Sunday 6 January 2013

सेक्स के दौरान औरत के ब्रेस्ट को छूने के तरीके

सेक्स के दौरान औरत के ब्रेस्ट को छूने के तरीके

विभिन्न औरतों के ब्रेस्ट का आकार-प्रकार अलग-अलग होता है। साथ ही,उन ब्रेस्टों के अपने-अपने गुण-दोष होते हैं। जिसका जैसा ब्रेस्ट हो, उसको छूने के तरीके के बारे में ये पता लगा हैः-

बड़े ब्रेस्ट- वियना विश्वविद्यालय में हुए रिसर्च से पता चला है कि बड़े ब्रेस्ट, छोटे के अपेक्षा 24 प्रतिशत कम संवेदनशील होते हैं। इसका कारण है कि सेंसेशन वाली नसें ऐसे ब्रेस्ट में छितर जाती हैं। ऐसे ब्रेस्ट के बाहरी किनारे पर जीभ या ऊंगली से गोल-गोल फिराना चाहिए। प्रयोग के तौर पर ऐसे ब्रेस्ट को दांत से हल्के-हल्के काटा भी जा सकता है।

छोटे ब्रेस्ट- छोटे ब्रेस्ट काफी संवेदनशील होते हैं। इस ब्रेस्ट को हथेली के नीचे धीरे-धीरे मसलना चाहिए।
झूले हुए ब्रेस्ट- इस तरह के ब्रेस्ट भी कम सेंसेटिव होते हैं। साथ ही, यह अपने भार के कारण झूलते रहते हैं। औरत को पीठ के बल लिटाना चाहिए ताकि ब्रेस्ट झूल ना सके और सीने पर ठहर सके। उसके बाद उसे छुएं।
सर्जरी से बढ़ाए गए ब्रेस्ट- इस तरह के ब्रेस्ट के अंदर ट्रांसप्लांटेड मैटेरियल रहता है इसलिए ऐसे ब्रेस्ट के निप्पल के आस-पास जीभ फिराना चाहिए।
बच्चा जन चुकी औरत के ब्रेस्ट- उसके ब्रेस्ट के निप्पल काफी नर्म होते हैं इसलिए उसे सहलाने के साथ उसे चूसा जाय तो औरत को बहुत आनंद आता है।

बड़े ब्रेस्ट का बड़ा खतरा

बड़े ब्रेस्ट का बड़ा खतरा

जिन महिलाओं का ब्रेस्ट बड़ा होता है, उन्हें ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका उतनी ही ज्यादा होती है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक इस्ट्रोजन की ब्रेस्ट के आकार में भूमिका होती है, यही कैंसर के कारण भी हो सकता है। अमेरिका के वैज्ञानिकों ने लंबे शोध के बाद कहा है कि इस्ट्रोजन ही ब्रेस्ट को सुड़ोल और बड़ा साइज देता है।. यही ट्यूमर भी पैदा करता है।
वैज्ञानिक निकोलस इरिकसन ने कहा है कि पहली बार ब्रेस्ट के आकार और कैंसर का रिश्ता सामने आया है। हालांकि उनका मानना है कि अभी इसमें और शोध की जरुरत है। यूं तो ब्रेस्ट कैंसर किसी भी उम्र भी हो सकता है, लेकिन खासतौर पर 40 साल की उम्र के बाद इसका खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में साल में एक बार चेकअप करवाना जरूरी है। – ब्रेस्ट कैंसर की एक वजह आनुवंशिक भी होती है।
अगर आपकी मम्मी को यह प्रॉब्लम रही है, तो इस मामले में आपको पूरी तरह सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे में आपको 40 साल से पहले से ही इसका परीक्षणकरवाना शुरू कर देना चाहिए। छाती में किसी भी तरह की गांठ को हल्के तौर पर न लें और तुरंत डॉक्टर से ब्रेस्ट कैंसर का चेकअप करवाएं। एक्सरे से स्तन कैंसर का पता शुरुआती स्टेज में ही लगाया जा सकता है।
इस जांच से यह भी पता चल जाता है कि कैंसर ब्रेस्ट के किस हिस्से में है। अगर आपको ब्रेस्ट हार्ड महसूस हो रहा हो और सूजन की वजह से आप असहज महसूस कर रही हों, अगर आपको डॉक्टर की तरफ से ब्रेस्ट चेंज करने को कह दिया गया है, तो डॉक्टर के कहे मुताबिक ही स्टेप बाई स्टे प टेस्ट करवाते रहें। साथ ही, दवाइयां भी समय के मुताबिक लेना न भूलें। हमें ध्यान देने की जरुरत है विज्ञान ने काफी तरक्की कर ली है। अब कोई भी रोग उतना खतरनाक नहीं है जितना पहले था।
ब्रेस्ट के बड़े आकार और कैंसर के रिश्ते के बाद अब छोटे ब्रेस्ट वाली महिलाओं को शर्माने की जरुरत नहीं है। अब वे आत्मविश्वास से जिंदा रह सकती है। छोटा है तो क्या सुरक्षित तो हैं।

 

sunday special- sexercise

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सेक्स से जुड़े पुरुषों के 5 डर

सेक्स से जुड़े पुरुषों के 5 डर
आमतौर पर सेक्शुअली ऐक्टिव माने जाने वाले मर्द भी कुछ बातों को लेकर परेशान रहते हैं। इस वजह से कई बार उनकी सेक्शुअल लाइफ में प्रॉब्लम खड़ी हो जाती हैं। सेक्स से जुड़े मर्दों के 5 सबसे बड़े डर कौन से हैं,आइए डालते हैं एक नजर...


1. पार्टनर को असंतुष्ट छोड़नाः अपने फीमेल पार्टनर को असंतुष्ट छोड़ देने का डर मर्दें के मन में सबसे ज्यादा है। इस डर का सीधा संबंध 'साइज' से है। जहां महिलाओं को बड़ा साइज पसंद होता है तो वहीं पुरुषों को अपनी पार्टनर को चरम सुख देने में असफल रहने का डर हमेशा लगा रहता है। चरम सुख न दे पाने से पुरुषों के मन में ये भावना घर कर जाती है कि वे पूर्ण सेक्स पार्टनर नहीं हैं। यह बात पुरुषों के इगो को हर्ट करती है।


कैसे छुटकारा पाएं: डॉ. गीतांजलि शर्मा कहती हैं कि पुरुषों को इस बात का डर रहता है कि वे अपने फीमेल पार्टनर को संतुष्ट कर पायेंगे कि नहीं। वह जितना ज्यादा इस बारे में सोचते हैं उतना ही समस्या बढ़ती जाती है। बेहतर है कि बिना साइज की चिंता किए अपने फीमेल पार्टनर की जरूरतों को समझे और प्यार करें।

2.जल्द स्खलन का डरः पुरुष की कोशिश होती है कि वह अपने फीमेल पार्टनर को पूरी तरह खुश कर पाए लेकिन इस दौरान वह उन्हें खुद के चरम सुख तक पहुंचने की भी चिंता होती है। जो उनके जल्दी स्खलित होने से जुड़ी होती है। ऐसा अक्सर देखा जाता है कि जल्द स्खलन सेक्स लाइफ को खराब कर देता है।
कैसे छुटकारा पाएं: डॉ. अरोरा कहती हैं कि मेडिकल साइंस के हिसाब से जो पुरुष अपना स्खलन एक मिनट तक रोक सकते हैं, वे नॉर्मल होते हैं। लेकिन ज्यादातर पुरुषों को यह पता नहीं होता। उनकी समस्या ज्यादातर उनके खुद की निगेटिव सोच का नतीजा होती है।


3. पार्टनर के प्रेगनेंट न हो पाने से डरः पुरुष को इस बात का डर सताता है कि उसकी फीमेल पा़र्टनर प्रेग्नेंट हो पाएगी या नहीं। ये डर पुरुषों के सेक्शुअल परफॉर्मेंस पर असर डालता है।

कैसे छुटकारा पाएं: डॉ. अरोरा कहती हैं कि अगर सीमेन से जुड़ी कोई समस्या है तो उसे टेस्ट किया जा सकता है। प्रेग्नेंसी के लिए जरूरी है सही खान-पान और हेल्थी लाइफ। अच्छी सेक्स लाइफ महत्वपूर्ण है प्रेग्नेंसी नहीं।

4.पॉर्न ऐक्ट नहीं दोहरा पाने सेः पुरुष अक्सर सेक्स के बारे में जानकारी जुटाने के लिए पॉर्न फिल्में देखते हैं। वह पॉर्न फिल्मों में दिखाए गए ऐक्ट को अपने पार्टनर के साथ दोहराने की कोशिश करते हैं और कई बार इसमें सफल न होने पर ये सोचकर निराश हो जाते हैं कि उनमें कुछ कमी है।


कैसे छुटकारा पाएं: डॉ. गीतांजलि कहती हैं कि पुरुष अक्सर अपने सेक्शुअल परफॉर्मेंस की तुलना पॉर्न फिल्मों से करते हैं। उन्हें लगता है कि पॉर्न फिल्मों से एक्सपीरियंस हासिल करना जरूरी है। जबकि अपने फीमेल पार्टनर को प्यार करने और उसकी जरूरतों को समझकर आप हेल्थी सेक्शुअल लाइफ जी सकते हैं। इसके लिए आपको किसी पॉर्न फिल्म के एक्सपीरियंस की जरूरत नहीं होती।


5.मास्टरबैशन से जुड़ा डरः कई सर्वे ये बात साबित कर चुके है कि मास्टरबैशन का परुषों की सेक्स लाइफ पर कोई असर नहीं होता है। अक्सर पुरुषों को लगता है कि बचपन या कम उम्र में उनके द्वारा किया गया मास्टरबैशन उनकी वर्तमान सेक्शुअल प्रॉब्लम के लिए जिम्मेदार है।

कैसे छुटकारा पाएं: डॉ. अरोरा सलाह देती हैं कि मास्टरबैशन से पुरुष की सेक्स लाइफ पर कोई असर नहीं पड़ता। लेकिन मास्टरबैशन से जुड़ा गलत होने का अहसास ज्यादा खतरनाक है। इसलिए मास्टरबैशन की चिंता छोड़ पुरुषों को अपनी सेक्शुअल लाइफ एंजॉय करनी चाहिए।

Saturday 5 January 2013

स्तनों के बारे में आम पूछे गये सवाल:

स्तन(ब्रेस्ट)
स्तन कई आकार व माप के हो सकते हैं। निप्पल के आकार व रंग में भी काफ़ी अंतर हो सकता है। अक्सर स्तनों का आकार व माप असमान हो सकता हैं। करीब 20 वर्ष की आयु के आसपास यह अन्तर कम होने लग सकता है।

स्तन मुख्यतः दूध का उत्पादन करने वाली ग्रन्थियों से मिलकर बने होते हैं जो एक नली द्वारा निप्पल से जुड़े होते हैं। यह ग्रन्थियाँ चारों ओर से चर्बीदार ऊतकों से घिरी होती हैं।
हर महीने हार्मोन स्तनों को गर्भावस्था के लिए तैयार करते हैं। इस कारण स्तन थोड़े बड़े और अधिक संवेदनशील हो जाते हैं और मासिक धर्म खत्म होने पर अपने स्वाभाविक आकार व माप पर वापस आ जाते हैं।


स्तनों का माप
कुछ लड़कियाँ अपने स्तनों के माप से असंतुष्ट हो सकती हैं। कई बार वे चाहती हैं की उनके स्तनों का आकार बड़ा, छोटा या फि़र और कड़ा हो। स्तनों के आकार व माप का उनकी संवेदनशीलता से कोई संबंध नहीं है - छोटे स्तन भी बड़े स्तनों जितने ही संवेदनशील हो सकते हैं। लड़कियों के स्तन - उनका आकार व माप - उनके गुणसूत्रों द्वारा निर्धारित होते हैं। 

आसपास की मांसपेशियों का भी स्तनों के आकार पर प्रभाव पड़ सकता है।
लड़कियाँ यह अनुभव कर सकती हैं की उनके स्तनों का आकार उनके वज़न के बढ़ने या घटने के अनुसार बढ़ या घट सकता है। स्तनों का माप महीने के अलग अलग समय पर अलग हो सकता है और यह हार्मोन युक्त गर्भनिरोधक (कॉन्ट्रासेप्टिव) से भी प्रभावित हो सकता है।

स्तनों के बारे में आम पूछे गये सवाल:
क्या स्तनों के माप को बढ़ाया जा सकता है?
इस बात का कोई प्रमाण नहीं है की व्यायाम से स्तनों के माप को बढ़ाया जा सकता है और इसका तो निश्चित ही कोई प्रमाण नहीं है की किसी भी स्प्रे या क्रीम से स्तनों का माप बढ़ाया जा सकता है। केवल प्लास्टिक सर्जरी या शल्य चिकित्सा द्वारा - कृत्रिम रुप से स्तनों का आकार बढ़ाने की संभावना हो सकती है।


क्या स्तनों पर बाल आना सामान्य है?
हाँ, लगभग सभी लड़कियों को स्तनों के आस पास या दोनों स्तनों के बीच या निप्पल पर, बहुत हल्के या हल्के घुँघराले या एक दो बाल हो सकते हैं।

यदि केवल एक दो बाल हों, तो इन्हें प्लकर या चिमटी से निकाल सकती हैं। चिमटी को संक्रमणहीन करने के लिए उसे स्पिरिट या किसी कीटाणुनाशक (डिसइंफेक्टेंट) से साफ़ कर के ही उसे इस्तेमाल करें।

\ त्वचा को भी संक्रमण से बचाने के लिए स्पिरिट से पोंछ सकती हैं  और फिर त्वचा को नर्म या मुलायम रखने के लिए कोई लोशन लगा सकती हैं। शेव करने से त्वचा के नीचे बाल (इन ग्रोन बाल) बढ़ना शुरु हो सकते हैं।
यदि किसी को ज्यादा बाल हों तो वे वैक्सिंग भी कर सकती हैं या बाल साफ करने वाली क्रीम का उपयोग भी कर सकती हैं। वैक्स करने से त्वचा जल सकती और यदि आप त्वचा को अच्छी तरह रगड़ कर साफ़ न करें तो त्वचा के नीचे बाल (इन ग्रोन बाल) बढ़ना शुरु हो सकते हैं। ’वैसे तो बाल साफ़ करने की क्रीम से भी जलन हो सकती है, इसलिए स्तनों जैसी संवेदनशील जगह पर इसका इस्तेमाल करने से पहले, एक छोटे जगह पर इस क्रीम का असर जाँच (टेस्ट) कर लेना चाहिए।

मेरे स्तनों में दर्द सा महसूस होता है। क्यों?
किशोरावस्था में जब स्तनों का विकास शुरु होता है तब उनमें कभी कभी दर्द सा महसूस हो सकता है। मासिक धर्म के पहले भी स्तनों में दर्द या सूजन का अनुभव हो सकता है।


क्या निप्पल से स्राव होना सामान्य है?
जी हाँ, लड़कियों या महिलाओं में यह पूरे जीवन में, कभी न कभी, स्तनों में से अलग अलग मात्रा में विभिन्न द्रव्यों का उत्पादन हो सकता है।
यह तभी चिंता का विषय है यदि द्रव्य-


- लाल, गुलाबी या भूरे रंग का हो
- हर वक्त स्राव होता हो (गर्भावस्था के अलावा)
- सिर्फ़ एक ही स्तन से स्राव होता हो