर में वह सब देखता है जो उस उम्र तक उसके ख्यालों में आ सकता है.

नर्स :
 
क्लास टीचर के बाद एक मर्द के मन में आने वाली महिला होती हैं नर्स. जिसका पाला उसे अपने जन्म से ही पड़ता है.एक नर्स को वह स्नेह, प्यार, देखभाल के रूप में देखता है. देखभाल में ही नर्स के छुअन को महसूस करता है.

उसका साथ पाकर खुद को हल्का पाता है. उसकी साफ-सुथरे, सीधे वेशभूषा को पसंद करता है, अपनी कल्पना को उसे पाता है.  नर्स की ड्रेस के भीतर के उसके अंग के बारे में सोच कर एक अलग रोमांच महसूस करता है.
जोड़ीदार का आकर्षण:
 
सेक्सी, हॉट मॉडल के न्यूड फोटोग्रॉफ्स एक पुरुष को फैंटेसी की दुनिया में ले जाता है. एडल्ट फिल्म और पत्रिकाओं के हीरो की जगह खुद को देखता है. युवा होने पर यौवन का रस लेना चाहता है. ऐसे में उसका आकर्षण का दौर शुरू होता है. सेक्सी, हॉट चीजों को देखकर उत्तेजना महसूस करता है. ऐसे में उस तरह की पत्रिका, फिल्म की महिला को अपनी जोड़ीदार के रूप में देखता है. उसके साथ सेक्स की कल्पना में खो जाता है.

बॉस की पत्नी:
कई बार एक मर्द अपने हिटलर जैसे बॉस की तानाशाही से तंग आकर उन्हें सबक सिखाना चाहता है. ऐसे में अगर बॉस की पत्नी सेक्सी और हॉट हो तो उसकी खूबसूरत पत्नी के साथ रात बिताकर उसके अहं को ठेस पहुंचाने से ज्यादा सुकून देने वाला कुछ नहीं होता.
सपने में उनकी पत्नी के साथ खुद को रखकर बॉस को मुंह चिढ़ाता रहता है. इससे वह अपने इगो को संतुष्ट करता है.
पहला परिणय:
ज्यादातर पुरुषों की फैंटेसी कुंवारी यानी वर्जिन लड़की के साथ सेक्स करने की होती है. कुंवारी के साथ सेक्स की कल्पना उसे एक अलग ही दुनिया में ले जाता है.

 वर्जिन के साथ सेक्स में यह डर नहीं रहता कि उसे संतुष्ट कर पाउंगा या नहीं. उसे खुद के संतुष्ट होने पर ही बड़प्पन का एहसास होता है.
कड़क कटीली कामिनी:
आमतौर पर बिस्तर पर एक मर्द खुद को महिला से मजबूत मानता है. लेकिन ज्यादातर मर्द ऐसी महिलाओं को पसंद करते हैं जो उनपर हावी हो सके. बेड पर एक बेहतर एहसास दे सके और सही मायने में हमबिस्तर होने की बात बता सके.


मर्द ऐसी एक कड़क, हॉट महिला को पाने के लिए कई कदम आगे बढ़ा देता है.
लोकप्रिय हस्तियां:
लोग कैटरीना, प्रियंका और बिपाशा जैसी बॉलीवुड की बालाओं और खूबसूरत हस्तिओं की ओर आसानी से आकर्षित हो जाते हैं. अपनी ख्वाबों में खुद की बाहों में उसे पाते हैं.


पर्दे पर उसकी भाव-भंगिमा… सेक्सी सीन्स को देखकर हीरो की जगह खुद को रख सपनों में डूब जाते हैं. इन लोकप्रिय हस्तियों की जिस्म पर काबू पाना चाहते हैं. खुद को उसके साथ रात गुजारते देखते हैं. वे उसकी फीगर, सौंदर्य, अदा पर फिदा हो जाते हैं.
गोरी सुंदर सलोनियां:-
गोरी सुंदर सलोनी लड़की के साथ सेक्स के बारे में भी पुरुष सोचते रहते हैं. किसी मर्द के मन में सेक्स की बात जब उमड़ती है तो चाहत गोरी सुंदर लड़कियों की होती है.


चाहत इन गोरी लड़कियों के साथ संभोग करने की होती है. इन गोरी महिलाओं में ज्यादातर विदेशी महिलाएं शामिल होती हैं. जिसे वह सेक्सी फिल्मों और पोस्टरों में देखता आता है.
डांसर:
 
पुरुष फीमेल डांसर के तराशे, लचीले शरीर की ओर भी आकर्षित होते हैं.

जब एक डांसर किसी मर्द नृत्य पार्टनर के साथ डांस करती हैं तो पुरुष महिला डांसर के कमर, कुल्हे की लचक पर मर-मिटते हैं और वे अपने हाथ को उसके चिकने बदन पर फिसलता हुआ महसूस करते हैं.
एयर होस्टेस:
एयर होस्टेस आमतौर पर सुंदर और विनम्र होती हैं. पुरुष एयर होस्टेस के विनम्र बर्ताव को भी अपने सपने में देखते हैं.  एयर होस्टेस की मुस्कान पर मर मिटते हैं. कल्पना में उसे अपनी बिस्तर में देखते हैं.




 

सेक्स विषयक रोचक तथ्य

माईग्रेन से पीडित महिलाएं ज्यादा कामुक होती हैं।

१) मैथुन करते समय स्त्री की यौनि और छाती के अलावा  नाक का भीतरी भाग भी फ़ूल जाता है।
२) मानव को यौवन की चरम अवस्था १७-१८ वर्ष की आयु
में प्राप्त हो जाती है।
३) एक बार के संभोग में  पुरुष की १०० केलोरी  दहन होती है।
४) करीब एक तिहाई औरतें ८० के बाद भी यौन-क्रिया में संलग्न रहती है।
५) एक बार के संभोग में जो वीर्य स्खलित होता है उसमें २ से ५  मिलियन शुक्राणु होते हैं।


६) यौन क्रिया की चरम अवस्था (ओर्गास्म) के समय स्त्री-पुरुष दोनों की हृदय की धडकन १४० प्रति मिनिट हो जाती है।
७) स्त्रियां अपनी पूरे संतानोत्पत्ति काल में  तीन हजार से भी ज्यादा बार सेक्स करती हैं।
८)  ४० वर्ष तक के पुरुषों के लिंग मैथुन के वक्त  सिर्फ़ १० सेकंड में  खडे(इरेक्टेड) हो  जाते हैं।
९)  ४१% पुरुष और ज्यादा बार  संभोग की इच्छा रखते हैं जबकि केवल २९% प्रतिशत महिलाएं  रजामंद होती हैं।
१०)  १५% पुरुष काम के समय ( आन ड्युटी)  ही संभोग  कर लेते हैं।


११) करीब ७५% पुरुष प्रविष्ट करने के बाद तीन मिनिट में स्खलित हो जाते हैं।
१२)  पांच प्रतिशत युवा प्रतिदिन संभोग करते हैं जबकि २०% सप्ताह में तीन से चार बार सेक्स करते हैं।
१३) सेक्स के बाद एक घंटे में शुक्राणु ७ इंच तक आगे बढ सकता है।
१४)  अधिकांश स्त्रिया पुरुष की खूबियों का आकलन करने में  लिंग की साईज  को नवें पायदान  पर रखती हैं जबकि  पुरुष लिंग की साईज को   ज्यादा महत्व देते हुए तीसरे पायदान पर रखते हैं।
१५) यौन विशेषग्यों का मत है कि सेक्स  की  मस्तिष्क प्रशांतक शक्ति “वेलियम” से ५ गुनी अधिक है।
१६)  टेंशन से मस्तिष्क की रक्त वाहिनिया संकुचित होकर सिर दर्द का कारण बनता है। सेक्स  टेंशन को दूर कर सिर दर्द से मुक्ति देता है।
१७) एक ड्राईवर पूरे जीवन में औसत ६ बार कार में  ही सेक्स का लुत्फ़ लेता है।


१८)   स्त्री के शरीर में नर शुक्राणु ९ दिन तक जीवित रह सकते हैं।
१९)  ३०% पुरुष शीघ्र पतन की गिरफ़्त में हैं जबकि १०% लोग “तनाव दोष”(इरेक्टाईल डिस्फ़न्क्शन) से पीडित है।
२०)  ८२% महिलाएं अपने साथी  के लिंग  की साईज से  पूर्री तरह संतुष्ट हैं।
२१) माईग्रेन से पीडित महिलाएं ज्यादा कामुक होती हैं।
२२)  ज्यादतर महिलाएं अंधेरे में सेक्स करना पसंद करती है।
२३)  किसी भी अन्य जगह के बजाय मर्द बिस्तर में ज्यादा झूंठ बोलते हैं।
२४) पुरुष अपने सामान्य जीवनकाल में  १७ लिटर वीर्य स्खलित करता है।


२५)  सेक्स सक्रिय लोग संयम से रहने वले लोगों की बनिस्बत ज्यादा उम्र जीते हैं।
२६) स्त्री की भगनासा मे पुरुष के लिंग की तुलना में दो गुने नाडी तंतु रहते हैं। भगनासा सहलाने से स्त्री तुरंत उत्तेजित हो जाती है।

Wednesday 21 November 2012

सेक्स और ब्रेस्ट लिंक

विभिन्न औरतों के ब्रेस्ट का आकार-प्रकार अलग-अलग होता है। साथ ही,उन ब्रेस्टों के अपने-अपने गुण-दोष होते हैं। जिसका जैसा ब्रेस्ट हो, उसको छूने के तरीके के बारे में .....

 विभिन्न औरतों के ब्रेस्ट का आकार-प्रकार अलग-अलग होता है। साथ ही,उन ब्रेस्टों के अपने-अपने गुण-दोष होते हैं। जिसका जैसा ब्रेस्ट हो, उसको छूने के तरीके के बारे में ये पता लगा हैः-

 

बड़े ब्रेस्ट- वियना विश्वविद्यालय में हुए रिसर्च से पता चला है कि बड़े ब्रेस्ट, छोटे के अपेक्षा 24 प्रतिशत कम संवेदनशील होते हैं। इसका कारण है कि सेंसेशन वाली नसें ऐसे ब्रेस्ट में छितर जाती हैं। ऐसे ब्रेस्ट के बाहरी किनारे पर जीभ या ऊंगली से गोल-गोल फिराना चाहिए। प्रयोग के तौर पर ऐसे ब्रेस्ट को दांत से हल्के-हल्के काटा भी जा सकता है।
छोटे ब्रेस्ट- छोटे ब्रेस्ट काफी संवेदनशील होते हैं। इस ब्रेस्ट को हथेली के नीचे धीरे-धीरे मसलना चाहिए।

झूले हुए ब्रेस्ट- इस तरह के ब्रेस्ट भी कम सेंसेटिव होते हैं। साथ ही, यह अपने भार के कारण झूलते रहते हैं। औरत को पीठ के बल लिटाना चाहिए ताकि ब्रेस्ट झूल ना सके और सीने पर ठहर सके। उसके बाद उसे छुएं।

सर्जरी से बढाए गए ब्रेस्ट- इस तरह के ब्रेस्ट के अंदर ट्रांसप्लांटेड मैटेरियल रहता है इसलिए ऐसे ब्रेस्ट के निप्पल के आस-पास जीभ फिराना चाहिए।

बच्चा जन चुकी औरत के ब्रेस्ट- उसके ब्रेस्ट के निप्पल काफी नर्म होते हैं इसलिए उसे सहलाने के साथ उसे चूसा जाय तो औरत को बहुत आनंद आता है।