Sunday 9 September 2012

मसाज थैरेपी से बनांए सेक्स लाइफ को रोमांचक

मसाज थैरेपी 

 शादी के कुछ समय बाद ज्यादातर पति-पत्नी एक दूसरे से ऊबने लगते हैं। उनके वैवाहिक जीवन इसे रोमांस और रोमांच धीरे-धीरे कम होने लगता है। इसके फलस्वरूप उनकी सेक्स लाइफ बोर होने लगती है और इसका असर उनके वैवाहिक जीवन पर पडता है। लेकिन यह सब आप पर ही निर्भर करता है कि आप अपनी लाइफ को फिर से रोमांचित बना कर अपने जीवन में फिर से रोमांस भर सकते हैं। यदि आप भी आपको अपनी लाइफ को फिर से रोमांटिक और रोमांचित बनाना है तो हम आपको एक तरीका बता रहे हैं

 इस तरीके को आप अपने जीवन में अपनाकर अपनी लाइफ को फिर से रोमांटिक बना सकते हैं। आपकी पार्टनर फिर से आपके लिए रोमांचित हो उठेगी और आपकी सेक्स लाइफ में भी रोमांच भर जाएगा। मसाज थैरेपी ऎसा ही एक तरीका है, जिस के जरिए आप अपनी बोरिंग लाइफ को फिर से चटपटा बना सकते हैं। 


मसाज थैरेपी: मसाज एक ऎसी थैरेपी है, जिस के जरिए आप के शरीर को आराम तो मिलता है, साथ ही ब्लड सर्कुलेशन सुचारू रूप से चलने लगता है। मसाज थैरेपी से यौनांगों व मांसपेशियों को नया रूप और पोषण भी मिलता है। इससे सेक्स उत्तेजना बढ जाती है।
                           टिप्स फॉर मसाज
  1. रोमांच पैदा करने वाला स्थान: एकदूसरे से रोमांस करने के लिए आपको सबसे पहले एक मुलायम बेड की जरूरत तो होगी ही, लेकिन मसाज करने के लिए ऎसा स्थान चुने जहां सिर्फ आप दोनों ही हों। वहो आपको डिस्टर्ब करने वाला कोई न हो। इसलिए हो सके तो किसी फॉर्म हाउस पर जाएं। अगर वहां पर कोई मुलायम बिस्तर नहो तो जमीन पर मैट्स को कई तहों में बिछा कर उस पर अपने पार्टनर को लिटा कर उस के गले, कुहनी व घुटनों के नीचे तकिए रख कर मसाज करें।

2. सुगंधित तेल का प्रयोग: जब आप अपने हल्के और गर्म हाथों से पार्टनर के शरीर पर तेल लगाएंगे तो उसके लिए यह बिल्कुल नया अनुभव होगा। तेल आपके हाथों और पार्टनर के बीच घर्षण पैदा कर देता है। मसाज से आपके पार्टनर के थके हुए शरीर व खिंचे मसल्स रिलैक्स हो जाते हैं। मसाज के लिए आप नारियल, जैतून, तिल के तेल के साथ-साथ अन्य सुगंधित तेलों का प्रयोग कर सकते हैं। सुगंधित तेल का इस्तेमाल सैक्सुअल पावर को और भी अधिक बढा देता है।
3. माहौल: जब आप एकांत में हो तो आपका माहौल बहुत ही रोमांटिक होना चाहिए। आप अपने कमरे में धीमी आवाज में रोमांटिक म्यूजिक चला सकते हैं। अपनी पार्टनर को टाइट फिटिंग कपडे पहनने को कहे साथ ही कमरे में बहुत ज्यादा रोशनी न करके मध्यम रोशनी रखें। इससे आपके कमरे का माहौल रोमांटिक हो जाएगा और एक दूसरे के प्रति सेक्स फीलिंग पैदा होगी।
4. शरीर का कोई हिस्सा चुन लें:जब आप अपने पार्टनर की मसाज करें तो आपको उसके शरीर का कोई हिस्सा प्वाइंट चुन लें। जिससे आपका ध्यान उसी प्वाइंट पर केन्द्रित रहे। इसके लिए आप अपने साथी से पूछ कर भी जान सकते हैं कि वह कहां मसाज करवाना पसंद करेगी/करेगा। इसके बाद उस प्वाइंट पर ध्यान केन्द्रित करते हुए हल्के हाथों से मसाज शुरू करें।

5. मूवमैंट: अच्छी मसाज के लिए जरूरी है कि आपको अपनी हथेलियों के मूवमैंट की सही जानकारी हो। इसलिए मसाज से पहले आपको सारी जानकारी जुटा लेनी चाहिए। जिससे की सही विधी से मसाज हो सके। इससे आपके पार्टनर को मसाज का सही आनंद प्राप्त हो सकेगा।
6. फीलिंग्स को समझे: मसाज करते वक्त आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आपका पार्टनर उसे कैसे ले रहा है। गौरतलब है कि सेक्स में स्पर्श की अह्म भूमिका होती है। आपके प्यार से छूने भर से ही आपके साथी के दिलोदिमाग में सिरहन पैदा हो जाती है। इसलिए मसाज करते वक्त अपने पार्टनर के शरीर को हल्के हाथों से धीरे-धीरे सहलाएं और स्पर्श करें। ऎसा करने से प्यार के साथ-साथ सेक्स की इच्छा भी बढेगी। कभी-कभी यह स्थिति आपको औरगेज्म तक भी पहुंचा देती है। 

इन मसाज टिप्स को आप अपने जीवन में अपनाकर अपनी सेक्स लाइफ और वैवाहिक जीवन को रोमांचित बना सकते है और अपने जीवन में रोमांस भर सकते हंै। 

अगर आपके दिमाग में यह बात है कि प्राइवेट पार्ट की तेल से मालिश करने पर उसकी लंबाई में इजाफा होगा तो यह गलतफहमी है। लंबाई में इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आयुर्वेद में यह मान्यता है कि अभ्यंग यानी तेल-मालिश करने से फायदा हो सकता है। लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि शरीर के दूसरे अंगों पर अगर तेल मालिश करें तो उसकी दिशा दिल की ओर होनी चाहिए। मतलब यह कि कोई अगर हाथ या पांव पर मालिश करता है तो उंगली से लेकर कोहनी और फिर कंधे तक जाए। यह उल्टा नहीं होना चाहिए, यानी कंधे से कोहनी और फिर उंगली तक नहीं आना चाहिए। पांव की मालिश भी इसी तरह एक दिशा में करनी चाहिए। 
आज के जमाने की मेडिकल साइंस भी आयुर्वेद की इस मान्यता का समर्थन करती है। लेकिन प्राइवेट पार्ट की मालिश उसके जड़ से अगले हिस्से (लाल भाग) तक एक ही दिशा में यानी अंदर से बाहर की तरफ करनी चाहिए, उल्टा नहीं करना चाहिए।
जहां तक बात तेल की है तो आयुर्वेद में घी का मतलब है गाय का घी और तेल का मतलब तिल का तेल। यहां तक कि आयुर्वेद का कहना है कि खाने और मालिश, दोनों में सबसे अच्छा तिल का तेल माना जाता है। तिल के तेल का कोई नुकसान नहीं है।
 

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