Saturday 17 November 2012

धोखा देने में महिलाएं भी नहीं हैं कुछ कम

आमतौर पर केवल पुरुषों के विषय में ही यह माना जाता है कि वह अपने प्रेम-संबंधों को लेकर संजीदा नहीं रहते. वह जरूरत पड़ने पर अपने साथी को धोखा देने से भी नहीं चूकते. लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हमारी मानसिकता बिल्कुल बेबुनियाद है क्योंकि विश्वासघात और संबंधों से खेलना केवल पुरुषों का ही शौक नहीं है बल्कि महिलाएं भी इन तौर-तरीकों को अपनाने से नहीं हिचकतीं. प्रेमी को धोखा देने और उसके पीठ पीछे दूसरा प्रेम-संबंध बनाने में महिलाएं पुरुष के समान नहीं बल्कि उनसे कहीं ज्यादा आगे हैं.

 



डेली एक्सप्रेस में छपे एक शोध के नतीजों ने यह खुलासा किया है कि केवल पुरुष नहीं बल्कि महिलाएं भी अपने रिश्ते की गंभीरता को समझने में चूक कर बैठती हैं. लव-ट्राएंगल जैसे संबंधों में महिलाओं की भागीदारी अधिक देखी जा सकती है. इस सर्वेक्षण में 2,000 लोगों को शामिल किया गया था जिनमें से लगभग एक चौथाई महिलाओं ने यह बात स्वीकार की है कि उन्होंने एक ही समय में एक से ज्यादा पुरुषों के साथ प्रेम-संबंध स्थापित किए हैं. जबकि केवल 15% पुरुषों ने ही यह माना है कि उन्होंने एक बार में दो से ज्यादा महिलाओं से प्रेम किया है.
शोधकर्ताओं ने पाया कि लव-ट्राएंगल में महिलाओं की अधिक संलिप्तता का कारण यह है कि वह पुरुषों की अपेक्षा जल्द ही भावनात्मक तौर पर जुड़ जाती हैं जिसके कारण वह प्रेम और आकर्षण में भिन्नता नहीं कर पातीं. फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों के आगमन से भी लोगों की जीवनशैली बहुत हद तक प्रभावित हुई है. ऐसी साइटों पर पर अधिक समय बिताने के कारण महिलाएं विभिन्न स्वभाव और व्यक्तित्व वाले पुरुषों के संपर्क में आ जाती हैं. लगातार बात करने और एक-दूसरे के संपर्क में रहने के कारण वह उनके साथ जुड़ाव महसूस करने लगती हैं और अपनी भावनाओं पर काबू ना रख पाने के कारण वह जल्द ही लव ट्राएंगल के फेर में पड़ जाती हैं.
 इस शोध की सबसे हैरान करने वाली स्थापना यह है कि अधिकांश लोग यह मानते हैं कि एक समय में दो या दो से अधिक लोगों से प्यार करना और उनके साथ संबंध बनाना कोई गलत बात नहीं हैं. व्यक्ति चाहे तो वह दो लोगों से प्यार कर सकता है.महिलाओं के विषय में एक और बात सामने आई है कि वे अधिक आमदनी वाले पुरुषों की तरफ ज्यादा आकर्षित होती हैं. धन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए महिलाएं आर्थिक रूप से सुदृढ़ पुरुष को मना नहीं कर पातीं.
 इस शोध की स्थापनाओं को नकारते हुए मनोचिकित्सक हमिंग्स का कहना है कि पुरुष अवसरवादी और धोखेबाज होने के साथ-साथ रिश्तों को लेकर लापरवाह और भटके हुए हो सकते हैं लेकिन महिलाएं कभी अपनी भावनाओं और संबंधों के महत्व को नकार नहीं सकतीं. रिश्तों के प्रति उनका दृष्टिकोण बहुत जटिल होता है.






यद्यपि यह रिपोर्ट एक विदेशी शोध के नतीजों के आधार पर प्रकाशित की गई है, लेकिन अगर भारत के संदर्भ में इस शोध को देखा जाए तो नतीजे जस का तस यहां भी लागू होते प्रतीत होते हैं. सदियों से पुरुषों के एकाधिकार का दंश झेलती आ रही महिलाएं, आज पुरुषों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का एक भी मौका नहीं गंवातीं. वह बड़ी कुशलता के साथ एक समय में दो या दो से अधिक पुरुषों की भावनाओं का मखौल बनाने से नहीं हिचकिचातीं. लेकिन हम मनोचिकित्सक के तथ्यों को भी अनदेखा नहीं कर सकते.


उपरोक्त चर्चा के आधार पर यह बात प्रमाणित हो जाती है कि व्यक्ति चाहे पुरुष हो या महिला सभी के स्वभाव भिन्न-भिन्न होते हैं. अगर कुछ महिलाएं और पुरुष धोखेबाज और अवसरवादी होते हैं तो कुछ ऐसे भी हैं जो अपने संबंध के प्रति पूर्णरूप से प्रतिबद्ध होते हैं. एक शोध के नतीजे को सभी महिलाओं या पुरुषों पर समान रूप से लागू करना तर्क-संगत नहीं हो सकता.

 

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