Monday 5 November 2012

आर्ट ऑफ लव मेकिंग

आर्ट ऑफ लव मेकिंग

हम सभी यह सोचना पसंद करते है कि हम एक अच्छे प्रेमी हैं और प्यार करने की कला में माहिर हैं। लेकिन क्या यह पूर्णत: सत्य है। क्या आप और हम हमेशा अपने साथी को संतुष्ट करने में सफल रहते हैं! क्या हमने हर बार ध्यान रखा है कि हमारे पार्टनर की पसंद और नापसंद क्या हैं! क्यों हम एक दूसरे के प्रति अत्यधिक प्रेम होने के बाद भी संबंधों में मानसिक संतुष्टि का अनुभव नहीं कर पाते हैंक् क्यो हममें से अधिकांश लोग अपना शारीरिक सुख तो पा लेते हैं लेकिन कहीं न कहीं अपने साथी की भावनाओं की उपेक्षा कर देते हैंक् शायद इन सवालौं ने आपको सोच में डाल दिया होगा और अगर इन प्रशों के जवाब में आपके मन के किसी कोने से ये आवाज आई है कि हां शायद कभी ना कभी कहीं ना कहीं हम अपनी इस जिम्मेदारी से चूक गए हैं तो सबसे पहले आपको इसका कारण जानना होगा। इसका सबसे मुख्य कारण वैवाहिक जोडों का आपस में संबंधों को लेकर खुलकर बात करने में झिझक महसूस करना है। प्यार करना भी एक कला है और किसी भी अन्य कला की तरह ही आपको इसे बेहतर बनाने के लिए पूरी तैयारी करने की जरूरत है।


अक्सर पुरूषों और महिलाओं में इन संबंधों पर विचार-विमर्श करने की आदत इस बात पर निर्भर करती है कि उन्हें अपनी प्रारंभिक उम्र [किशोरावस्था से युवावस्था] में कितनी जानकारी प्राप्त हुई है। इसी कारणवश ज्यादातर जोडे शादी के बाद अपने इस अधूरे ज्ञान के साथ शारीरिक संबंध तो बना लेतें हैं परन्तु इस अंतरंगता के रंग में छिपी दिलों की आत्मियता का मेल करने में चूक जाते हैं। इसलिए आज हम आपको प्यार की इस कला में महारत हासिल करने और एक यादगार लव मेकिंग केअनुभव के लिए कुछ जरूरी टिप्स बता रहे हैं। इन्हें प्यार की भाषा में लव सेंस कहते हैं। आइए पहले जानते हैं कुछ मानसिक लव सेंस के बारे में।

 
1. सबसे पहले और जरूरी है कि आप एक दूसरे से खुलकर बात करें। आप ये बात अवश्य ध्यान रखें कि शादी के बाद आप दो जिस्म लेकिन एक जान बन गए हैं और आपको अपने संबंधों पर बात करने में झिझक महसूस नहीं करनी चाहिए इसलिए कम्यूनिकेशन जरूर बनाएं रखें। ये आपसी प्यार और रिश्ते को मजबूत बनाता है। दूसरा आपको कुछ बातों को कंट्रोल में करने का हुनर सिखना होगा। आप किसी को बदल तो नहीं सकते यहां तक की अपने साथी को भी नहीं पर हां आप खुद को बदल सकते हैं। इसके लिएआपको अपने घमण्ड और गुरूर से बाहर आकर अपने साथी के प्रति थोडा नम्र होना पडेगा। ये इतना आसान तो नहीं है लेकिन एक अच्छे वैवाहिक जीवन के लिए यह बहुत जरूरी है।


2. फिर आता है एक दूसरे की पसंद और नापसंद को जानना। कई बार ऎसा होता है कि हमारा पार्टनर बातों बातों में ही अपनी पसंद और नापसंद जाहिर कर देता है। आप इस बात को जरूर ध्यान में रखें और जब कभी मौका मिले तो उसकी पसंद का अचानक से वही करना। ऎसा करने से आप देखेंगे कि कैसे आपके साथी के चेहरे पर ऎ अजीब सी खुशी आ जाएगी। प्यार करनेकी कला आत्मियता से जुडी है और केवल खुलेपन और विश्वास से ही आती है।


3. तीसरा और बहुत महत्तवपूर्ण सेंस है कि हमे एक दूसरे के प्रति ईमानदार होना सीखना होगा। आप जब अपने साथी के साथ दिल से दिल के रिश्ते का जुडाव महसूस करेंगे सिर्फ तब ही आपकी लव मेकिंग पूर्ण हो सकती है।
4. चौथा सेंस है आपका एक दूसरे पर विश्वास। अक्सर ऎसा होता है कि महिलाओं द्वारा खुलकर बात करने पर पुरूष वर्ग इसे गलत समझते हुए उनके प्रति एक गलत धारणा कायम कर लेते हंै। जबकि पुरूषों को यह समझना चाहिए कि उनकी सेक्स इच्छाओं की तरह ही महिलाओं में भी ये इच्छाएं होती हैं। लेकिन वे इसे शर्म और डर के कारण खलकर नहीं बता पातीं। ऎसे में आपको चाहिए कि आप अपनी मानसिकता को बदलें और अपनी पत्नी की सेक्स भावनाओं को जानने का प्रयास करें।

 

 वहीं दूसरी तरफ महिलाओं में ज्यादातर शक की बीमारी होती है। इसलिए महिलाओं को चाहिए कि वे भी खुले दिमाग से सोचें और लोगों की बेकार बातों में आके अपने पति पर शक न करें। विश्वास रिश्ते की मजबूती का आधार होता है। फिर भी अगर कोई बात आपको परेशान कर रही है तो उसे शांति और प्यार के साथ बातचीत के जरिए सुलझाने का प्रयास करें।
5. आखिरी लेकिन अह्म सेंस है आप अपने साथी की जिन बातों को पसंद करते हैं उनकी तारीफ जरूर करें। अपने साथी को उसके द्वारा आपके लिए किए किए कार्यों के लिए धन्यवाद जरूर दें। इस बात का अहसास दिलाते रहें कि वह आपके लिए कितनी अहमियत रखता है। ऎसा करने से आप अपनी शादीशुदा जिंदगी में प्यार की नई ऊंचाइयों को छू पाएंगे।


अब हम आपको कुछ शारीरिक सेंस के बारे में बतातें है जो यौन संबधों में और अधिक आकर्षण पैदा करते हैं। प्यार करने की इस पाठशाला में कामक्रीडाओं को नकारा नहीं जा सकता है। जिस प्रकार पुरूष या महिला एक दूसरे से शारीरिक रूप से भिन्न हैं। उसी प्रकार उनके प्यार को लेकर पसंद, नापसंद और तरीके भी भिन्न होते हैं। अगर हम पुरूषों की बात करें तो जहां वे शारीरिक रूप रंग और स्पर्श मात्र से उत्तेजित हो जाते हैं, वहीं महिलाऔं को एक अच्छा माहौल ज्यादा आकर्षित करता है। लेकिन अलग-अलग पसंद के बाद भी काम क्रीडाऔं से 5 सेंस ऎसे हैं जो स्त्री-पुरूष दोनों वर्ग को प्रभावित करते हैं। यों तो ये सेंस बहुत छोटी-छोटी बातों से जुडे हैं लेकिन इनकी अहमियत किसी को जीतने के लिए बनाई गई योजनाओं से कम नहीं है। आइए हम आपको बताते हैं इन पांच सेंस के बारे में।


1. सबसे पहले आता है एक दूसरे की प्रशंसा करना। इसलिए अपने सेक्स को सफल बनाने के लिए अपने साथी के वस्त्रों से लेकर उसके शरीर के खूबसूरत अंगों की तारीफ करें।
2. अपने चुंबनों व आलिंगनों से एक दूसरे के प्रत्येक अंगों में प्यार भर दें। सेक्स करते वक्त दोनों साथी बराबर सहयोग करें। कई बार महिलाएं जरा पीछे रहती हैं लेकिन उन्हें भी पूरा सहयोग करना चाहिए।


3. संवेदनशील अंगों को स्पर्श करना। स्त्री व पुरूष दोनों में कुछ कॉमन हिस्से जैसे कान के पीछे, गर्दन, नाभी या उसके आसपास का हिस्सा इनरथाई आदि ऎसे संवेदनशील हिस्से होते हैं जिन्हें छूने से उत्तेजना बढ जाती है। जितना अधिक आप इन हिस्सों पर अपना स्पर्श देंगे उतना ही अधिक प्यार के लिए इच्छा जाग्रत होगी।
4. चौथा सेंस है नित नई सेक्स पॉजीशन को अपनाएं। यदि आपको लगने लगे कि यौन जीवन कुछ ऊबाउ सा हो गया है तो इसमें नयापन लाएं। अपने साथी को आकर्षित करने के लिए उत्तेतक वस्त्र धारण करें। कभी कभी अपने पुराने दिनों को याद करते हुए खुद में और अपने साथी में उत्साह जगाने का प्रयास करें। 

 प्यार करते वक्त साथी के कानों में धीरे से कुछ रोमांटिक शब्द कहें। उसे बताएं कि वह जो यौन क्रियाएं अपना रहा है उससे आप मदहोश हो रहे हैं और आप उसे और अधिक पाना चाहते हैं।
5. पांचवां सेंस है कि यौन संबंधों में शारीरिक संतुष्टि मिल जाने के बाद भी एक दूसरे से झटके से अलग न हों बल्कि एक दूसरे के आलिंगन में रहें और चुंबनों का सिलसिला कुछ देर तक चालू रखें। ये आपके प्यार को एक मजबूत नींव देता है।


कुल मिलाकर प्यार की इस खिचडी को बनाने में एक अच्छे रोमांटिक माहौल जिसमें एक सॉफ्ट म्यूजिक, रोमानी खुशबू और मध्यम रोशनी का माहौल हो, उसके साथ अगर इन 10 मानसिक और शारीरिक सेंस का तडका लगा दिया जाए तो ये दावा है कि आप हर बार एक बहुत ही रोमांटिक और यादगार लव मेकिंग का अनुभव करेंगे जो कि आपके वैवाहिक जीवन में खुशहाली और नवीनता के साथ आपके संबधों में अवश्य ही एक अटूट रिश्ता कायम करने में मददगार साबित होगा।

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